RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 20 सड़क सुरक्षा शिक्षा

RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 20 सड़क सुरक्षा शिक्षा are part of RBSE Solutions for Class 10 Science. Here we have given Rajasthan Board RBSE Class 10 Science Chapter 20 सड़क सुरक्षा शिक्षा.

Board RBSE
Textbook SIERT, Rajasthan
Class Class 10
Subject Science
Chapter Chapter 20
Chapter Name सड़क सुरक्षा शिक्षा
Number of Questions Solved 75
Category RBSE Solutions

Rajasthan Board RBSE Class 10 Science Chapter 20 सड़क सुरक्षा शिक्षा

पाठ्यपुस्तक के प्रश्न

प्रश्न 1.
क्या रक्त में ऐल्कोहॉल का स्तर व्यायाम, कॉफी, औषधि द्वारा कम किया जा सकता है ?
उत्तर:
कम नहीं किया जा सकता है।

प्रश्न 2.
क्या ऐल्कोहॉल के प्रयोग (सेवन) से व्यक्ति में आत्मविश्वास बढ़ता है या केवल भ्रामक अवधारणा उत्पन्न करता है ?
उत्तर:
ऐल्कोहॉल के सेवन से भावशून्यता आती है तथा केन्द्रीय तंत्र कमजोर होता है। इससे आत्मविश्वास नहीं बढ़ता है यद्यपि व्यक्ति राहत महसूस करता है, लेकिन उसके सोचने-समझने की क्षमता बुरी तरह प्रभावित होती है। यह केवल भ्रामक अवधारणा उत्पन्न करता है।

                                                                                 अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
रक्त में ऐल्कोहॉल के स्तर को किस उपकरण द्वारा मापा जाता है ?
उत्तर:
श्वसन विश्लेषक (Breadth analyzer) द्वारा।

प्रश्न 2.
मानव शरीर के रक्त में ऐल्कोहॉल के स्तर की कानूनी सीमा क्या है ?
उत्तर:
प्रत्येक 100 ml रक्त में ऐल्कोहॉल का स्तर 30 mg से कम होना चाहिए।

प्रश्न 3.
BAC का अर्थ क्या है ?
उत्तर:
रक्त में ऐल्कोहॉल की सान्द्रता।

प्रश्न 4.
ऐल्कोहॉल के अत्यधिक सेवन से मानव शरीर का कौनसा भाग सबसे ज्यादा प्रभावित होता है ?
उत्तर:
मस्तिष्क सबसे ज्यादा प्रभावित होता है।

प्रश्न 5.
मोटर वाहन कानून में सेक्शन 185 क्या है ?
उत्तर:
मोटर वाहन कानून में सेक्शन 185 में ऐल्कोहॉल का सेवन किए हुए वाहन चालक पर दण्ड का प्रावधान है।

RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 20 सड़क सुरक्षा शिक्षा

लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
श्वसन विश्लेषक (Breadth analyzer) क्या है ? समझाइए।
उत्तर:
श्वसन विश्लेषक द्वारा वाहन चालकों की रक्त ऐल्कोहॉल सान्द्रता (BAC) ज्ञात की जाती है। यदि यह मानक स्तर (30 mg) से अधिक है तो वाहन चालक को दण्डित किया जाता है।

प्रश्न 2.
क्या कुछ दवाइयाँ भी वाहन चालक के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालती हैं ? कुछ दवाइयों के नाम बताइए।
उत्तर:
खाँसी, जुकाम व डिप्रेशन में प्रयोग की जाने वाली दवाइयाँ वाहन चालक के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालती हैं। इन दवाइयों में ऐल्कोहॉल की मात्रा होती है। इनके सेवन या प्रयोग से नशा होता है तथा नींद आती है। जैसे बेनाड्रिल, कोरेक्स, एल्प्रेक्स, स्नीजर आदि।

