RBSE Solutions for Class 11 Computer Science Chapter 6 डेटाबेस मैनेजमेन्ट सिस्टम

Rajasthan Board RBSE Class 11 Computer Science Chapter 6 डेटाबेस मैनेजमेन्ट सिस्टम

RBSE Class 11 Computer Science Chapter 6 पाठ्यपुस्तक के प्रश्न

RBSE Class 11 Computer Science Chapter 6 बहचयनात्मक

प्रश्न 1.
कच्चे तथ्य और आंकड़े हैं
(अ) डेटा
(ब) जानकारी
(स) स्नैपशॉट
(द) रिपोर्ट
उत्तर:
(अ) डेटा

प्रश्न 2.
डेटाबेस में वह सुविधा जिससे केवल कुछ रिकॉर्ड को एक्सेस करने के लिए अनुमति देता है
(अ) फार्म
(ब) रिपोर्ट
(स) क्वेरीज
(द) तालिकाओं
उत्तर:
(स) क्वेरीज

प्रश्न 3.
संबंधपरक डेटाबेस क्या है?
(अ) एक जगह संबंधपरक जानकारी संग्रहीत करने के लिए
(ब) एक डेटाबेस का अन्य डेटाबेसेस सम्बन्ध
(स) मानव संबंधों को संग्रहीत करने के लिए एक डेटाबेस
(द) उपरोक्त में से कोई भी
उत्तर:
(अ) एक जगह संबंधपरक जानकारी संग्रहीत करने के लिए

प्रश्न 4.
इस कुंजी से प्रत्येक रिकॉर्ड को अद्वितीय रूप से पहचाना जाता है
(अ) प्राथमिक कुंजी
(ब) कुंजी रिकॉर्ड
(स) अद्वितीय कुंजी
(द) फील्ड का नाम
उत्तर:
(अ) प्राथमिक कुंजी

प्रश्न 5.
संपूर्ण डेटाबेस संरचना और स्कीमा की परिभाषा के साथ संबंधित डेटाबेस भाषा है
(अ) DCL
(ब) DML
(स) DDL
(द) उपरोक्त सभी
उत्तर:
(ब) DML

RBSE Solutions for Class 11 Computer Science Chapter 6 डेटाबेस मैनेजमेन्ट सिस्टम

RBSE Class 11 Computer Science Chapter 6 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
डेटाबेस से आप क्या समझते हैं?
उत्तर-
डेटाबेस को सामान्यतया डेटा के लिए एक भण्डार के रूप में वर्णित किया जा सकता है। एक डेटाबेस किसी भी संबंधित डेटा का संग्रह है। एक डेटाबेस निर्बाध, तार्किक रूप से सुसंगत, स्वाभाविक सार्थक डेटा, वास्तविक डेटा का संग्रह

डेटा तथ्य और आंकड़ों का एक संग्रह है जो की सूचना (Information) प्रदान करने के लिए संसाधित (Processed) किया जा सकता है। ज्यादातर डेटा रिकॉर्ड करने योग्य तथ्य का प्रतिनिधित्व करता है। डेटा सूचना प्रदान करने में सहायक होता है जो तथ्यों पर आधारित है।
डेटाबेस में हम तेजी और आसानी से अपनी सुविधानुसार डेटा को select कर सकते है।

प्रश्न 2.
डेटाबेस आर्किटेक्चर को समझाइये।
उत्तर-
डेटाबेस आर्किटेक्चर (Database Architecture)
डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम त्रि स्तरीय स्कीमा आर्किटेक्चर (Schema Architecture) को निरूपित (Describe) करता है। इसमें तीन सतह/स्तर (Levels) होते हैं। ये अग्रलिखित हैं
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1. Physical Level अथवा Internal Level – यह निरूपित करता है कि डेटाबेस में डेटा कैसे स्टोर होता है? यह abstraction का सबसे निचला सतह/स्तर (Lowest Level) है।

2. Conceptual अथवा Logical Level – Conceptual abstraction का अगला ऊँचा केवल (Next Higher Level) है। यह सतहास्तर (Level) निरूपित करता है कि डेटाबेस में क्या डेटा स्टोर रहता है और उनके मध्य क्या सम्बन्ध (Relationship) है? यह डेटाबेस प्रबन्धक (Database Administrator) का कार्य होता है।

3. External अथवा View Level – ज्यादातर डेटाबेस उपयोगकर्ता (user)पूरे डेटाबेस का प्रयोग नहीं करते हैं लेकिन उसका कुछ भाग ही पढ़ा (read) करते हैं। इसलिए वे उस भाग के view level को उपलब्ध कराते हैं। यह abstraction को सबसे उच्चतम सतह/स्तर (Highest Level) है। यह किसी विशिष्ट ग्रुप के उपयोगकर्ता (Users) के लिए डेटाबेस के एक भाग को निरूपित (Describe) करता है।

प्रश्न 3.
MySQL के कितने प्रकार के डेटा होते हैं?
उत्तर-
MySQL में डेटा प्रकार :
अंकीय डेटा (Numeric Data)
MySQL में SQL की भांति सभी के अंकीय डेटा प्रकार जैसे integer, fixed point और floating point उपलब्ध हैं। इसके अलावा MySQL. बिट (BIT) डेटा प्रकार बिट फील्ड मान संग्रहीत करने का अवसर प्रदान करता है।

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अंकीय डेटा प्रकार signed और unsigned हो सकते हैं
अंकीय डेटा प्रकार की सारणी निम्न है

Numeric Types Description
TINYINT
SMALLINT
MEDIUMINT
INT
BIGINT
DECIMAL
FLOAT
DOUBLE
BIT
A very small integer
A small integer
A medium-sized integer
A standard integer
A large integer
A fixed-point number
A single-precision floating point number
A double-precision floating point number
A bit field

स्टिंग डेटा (String Data)
MySQL में स्ट्रिंग डेटा प्रकार साधारण टेक्स्ट, से लेकर बाइनरी डेटा जैसे छवियाँ (images) और फाइलें स्टोर कर सकता है। स्ट्रिंग डेटा प्रकार तुलना और प्रतिमान के आधार पर मिलान करके खोजने का कार्य कर सकता है। निम्न तालिका MySQL में स्ट्रिंग डेटा प्रकार को दर्शाती है

String Types Description
CHAR A fixed-length non binary (character) string
VARCHAR A variable-length non-binary string
BINARY A fixed-length binary string
VARBINARY A variable-length binary string
TINYTEXT A very small non-binary string
TEXT A small non-binary string
MEDIUMTEXT A medium-sized non-binary string
LONGTEXT A large non-binary string
ENUM An enumeration; each column value may be assigned one enumeration member
SET A set; each column value may be assigned zero or more set members

दिनांक और समय डेटा प्रकार (Date & Time Data Types)
MySQL दिनांक और समय डेटा प्रकार के साथ ही दिनांक और समय का एक संयोजन डेटा प्रकार भी प्रदान करता है। इसके अलावा MySQL टाइमस्टैम्प डेटा प्रकार द्वारा किसी टेबल में एक पंक्ति (row) के परिवर्तन को ट्रैक करने की सुविधा भी प्रदान करता है। अगर आप तारीख और महीना के बिना सिर्फ वर्ष (year) ही संग्रहीत करना चाहते हैं तो वर्ष डेटा प्रकार (year) का उपयोग कर सकते हैं। निम्न तालिका MySQL में दिनांक और समय डेटा प्रकार को दर्शाती है।

Date and Time Types Description
DATE A date value in; YYYY-MM-DD format
TIME A time value in; hh:mm:ss format
DATETIME A date and time value in ;YYYY-MM-DD hh:mm:ss format
TIMESTAMP A timestamp value in ;YYYY-MM-DD hh:mm:ss format
YEAR A year value in YYYY or YY format

