RBSE Solutions for Class 11 Economics Chapter 27 राजस्थान के आर्थिक विकास में बाधाएँ एवं निवारण के उपाय

Rajasthan Board RBSE Class 11 Economics Chapter 27 राजस्थान के आर्थिक विकास में बाधाएँ एवं निवारण के उपाय

RBSE Class 11 Economics Chapter 27 पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर  

RBSE Class 11 Economics Chapter 27 बहुचयनात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
राजस्थान में प्रथम पंचवर्षीय योजना प्रारम्भ की गई
(अ) 1950
(ब) 1951
(स) 1981
(द) 1956
उत्तर:
(ब) 1951

प्रश्न 2.
राजस्थान में मरुस्थलीय जिलों की संख्या है.
(अ) 10
(ब) 15
(स) 12
(द) 5
उत्तर:
(स) 12

RBSE Solutions for Class 11 Economics Chapter 27 राजस्थान के आर्थिक विकास में बाधाएँ एवं निवारण के उपाय

प्रश्न 3.
राजस्थान अकाल की चपेट में था
(अ) 1991-92 व 2002-03
(ब) 1991-92 व 2003-04
(स) 1990-91 व 2002-03
(द) 1990-91 व 2000-01
उत्तर:
(अ) 1991-92 व 2002-03

प्रश्न 4.
राजस्थान में साक्षरता का प्रतिशत है
(अ) 67.1
(ब) 67.2
(स) 66.1
(द) 66.2
उत्तर:
(अ) 67.1

प्रश्न 5.
ऊर्जा का गैर-परम्परागत स्रोत हैं
(अ) केवल सौर ऊर्जा
(ब) केवल पवन ऊर्जा
(स) सौर ऊर्जा व पवन ऊर्जा
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ब) केवल पवन ऊर्जा

प्रश्न 6.
ग्रामीण क्षेत्र के विकास में बाधक तत्व है
(अ) बाल-विवाह
(ब) अशिक्षा
(स) लिंगभेद
(द) सभी
उत्तर:
(द) सभी

RBSE Class 11 Economics Chapter 27 अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
राजस्थान में अरावली पर्वतमाला किस ओर स्थित है?
उत्तर:
राजस्थान में अरावली पर्वतमाला दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व की ओर स्थित है।

प्रश्न 2.
अकाल किसे कहते हैं?
उत्तर:
जब मानसून से जल प्राप्त नहीं होता है और फसल भी नहीं होती है तो पशुओं के लिए चारा नहीं होता है उसे अकाल कहते हैं।

RBSE Solutions for Class 11 Economics Chapter 27 राजस्थान के आर्थिक विकास में बाधाएँ एवं निवारण के उपाय

प्रश्न 3.
क्षेत्रीय भिन्नता से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
क्षेत्रीय भिन्नता में कहीं मरुस्थल है तो दूसरी ओर पर्वतमाला, दक्षिण में पठार तो पूर्व में मैदान है। अतः द्वि-भौगोलिक स्थिति के आधार पर भिन्नता है, क्षेत्रीय ‘भिन्नता है।

प्रश्न 4.
शुष्क कृषि का क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
राज्य में वर्षा की कमी तथा सिंचाई साधनों के अभाव में की गई कृषि ही शुष्क कृषि कहलाती है।

प्रश्न 5.
किस प्रकार के उद्योग में पूंजी की आवश्यकता कम होती है?
उत्तर:
कुटीर एवं लघु उद्योग।

प्रश्न 6.
राजस्थान के कौन-से भाग में पठार पाया जाता है?
उत्तर:
राज्य के दक्षिण में पठार स्थित है।

प्रश्न 7.
राजस्थान के कौन-से भाग में मैदानी इलाका है?
उत्तर:
राजस्थान के पूर्वी भाग में मैदानी इलाका।

प्रश्न 8.
राजस्थान के पश्चिमी जिलों में वर्षा का अभाव क्यों रहता है?
उत्तर:
राजस्थान के पश्चिमी भाग में अरावली पर्वतमाला समान्तर होने के कारण वर्षा का अभाव रहता है।