प्रश्न 3.
मोटर वाहन अधिनियम के सेक्शन 185 का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
इस अधिनियम के अनुसार एल्कोहॉल का सेवन या प्रयोग किए हुए वाहन चालक को 2000 रुपये का जुर्माना या 6 माह की सजा का प्रावधान है। तीन वर्ष की अवधि में दुबारा यह जुर्म किए जाने पर 2 वर्ष का कारावास और 3000 रुपये दण्ड का प्रावधान है।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
वाहन चालकों पर ऐल्कोहॉल का सेवन करने से क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर:
वाहन चालकों द्वारा ऐल्कोहॉल के सेवन से उपापचयी क्रियाएँ मन्द पड़ जाती हैं तथा लीवर खराब हो जाता है व पाचन शक्ति क्षीण हो जाती है। यह व्यक्ति की सोच एवं कार्य-प्रदर्शन को प्रभावित करती है। यह बौद्धिक क्षमता तथा शारीरिक समन्वय को प्रभावित करती है। इसके प्रयोग से गति एवं दूरी सम्बन्धी निर्णय लेने की क्षमता दुर्बल होती है तथा दृष्टि बाधित होने से दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ती है। यह सन्तुलन एवं समन्वय (coordination) को दुर्बल करती है, जिससे चालक को गति व दूरी में अन्तर स्पष्ट नहीं होता है। बार-बार चक्कर आते हैं और नींद या आलस का बोध होता है। फलस्वरूप वाहन पर से चालक अपना नियंत्रण खो देता है तथा दुर्घटना हो जाती है।

जीवन कार्य-शैली
पाठ-सार

रात्रि में एवं कम दृश्यता के कारण वाहन चालक को कम दिखाई देता है। इस स्थिति में वाहन चालक को ड्राइविंग नहीं करनी चाहिए। दृष्टि दोष जैसे मोतियाबिन्द व रतौंधी के कारण ड्राइविंग करना और भी कठिन कार्य हो जाता है। अत्यधिक तेज हैडलाइट भी आँखों को प्रभावित करती है। वाहन चालक को रात्रि में ड्राइविंग करने से पहले निम्न सावधानियाँ बरतनी चाहिए

  • रात्रि में वाहन को धीमी गति से चलाना चाहिए।
  • कम दृश्यता के दौरान कोहरे में प्रयोग किए जाने वाले लैम्प व डिपर का प्रयोग करना चाहिए।
  • चार पहिया वाहनों की विण्ड स्क्रीन साफ रखनी चाहिए, क्योंकि गंदी विण्ड स्क्रीन आपकी दृष्टि को दुर्बल बनाती है, जिससे दुर्घटना हो सकती है।
  • मोड़ पर तथा ओवरटेकिंग में विशेष सावधानी रखनी चाहिए।

                                                                         पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
कोहरे में प्रयुक्त लैम्प में किस तरह के बल्ब काम में लेते हैं ?
उत्तर:
LED बल्ब व Xenon बल्ब काम में लेते हैं।

प्रश्न 2.
कोहरे के दौरान पीले रंग का कागज ड्राइविंग में कैसे मदद करता है ?
उत्तर:
पीला रंग का कागज नीले रंग को प्रकीर्णित कर देता है। इसके अतिरिक्त इसकी तरंगदैर्ध्य अधिक होने के कारण यह तीव्रता से चारों ओर फैलता है। इसमें ड्राइवर को अच्छी दृश्यता मिलती है।

RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 20 सड़क सुरक्षा शिक्षा

                                                                       अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
सघन कोहरे के दौरान चालक को क्या करना चाहिए?
उत्तर:
सधन कोहरे में वाहन चालक को वाहन की हैडलाइट पर पीला सेलोफोन पेपर चिपकाना चाहिए।

प्रश्न 2.
कम दृश्यता की दशा में क्या उपयोग में लाना चाहिए?
उत्तर:
कम दृश्यता की स्थिति में कोहरा प्रकाशक (fog light) व डिपर का प्रयोग करना चाहिए।

प्रश्न 3.
वाहन चालक को रात्रि में वाहन चलाते समय सर्वप्रथम क्या करना चाहिए?
उत्तर:
रात्रि में वाहन चलाते समय विण्ड स्क्रीन को अच्छी तरह साफ कर लेना चाहिए।

लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
खतरे का संकेत लाल क्यों बनाते हैं ?
उत्तर:
लाल रंग के प्रकाश की तरंगदैर्ध्य अधिक होती है, इसलिए इसका प्रकीर्णन कम होता है। अतः दूर से देखने पर भी रंग की तीव्रता में कोई कमी नहीं आती है। खतरे का संकेत इसीलिए लाल रंग का रखा गया है।

प्रश्न 2.
वाहन चालक का ड्राइविंग लाइसेन्स बनाते समय आँखों सम्बन्धी किन-किन महत्त्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर:

  • उसे रतौंधी न हो।
  • उसे कोई शारीरिक दोष न हो।
  • उसे मोतियाबिन्द न हो।
  • वाहन चालक को कोई नेत्रदोष न हो।