प्रश्न 4.
MySQL में रिकॉर्ड्स कैसे डाले (insert) जाते हैं? बताइए।
उत्तर-
इन्सर्ट कथन (INSERT Statement)
INSERT कथन किसी टेबल में एक या अधिक पंक्तियाँ (Row) को सम्मिलित करने के लिए उपयोग में लिया जाता है। INSERT कथन का सिंटैक्स है
INSERT INTO TABLE [COLUMN 1, COLUMN 2,……….] VALUES (VALUE 1, VALUE 2……..)
उदाहरणार्थ, अगर हमें STUDENT टेबल में किसी विद्यार्थी के डेटा संधारित करना है उस दशा में निम्न INSERT कथन होगा
INSERT INTO STUDENT (ROLL NO, SNAME, FNAME, CITY), VALUES (12345, ‘PRANAV MEHTA’, ‘PRAVEEN MEHTA’, JODHPUR’);

इंसर्ट एकाधिक पंक्तियाँ (INSERT Multiple Rows)
किसी टेबल में एकाधिक पंक्तियाँ सम्मिलित करने के लिए, INSERT कथन का निम्न सिंटैक्स का उपयोग करते हैं :
INSERT INTO Table (column 1, column 2…) VALUES (value 1, value 2,…), (value 1, value 2,…),….
उदाहरणार्थ, अगर हमें STUDENT टेबल में एक से अधिक विद्यार्थियों जैसे Pranav, Prachi और Rudra Pratap के डेटा संधारित करना है तो सिर्फ एक INSERT कथन के उपयोग से भी यह संभव है।
INSERT INTO STUDENT VALUES (12345, ‘PRANAV MEHTA’, ‘PRAVEEN MEHTA’, ‘JODHPUR’),
(12346, ‘PRACHI MEHTA’, ‘PRAVEEN MEHTA’, ‘JODHPUR’), (12347, RUDRA PRATAP’, ‘RAKESH MEHTA’, JODPHUR’);

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प्रश्न 5.
UPDATE फंक्शन की उपयोगिता बताइये।
उत्तर-
अद्यतन (UPDATE)
डेटाबेस के साथ काम करते समय डेटा अद्यतन (Update) करना सबसे महत्त्वपूर्ण कार्यों में से एक है। किसी टेबल में मौजूदा डेटा को अद्यतन करने के लिए UPDATE कथन का उपयोग करते हैं। हम अद्यतन कथन का उपयोग एकल पंक्ति (Row), पंक्तियों के समूह, या किसी टेबल में सभी पंक्तियों के स्तंभ मान बदलने के लिए कर सकते हैं। MySQL अद्यतन कथन निम्न है:

UPDATE table_name 
SET
column_name1=expr1, 
column name2=expr2,
...
WHERE 
condition;

सर्वप्रथम डेटा अद्यतन (Update) करने के लिए इच्छित टेबल का नाम UPDATE कीवर्ड के बाद करते हैं। दूसरा, जिस स्तंभ को संशोधित और नया मान (value) देना चाहते हैं उसे SET कथन के साथ निर्दिष्ट करते हैं। एकाधिक स्तंभों को अद्यतन करने के लिए अल्पविराम द्वारा अलग करते हैं।

तीसरा, कौनसी पंक्तियाँ का अद्यतन किया जाएगा उसे WHERE खंड में एक शर्त (Condition) का उपयोग कर निर्देष्ट करते हैं। WHERE खंड वैकल्पिक है।

RBSE Class 11 Computer Science Chapter 6 निबंधात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
डेटाबेस मैनेजमेन्ट को समझाते हुए इसके लाभ बताइये।
उत्तर-
डेटाबेस प्रबंधन सिस्टम (DBMS)
डेटाबेस प्रबंधन सिस्टम (DBMS) एक सॉफ्टवेयर है जिनसे कि डेटाबेस भंडारण, पहुँच, सुरक्षा, बैकअप और अन्य सुविधाएँ संचालित करने के कार्य होते हैं। कुछ सामान्य रूप से प्रयुक्त DBMS के उदाहरण SQL, MySQL, PostgreSQL SQL, SQL सर्वर, Oracle आदि हैं।

DBMS का पूरा नाम डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम है। DBMS, प्रोग्राम्स का पूरा कलेक्शन होता है जो कि users को, डेटाबेस को create और maintain करने के लिए योग्य (Enable) बनाता है।

डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम (DBMS) के लाभ
1. No Data Redundancy and Inconsistency : एक ही तरह के डेटा का बहुत सारी जगह प्रतिरूप (Duplication) को डेटा redundancy कहते हैं। उदाहरणार्थ किसी विद्यार्थी की जानकारी यथा नाम, रोल नंबर, वर्तमान पता और पिता का नाम आदि एक तरह के डेटा का अलग-अलग होना, डेटा inconsistency का कारण बनती है। जिससे स्टोरेज और मूल्य बढ़ता है। लेकिन डेटाबेस मैनजमेंट सिस्टम के कारण डेटा की पुनरावर्ती नहीं होती है।

2. Restricting Unauthorized Access : डेटाबेस मैनजमेंट सिस्टम में डेटाबेस एडमिनिस्ट्रेटर DBA (Database Administrator) सुरक्षा (Security) और अनधिकृत (Unauthorized) उपयोग को प्रतिबंधित करने का कार्य करता है।

3.Data Integrity and Security : डेटाबेस मैनजमेंट सिस्टम में सुरक्षा (Security) और पूर्णता (Integrity) का पूरा ध्यान रखा जाता है। डेटाबेस में किसी भी प्रकार के मान (Value) को जोड़ने (Insert) से पहले उसे कुछ शर्तो (Constraint) को संतुष्ट करना आवश्यक होता है। डेटाबेस में प्रत्येक उपयोगकर्ता को सभी डेटा को access करने की अनुमति नहीं होती है। जिससे डेटा की पूर्णता (Integrity) बनी रहती है।

4. Simple Access : डेटाबेस मैनजमेंट सिस्टम में डेटाबेस को आसानी से प्राप्त (Access) किया जा सकता है।

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प्रश्न 2.
डेटाबेस मैनेजमेन्ट सिस्टम की विशेषतायें बतायें।
उत्तर-
डेटाबेस मैनजमेंट सिस्टम की विशेषतायें (Characteristics of DBMS)
डेटाबेस मैनजमेंट सिस्टम की विशेषतायें निम्नलिखित हैं

  • डेटाबेस मैनजमेंट सिस्टम की सबसे बड़ी विशेषता से यह है कि इसमें डेटा की पुनरावर्ती (Redundancy) को नियंत्रण (Control) किया जा सकता है।
  • डेटाबेस मैनमेंट सिस्टम में डेटा को साझा किया जा सकता है।
  • डेटाबेस मैनजमेंट सिस्टम में सुरक्षा (Security) का पूरा ध्यान रखा जाता है।
  • डेटाबेस मैनजमेंट सिस्टम में प्रोसेसिंग की गति अच्छी है।
  • डेटाबेस मैनजमेंट सिस्टम में डेटा स्वतंत्र (Independent) होता है।

प्रश्न 3.
डेटाबेस भाषाएँ कितने प्रकार की होती हैं? विस्तार से बताइए।
उत्तर-
डेटाबेस भाषा (Database Languages)
किसी भी सिस्टम डेटाबेस को बनाने (Create) और प्रबंधित (Maintain) करने के लिए डेटाबेस भाषाओं (Database Languages) का उपयोग किया जाता है। डेटाबेस में दो तरह की भाषाओं का उपयोग किया जाता है।

डेटा डेफिनशन लैंग्वेज (Data Definition Language)-DDL का पूरा नाम Data Definition Language है, यह conceptual schema को निरूपित (Define) करने के लिए काम में लिया जाता है तथा यह इस बात की जानकारी भी देता है कि physical devices में इस schema को कैसे क्रियान्वित (Implement) किया जाता है। SQL में जो सबसे महत्त्वपूर्ण DDL statements हैं, वो निम्न हैं