RBSE Class 11 Economics Chapter 27 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
राजस्थान के आर्थिक विकास में भौगोलिक बाधाएँ बताइए।
उत्तर:
राजस्थान के आर्थिक विकास में निम्न भौगोलिक बाधाएँ हैं :

  1. विशाल रेगिस्तान
  2. अरावली पवर्तमाला की स्थिति
  3. मानसून की अनिश्चितता
  4. अकाल एवं सूखा
  5. क्षेत्रीय विषमता
  6. विशाल बंजर भूमि

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प्रश्न 2.
आर्थिक आधारभूत संरचना आर्थिक विकास को कैसे प्रभावित करती है?
उत्तर:
राज्य व मरुस्थलीय पहाड़ी तथा बीहड़ व डांग क्षेत्रों में परिवहन सुविधाओं का अभाव है। सड़क मार्ग की दशा बेहद खराब है तथा रेलवे लाइनों का पूरे राज्य में अभाव है। रेलवे सुविधाओं के क्षेत्र में राज्य अभी भी काफी पिछड़ा है। परिवहन सेवाएं राज्य के आर्थिक विकास की नस होती हैं। किन्तु राज्य के लिए इनका आर्थिक विकास पर प्रभाव पड़ता है।

प्रश्न 3.
राजस्थान में सामाजिक रीति-रिवाज आर्थिक विकास को अवरुद्ध करते हैं, स्पष्ट करें।
उत्तर:
राजस्थान की अधिकांश जनसंख्या गांव में निवास करती है जहाँ आज भी अनेक रूढ़िवादी परम्पराएँ; जैसे-बाल-विवाह, दहेज प्रथा, लिंगभेद, छुआ-छूत तथा जादू टोना अंधविश्वास प्रचलित है। ग्रामीण जनसंख्या में साक्षरता का स्तर भी कम है। जिससे वे इन परम्पराओं से बाहर नहीं निकल पाते हैं। ऐसा समाज राज्य के विकास में बाधक सिद्ध होता है।

प्रश्न 4.
राजस्थान में उद्योगपति निवेश क्यों नहीं करना चाहते?
उत्तर:
राजस्थान उद्योगपतियों तथा औद्योगिक घरानों की जन्मस्थली रहा है किन्तु उन घरानों ने राज्य में निवेश के लिए कोई उत्सुकता नहीं दिखाई है। राज्य न तो इन घरानों को और न ही विदेशी निवेशकों को आकर्षित कर पाया है। राजस्थान की भौगोलिक स्थिति तथा ऊर्जा की कमी को देखते हुए निवेशक राज्य में निवेश नहीं करना चाहते हैं। जिससे यहाँ औद्योगिक विकास सार्वजनिक क्षेत्र पर निर्भर है। यही कारण है कि राज्य औद्योगिक दृष्टि से पिछड़ा है।

प्रश्न 5.
राज्य के पश्चिमी जिलों में वर्षा का अभाव कम क्यों रहता है?
उत्तर:
राज्य के पश्चिमी जिलों में स्थित अरावली पर्वतमाला मानसून के समान्तर पड़ जाती है अर्थात् मानसून को रोक नहीं पाती है और मानसून आगे निकल जाते हैं। इससे इन जिलों में वर्षा का अभाव रहता है। राज्य के इन जिलों में राज्य के कुल भू-भाग का लगभग 61% भाग मरुस्थलीय है, जो विशाल रेत राशि से घिरा है।

RBSE Class 11 Economics Chapter 27 निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
राजस्थान के आर्थिक विकास में आने वाली बाधाओं का वर्णन करो।
उत्तर:
राजस्थान के आर्थिक विकास के उच्च स्तर पर पहुँचने के मार्ग में अनेक बाधाएँ मौजूद हैं जो निम्नलिखित
(A) प्राकृतिक एवं भौगोलिक बाधाएँ :