प्रश्न 3.
मोतियाबिन्द किसे कहते हैं ? .
उत्तर:
आँख के लैंस के पीछे अनेक कारणों से एक झिल्ली जम जाती है जिस कारण पारदर्शी लैंस के पास प्रकाश की किरणों के गुजरने में रुकावट उत्पन्न होती है। कभी-कभी लैंस पूर्णतः अपारदर्शी भी बन जाता है। इसी दोष को मोतियाबिन्द कहते

RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 20 सड़क सुरक्षा शिक्षा

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
घने कोहरे में ड्राइविंग करते समय वाहन चालक को क्या-क्या सावधानियाँ रखनी चाहिए?
उत्तर:
वाहन चालक को निम्न सावधानियाँ रखनी चाहिए –

  • सघन कोहरे में, वाहन की हैडलाइट पर पीले सेलोफेन कागज को सेलोटेप से चिपकाना चाहिए।
  • कोहरे में सीट बेल्ट का प्रयोग अति आवश्यक है।
  • कोहरे में वाहन चालक को गाड़ी धीरे चलानी चाहिए।
  • चार पहिया वाहन चालक को अपने वाहन की विण्ड स्क्रीन ठीक प्रकार से साफ करके चलना चाहिए।
  • कम दृश्यता में कोहरा प्रकाशक और डीपर का प्रयोग करना चाहिए।

नियंत्रण एवं समन्वयन

पाठ-सार

मनुष्य को अपने पर्यावरण में स्वयं के अस्तित्व के लिए नियंत्रण एवं समन्वय की आवश्यकता होती है। ड्राइविंग में शरीर के सभी अंगों में समन्वयन एवं नियंत्रण की विशेष आवश्यकता है। हमारी ड्राइविंग बहुत से कारकों पर निर्भर करती है। जैसेथकावट, बिना इच्छा के किया गया कार्य, ऐल्कोहॉल व ड्रग्स का सेवन, मस्तिष्क की अवस्था तथा वाहन में तेज शोर का म्यूजिक इत्यादि। गलत ड्राइविंग के कारण दुर्घटनाएँ अधिक हो रही हैं। मानव शरीर का सबसे कोमल अंग मस्तिष्क है जिसकी सुरक्षा के लिए हेलमेट पहनना अति आवश्यक है। दुर्घटनाओं के कारण मनुष्य के सम्पूर्ण परिवार पर मानसिक व आर्थिक प्रभाव पड़ता है। मस्तिष्क को सन्तुलित करके एवं सड़क के नियमों का पालन करके दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है। प्रत्येक व्यक्ति को दुर्घटना से ग्रस्त व्यक्ति की तत्काल मदद करनी चाहिए।

                                                                                       पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
ड्राइविंग के दौरान सेलफोन के प्रयोग पर कानूनी प्रतिबन्ध क्यों है ?
उत्तर:
मोबाइल फोन से ड्राइविंग के दौरान बात करने पर वाहन चालक का ध्यान दूसरी ओर चला जाता है, जिससे उसका स्टियरिंग पर नियंत्रण नहीं रह पाता, फलस्वरूप दुर्घटना हो जाती है। अतः ड्राइविंग के दौरान सेलफोन के प्रयोग पर कानूनी प्रतिबन्ध

प्रश्न 2.
ड्राइविंग के दौरान सेलफोन का प्रयोग करने पर दण्ड का क्या प्रावधान है ?
उत्तर:
मोटर वाहन कानून 1988 के अन्तर्गत सेक्शन 184 में ड्राइविंग करते हुए मोबाइल फोन के प्रयोग पर 6 महीने का कारावास एवं 1000 रुपये के जुर्माने का प्रावधान है।

प्रश्न 3.
10 वर्ष से कम आयु के बच्चों को वाहन में यात्रा करते समय क्या शिक्षा देनी चाहिए?
उत्तर:

  • बच्चे को बतलाना चाहिए कि वह अपने शरीर का कोई भी अंग वाहन से बाहर न निकाले।
  • यदि सम्भव हो सके तो किसी अन्य सदस्य को साथ लेकर चलना चाहिए, जिससे वह बच्चे को संभाल सके।
  • बच्चे को प्यार से समझाकर बैठाना चाहिए।
  • बच्चे को पीछे वाली सीट पर अकेले नहीं बैठाना चाहिए, क्योंकि उसके द्वारा पिछले दरवाजे खोलने का खतरा हो सकता है।
  • बच्चे को वाहन चालक की सीट के बगल वाली सीट पर सीट बेल्ट बाँधकर बैठाना चाहिए।