  • CREATE – डेटाबेस में objects को बनाने (Create) के लिये।
  • ALTER – डेटाबेस के structure में परिवर्तन करने के लिए।
  • DROP – डेटाबेस में से objects को हटाने के लिए।
  • COMMENT – Data dictionary में टिप्पणी (Comments) के लिए।
  • RENAME – Object के नाम में पुनः नामकरण (Rename) हेतु।

डेटा मैनीपुलेशन लैंग्वेज (Data Manipulation Language)-DML का पूरा नाम Data Manipulation Language है, यह भाषा डेटाबेस में डेटा के परिचालन (Manipulate) करने के काम आती है। इसके कुछ उदाहरण अग्रलिखित हैं

  • SELECT – एक डेटाबेस में से डेटा को प्राप्त (retrieve) करने हेतु।।
  • INSERT – टेबल में डेटा को जोड़ने (insert) हेतु।
  • UPDATE – टेबल में मौजूदा डेटा को अद्यतन (update) हेतु।
  • DELETE – टेबल में से रिकार्ड्स को हटाने (delete) हेतु।

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प्रश्न 4.
MySQL में विद्यार्थियों का डेटाबेस कैसे बनायेंगें? विस्तार से बताइए।
उत्तर-
विद्यार्थियों का डेटाबेस
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MySQL > CREATE TABLE STUDENT1;
MySQL> INSERT INTO STUDENT 1 (ROLLNO, SNAME, FNAME, CITY)
VALUES (308, ‘Priya Arora', 'Deepak Arora’, ‘Jaipur'),
(309, Neetu Singh', ‘Sagar Singh', ‘KOTA'),
(310, 'Kamal Garg', “Vinod Garg', ‘Bikaner');

प्रश्न 5.
MySQL में स्ट्रिंग फंक्शन को समझाए।
उत्तर-
MySQL में मुख्य स्टिंग फंक्शन
(i) ASCII (String_arg)
यह फंक्शन किसी दिए गए आग्मेन्ट के पहले करेक्टर की ASCII value रिटर्न (Return) करता है।
उदाहरण
Select ascii (“ant’)
returns ’97’

(ii) BIN (numeric_arg) :
यह फंक्शन किसी दिए गए आर्युमेन्ट की बाइनरी वैल्यू रिटर्न करता है।
उदाहरण
Select BIN (’40’)
returns ‘101000’

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(iii) BIT_LENGTH (String_arg) :
यह फंक्शन किसी दिए गए स्ट्रिंग आग्र्युमेन्ट की लम्बाई (length) की वैल्यू बिंट्स (bits) में रिटर्न करता है।
Select BIT_Length (‘AA’)
returns ‘16′

(iv) CHAR (numeric_arg1, numeric_arg2, numeric_arg3,…….):
यह फंक्शन दिए गए आर्युमेन्टस की ASCII value से स्टिंग रिटर्न करता है।
उदाहरण-Select CHAR (97.4, 97.5)
returns ‘ab’

(v) CHAR_LENGTH (String_arg):
यह फंक्शन दिए गए आर्युमेन्ट में करेक्टर की संख्या (Number) को रिटर्न करता है।
उदाहरण
Select CHAR_LENGTH (‘aa1′)
returns ‘3’

(vi) CONCAT (String_arg1, string_arg2, string_arg3, …..) :
यह फंक्शन दिए गए आर्युमेन्टस को जोड़कर स्ट्रिग (concatenated string) रिटर्न करता है।
उदाहरण
Select CONCAT (‘red’, ‘rose’)
returns redrose’

(vii) INSTR (String_arg, String_arg) :
यह फंक्शन दिए गए द्वितीय आर्युमेन्ट के प्रथम करेक्टर की position प्रथम आग्र्युमेन्ट में बताता है।
उदाहरण- Select INSTR (impossible’, ‘possible’)
returns ‘3’

(viii) LENGTH (String_arg) :
यह फंक्शन किसी दिए गए आर्युमेन्ट में कुल बाइट्स (bytes) की संख्या रिटर्न करता है।
उदाहरण- Select LENGTH (‘advent 123!$’)
returns ‘II’

(ix) Locate (String_arg) :
यह फंक्शन किसी दिए गए द्वितीय आर्युमेन्ट में, प्रथम आग्र्युमेन्ट की पोजीशन (Position) रिटर्न करता है।
उदाहरण
Select LOCATE (‘net’, ‘adventnet’)
returns ‘7’

(x) REPLACE (String_arg, string_arg, string_arg) :
यह फंक्शन किसी दिए गए द्वितीय स्ट्रिंग आर्युमेन्ट के स्थान पर, तीसरे स्ट्रिंग आग्र्युमेन्ट को, प्रथम स्ट्रिंग आग्र्युमेन्ट में रिप्लेस (Replace) करता है।
उदाहरण
Select REPLACE (‘tention’, ‘ten’, ‘celebra’)
returns ‘celebration’

(xi) REVERSE (String_arg) :
यह फंक्शन किसी दिए गए स्ट्रिंग आग्र्युमेन्ट के करैक्टरस् के क्रम को उल्टे (reversed) क्रम में रिटर्न करता है।
उदाहरण
Select REVERSE (‘main’)
returns ‘niam’

(xii) UPPER (String_arg) :
यह फंक्शन किसी दिए गए स्ट्रिंग आर्युमेन्ट के करैक्टरस् को Upper case में रिटर्न करता है।
उदाहरण
Select UPPER (‘book’)
returns ‘Book’

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RBSE Class 11 Computer Science Chapter 6 अन्यमहवपणप्रश्न

RBSE Class 11 Computer Science Chapter 6 अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
DBMS का पूरा नाम बताइए।
उत्तर-
DBMS का पूरा नाम डेटाबेस मैनेजमेन्ट सिस्टम है।

प्रश्न 2.
DBMS क्या है।
उत्तर-
DBMS एक सॉफ्टवेयर है, जिनसे भंडारण, पहुँच, सुरक्षा, बैकअप और अन्य सुविधाएँ संचालित करने के। कार्य होते हैं।

प्रश्न 3.
सामान्य रूप से प्रयुक्त होने वाले DBMS के उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
कुछ सामान्य रूप से प्रयुक्त होने वाले DBMS के उदाहरण SQL, MySQL, PostgreSQL SQL, SQL सर्वर, Oracle आदि हैं।

प्रश्न 4.
डेटाबेस मैनेजमेन्ट सिस्टम में कितने स्तर होते हैं?
उत्तर-
डेटाबेस मैनेजमेन्ट सिस्टम में तीन स्तर होते हैं।

प्रश्न 5.
Physical level या Internal level क्या निरूपित करता है?
उत्तर-
यह निरूपित करता है कि डेटाबेस में डेटा कैसे स्टोर होता है।

प्रश्न 6.
Conceptual level या Logical level क्या निरूपित करता है?
उत्तर-
यह निरूपित करता है कि डेटाबेस में क्या डेटा स्टोर होता है और उनके मध्य क्या सम्बन्ध (Relation) है।

प्रश्न 7.
External level या View level क्या निरूपित करता है?
उत्तर-
यह किसी विशिष्ट ग्रुप के उपयोगकर्ता (User) के लिए डेटाबेस के एक भाग को निरूपित (Describe) करता

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प्रश्न 8.
डेटा redundancy किसे कहते हैं?
उत्तर-
एक ही तरह के डेटा का बहुत सारी जगह प्रतिरूप (Duplication) को डेटा redundancy कहते हैं।

प्रश्न 9.
डेटाबेस एडमिनिस्ट्रेटर (DBA) का क्या कार्य होता है?
उत्तर-
डेटाबेस एडमिनिस्ट्रेटर (DBA) सुरक्षा और अनाधिकृत (Unauthorized) उपयोग को प्रतिबंधित करने का कार्य करता है।