  • विशाल रेगिस्तान :
    पश्चिम का विशाल रेगिस्तान राजस्थान के पश्चिमी भाग में राज्य के कुल भू-भाग का 61% भाग
    मरुस्थलीय है। जो विशाल रेत के धोरों से घिरा है। मरुस्थल के कारण यहाँ कृषि क्रियाएँ, उद्योग आदि सभी के विकास में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
  • अरावली पर्वतमाला की स्थिति :
    अरावली पर्वतमाला राज्य के दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व की ओर स्थित है। जो राज्य को दो भागों में बाँटती है। अरावली की स्थिति के कारण राज्य के पूर्वी जिलों में वर्षा का स्तर ऊँचा रहता है। किन्तु पश्चिमी जिले वृष्टि छाया प्रदेश की श्रेणी में आने के कारण सूखे रह जाते हैं। इन जिलों में वर्षा का स्तर कम रहता है।
  • मानसून पर निर्भरता :
    राज्य में वर्ष भर रहने वाली नदी के नाम पर केवल चम्बल नदी है। यहां कृषि कार्य तथा अनेक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए जलापूर्ति हेतू मानसून पर निर्भर रहना पड़ता है।
  • अकाल एवं सूखा :
    राज्य ने अकाल की विभीषिका को कई बार झेला है। 1991-92 और 2002-03 में तो सम्पूर्ण राज्य अकाल की चपेट में था। ऐसी स्थिति में राज्य को विकास की ओर लगाए जाने वाले संसाधनों को अकाल निवारण तथा उसके प्रभावों से जनसामान्य को बचाने में लगाना पड़ता है।
  • क्षेत्रीय विषमता :
    राजस्थान अपने अन्दर अनेक भिन्नता लिए हुए है। जहाँ एक ओर मरुस्थल तो दूसरी ओर पर्वतमाला
    दक्षिण में पठार तो पूर्व में मैदान, इन सब भिन्नताओं के कारण राज्य एकजुट होकर विकास नहीं कर पाया है।

(B) आर्थिक बाधाएँ :

  • सिंचाई साधनों का अभाव :
    राजस्थान जलाभाव की स्थिति वाला राज्य है। मरुस्थलीय जिलों में तो सदैव पेयजल संकट बना रहता है। ऐसी स्थिति में यहाँ कृषि, पशुपालन तथा औद्योगिक विकास को सुदृढ़कर पाना अत्यन्त कठिन है।
  • कृषि सहायक क्रियाओं का अभाव :
    राज्य की अधिकांश जनसंख्या कृषि कार्य में संलग्न है जो स्वयं मानसून पर निर्भर है। सिंचाई सुविधाओं के अभाव तथा वर्षा की कमी के कारण कृषिगत उत्पादन काफी नीचा है। किन्तु फिर भी किसानों के पास आय के अन्य वैकल्पिक साधन; जैसे-पशुपालन, मुर्गीपालन, कुटीर उद्योग आदि का अभाव है।
  • तकनीक का अभाव :
    राजस्थान खनिजों का अजायबघर कहलाता है किन्तु उचित तकनीक के अभाव में हम इन खनिजों का विदोहन तथा समुचित उपयोग नहीं कर पाते हैं।
  • ऊर्जा की कमी :
    इसकी कमी के पीछे मुख्य कारण उच्च कोटि के कोयले की अनुपयुक्तता तथा जल परियोजना का अभाव है। तापीय विद्युत उत्पादन के लिए उच्च कोटि का कोयला अन्य राज्यों से मंगवाना पड़ता है तथा जल विद्युत के लिए अन्य राज्यों से समझौता करना पड़ता है।
  • निवेश का अभाव :
    यहाँ की भौगोलिक स्थिति तथा ऊर्जा की कमी को देखते हुए निवेशक राज्य में निवेश नहीं कर पाते हैं।

(C) सामाजिक बाधाएँ  :