प्रश्न 4.
सूचनात्मक संकेत देने वाले कोई दो आकारों को बनाइए।
उत्तर:
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 20 सड़क सुरक्षा शिक्षा image - 1

                                                                                अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
दुपहिया वाहन चालकों के लिए क्या पहनना अनिवार्य है ?
उत्तर:
हेलमेट पहनना।

प्रश्न 2.
ड्राइविंग तथा प्रतिवर्ती क्रियाएँ (reflex actions) किन बातों से अधिक प्रभावित होते हैं ?
उत्तर:
ये निम्न बातों से अधिक प्रभावित होते हैं –

  • निद्रा।
  • मादक पदार्थों का सेवन।
  • वाहन में तेज शोर का म्यूजिक।
  • अत्यधिक थकान।
  • इच्छा के बिना किया गया कार्य

प्रश्न 3.
प्रतिवर्ती क्रियाएँ क्या होती है?
उत्तर:
वे क्रियाएँ जिन्हें हम अपनी इच्छानुसार नहीं कर सकते, प्रतिवर्ती क्रियाएँ कहलाती हैं।

RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 20 सड़क सुरक्षा शिक्षा

प्रश्न 4.
मस्तिष्क का कौनसा भाग बुद्धि तथा स्मरण का केन्द्र है ?
उत्तर:
प्रमस्तिष्क।

प्रश्न 5.
शरीर का सर्वाधिक समन्वयन केन्द्र क्या है ?
उत्तर:
मस्तिष्क।

लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
फर्स्ट-एड किट में क्या-क्या होना आवश्यक है ?
उत्तर:

  • रुई
  • डिटॉल या अन्य कोई एन्टिसेप्टिक
  • पट्टियाँ
  • बीटाडिन या अन्य कोई घावनाशक क्रीम
  • दर्द की गोलियाँ
  • कैंची।

प्रश्न 2.
दुर्घटना के क्या दुष्प्रभाव होते हैं ?
उत्तर:

  • दुर्घटना में व्यक्ति विकलांग भी हो जाते हैं।
  • दुर्घटना से जनहानि होती है।
  • परिवार के कमाने वाले सदस्य के साथ दुर्घटना होने पर भी परिवार पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
  • इलाज में काफी पैसा खर्च होने से परिवार के सदस्यों पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
  • दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति अपने आपको दोषी भी महसूस करता है।

प्रश्न 3.
Golden Hour क्या है ?
उत्तर:
दुर्घटना होने पर घायल व्यक्ति को तुरन्त विशेष समयावधि के अन्दर अस्पताल में पहुँचाने के समय को Golden Hour कहते हैं। यह वह समय है जिसके अन्तर्गत सहायता पहुँचाने पर घायल की जिन्दगी को बचाया जा सकता है।

RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 20 सड़क सुरक्षा शिक्षा

प्रश्न 4.
वाहन चलाते समय वाहन चालकों को क्या जरूरी उपाय करने चाहिए?
उत्तर:

  • रिअर व्यू मिरर तथा विण्ड स्क्रीन पर नजर बनाए रखें
  • हेलमेट या सीट बेल्ट का उपयोग करें
  • गियर, स्टियरिंग, ब्रेक, क्लिच, एक्सिलेटर पर ध्यान व नियंत्रण रखें।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
सड़क दुर्घटनाओं में लगने वाली चोटों व उनसे बचाव को समझाइए।
उत्तर:
सड़क दुर्घटना में निम्न तरह की चोटें लग सकती हैं –

  1. सिर की चोट
  2. रीढ़ की हड्डी की चोट
  3. हड्डी टूटना, शरीर के अंगों का कटना, जलना या अंग-विच्छेद होना।

प्राथमिक चिकित्सा की तत्काल मदद से गम्भीर दुर्घटना में बचा जा सकता है। अधिक मात्रा में रक्त बहना एवं अन्य चोटों में सावधानी एवं समय पर मदद मिलने से बचाव सम्भव है। स्वयं पर नियंत्रण, अन्य ड्राइवरों के साथ मानसिक सन्तुलन एवं सड़क नियमों की पालना द्वारा सड़क पर ट्रैफिक नियंत्रण किया जा सकता