प्रश्न 10.
DDL का पूरा नाम व कार्य बताइए।
उत्तर-
DDL का पूरा नाम Data Definition Language है। यह conceptual schema को निरूपित (define) करने के लिए काम में लिया जाता है।

प्रश्न 11.
DML का पूरा नाम व कार्य बताइए।
उत्तर-
DML का पूरा नाम Data Manipulation Language है। यह भाषा डेटाबेस में डेटा के परिचालन (Manipulate) करने के काम आती है।

प्रश्न 12.
MySQL से आप क्या समझते हैं?
उत्तर-
MySQL एक डेटाबेस प्रबंधन प्रणाली है। यह relational डेटाबेस को प्रतिबंधित करने के काम आता है। यह ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर है।

प्रश्न 13.
रिश्ता (Relation) क्या होता है?
उत्तर-
रिश्ता (पंक्तियों और स्तम्भों का संग्रह) आमतौर पर एक सक्रिय इकाई है जिस पर हम विभिन्न कार्यों का प्रदर्शन कर सकते हैं।

प्रश्न 14.
टपल से आप क्या समझते हैं?
उत्तर-
एक रिश्ते (Relation) में एक पंक्ति को टपल (Tuple) कहा जाता है।

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प्रश्न 15.
डोमेन (Domain) क्या है?
उत्तर-
डेटाबेस डोमेन सभी स्वीकार्य मान का समूह डोमेन कहलाता है। उदाहरणत: लिंग (Gender) के लिए कोई फील्ड उस स्तंभ में प्रविष्टियों की अनुमति डोमेन (पुरुष, महिला, अज्ञात) जहाँ केवल उन तीन मान में से एक हो सकता है।

प्रश्न 16.
डेटाबेस अब्स्ट्रक्शन की परिभाषा दीजिए।
उत्तर-
डेटाबेस अब्स्ट्रक्शन (Database Abstraction)–डेटाबेस सिस्टम उपयोगकर्ताओं को केवल उनकी आवश्यकतानुसार डेटा उपलब्ध करवाता है और मेमोरी में डेटा कैसे संग्रहीत और प्रबंधित होता है की जानकारी छुपाता है। यह अवधारणा/प्रक्रिया डेटाबेस एबस्ट्रैक्शन कहलाती है।

प्रश्न 17.
DATE फंक्शन का कार्य बताइए।
उत्तर-
DATE-DATE फंक्शन YYYY-MM-DD प्रारूप में दर्शाता है। DATE का मान string अथवा number में भी दिया जा सकता है। यह फंक्शन 1000-01-01 से 9999-12-31 के मध्य का मान स्वीकार करता है।।

प्रश्न 18.
MONTH फंक्शन का कार्य बताइए।
उत्तर-
MONTH-MONTH फंक्शन DATE के मान में से माह का मान प्रदान करता है यह 1 से 12 के मध्य होता
SELECT MONTH(‘2016-02-03’)
Result:2

प्रश्न 19.
YEAR फंक्शन का कार्य बताइए।
उत्तर-
YEAR-YEAR फंक्शन DATE के मान में से चर्ष का मान प्रदान करता है।
SELECT YEAR(‘2016-02-03’)
Result:2016

प्रश्न 20.
Day फंक्शन का कार्य बताइए।
उत्तर-
DAY-DAY फंक्शन DATE के मान में से माह के दिन का मान प्रदान करता है यह 1 से 31 के मध्य होता है। यह DAYOFMONTH() का पर्याय है।
SELECT DAY(‘2016-02-15’)

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प्रश्न 21.
प्राथमिक कुंजी क्या होती है?
उत्तर-
प्राथमिक कुंजी (Primary Key)-किसी relational table को प्राथमिक कुंजी टेबल के प्रत्येक रिकॉर्ड को विशिष्ट रूप (Uniquely) से बतलाता (Identify) है।

प्रश्न 22.
DDL तथा DML के अन्तर्गत आने वाली कमाण्ड का नाम बताइए।
उत्तर-
DDL में Create, Alter, Drop, Rename, Truncate आते हैं।
DML में Select, Insert, Update, Delete आते हैं।

RBSE Class 11 Computer Science Chapter 6 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
DBMS हमें क्या-क्या सुविधाएँ उपलब्ध कराता है?
उत्तर-
DBMS एक सॉफ्टवेयर सिस्टम है जो कि हमें निम्नलिखित सुविधाएँ उपलब्ध कराता है:
Defining – डेटाबेस में संधारित डाटा के लिए डाटा का प्रकार (Data types), संरचना (Structures) और शर्ते (Constraint) निर्देशित करता है।
Constructing – डेटा को किसी स्टोरेज डिवाइस में स्टोर करने की प्रक्रिया को DBMS के द्वारा नियंत्रित किया जाता है।
Manipulating – इसमें डेटाबेस में उपस्थित डेटा को पुनः प्राप्त (Retrieve) तथा अधतन (Update) किया जाता है। और रिपोर्ट्स को तैयार किया जाता है।

प्रश्न 2.
डेटाबेस मैनेजमेन्ट सिस्टम एप्लीकेशन के उपयोग के उदाहरण दें।
अथवा
डेटाबेस के उपयोग के कुछ उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
Data Base Management System Application के उदाहरण
डेटाबेस का कई उपक्रमों में उपयोग हो रहा है कुछ उदाहरण निम्न हैं
(1) बैंकिंग क्षेत्र में डेटाबेस में ही कार्य होता है। कोई भी ग्राहक अपनी बैंक की किसी भी शाखा से लेनदेन कर सकता है। डेटाबेस के उपयोग से पहले ग्राहक को किसी भी अपनी ही शाखा में जाना होता था। डेटाबेस के कारण ही नेट बैंकिंग आदि की सुविधा ग्राहक को प्राप्त हो रही है।

(2) एयरलाइन रिजर्वेशन सिस्टम भी डेटाबेस पर ही निर्भर है। ग्राहक जहाँ अपनी सुविधा से फ्लाइट की बुकिंग कर सकता है वहीं एयरलाइन के कर्मचारियों को भी भिन्न-भिन्न प्रकार की रिपोर्ट भी प्राप्त हो जाती है जिससे निर्णय तुरंत लिया जा सकता है।

(3) विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों एवं शिक्षकों की पूरी जानकरी डेटाबेस में रहती है, विभिन्न पाठ्यक्रमों की जानकारी, किसी पाठ्यक्रम में कितने विद्यार्थी अध्ययनरत हैं उनकी जानकारी तुरंत प्राप्त की जा सकती है। परीक्षा परिणाम सम्बन्धी कार्य भी तीव्रता से सम्पन्न होते हैं।

(4) रेलवे रिजर्वेशन हो या बस रिजर्वेशन सिस्टम, यह भी डेटाबेस पर ही निर्भर है। जहाँ यात्रियों को तुरंत जानकारी उपलब्ध होती है वहीं सम्बंधित विभाग अपनी आवश्यकताओं के अनुरूप भिन्न-भिन्न प्रकार की रिपोर्ट्स तुरंत प्राप्त करते हैं।

(5) अस्पतालों में डॉक्टरों की रिकॉर्ड और रोगियों की भिन्न-भिन्न प्रकार की जाँच रिपोर्ट स्टोर करना, रोग का विश्लेषण करना, दवाइयों की जानकारी रखना डेटाबेस से सुगमता से सम्पन्न हो जाता है।