  • जनसंख्या वृद्धि :
    राजस्थान की बढ़ती जनसंख्या भी आर्थिक विकास में बाधक सिद्ध हो रही है। राज्य की दशकीय वृद्धि दर भारत के कुल दशकीय वृद्धि दर से बहुत ऊँची है। बढ़ती हुई जनसंख्या के लिए संसाधन उपलब्ध करवा पाना बेहद कठिन होता है।
  • शिक्षा व साक्षरता का स्तर :
    2011 की जनगणना में राज्य का साक्षरता स्तर 67.1% था जो किसी राज्य के विकास के लिए शुभ संकेत नहीं है राज्य की महिला साक्षरता दर तो मात्र 5271% थी।
  • रूढ़िवादी सामाजिक संरचना :
    राजस्थान की अधिकांश जनसंख्या गाँव में निवास करती है जहाँ आज भी अनेक रूढ़िवादी परम्पराएँ; जैसे-बाल-विवाह, दहेज प्रथा, लिंगभेद, छुआछूत तथा जादू-टोना अंधविश्वास प्रचलित हैं।

RBSE Solutions for Class 11 Economics Chapter 27 राजस्थान के आर्थिक विकास में बाधाएँ एवं निवारण के उपाय

प्रश्न 2.
राजस्थान के आर्थिक विकास में आने वाली बाधाओं को दूर करने के उपाय बताओ।
उत्तर :
राजस्थान के आर्थिक विकास में संयुक्त क्षेत्र का विकास करना चाहिए जिससे अनियंत्रित पूँजीवाद की शोषण प्रवृत्ति एवं सार्वजनिक क्षेत्र की अकर्मण्यता व अकार्यकुशलता के बीच अधिक व्यावहारिक मार्ग निकाला जा सके। :

  • शुष्क खेती को बढ़ावा :
    राज्य में वर्षा की कमी तथा सिंचाई साधनों के अभाव को देखते हुए यहां कम पानी की आवश्यकता वाली फसलों के उत्पादन को बढ़ावा दिया जाए साथ ही बूंद-सिंचाई तथा फव्वारा सिस्टम को विस्तृत क्षेत्र में प्रचारित किया जाये।
  • कृषि सहायक क्रियाओं का विकास :
    राज्य में किसानों की दशा सुधारने के लिए उन्हें खेती के साथ-साथ पशुपालन, मुर्गीपालन, मधुमक्खीपालन तथा छोटे-छोटे कुटीर उद्योगों की स्थापना के लिए प्रेरित किया जाना तथा वित्तीय सहायता भी प्रदान की जाए जिससे किसानों की आर्थिक दशा में सुधारने तथा कृषि कार्य पर निर्भरता कम होगी। राज्य के सकल घरेलू उत्पाद को बढ़ावा मिलेगा।
  • वृक्षारोपण :
    राज्य में बढ़ते मरुस्थलीय प्रसार को रोकने के लिए मरुस्थलीय क्षेत्रों में सघन वृक्षारोपण किया जाये। उस क्षेत्र में ऐसे वृक्षों को रोपित किया जाए जो वहाँ की मृदा एवं परिस्थितियों के अनुकुल हो।
  • लघु एवं कुटीर :
    उद्योगों को अधिक विकसित किया जाए क्योंकि राज्य में वृहद उद्योगों की स्थापना के लिए पूँजी का अभाव है। इनकी स्थापना से एक तो लोगों को रोजगार प्राप्त होगा दूसरा राज्य की आर्थिक दशा में सुधार होगा।
  • सूखा एवं अकाल प्रबन्धन :
    राज्य में मानूसन की निर्भरता को कम करने के लिए वर्षा जल को संग्रहित किया जाए। कुएँ, बाबड़ियों, तालाबों तथा जोहड़ों का निर्माण तथा उनके पुनर्भरण की समुचित व्यवस्था की जाए।
  • ऊर्जा के गैर परम्परागत संसाधनों का विकास :
    राजस्थान में सौर ऊर्जा व पवन ऊर्जा जैसे गैर परम्परागत संसाधनों के विकास की प्रचुर संभावनाएँ हैं। अत: इन संसाधनों का अधिक से अधिक विकास एवं उपयोग करके ऊर्जा संकट से उभारा जा सकता है।
  • निवेशकों को आकर्षित करना :
    राज्य सरकार देशी तथा विदेशी निवेशकों को सुविधाएँ प्रदान करके राज्य में निवेश हेतु आकर्षित करने का प्रयास करें जिससे राज्य का औद्योगिक विकास संभव हो।
  • पर्यटन क्षेत्रों का विकास :
    राजस्थान पर्यटकों के आर्कषण का केन्द्र है। राज्य में पर्याप्त मात्रा में देशी व विदेशी पर्यटक प्रतिवर्ष आते हैं। अतः राज्य के पर्यटन में वृद्धि करने के लिए पर्याप्त प्रयत्न करने चाहिए।
  • आधारभूत संरचना का विकास :
    राज्य सरकार द्वारा राज्य में शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन, संचार, बैंकिंग, सिंचाई तथा ऊर्जा जैसी आधरभूत संरचनाओं को विकसित किया जाना चाहिए जिससे कृषिगत तथा औद्योगिक विकास को मजबूती मिली।
  • जनसंख्या नियंत्रण :
    जनसंख्या वृद्धि दर को नियन्त्रित तथा साक्षरता दर को बढ़ाने के प्रयास किया जाए। जनसंख्या पर प्रभावी नियन्त्रण के लिए महिलाओं की आर्थिक स्वतन्त्रता परिवार नियोजन, परिवार कल्याण जैसे कार्यक्रमों को बढ़ावा देना चाहिए।