प्रश्न 2.
भारत में अधिकांश दुर्घटनायें वाहन चालका की गलती से होती हैं। उनके द्वारा की गयी प्रमुख गलतियों को लिखिए।
उत्तर:
वाहन चालकों द्वारा प्रायः निम्न गलतियाँ की जाती हैं –

  • शराब/मादक पदार्थों का इस्तेमाल करके वाहन चलाना।
  • कई रातों तक वाहन चलाना, नींद पूरी न होना।
  • तेज आवाज में संगीत चलाना।
  • गलत ओवरटेकिंग करना।
  • यातायात संकेतकों को नजरअंदाज करना।
  • अत्यधिक थकान होने परं भी वाहन चलाना।
  • वाहन चलाते समय मोबाइल पर बात करना।
  • वैध गति से अधिक तेज गाड़ी चलाना।
  • वाहनों में जरूरत से ज्यादा भीड़ का होना या ओवरलोडिंग करना।

प्रकाश

पाठ-सार
वाहनों में विभिन्न प्रकार के दर्पणों का उपयोग किया जाता है। समतल दर्पण से बना प्रतिबिम्ब हमेशा आभासी तथा सीधा होता है। प्रतिबिम्ब का आकार हमेशा वस्तु के आकार के बराबर होता है एवं प्रतिबिम्ब में पार्श्व परिवर्तन होता है। इसी कारण एम्बुलेंस में ड्राइवर के सामने समतल दर्पण को लगाते हैं। यही कारण है कि एम्बुलेंस ड्राइवर को गाड़ी चलाने में असुविधा नहीं होती है। उत्तल दर्पणों का उपयोग सामान्यतः वाहनों के पश्च दृश्य दर्पणों के रूप में किया जाता है। ये दर्पण वाहन के पार्श्व में लगे होते हैं तथा इनमें ड्राइवर अपने पीछे से आने वाले सभी वाहनों को आसानी से देख सकते हैं। अवतल दर्पणों का उपयोग वाहनों की हैडलाइट्स में प्रयोग किया जाता है जिससे समान्तर प्रकाश पुंज प्राप्त करते हैं।

RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 20 सड़क सुरक्षा शिक्षा

                                                                            पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
वाहन के हैडलाइट में कैसा दर्पण प्रयोग में लेते हैं ?
उत्तर:
अवतल दर्पण प्रयोग करते हैं।

प्रश्न 2.
उत्तल दर्पण का प्रयोग पीछे का दृश्य देखने हेतु क्यों करते हैं ?
उत्तर:

  • उत्तल दर्पण सदैव सीधा प्रतिबिम्ब बनाते हैं।
  • उत्तल दर्पणों का दृष्टि क्षेत्र भी बहुत अधिक होता है।
  • उत्तल दर्पण ड्राइवर को अपने पीछे के बहुत बड़े क्षेत्र को देखने में समर्थ बनाते हैं।

गतिविधि

प्रश्न 1.
सभी आपातकालीन वाहनों के फोन नम्बर एकत्र कीजिए।
उत्तर:
स्थानीय पुलिस – 100
अग्निशमन – 101
एम्बुलेंस – 102
मेडिकल, पुलिस व अग्निशमन आपातकालीन सेवायें – 108

प्रश्न 2.
एक वाहन के विभिन्न प्रकार के सूचना संकेत के बारे में बताइए।
उत्तर:
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 20 सड़क सुरक्षा शिक्षा image - 2
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 20 सड़क सुरक्षा शिक्षा image - 3

                                                                             अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
ड्राइवरों को व्यस्त ट्रैफिक/रात्रि में कैसा तीव्रता वाला प्रकाश पुंज प्रयोग करना चाहिए ?
उत्तर:
कम तीव्रता वाला प्रकाश पुंज।

प्रश्न 2.
तेज प्रकाश पुंज का प्रयोग कहाँ पर और क्यों करना चाहिए?
उत्तर:
तेज प्रकाश पुंज का प्रयोग राजमार्गों पर करना | चाहिए, जिससे कि दूरस्थ वस्तुओं को ड्राइवर अग्रिम में ही देख सके।

RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 20 सड़क सुरक्षा शिक्षा

प्रश्न 3.
स्ट्रीट लाइट में सड़कों को प्रकाशयुक्त करने हेतु कौनसा दर्पण प्रयोग करते हैं ?
उत्तर:
अवतल दर्पण।