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प्रश्न 3.
संबंधपरक डेटाबेस प्रबंधन प्रणाली से आप क्या समझते हैं? इसका क्या उपयोग है।
उत्तर-
संबंधपरक डेटाबेस प्रबंधन प्रणाली (Relational Database Management System) – डाटाबेस सिस्टम में जो विभिन्न तालिकाओं के बीच संबंध बनाए रखे जाते हैं उसे संबंधपरक डेटाबेस प्रबंधन प्रणाली (Relational Database Management System) कहा जाता है। RDBMS और DBMS भौतिक (Physical) डेटाबेस में जानकारी को संग्रहीत करने के लिए उपयोग में लिया जाता है। डेटा की बड़ी मात्रा में होने पर संग्रहण और साथ ही उसे अच्छी तरह से प्रबंधन करने के लिए RDBMS की आवश्यकता है। एक संबंधपरक डेटा मॉडल में इंडेक्सेस, कुंजी, टेबल और अन्य टेबल के साथ उनके संबंधों की जानकारी होती है।

1970 के दशक में एडगर फ्रैंक कोड ने संबंधपरक डेटाबेस का सिद्धान्त पेश किया। कोड्ड ने संबंधपरक सिद्धान्त या मॉडल के लिए तेरह नियमों का प्रतिपादन किया था। विभिन्न प्रकार की डेटा के बीच संबंध संबंधपरक मॉडल की मुख्य आवश्यकता है।

प्रश्न 4.
MySQL में डेटाबेस बनाने की कमाण्ड उदाहरण सहित बताइए।
उत्तर-
डेटाबेस बनाना (Create Database)-डेटा के साथ कुछ भी करने से पहले एक डेटाबेस बनाने की जरूरत है। डेटाबेस डेटा का एक कंटेनर है। यह विद्यार्थियों, विक्रेताओं, कर्मचारियों, ग्राहकों अथवा जिसके बारे में भी हम सोच सकते हैं का संधारण (store) करता है। MySQL में डेटाबेस एक संग्रह है जिसमें टेबल, डेटाबेस व्यू, ट्रिगर, संग्रहित प्रक्रिया (Stored Procedure) इत्यादि है जिनके द्वारा डेटा को संग्रह (Store) और परिचालन (Manipulation) करने के लिए प्रयोग में लिया जाता है। MySQL में डेटाबेस बनाने के लिए निम्न कथन (Syntax) का उपयोग करें।

CREATE DATABASE (IF NOT EXIST [Name of Database]
डेटाबेस कथन के पश्चात डेटाबेस का नाम है जिसे हम बनाना चाहते हैं वह लिखना होता है। डेटाबेस नाम के रूप में अर्थपूर्ण (Meaningful) और जहा तक संभव हो वर्णनात्मक (Descriptive) होना चाहिए।

IF NOT EXIST वैकल्पिक उपनियम (Clause) है। इसके उपयोग से नया डेटाबेस बनाते समय पहले से ही डेटाबेस सर्वर में मौजूद डेटाबेस के नाम से बनाने की त्रुटि से रोकता है। डाटाबेस सर्वर में एक ही नाम के दो डेटाबेस नहीं हो सकते हैं।

उदाहरण के लिए विद्यार्थियों हेतु student डेटाबेस बनाने के लिए CREATE DATABASE कथन इस प्रकार है CREATE DATABASE STUDENT;

प्रश्न 5.
SHOW DATABASE कथन का क्या उपयोग होता है?
उत्तर-
डेटाबेस दर्शाना (SHOW DATABASE)-SHOW DATABASE कथन सभी डेटाबेस को MySQL डेटाबेस सर्वर में प्रदर्शित करता है। आप आपके द्वारा बनाए गए डेटाबेस की जाँच करने के लिए या आप एक नया डेटाबेस बनाने से पहले डेटाबेस सर्वर पर सभी डेटाबेस को देखने के लिए SHOW DATABASE कथन का उपयोग कर सकते हैं।

तीन डेटाबेस MySQL डेटाबेस सर्वर में हैं। Information_schema और mysql हैं जो पहले से उपलब्ध हैं, MySQL स्थापित डिफॉल्ट डेटाबेस है और हमारे द्वारा बनाया गया नया डेटाबेस student है।
SHOW DATABASES;

प्रश्न 6.
आप MySQL में किसी विशिष्ट डेटाबेस का उपयोग किस प्रकार कर सकते हैं?
अथवा
USE DATABASE कथन का उपयोग बताएँ।
उत्तर-
डेटाबेस के साथ काम करने के लिए चयन करना (USE DATABASE) – किसी विशिष्ट डेटाबेस के साथ काम करने से पहले, MySQL को बताना होगा कि कौनसे डेटाबेस का उपयोग हमें करना है। USE कथन का उपयोग कर के इच्छित डेटाबेस के साथ काम किया जा सकता है आप निम्नानुसार USE कथन का उपयोग कर STUDENT डेटाबेस का चयन कर सकते हैं।

USE STUDENT;
अब नई टेबल को बनाना, डेटा क्वेरी, या संग्रहीत प्रक्रिया को बुलाना इत्यादि वर्तमान डेटाबेस अर्थात् STUDENT पर क्रियान्वित होगा।

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प्रश्न 7.
आप MySQL में किसी डेटाबेस को स्थायी रूप से किस प्रकार हटाएगें?
अथवा
DROP DATABASE कथन का उपयोग बताइए।
उत्तर-
डेटाबेस को हटाना (DATABASE DROP)
डेटाबेस को हटाने का मतलब है स्थायी रूप से डेटाबेस को हटाना। सभी डेटा और डेटाबेस के अंदर संबंधित ऑब्जेक्ट्स को स्थायी रूप से हटा दिया जाता है और यह पूर्ववत नहीं किया जा सकता। इसलिए यह अतिरिक्त चेतावनी भी देता है साथ ही इस निर्देश को सावधानी से निष्पादित करना चाहिए। किसी डेटाबेस को हटाने के लिए हम DATABASE DROP कथन का निम्नानुसार को उपयोग करते हैं।

DROP DATABASE [IF EXISTS] database_name;
अगर हमें STUDENT डाटाबेस को हटाना है तो निम्न कथन लिखना होगा।
DROP DATABASE STUDENT;

प्रश्न 8.
डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम को हम किन आधार पर वर्गीकृत कर सकते हैं?
उत्तर-
डेटाबेस के विभिन्न views हो सकते हैं। डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम को विभिन्न आधार पर वर्गीकृत करते है। जो कि निम्नलिखित हैं

  • Data models के आधार पर
  1. Traditional models : रिलेशनल (Relational), नेटवर्क (Network) तथा हिरार्किकल (Hierarchical) मॉडल्स इसके अंतर्गत आते हैं।
  2. Emerging models : ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड (Object-oriented) तथा ऑब्जेक्ट-रिलेशनल (Object-relational) मॉडल्स इसके अंतर्गत आते हैं।
  • उपयोगकर्ताओं के आधार पर पर: एकल उपयोगकर्ता (Single user) और एकाधिक उपयोगकर्ता (Multiple users)।
  • केन्द्रीयकृत (Centralized) और वितरित (Distributed) उपयोगकर्ता।
  • उद्देश्य (Purpose) के आधार पर।

प्रश्न 9.
डेटाबेस सिस्टम संरचना (Database System Structure) को समझाइए।
अथवा
डेटाबेस सिस्टम को क्रियाओं के अनुरूप कितने भागों में विभाजित किया जा सकता है? विस्तारपूर्वक बताइए।
उत्तर-
डेटाबेस सिस्टम संरचना (Database System Structure) – डेटाबेस सिस्टम को मॉड्यूल (Modules) में विभाजित किया गया है तथा हर मॉड्यूल पर System Control से सम्बन्धित जिम्मेदारी होती हैं। Database System को क्रियाओं के अनुरूप दो भागों में विभाजित किया गया है

  1. स्टोरेज मैनेजर (Storage Manager)
  2. क्वेरी प्रोसेसर (Query Processor)

