RBSE Solutions for Class 11 Biology Chapter 32 शारीरिक संगठन की कोटियाँ

Rajasthan Board RBSE Class 11 Biology Chapter 32 शारीरिक संगठन की कोटियाँ

RBSE Class 11 Biology Chapter 32 पाठ्यपुस्तक के प्रश्न

RBSE Class 11 Biology Chapter 32 वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
प्रोटोजोआ संघ के जन्तुओं में शारीरिक संगठन का स्तर पाया जाता है
(अ) कोशिकीय कोटि
(ब) जीवद्रव्यीय कोटि
(स) ऊतक-अंग कोटि
(द) अंग-तंत्र कोटि

प्रश्न 2.
जीवों को प्रोटोजोआ व मेटाजोआ में वर्गीकृत करने का आधार है
(अ) सममिति
(ब) विदलन
(स) कोशिकाओं की संख्या
(द) शरीर का आकार

प्रश्न 3.
सीलेन्ट्रेटा संघ के प्राणियों के शारीरिक संगठन की कोटि होगी
(अ) जीवद्रव्यीय
(ब) कोशिकीय
(स) ऊतक-अंग स्तर
(द) कोशिका-ऊतक स्तर

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प्रश्न 4.
मानव में निम्न प्रकार का संगठन स्तर पाया जाता है
(अ) अंग-तंत्र स्तर
(ब) ऊतक-अंग स्तर
(स) कोशिका-अंग स्तर
(द) कोशिका-ऊतक स्तर

प्रश्न 5.
टेपवर्म में शारीरिक संगठन का स्तर पाया जाता है
(अ) ऊतक-अंग
(ब) अंग-तंत्र
(स) जीवद्रव्यीय
(द) कोशिकीय

उत्तरमाला
1. (ब)
2. (स)
3. (द)
4. (अ)
5. (अ)

RBSE Class 11 Biology Chapter 32 अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
प्रोटोजोआ संघ के प्राणियों में समस्त जैविक क्रियाएँ किसके द्वारा पूर्ण की जाती हैं?
उत्तर-
एक ही कोशिका द्वारा निर्मित शरीर उसके जीवद्रव्य एवं विभिन्न कोशिकांगों द्वारा पूर्ण की जाती है।

प्रश्न 2.
जीवद्रव्यीय कोटि के शारीरिक संगठन का उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
जीवद्रव्यीय कोटि के शारीरिक संगठन का उदाहरण प्रोटोजोआ के सदस्य जैसे-अमीबा।।

प्रश्न 3.
स्पंजों में संरचनात्मक संगठन की कोटि बताइये।
उत्तर-
स्पंजों में संरचनात्मक संगठन की कोटि कोशिकीय कोटि का संगठन है।

प्रश्न 4.
किसी कार्य को कुछ अंगों द्वारा मिलकर किया जाना किस संगठन कोटि का उदाहरण है?
उत्तर-
अंग-तंत्र कोटि का सँगठन।

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प्रश्न 5.
नाइडेरिया संघ के जीव किस तरह का संगठन स्तर प्रदर्शित करते हैं?
उत्तर-
कोशिका उच्च कोटि का संगठन।

RBSE Class 11 Biology Chapter 32 लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
अंग तंत्र कोटि के संगठन से क्या आशय है?
उत्तर-
उच्चतर मेटाजोआ जन्तुओं में विशिष्ट कार्य को एक अंग सम्पादित नहीं करता बल्कि कुछ अंग मिलकर परस्पर सहयोग से एक तरह का कार्य पूर्ण करते हैं। जैसे भोजन के पाचन में सम्पूर्ण आहारनाल एवं सहायक ग्रन्थियां समन्वित रूप से कार्य करते हैं। इसलिए इसे पाचन तंत्र (Digestive system) कहते हैं।

इसी प्रकार, उत्सर्जन एवं प्रजनन के लिए भी अंगों का एक पूर्ण तन्त्र काम करता है। इस प्रकार के प्राणियों के शरीर का मुख्य आधार तंत्र होने के कारण शारीरिक संगठन अंग तन्त्र कोटि का कहलाता है। संघ ऐस्केहेल्मिंथीज से काटा (Chordata) तक समस्त जन्तु इसके उदाहरण हैं।