प्रश्न 3.
राजस्थान के आर्थिक विकास में बाधाएँ एवं निवारण पर आप अपना मौलिक लेख लिखो।
उत्तर:
राजस्थान एक विकासशील राज्य है जो विकास के पथ अग्रसर है। राजस्थान में आर्थिक विकास को गति प्रदान करने के लिए 1951 से प्रथम पंचवर्षीय योजना के रूप में योजनाबद्ध विकास प्रक्रिया को अपनाया गया है। राजस्थान के आर्थिक विकास में मुख्य समस्या यहाँ पानी का अभाव है। जिसके कारण पश्चिम राजस्थान से रेगिस्तान आगे बढ़ रहा है। जिससे राजस्थान का 61% भू-भाग आता है। जो किसी कार्य में नहीं ली जा सकती है। राजस्थान को अरावली पर्वतमाला द्वारा दो भागों में बाँटने से एक भाग में वर्षा अच्छी हो जाती है तो दूसरे भाग में अरावली के समान्तर होने के कारण वर्षा नहीं हो पाती है। राज्य में वर्षभर बहने वाली नदी कोई नहीं है।

राज्य कृषि कार्य के लिए मानसून पर निर्भर रहता है। यदि किसी वर्ष मानसून कमजोर रहता है तो पीने के पानी के लिए भी काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। राजस्थान में एक ओर मरुस्थल है तो दूसरी ओर पर्वतमाला दक्षिण में पठार हैं तो पूर्व में मैदान इन सब भिन्नताओं के कारण राज्य एक जुट होकर . विकास नहीं कर पाया है।

राजस्थान में सिंचाई सुविधाओं के अभाव के कारण कृषि के साथ ही सहायक क्रियाओं का भी अभाव होता है। राज्य के शुष्क प्रदेश में सिंचाई की सम्भावनाएँ सीमित होने से उपलब्ध नमी के संरक्षण व कुशल उपयोग पर अधिक बल देने की आवश्यकता है। फसलों का प्रारूप ऐसा हो जो नमी के अनुकूल हो, इससे फसलों के उत्पादन को बढ़ाने में मदद मिलेगी। राज्य के आर्थिक विकास में संयुक्त क्षेत्र का विकास करना चाहिए जिससे अनियंत्रित पूँजीवाद की शोषण प्रवृत्ति एवं सार्वजनिक क्षेत्र की अकर्मण्यता व अकार्य कुशलता के बीच अधिक व्यावहारिक मार्ग निकाला जा सके।