प्रश्न 4.
एक्सप्रेस हाइवे पर वाहन चालकों को किस तीव्रता का प्रकाश प्रयोग में लाना चाहिए और क्यों?
उत्तर:
अधिक तीव्रता का; क्योंकि वाहन चालकों को काफी दूर का क्षेत्र पहले ही दिखाई देना चाहिए।

प्रश्न 5.
समतल दर्पण ड्राइवर को कौनसी वस्तुओं को में देखने में मदद करता है ?
उत्तर:
पास की वस्तुओं को।

प्रश्न 6.
ड्राइवर को कैसा प्रतिबिम्ब पढ़ने में मदद करता है ?
उत्तर:
आभासी एवं सीधा।

लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
पार्श्व परिवर्तन (Lateral Inversion) क्या होता है ?
उत्तर:
जब हम अपना प्रतिबिम्ब समतल दर्पण में देखते हैं तो हमारा दायाँ हाथ प्रतिबिम्ब में बायाँ हाथ दिखाई पड़ता है तथा हमारा बायाँ हाथ प्रतिबिम्ब में दायाँ हाथ दिखाई पड़ता है। इस प्रकार वस्तु के प्रतिबिम्ब में पार्श्व बदल जाते हैं। इस घटना को ‘पार्श्व उत्क्रमण था परिवर्तन’ कहते हैं।

प्रश्न 2.
किसी वाहन का पार्श्व/पश्च-दृश्य दर्पण (Rear view mirror) में प्रयुक्त दर्पण का प्रकार बताइए और उसके उपयोग का कारण भी बताइए।
उत्तर:
उत्तल दर्पण, क्योंकि उत्तल दर्पण सदैव वस्तु का सीधा तथा छोटा प्रतिबिम्ब बनाता है। इसका दृष्टि क्षेत्र बड़ा होता है जिसके चालक को सड़क के पृष्ठ भाग का सम्पूर्ण प्रतिबिम्ब प्राप्त होता रहता है।

प्रश्न 3.
अवतल दर्पण व उत्तल दर्पण का रेखाचित्र बनाइए।
उत्तर:
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 20 सड़क सुरक्षा शिक्षा image - 4

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
वाहनों में प्रयोग हुए कोई 6 इण्डीकेटरों के बारे में बताइए।
उत्तर:
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 20 सड़क सुरक्षा शिक्षा image - 5

विद्युत
पाठ-सार
किसी भी ऑटोमोबाइल के लिए विद्युत धारा का स्रोत बैटरी ही होती है जो कि वाहन की प्रकृति पर निर्भर होती है। इंजन को स्टार्ट करने में, होर्न को बजाने में, वाहन में विभिन्न लैम्पों व डीपर के प्रयोग में बैटरी काम आती है। एक बैटरी दिष्ट धारा (DC) उत्पन्न करती है। कार में प्रयुक्त होने वाला बल्ब Xenon HD बल्ब होता है।

RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 20 सड़क सुरक्षा शिक्षा

पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
कार की हैडलाइट में एक 12 वोल्ट एवं 60 वॉट का बल्ब प्रयोग में लिया जाता है। बल्ब जलाने पर विद्युत धारा की गणना कीजिए।
हल:
प्रश्नानुसार, v = 12 वोल्ट
P = 60 वॉट
∴ शक्ति = बल्ब के सिरों पर विभवान्तर – प्रवाहित धारा
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 20 सड़क सुरक्षा शिक्षा image - 6

प्रश्न 2.
एक हॉर्स पावर (HP) 746 वॉट के समकक्ष है और एक कार 75 HP की है। बताइए एक सेकण्ड में कितनी जूल ऊर्जा का प्रयोग होगा?
हल:
1 हॉर्स पावर = 746 वॉट
अतः 75 हॉर्स पावर = 746 x 75 वॉट = 55950 वॉट
चूँकि हम जानते हैं –
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 20 सड़क सुरक्षा शिक्षा image - 7
W = P x t = 55950 x 1
= 55950 जूल
अतः कार एक सेकण्ड में 55950 जूल ऊर्जा प्रयोग में लायेगी। उत्तर