प्रश्न 2.
नाइडेरिया संघ के जीवों के शारीरिक संगठन स्तर की विशेषताएं लिखिए।
उत्तर-
नाइडेरिया संघ के जीवों के शारीरिक संगठन स्तर की विशेषताएँ निम्न हैं

  • इस कोटि में कोशिकीय विभेदीकरण के पश्चात् दो स्पष्ट स्तरों के रूप में ऊतक पाये जाते हैं।
  • ऊतकों द्वारा अंगों का निर्माण नहीं होता है।
  • इन प्राणियों का शारीरिक संगठन कोशिका ऊतक स्तर (cell tissue level) कहलाता है।
    उदाहरण-निडेरिया अथवा सीलेन्ट्रेय एवं टीनोफोरा संघ के सदस्य।

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प्रश्न 3.
शारीरिक संगठन की कोटियों को विकास क्रम के अनुसार लिखिए।
उत्तर-
शारीरिक संगठन की कोटियों के विकास का क्रम निम्न है
RBSE Solutions for Class 11 Biology Chapter 32 शारीरिक संगठन की कोटियाँ img-1

प्रश्न 4.
जीवद्रव्यीय कोटि व कोशिकीय कोटि के संगठन में अन्तर लिखिए।
उत्तर-
जीवद्रव्यीय कोटि व कोशिकीय कोटि के संगठन में अन्तर

जीवद्रव्यीय कोटि का संगठन  कोशिकीय कोटि का संगठन
1. इस प्रकार का संगठन स्तर प्रोटोजोआ के सदस्यों में पाया जाता है। उदाहरण-अमीबा। जबकि इस प्रकार का संगठन पोरीफेरा (स्पंजों) के सदस्यों में पाया जाता है। उदाहरण सॉइकन।
2. इस समूह के सदस्यों का शरीर एककोशिक होता है। जबकि इनका शरीर बहुकोशिक होता है।
3. समस्त जैविक क्रियाएं एक ही कोशिका में सम्पन्न होती हैं। इसमें कोशिकाएं विशिष्ट कार्यों हेतु विभेदित होती हैं।
4. इस संगठन स्तर में श्रम विभाजन कोशिकाओं के बीच पाया जाता है। कोशिकाएं श्रम विभाजन प्रदर्शित करती हैं।

प्रश्न 5.
शारीरिक संगठन की कोटियां प्राणियों के विकास का आधार किस प्रकार से हैं? समझाइए।
उत्तर-
सजीव के शरीर का भौतिक आधार जीवद्रव्य (Protoplasm) है, जीवद्रव्य से बनी कोशिका शरीर की संरचनात्मक एवं क्रियात्मक इकाई है। एक कोशिक प्राणियों से बहुकोशिक प्राणियों तक जन्तुओं की शारीरिक संरचना क्रमबद्ध रूप से जटिल होती जाती है। निम्नतर बहुकोशिक जीवों या मेटाजोआ में ऊतकों की आदिम व्यवस्था पाई जाती है एवं कोशिकाएं स्तरों के रूप में व्यवस्थित रहती हैं। उच्चतर मेटाजोआ में कोशिकाएँ अधिक व्यवस्थित होकर इनसे ऊतक, अंग व अंगतंत्र का निर्माण होता है। इस तरह का संगठन अनेक कोशिकाओं द्वारा निर्मित जीव की सभी क्रियाओं को अधिक दक्षतापूर्वक एवं समन्वित रूप से चलाने के लिए आवश्यक होता है।
अत: हम कह सकते हैं कि शारीरिक संगठन की कोटियाँ प्राणियों के विकास का आधार हैं।

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प्रश्न 6.
शारीरिक संगठन के विभिन्न स्तरों को दर्शाते हुए आरेख चित्र बनाइए।
उत्तर-
RBSE Solutions for Class 11 Biology Chapter 32 शारीरिक संगठन की कोटियाँ img-2

RBSE Class 11 Biology Chapter 32 निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
शारीरिक संगठन की कोटि से क्या तात्पर्य है? विभिन्न प्रकार के शारीरिक संगठनों को उदाहरण सहित समझाइए।
उत्तर-
जीवों में शारीरिक संगठन की कोटियां निम्नलिखित पाँच प्रकार की होती हैं