राज्य में औद्योगिक व खनिज विकास के भावी संभावनाओं का पता लगाने के लिए अधिक सर्वेक्षण अधिक मात्रा में किया जाना चाहिए। खनिजों का समुचित तथा विवेकपूर्ण विदोहन किया जाए। वित्तीय संसाधनों के अपव्यय को रोकने एवं रोजगार को बढ़ाने की दृष्टि से वित्तीय प्रबन्ध पर ध्यान देने की आवश्यकता है। इसके लिए विश्लेषकों एवं विशेषज्ञतों की सक्षम टीम बनाकर सम्पूर्ण नियोजन तन्त्र को अधिक व्यापक बनाया जा सकता है।

राज्य का आर्थिक विकास आधारित संरचनाओं के साथ-साथ शिक्षा, स्वास्थ्य एवं सामाजिक संरचना के मजबूत होने से होता है।

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RBSE Class 11 Economics Chapter 27 अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

RBSE Class 11 Economics Chapter 27 बहुचयनात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
राजस्थान के आर्थिक विकास के लिए प्रथम पंचवर्षीय योजना को कब अपनाया गया?
(अ) 1951
(ब) 1952
(स) 1956
(द) 1960
उत्तर:
(अ) 1951

प्रश्न 2.
आधुनिक तकनीक का अभाव किस प्रकार की बाधा है?
(अ) प्राकृतिक
(ब) आर्थिक
(स) सामाजिक
(द) कोई नहीं
उत्तर:
(ब) आर्थिक

प्रश्न 3.
विशाल रेगिस्तान किस प्रकार की बाधा है?
(अ) आर्थिक
(ब) प्राकृतिक
(स) सामाजिक
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ब) प्राकृतिक

प्रश्न 4.
तीव्र जनसंख्या वृद्धि किस प्रकार की बाधा है?
(अ) सामाजिक
(ब) आर्थिक
(स) प्राकृतिक
(द) कोई नहीं
उत्तर:
(अ) सामाजिक

प्रश्न 5.
राजस्थान के कुल भू-भाग का कितने प्रतिशत रेगिस्तान है?
(अ) 61%
(ब) 65%
(स) 70%
उत्तर:
(अ) 61%

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RBSE Class 11 Economics Chapter 27 अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
राजस्थान के आर्थिक विकास में कितनी बाधाएँ हैं?
उत्तर:
तीन।

प्रश्न 2.
भौगोलिक बाधा का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
विशाल रेगिस्ताना

प्रश्न 3.
क्षेत्रीय विषमता किस प्रकार की बाधा है?
उत्तर:
भौगोलिक बाधा।

प्रश्न 4.
आर्थिक बाधाओं का एक उदाहरण है?
उत्तर:
ऊर्जा की कमी।

प्रश्न 5.
कृषि सहायक क्रियाओं का अभाव किस प्रकार की बाधा है?
उत्तर:
आर्थिक बाधा।

प्रश्न 6.
राजस्थान के कितने प्रतिशत भू-भाग पर रेगिस्तान है?
उत्तर:
61%

प्रश्न 7.
राजस्थान में मरुस्थल के अन्तर्गत कितने जिले आते हैं?
उत्तर:
12

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प्रश्न 8.
राजस्थान ने सर्वप्रथम अकाल का सामना कब किया।
उत्तर:
1991-92 में।

प्रश्न 9.
राज्य में महिला साक्षरता अनुपात क्या है?
उत्तर:
52.7%

प्रश्न 10.
आर्थिक विकास में बाधाओं को दूर करने का एक उपाय बताओ।
उत्तर:
कृषि सहायक क्रियाओं का विकास।

प्रश्न 11.
राजस्थान में आर्थिक विकास को गति प्रदान करने के लिए प्रथम पंचवर्षीय योजना कब लागू की गई?
उत्तर:
1951 में लागू की गई।