प्रश्न 3.
लम्बे समय तक बैटरी का प्रयोग नहीं किया जाए तो बैटरी डिस्चार्ज क्यों हो जाती है ?
उत्तर:
यदि लम्बे समय तक किसी वाहन की बैटरी को प्रयोग में नहीं लाया जाए तो उसके इलेक्ट्रोलाइट व पानी हाइड्रोजन गैस बनकर बाहर आ जाते हैं जिससे प्लेटों पर पानी का स्तर कम होने से इलेक्ट्रोलाइट प्लेटों पर जम जाता है और टर्मिनल पर जंग लग जाता है जिससे वह निरावेशित हो जाती है।

                                                                                 अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
सर्दी के दिनों में मोटरसाइकिल/कार स्टार्ट करना कठिन हो जाता है, क्यों?
उत्तर:
सर्दी के दिनों में तापमान घट जाने के कारण बैटरी के अन्दर वैद्युत अपघट्य का प्रतिरोध अर्थात् बैटरी का आन्तरिक प्रतिरोध बढ़ जाता है, जिससे धारा का मान कम प्राप्त होता है। अतः बैटरी से कम धारा प्राप्त होती है।

प्रश्न 2.
कार की बैटरी को अधिक समय तक चलाने के लिए क्या-क्या सावधानियाँ आवश्यक हैं ? .
उत्तर:
(1) बैटरी में उचित समय पर पानी डाला जाए।
(2) बैटरी को लम्बे समय तक चलाने के लिए बैटरी को लगातार प्रयोग में लाया जाये।
(3) बैटरी के टर्मिनलों की सफाई समयसमय पर की जाये।

प्रश्न 3.
सेल किसे कहते हैं ?
उत्तर:
वे साधन जो रासायनिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में रूपान्तरित करने के काम आते हैं, सेल कहलाते हैं। ये दो प्रकार के होते हैं-(1) प्राथमिक सेल (2) द्वितीयक सेल या संचायक सेल।

प्रश्न 4.
सेल व बैटरी में क्या प्रमुख अन्तर है ?
उत्तर:
सेल एकल इकाई है जबकि कई सेलों के संयोग को बैटरी कहा जाता है।

RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 20 सड़क सुरक्षा शिक्षा

प्रश्न 5.
उस युक्ति का नाम लिखिए जो किसी चालक के सिरों पर विभवान्तर बनाये रखने में सहायता करती है ?
उत्तर:
विद्युत सेल या बैटरी।

लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
किसी सेल का आन्तरिक प्रतिरोध क्या होता
उत्तर:
जिस प्रकार चालक तार विद्युत धारा के मार्ग में प्रतिरोध लगाता है, उसी प्रकार सेल के अन्दर वैद्युत अपघट्य भी विद्युत धारा के मार्ग में प्रतिरोध लगाता है। इसे सेल का आन्तरिक प्रतिरोध कहते हैं।

प्रश्न 2.
मोटरगाड़ी स्टार्ट करते समय उसकी हैडलाइट कुछ मन्द क्यों पड़ जाती है ? .
उत्तर:
गाड़ी स्टार्ट करने पर स्टार्टर गाड़ी की बैटरी से एक उच्च धारा लेता है। इसके फलस्वरूप आन्तरिक प्रतिरोध पर विभव पतन (ir) बढ़ जाता है जिससे बाह्य विभवान्तर में कमी हो जाती है। इसके कारण ही कार की हैडलाइट कुछ मन्द पड़ जाती है।

प्रश्न 3.
कार की बैटरी 12V की होती है। श्रेणीक्रम में जुड़े 8 साधारण सेलों के संयोजन की वोल्टता भी 12V होती है। लेकिन इस संयोजन से कार स्टार्ट नहीं की जा सकती, क्यों?
उत्तर:
कार स्टार्ट करने के लिए उच्च धारा की आवश्यकता है। 12V की बैटरी बहुत कम आन्तरिक प्रतिरोध के कारण उच्च धारा देती है। लेकिन 8 साधारण सेलों के श्रेणी संयोजन का आन्तरिक प्रतिरोध 102 की कोटि का होता है, अतः इससे उच्च धारा प्राप्त नहीं होती है।

प्रश्न 4.
कार की हैडलाइट में एक 10 वोल्ट एवं 60 वॉट का बल्ब प्रयोग में लिया जाता है। बल्ब जलाने पर विद्युत धारा का मान निकालिये।
हल:
प्रश्नानुसार,
V = 10 वोल्ट
P = 60 वॉट
शक्ति P = V X I
RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 20 सड़क सुरक्षा शिक्षा image - 8
= 6 एम्पियर उत्तर