स्टोरेज मैनेजर (Storage Manager) : स्टोरेज मैनेजर वह module है जो Low Level Data तथा Application Programs व Queries के मध्य पारस्परिक क्रिया (Interaction) करता है। स्टोरेज मैनेजर डेटा के Relational व अधतन (Updation) के लिये उत्तरदायी होता हैं। स्टोरेज मैनेजर में निम्न अवयव होते हैं

  • Authorization and Integrity Manager – इसमें डाटा की पूर्णता वाली शतें (Integrity Constraints) तथा उपयोगकर्ता (users) की अधिकारिता (authority) को भी सुनिश्चित किया जाता हैं।
  • Transaction Manager – यह Database की consistency के लिये उत्तरदायी होता है तथा Transaction को लगातार बिना व्यवधान execute करने का कार्य भी करता है।
  • File Manager – इसके द्वारा मेमोरी में स्थान व डाटा स्ट्रक्चर को प्रदर्शित किया जाता है।
  • Buffer Manager – डाटा को मुख्य मेमोरी में लाने के लिये उत्तरदायी होता हैं। स्टोरेज मैनेजर के द्वारा विभिन्न Data Structures को Implement किया जाता हैं-
  1. Data files – जिसमें डाटा Store रहता है।
  2. Data Dictionary – जिसमें डेटा के बारे में डेटा को रखा जाता हैं।
  3. Indices – इससे डाटा को त्वरित प्राप्त किया जा सकता है।

क्वेरी प्रोसेसर (Query. Processor) : क्वेरी प्रोसेसर के अवयव हैं –

  • DDL Interpreter – जो DDL निर्देशों को Interpret करता है तथा उन निर्देशों की परिभाषा को Data Dictionary में संधारित करता है।
  • DML Compiler – यह DML निर्देशों को Low-level instruction में परिवर्तित करने का कार्य करता है।
  • Query Evaluation Engine – यह DML Compiler द्वारा परिवर्तित Low-level निर्देशों को निष्पादित (Execute) करने का क़ार्य करता है।

प्रश्न 10.
निम्नलिखित कमाण्डस् को सिन्टैक्स सहित समझाइए।
(i) CREATE TABLE
(ii) DESCRIBE TABLE
(iii) DROP TABLE
(iv) ALTER TABLE
उत्तर-
(i) CREATE TABLE
डेटाबेस के भीतर किसी नई टेबल को बनाने के लिए MySQL में टेबल बनाने के कथन का उपयोग करना होगा। टेबल बनाने का कथन MySQL में सबसे जटिल कथन है। टेबल बनाने का कथन निम्नानुसार है-
CREATE TABLE [IF NOT EXISTS] table_name (List of Columns)

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(ii) DESCRIBE TABLE
टेबल के एट्रीब्यूट्स एवं उसके डेटा प्रकार देखने के लिए DESCRIBE निर्देश का उपयोग किया जाता है।
DESCRIBE TABLE_NAME
उदाहरणार्थ DESCRIBE STUDENT

(iii) (DROP TABLE)
मौजूदा टेबल को हटाने के लिए DROP TABLE कथन का उपयोग करते हैं। DROP TABLE का कथन (सिंटैक्स) निम्नानुसार है-
DROP [TEMPORARY] TABLE [IF EXISTS] table_name [,table_name]
उदाहरणार्थ हमें STUDENT टेबल को हटाना है तो निम्न कथन को लिखना होगा
DROP TABLE STUDENT

DROP TABLE कथन किसी टेबल और इसके डेटा को स्थायी रूप से डेटाबेस से हटा देता है। एकाधिक टेबल का उपयोग कर एकल DROP TABLE कथन से भी हटा सकते हैं, उस दशा में प्रत्येक टेबल एक अल्पविराम (,) द्वारा अलग की जाती है।

(iv) ALTER TABLE
मौजूदा TABLE की संरचना को बदलने के लिए ALTER TABLE कथन का उपयोग करते हैं। ALTER TABLE कथन एक स्तंभ जोड़ने, एक स्तंभ को हटाने, स्तंभ का डेटा प्रकार बदलने, प्राथमिक कुंजी जोड़ने, टेबल का नाम बदलने और कई अन्य कार्य करने की अनुमति देता है। ALTER TABLE कथन निम्न है
ALTER TABLE table_name action[,action2,…]

प्रश्न 11.
किसी टेबल में आप नया स्तम्भ किस प्रकार जोडेंगे?
उत्तर-
टेबल में नया स्तंभ जोड़ना (ADD COLUMN TO TABLE)

कुछ नई आवश्यकताओं के कारण किसी तालिका में कोई नया स्तम्भ जोड़ने के लिए ALTERTABLE कथन का उपयोग करते हैं, उदाहरणार्थ STUDENT का उपयोग निम्नानुसार कोई नया स्तंभ जोड़ने के लिए कर सकते हैं-

ALTER TABLE STUDENT ADD COLUMN DOB DATE ;
DOB स्तम्भ मौजूदा टेबल के अन्तिम स्तम्भ के बाद जुड़ जायेगा।

अगर किसी स्तम्भ के बाद में नया स्तम्भ जोड़ना है तो AFTER और उसके बाद उस स्तम्भ का नाम लिखना होगा। यदि PINCODE स्तम्भ CITY स्तम्भ के बाद जोड़ना है तो ALTER TABLE कथन निम्न प्रकार से लिखा जायेगा
ALTER TABLE STUDENT ADD COLUMN PINCODE NUMERIC (6,0) AFTER CITY;

प्रश्न 12.
किसी टेबल से आप स्तम्भ को किस प्रकार हटाएँगे व टेबल का नाम बदलने के लिए किस कथन का प्रयोग करेंगे?
उत्तर-
स्तम्भ को हटाना (Drop Column) – यदि किसी स्तम्भ को हम टेबल से हटाना चाहें तो हटा सकते हैं। उदाहरणार्थ मान लीजिए हमारी टेबल में PINCODE स्तम्भ है और हम इसे टेबल में संग्रह नहीं करना चाहते हैं और इसे हटाना चाहते हैं तो STUDENT टेबल से PINCODE स्तंभ को निकालने के लिए निम्न कथन लिखा जायेगा
ALTER TABLE STUDENT DROP COLUMN PINCODE;

टेबल का नाम बदलना (Renaming Table) – किसी टेबल का नाम बदलने के लिए ALTER TABLE कथन का उपयोग कर सकते हैं। यदि STUDENT टेबल का नाम STUINFO करना है तो कथन इस प्रकार होगा।

ALTER TABLE STUDENT RENAME TO STUINFO;

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प्रश्न 13.
इन्सर्ट कथन को सिन्टैक्स सहित समझाइए।
उत्तर-
इन्सर्ट कथन (INSERT Statement)–INSERT कथन किसी टेबल में एक या अधिक पंक्तियाँ (row) को ।। सम्मिलित करने के लिए उपयोग में लिया जाता है। INSERT कथन का सिंटैक्स है।
INSERT INTO TABLE [COLUMN1, COLUMN2, ……] VALUES (VALUE1, VALUE2……)

उदाहरणार्थ, अगर हमें STUDENT टेबल में किसी विद्यार्थी के डेटा संधारित करना है उस दशा में निम्न INSERT कथन होगा

INSERT INTO STUDENT (ROLLNO, SNAME, FNAME, CITY)
VALUES (12345, ‘PRANAV MEHTA’, ‘PRAVEEN MEHTA’, ‘JODHPUR”);

प्रश्न 14.
डिलीट कथन को सिन्टैक्स सहित. समझाइये।
उत्तर-
डिलीट कथन (DELETE Statement)–एक या अधिक डेटाबेस टेबल से डेटा निकालने के लिए DELETE कथन का उपयोग किया जाता है किसी टेबल से डेटा को निकालने के लिए DELETE कथन का उपयोग करना होता है। एकल DELETE कथन का उपयोग न केवल एक ही टेबल से बल्कि एकाधिक टेबल से भी रिकॉर्ड को निकालने के लिए भी किया जा सकता है।
DELETE FROM table
[WHERE conditions]
[ORDER BY …]