प्रश्न 12.
प्राकृतिक बाधाओं के कोई दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर:

  1. अरावली पर्वतमाला की स्थिति,
  2. मानसून की अनिश्चितता।

प्रश्न 13.
आर्थिक बाधाओं के कोई दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर:

  1. कृषि सहायक क्रियाओं का अभाव,
  2. केन्द्र सरकारों की पक्षपातपूर्ण नीति।

प्रश्न 14.
सामाजिक बाधाएँ कौन-सी है?
उत्तर:

  1. तीव्र जनसंख्या वृद्धि,
  2. रूढ़िवादी सामाजिक संरचना।

प्रश्न 15.
राज्य में वर्षभर बहने वाली नदी का नाम बताइये।
उत्तर:
चम्बल।

प्रश्न 16.
राजस्थान की कृषि किस पर निर्भर रहती
उत्तर:
मानसून पर।

प्रश्न 17.
अरावली की स्थिति के कारण राज्य के पूर्वी जिलों में वर्षा का स्तर कैसा रहता है?
उत्तर:
वर्षा का स्तर ऊंचा रहता है।

RBSE Solutions for Class 11 Economics Chapter 27 राजस्थान के आर्थिक विकास में बाधाएँ एवं निवारण के उपाय

प्रश्न 18.
राजस्थान के पश्चिमी जिले सूखे क्यों रह जाते हैं?
उत्तर:
वृष्टि छाया प्रदेश की श्रेणी में आने के कारण।

प्रश्न 19.
कृषि सहायक क्रियाओं के नाम लिखिए।
उत्तर:
मुर्गीपालन, पशु पालन, कुटीर उद्योग।

प्रश्न 20.
आर्थिक विकास की बाधाओं को दूर करने के दो उपाय बताइए।
उत्सर:

  1. कृषि सहायक क्रियाओं का अभाव
  2. मरुस्थल के प्रसार को रोकना।

RBSE Class 11 Economics Chapter 27 लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
राजस्थान में मानसून की निर्भरता को समझाइए।
उत्तर:
राज्य में वर्षभर बहने वाली नदी के नाम पर केवल चम्बल नदी है। यहां कृषि कार्य तथा अनेक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए जलापूर्ति हेतु मानसून पर निर्भर रहना पड़ता है। यदि किसी वर्ष मानसून ने अनदेखी कर दी हो तो पीने के पानी के लिए भी काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। विशाल क्षेत्र में फसलें बर्बाद हो जाती हैं। कृषि के साथ राज्य की भी कमर टूट जाती है।

प्रश्न 2.
राजस्थान में क्षेत्रीय विषमताओं को समझाइए।
उत्तर:
राजस्थान अपने अन्दर अनेक भिन्नता लिए हुए है। जहाँ एक ओर मरुस्थल तो दूसरी ओर पर्वतमाला दक्षिण में पठार तो पूर्व में मैदान इन सब भिन्नताओं के कारण राज्य एक जुट होकर विकास नहीं कर पाया। राज्य को क्षेत्रीय भिन्नताओं के अनुसार अलग-अलग योजनाएं तथा नीतियों का निर्धारण करना पड़ता है।

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प्रश्न 3.
राज्य की कृषि सहायक क्रियाओं के अभाव को समझाइए।
उत्तर:
राज्य की अधिकांश जनसंख्या कृषि कार्यों में संलग्न है जो स्वयं मानसून पर निर्भर है। सिंचाई सुविधाओं के अभाव तथा वर्षा की कमी के कारण कृषिगत स्तर काफी नीचा है। किन्तु फिर भी किसानों के पास आय के अन्य वैकल्पिक साधन; जैसे-पशुपालन, मुर्गीपालन कुटीर उद्योग आदि का अभाव है। जिससे किसानों की दशा अत्यन्त दयनीय है। क्योंकि कृषि उत्पादन से वे अपना गुजारा बेहद कठिनाई पूर्वक कर पाते हैं।

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