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
वाहन में बैटरी क्या कार्य करती है और यह कितने प्रकार की होती है ?
उत्तर:
बैटरी-यह वाहनों में विद्यत ऊर्जा उत्पन्न करने का प्राथमिक स्रोत है। एसिड मिश्रण में दो प्रकार के लेड (lead) मिलाकर विद्युत दाब बनाया जाता है। विद्युत रासायनिक क्रिया द्वारा रासायनिक ऊर्जा विद्युत ऊर्जा में बदलती है।

वाहन में बैटरी के कार्य –

  • हैडलैम्प व डीपर को प्रकाशित करने में।
  • वाहन के इंजन को चालू व बन्द करने में।
  • चलते इंजन में विद्युत का लोड के प्रयोग में।
  • हॉर्न बजाने में।
  • खिड़कियों के शीशे बन्द करने में।
  • वोल्टेज स्टेबिलाइजर के रूप में।

बैटरी के प्रकार –

  • प्राथमिक सेल युक्त
  • द्वितीयक सेल युक्त/संचायक सेल
  • सूखी बैटरी
  • इलेक्ट्रोलाइट युक्त बैटरी।

प्रश्न 2.
बैटरी को लम्बे समय तक प्रयोग में लाने के लिए क्या-क्या सावधानियाँ जरूरी हैं ? समझाइए।
उत्तर:
प्रत्येक बैटरी की सीमित आयु होती है, लेकिन कुछ दशाओं में इसकी प्रयोग अवधि कम हो जाती है
(1) इलेक्ट्रोलाइट स्तर-यदि बैटरी में इलेक्ट्रोलाइट स्तर कम है तो प्लेटों में रासायनिक क्रिया नहीं होगी। इसके कम होने के निम्न कारण हो सकते हैं

  • बैटरी के खोल में लीकेज होना
  • बैटरी में सही समय पर पानी नहीं डालना
  • बैटरी को अति आवेशित या ओवर चार्जिंग करना।

अत्यधिक पानी डालने से इलेक्ट्रोलाइट तनु हो जाता है और ढक्कनों से बाहर निकलकर बैटरी के टर्मिनलों पर जंग लगा देता है।

(2) ताप (Temperature) – अति आवेशन से बैटरी में बहुत अधिक ऊष्मा उत्पन्न होती है जो बैटरी के जीवनकाल को कम करती है। कम आवेशन से सल्फेट प्लेटों पर जमा हो जाता है। अतः अति आवेशन व निम्न आवेशन दोनों से ताप पर प्रभाव पड़ता है जिससे बैटरी की आयु कम हो जाती है।

(3) अति आवेशन (Over Charging) – अति आवेशन में बैटरी के अन्दर अत्यधिक गैस उत्पन्न होती है जो आन्तरिक ऊष्मा उत्पन्न करती है। दोनों ही दशाओं में प्लेटों को नुकसान पहुँचता है।

(4) निम्न आवेशन (Under Charging) – खराब आवेशन प्रक्रिया से बैटरी पूर्ण आवेशित नहीं हो पाती है। इससे प्लेटों पर सल्फेट जमा हो जाता है और सामान्य आवेशन से यह दूर नहीं होता। इसकी कमी से इन्जिन स्टार्ट नहीं हो पाता।

(5) कम्पन (Vibration) – कार की बैटरी ठीक प्रकार से रखी होनी चाहिए। कम्पन होने से कनेक्शन ढीले हो जाते हैं।

(6) साइक्लिंग (Cycling) – बैटरी को पूर्ण आवेशन (चार्जिंग) से पूर्ण निरावेशन (डिस्चार्जिंग) करने में और पूर्ण निरावेशन से पूर्ण आवेशन करने में बैटरी की धनात्मक प्लेटों से सक्रिय तत्व गायब हो जाते हैं। इससे बैटरी का जीवनकाल कम होता है।

(7) जंग (Corrosion) – अधिक पानी डालने से एवं गैसों के संघनन से बैटरी के टर्मिनलों पर जंग लग जाता है जिसके कारण अत्यधिक विद्युत प्रतिरोध लगता है और बैटरी का आवेशन कम हो जाता है।

RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 20 सड़क सुरक्षा शिक्षा

We hope the given RBSE Solutions for Class 10 Science Chapter 20 सड़क सुरक्षा शिक्षा will help you. If you have any query regarding Rajasthan Board RBSE Class 10 Science Chapter 20 सड़क सुरक्षा शिक्षा, drop a comment below and we will get back to you at the earliest.