WHERE CLAUSE कौन-सी पंक्तियाँ हम हटाना चाहते हैं को निर्दिष्ट करता है। अगर रिकॉर्ड WHERE शर्त को पूरा करता है, तो यह टेबल से स्थायी रूप से हटा दी जाती है। यदि WHERE खंड काम में न लिया जाये तब टेबल में से सभी रिकार्ड्स हटा दिए जाते हैं।

प्रश्न 15.
एक से अधिक टेबल से रिकॉर्ड किस प्रकार हटाये जा सकते हैं? उदाहरण सहित बताइए।
उत्तर-
एकाधिक टेबल से रिकॉर्ड को हटाना
एकाधिक टेबल से रिकॉर्ड हटाने के लिए निम्न DELETE कथन का उपयोग करना होगा

DELETE table_1, table_2,…
FROM table-refs
[WHERE conditions]
DELETE FROM table_1,table_2,…
USING table-refs
[WHERE conditions]

उदाहरणार्थ एक पाठ्यक्रम बंद होने की दशा में उस पाठ्यक्रम के सभी विद्यार्थियों के रिकॉर्ड तथा उस पाठ्यक्रम का रिकॉर्ड हटाना हो तो DELETE कथन निम्न होगा।

DELETE STUDENT,COURSE
FROM STUDENT,COURSE
WHERE STUDENT.COURSEID = COURSE.COURSEID AND
COURSE.COURSEID=1;

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प्रश्न 16.
सलेक्ट कथन को सिन्टैक्स सहित समझाइए।
उत्तर-
सलेक्ट कथन (SELECT Statement)-SELECT कथन टेबल से डेटा प्राप्त करने के लिए काम में लिया जाता है। एक टेबल पंक्तियाँ (Rows) और स्तंभ (Column) का संयोजन होता है। जोकि एक स्प्रेडशीट की तरह होते हैं। अधिकांशतः हमें पंक्तियों का समूह या स्तंभों का समूह अथवा इन दोनों का एक संयोजन देखना चाहते हैं। SELECT कथन का प्रतिफल परिणाम समूह (Result Set) कहलाता है।

परिणाम समूह पंक्तियों (rows) की सूची है जिसमें समान संख्या के स्तम्भ (columns) होते हैं।
SELECT कथन का सिंटैक्स निम्न है :
SELECT
column_1,column_2,column_3…
FROM
table_1
[INNER |LEFT/RIGHT] JOIN table_2 ON conditions
WHERE
Conditions
GROUP BY column_1
HAVING group_conditions
ORDER BY column_1

RBSE Class 11 Computer Science Chapter 6 निबंधात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
एंटिटी रिलेशनशिप मॉडल को चित्र सहित समझाइए।
उत्तर-
ऐंटिटी रिलेशनशिप मॉडल (Entity Relationship Model)-ऐंटिटी रिलेशनशिप मॉडल वास्तविक एंटिटी (Real-World Entity) और उनके बीच संबंधों की धारणा पर आधारित है। वास्तविक परिदृश्य को डेटाबेस मॉडल तैयार करते समय, ईआर मॉडल एंटिटी सेट, रिलेशन सेट, सामान्य एट्रिब्यूट और कंस्टेंट्स बनाता है।

ईआर मॉडल संकल्पनात्मक डिजाइन के लिए उपयोग किया जाता है। ईआर मॉडल निम्न पर आधारित है

  1. entities और attributes
  2. entities के मध्य सम्बन्ध (Relationships)
    इन अवधारणाओं के नीचे समझाया है।

Entity – ईआर मॉडल में एंटिटी में वास्तविक दुनिया के गुणों वाली एट्रिब्यूट होती है। हर एट्रिब्यूट में इसकी मानों के समुच्चय (set) को डोमेन द्वारा परिभाषित किया जाता है।
उदाहरण के लिए स्कूल डेटाबेस में छात्र एक एंटिटी के रूप में होता है। छात्र के भिन्न-भिन्न एट्रिब्यूट जैसे नाम, उम्र, वर्ग, आदि होते हैं।
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प्रश्न 2.
रिलेशनशिप से आप क्या समझते हैं? मैपिंग कार्डीनलिटीज कितने प्रकार की होती है?
उत्तर-
रिलेशनशिप (Relationship) एक से अधिक एंटिटी के मध्य तार्किक (Logical) सम्बन्ध रिलेशनशिप कहलाता है। एंटिटी में संबंध विभिन्न तरीकों के साथ मैप की जाती हैं। मैपिंग कार्डीनलिटीज (Mapping Cardinalities) दो एंटिटी के मध्य सम्बन्धों की संख्या बताता है-

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मैपिंग कार्डीनलिटीज (Mapping Cardinalities) निम्न होती है
one to one
one to many
many to one
many to many

Entity A का तत्त्व (element) अधिक से अधिक B Entity के एक तत्त्व से connected हो तथा B की एक entity का तत्त्व अधिक से अधिक A entity के एक तत्त्व से सम्बन्धित हो।।
RBSE Solutions for Class 11 Computer Science Chapter 6 डेटाबेस मैनेजमेन्ट सिस्टम image - 4

A entity के तत्त्व B entity के एक से अधिक तत्त्व से सम्बन्धित हो सकते हैं। परन्तु B entity के तत्त्व अधिक से अधिक A entity के एक ही तत्त्व से सम्बन्धित हो सकते हैं।
RBSE Solutions for Class 11 Computer Science Chapter 6 डेटाबेस मैनेजमेन्ट सिस्टम image - 5

A entity के तत्त्व B entity के एक ही तत्त्व से सम्बन्धित हो सकते हैं। परन्तु B entity का एक तत्त्व एक A entity के एक से अधिक तत्त्व से सम्बन्धित हो सकता है।
RBSE Solutions for Class 11 Computer Science Chapter 6 डेटाबेस मैनेजमेन्ट सिस्टम image - 6

A entity के तत्त्व B entity के एक से अधिक तत्त्व से सम्बन्धित हो सकते हैं और B entity के तत्त्व भी A entity के एक से अधिक तत्त्व से सम्बन्धित हो सकते हैं।
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प्रश्न 3.
रिलेशनल डेटाबेस में प्रयुक्त होने वाली कुंजियों के विषय में विस्तारपूर्वक बताइए।
उत्तर-
कुंजियाँ (Keys)
1. प्राथमिक कुंजी (Primary Key)-
किसी relational table की प्राथमिक कुंजी (Primary Key) टेबल के प्रत्येक रिकॉर्ड को विशिष्ट रूप (Uniquely) से बतलाता (Identify) है।

साधारण प्राथमिक कुंजी (Simple Primary Key) – साधारण प्राथमिक कुंजी केवल एक फील्ड (Field) से मिलकर बना होता है।
साधारण प्राथमिक कुंजी (Primary Key) को निरूपित (Define) करना-

  • साधारण प्राथमिक कुंजी अद्वितीय (Unique) होती है।
  • किसी भी टेबल में केवल एक ही primary key हो सकती है।
  • ये single या multi column हो सकती हैं, multi column साधारण प्राथमिक कुंजी को हम संयोजन प्राथमिक कुंजी composite primary key कहते हैं।
  • संयोजन प्राथमिक कुंजी में अधिकतम 16 columns हो सकते हैं।

2. Foreign Key-
रिलेशनल डेटाबेस टेबल में एक foreign key, स्तम्भों (Columns) का एक समूह होता है जो कि दो tables में डेटा के मध्य सम्बन्ध (Link) उपलब्ध कराता है। कहीं-कहीं पर foreign key को referencing key भी कहा जाता है।