  • जीवद्रव्यीय कोटि का संगठन (Protoplasmic Grade of organisation)-
    प्रोटोजोआ संघ के सदस्यों में शारीरिक संगठन जीवद्रव्यी प्रकार का होता है। पाचन, जनन, श्वसन, उत्सर्जन, वृद्धि आदि जो जीवन के लिए आवश्यक हैं, सभी जैविक क्रियाएं करते हैं। ये सभी जैविक क्रियाएं एक ही कोशिका में सम्पन्न होती हैं। जीवद्रव्य एक प्रमुख घटक होने के कारण एककोशिक प्राणियों के शारीरिक संगठन की कोटि जीवद्रव्यीय स्तर की कहलाती है।
    इस संगठन स्तर में श्रम विभाजन कोशिकांगों के बीच मिलता है। प्रोटोजोआ संघ के सदस्य सबसे सरल एवं सबसे आदिम (Primitive) होते हैं। उदाहरण अमीबा।। | यह संगठन मेटाजोन्स का सबसे निम्नतम स्तर का है।
  • कोशिकीय कोटि का संगठन (Cellular grade of organisation)-
    इस प्रकार का संगठन पॉरीफेरा के सदस्यों (स्पंजों) में पाया जाता है। ये जन्तु बहुकोशिकीय होते हैं। सभी कोशिकाएं एक जैसी नहीं होकर विशेष कार्यों हेतु विभेदित होती हैं। स्पंज द्विस्तरीय (diploblatic) होते हैं। बाहरी स्तर पिनेकोडर्म तथा आन्तरिक कोएनोडर्म होती है। इनकी विभिन्न कोशिकाओं द्वारा भिन्न-भिन्न कार्यों का सम्पादन किया जाता है। संगठन के इस स्तर में स्पष्ट ऊतकों का निर्माण नहीं होता है। कोशिकाओं में श्रम विभाजन पाया जाता है। अतः जैविक क्रियाओं को पूर्ण करने कोशिकाओं द्वारा सबसे अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के कारण इनका शारीरिक संगठन कोशिकीय स्तर का कहलाता है।
    RBSE Solutions for Class 11 Biology Chapter 32 शारीरिक संगठन की कोटियाँ img-3
  • कोशिका ऊतक कोटि का संगठन (Cell Tissue Grade of organisation)-
    इस प्रकार का शारीरिक संगठन संघ सीलेन्ट्रेटा या निडेरिया एवं टीनोफोरा के सदस्यों में देखने को मिलता है। इनका शरीर बहुकोशिकीय होता है। कोशिकाएं अल्पविकसित ऊतकों का निर्माण करती हैं। कोशिकाएं दो भिन्नित स्तर या विशिष्टीकृत कोशिकाओं के ऊतक के रूप में पायी जाती हैं, लेकिन ऊतकों द्वारा अंगों का निर्माण
    नहीं किया जाता है। ऐसे जन्तुओं का शारीरिक संगठन कोशिका-ऊतक स्तर कहलाता है।
  • ऊतक-अंग कोटि का संगठन (Tissue-Organ grade of organisation)-
    इस प्रकार का शारीरिक संगठन संघ प्लैटीहैल्मिन्थीज (Platyhelminthes) के सदस्यों में पाया जाता है। इन सदस्यों के शरीर में ऊतकों के विशिष्ट कार्यों के लिए अंगों का निर्माण तो हो जाता है।
    परन्तु अंग आपस में मिलकर तंत्र (System) का निर्माण नहीं कर पाते हैं। इस प्रकार शरीर का मुख्य आधा अंग होने के कारण, इसे अंग कोटि का संगठन कहते हैं।
  • अंग-तंत्र कोटि का संगठन (Organ-System grade of organisation)-
    इस प्रकार का शारीरिक संगठन संघ एस्केहेल्मिंथीज (Aschelminthes) से काटा (chordata) तक के सदस्यों में पाया जाता है। कई अंग मिलकर एक विशेष कार्य करते हैं जो तन्त्र बनता है जैसे पाचन तंत्र (Digestive system), श्वसन तंत्र (Respiratory system), उत्सर्जन तंत्र (Ecretory system) एवं प्रजनन तंत्र (Reproductive system) आदि। विभिन्न तंत्रों द्वारा जन्तु का शरीर बनता है।
    इस प्रकार के जन्तुओं में शरीर का मुख्य आधार तन्त्र (System) होने के कारण शारीरिक संगठन अंग-तंत्र (organ-system) कोटि का कहलाता है।

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