जब किसी एक प्राथमिक कुंजी को किसी दूसरे टेबल में प्राथमिक कुंजी के रूप में प्रयोग करते हैं तो उसे foreign key कहते हैं। foreign key, डेटा में पूर्णता (Integrity) को बनाये रखने (Maintain) के लिए तरीके (Method) उपलब्ध कराता

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3. संयोजन प्राथमिक कुंजी (Composite Primary Key)
जब कोई प्राथमिक कुंजी बहुत सारें attributes से मिलकर बनी होती है तो उसे हम संयोजित प्राथमिक कुंजी कहते हैं। रिलेशनल डेटाबेस टेबल में संयोजन प्राथमिक कुंजी दो या दो अधिक columns का समूह होता है जो कि table में प्रत्येक row को uniquely identify करता है।

4. सुपर की (Super key)
RDBMS में एक सुपर कुंजी स्तम्भों का एक संयोजन (Combination) होता है जो कि रिकॉर्ड को अद्वितीय रूप से (Uniquely) निरूपित करता है।

5. उम्मीदवार कुंजी (Candidate Key)
कैंडिडेट की (Candidate Key) वह कुंजी होती है जो कि एक टेबल में प्राथमिक कुंजी की candidate की तरह कार्य | करती है। candidate key प्राथमिक कुंजी की जरूरतों को पूर्ण करती है।

प्रश्न 4.
MySQL में समुच्चय पर काम आने वाले फलनों (Functions) का विवरण दीजिए।
उत्तर-
अधिकतर समुच्चयपर काम आने वाले फलन (function) का संक्षिप्त विवरण निम्न है
AVG : मान (Value) के एक समुच्चय का औसत मान परिकलित करता है।
उदाहरणार्थ विद्यार्थियों के प्रथम विषय के प्राप्तांकों का औसत प्राप्तांक का मालूम करना है।

SELECT AVG(SUB1) FROM STUDENT

प्रथम श्रेणी विद्यार्थियों के प्रथम विषय के प्राप्तांकों का औसत प्राप्तांक का मालूम करना है।

SELECT AVG(SUB1) FROM STUDENT DIV=”1”

निम्नानुसार DISTINCT ऑपरेटर जोड़कर अलग-अलग प्राप्तांकों को औसत परिकलित करने के लिए औसत फंक्शन का उपयोग कर सकते हैं।

SELECT AVG(DISTINCT SUB1) FROM STUDENT

हम अक्सर औसत फंक्शन को GROUP BY खंड के साथ संयोजन के रूप में किसी तालिका में पंक्तियों के प्रत्येक समूह के लिए औसत मान परिकलित करने के लिए उपयोग में लेते हैं। पाठ्यक्रमानुसार विद्यार्थियों के प्रथम विषय के प्राप्तांकों को औसत प्राप्तांक का मालूम करना है।

SELECT AVG(SUB1) FROM STUDENT GROUP BY COURSE

समूहों के लिए औसत मूल्यों के लिए शर्ते निर्धारित करने के लिए HAVING खंड में AVG फंक्शन का उपयोग कर सकते हैं, पाठ्यक्रमानुसार प्रथम श्रेणी विद्यार्थियों के प्रथम विषय के प्राप्तांकों का औसत प्राप्तांक का मालूम करना है।

SELECT AVG(SUB1) FROM STUDENT GROUP BY COURSE
HAVING AVG(SUB1) >59;

COUNT : किसी तालिका में पंक्तियाँ की संख्या बताता है।
COUNT फंक्शन किसी तालिका में पंक्तियों की संख्या देता है। COUNT फंक्शन किसी तालिका में सभी पंक्तियाँ या किसी विशेष स्थिति से मेल खाने वाली पंक्तियों की गणना करने के कार्य आता है। COUNT फंक्शन का सिंटैक्स निम्नानुसार है।

COUNT फंक्शन BIGINT डेटा टाइप में मान प्रदान करता है, कोई मिलान खाने वाले पंक्ति न पायी जाने पर COUNT फंक्शन शून्य मान देता है।
COUNT फंक्शन कई प्रकार से कार्य करता है:
COUNT (*)
COUNT (*) फंक्शन SELECT द्वारा दिए गए एक परिणाम सेट में पंक्तियों की संख्या देता है।
COUNT (*) फंक्शन no-NULL और NULL मान वाली पंक्तियाँ भी गणना में शामिल करता है।
SELECT COUNT(*)
FROM STUDENTS

गणना करने के लिए कोई शर्त निर्दिष्ट करने के लिए WHERE खंड जोड़ सकते हैं-
SELECT COUNT(*)
FROM STUDENTS
WHERE DIV=’FIRST’;

टेबल में अद्वितीय (Unique) पंक्तियों की गणना करने के लिए DISTINCT ऑपरेटर COUNT फंक्शन में जोड़ते हैं :
COUNT (DISTINCT expression)
SELECT COUNT (DISTINCT COURSEID)
FROM STUDENT;

हम अक्सर COUNT फंक्शन GROUP BY खंड के, संयोजन के रूप में विभिन्न समूहों में डेटा चिह्नित करने के लिए। उपयोग आता है।
SELECT COURSEID, COUNT(*)
FROM STUDENT
GROUP BY COURSEID;

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SUM : माने (Value) के एक समुच्चय के योग का परिकलन करता है।
SUM फंक्शन मानों या अभिव्यक्ति के समुच्चय के योग की गणना करने के लिए काम आता है। SUM फंक्शन का सिंटैक्स निम्नानुसार है

SELECT कथन में SUM फंक्शन का उपयोग में मिलान खाने वाली कोई पंक्तिया नहीं है तब वह शून्य मान प्रदान करेगा, DISTINCT ऑपरेटर समुच्चय में अलग-अलग मानों की गणना कर जोड़ प्रदान करेगा। SUM फंक्शन परिकलन में NULL मानों की उपेक्षा करता है।

SUM(DISTINCT expression)
उदाहरणार्थ यदि विद्यार्थियों द्वारा जमा किये गए शुल्क का जोड़ करना है-
SELECT SUM(FEE) TOTAL FEE
FROM STUDENT;

यदि पाठ्यक्रमानुसार विद्यार्थियों द्वारा जमा किये गए शुल्क को जोड़ करना है
SELECT SUM(FEE) TOTAL FEE
FROM STUDENT
GROUP BY COURSEID;

SUM का उपयोग Having फंक्शन में एक विशिष्ट शर्त के आधार पर परिणाम फिल्टर करने के लिए कर सकते हैं। SUM फंक्शन NULL माने को गणना में नजर अंदाज कर देता है।
MIN : मान (Value) के एक समुच्चय में सबसे कम मान (Value) को ढूंढती है।

MIN फंक्शन मानों के समुच्चय में से न्यूनतम मान देता है। MIN फंक्शन कुछ परिदृश्य में बहुत उपयोगी है जैसे सबसे कम प्राप्तांक निकालना हो, सबसे कम महंगा उत्पाद आदि MIN फंक्शन का सिंटैक्स निम्न है
MIN (expression);
यदि यह ज्ञात करना है कि प्रथम विषय में सबसे कम प्राप्तांक क्या है?
SELECT SNAME, MIN(SUB1)
FROM STUDENT;

MAX: मान (Value). के एक समुच्चय में सबसे अधिक मान (Value) को ढूंढता है।
MAX फंक्शन मानों के समुच्चय में से अधिकतम मान देता है। MAX फंक्शन कुछ परिदृश्य में बहुत उपयोगी है जैसे सबसे अधिकतम प्राप्तांक निकलना हो, सबसे महंगा उत्पाद आदि- MAX फंक्शन का सिंटैक्स निम्न हैं
MAX (expression);

यदि यह ज्ञात करना है कि प्रथम विषय में सबसे ज्यादा प्राप्तांक क्या है?
SELECT SNAME, MAX(SUB1)
FROM STUDENT;

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