RBSE Solutions for Class 11 Home Science Chapter 25 समय व शक्ति का प्रबन्धन

Rajasthan Board RBSE Class 11 Home Science Chapter 25 समय व शक्ति का प्रबन्धन

RBSE Class 11 Home Science Chapter 25 पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
निम्न प्रश्नों के सही उत्तर चुनें –
(i) शक्ति के साथ प्रबंध किया जाने वाला दूसरा साधन है।
(अ) धन
(ब) उपकरण
(स) समय
(द) बुद्धि
उत्तर:
(स) समय।

(ii) समय योजना बनाते समय सदैव ध्यान रखना चाहिए।
(अ) कार्यों की प्राथमिकता
(ब) सदस्यों की रूचि, ज्ञान, आदतें
(स) योजना का लचीलापन
(द) उपरोक्त सभी
उत्तर:
(द) उपरोक्त सभी।

(iii) मानसिक थकान के कारण –
(अ) सिर में दर्द होने लगता है
(ब) शारीरिक ऊर्जा कम होने लगती है
(स) कार्य के प्रति नीरसता व अरुचि होने लगती है
(द) उपरोक्त सभी
उत्तर:
(द) उपरोक्त सभी।

(iv) शारीरिक थकान के मुख्य कारण –
(अ) कार्बन डाइऑक्साइड
(ब) ग्लूकोज
(स) जल
(द) लैक्टिक अम्ल
उत्तर:
(द) लैक्टिक अम्ल।

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प्रश्न 2.
निम्न पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखें –
1.  शारीरिक थकान
2. विश्राम काल
उत्तर:
1. शारीरिक थकान:
लगातार कार्य करने से शारीरिक शक्ति का ह्रास हो जाता है, जिसके परिणामस्वरूप शरीर में कार्य करने की क्षमता में कमी आ जाती है। क्योंकि कार्य करते समय ऊर्जा उत्पन्न करता है। यदि शरीर में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन होती है तो ग्लूकोज पूर्णतया ऑक्सीकृत हो जाता है और थकान महसूस नहीं होती है। परंतु जब शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा पर्याप्त नहीं होती तब यह पूर्णतया ऑक्सीकृत नहीं हो पाता है और लैक्टिक अम्ल बनता है। यह लैक्टिक अम्ल माँसपेशियों में जमा हो जाता है जिससे थकान उत्पन्न होती है। इसे ही शारीरिक थकान कहते हैं।

2. विश्राम काल:
श्रम के पश्चात थकान होने पर यदि विश्राम कर लिया जाए तो शरीर में ऑक्सीजन की पूर्ति हो जाती है और ऑक्सीकरण की प्रक्रिया पूर्ण हो जाती है अर्थात् लैक्टिक अम्ल का परिवर्तन CO., व जल में हो जाता है जो शरीर से बाहर उत्सर्जित हो जाता है और शरीर पुनः कार्य करने की क्षमता प्राप्त कर लेता है।

प्रश्न 3.
थकान क्या है? यह कितने प्रकार की होती है?
उत्तर:
थकान (Fatigue):
किसी भी प्रकार के कार्य को करने के पश्चात् व्यक्ति को थकान महसूस होती है। थकान वह स्थिति है, जब शारीरिक व मानसिक शक्ति कम हो जाती है तथा अंत में ऐसी अवस्था आ जाती है कि व्यक्ति बिल्कुल भी कार्य नहीं कर सकता है।

थकान दो प्रकार की होती हैं –

  • शारीरिक थकान
  • मानसिक थकान

प्रश्न 4.
समय प्रबन्धन के मुख्य चरणों को समझाइए।
उत्तर:
समय प्रबन्धन के चरण-समय प्रबन्धन के मुख्य चरण निम्न प्रकार हैं –
1. समय का आयोजन:

  • योजना ऐसी होनी चाहिए कि समय व श्रम दोनों की बचत हो।
  • गृहिणी के कार्य, विश्राम और मनोरंजन में संतुलन बनाकर ही कार्य की योजना बनानी चाहिए।
  • कुछ कार्य प्रतिदिन, कुछ कार्य प्रति सप्ताह, कुछ कार्य माह या वार्षिक रूप से किए जाते हैं। अत: कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर सम्पन्न करना चाहिए। कुछ कार्य ऐसे होते हैं। जिन्हें विशिष्ट समय पर पूरा करना होता है; जैसे-स्कूल ऑफिस का समय, भोजन का समय आदि। इन कार्यों को समय पर सम्पन्न न करने पर अन्य कार्य प्रभावित होते हैं।
  • समय योजना बनाते समय परिवार के सदस्यों की रुचि, आवश्यकताएँ, कार्य करने की आदत और अवकाश के समय के अनुसार बनानी चाहिए।
  • दो – तीन कार्यों को एक साथ करने की योजना बनानी चाहिए।
  • प्रत्येक कार्य को करने में अनुमानित समय का निर्धारण कर लेना चाहिए। जैसे-आपको घर से ऑफिस या स्कूल जाने में आधा घंटा लगता है तो समय योजना में कम समय न लगाएँ अन्यथा योजना वास्तविक नहीं होगी।
  • योजना परिवर्तनशील एवं वास्तविक होनी चाहिए।
  • योजना में हर प्रकार के कार्य शामिल होने चाहिए; जैसे – मौसमी, वार्षिक, व्यक्तिगत आदि।
  • समय आयोजन करने से कई बार कार्य समय से ही पूर्व सम्पन्न हो जाते हैं, अत: इस बचे हुए समय में एक कुशल गृहिणी घर के अन्य छोटे-मोटे काम, टी.वी. देखना, पत्रिका पढ़ना आदि कर सकती हैं।

2. समय योजना का नियंत्रण:
योजना की सफलता उसके क्रियान्वयन पर निर्भर करती है। योजना बनाते समय अनुमानित समस्याओं का हल पहले ही सोच लेना चाहिए, ताकि दैनिक कार्यों में कोई कठिनाई न आए। फिर भी कठिनाई महसूस हो तो तुरन्त नये निर्णय लेकर समय पर कार्य करने का प्रयास करना चाहिए।

यदि समय की कमी लगे तो –

  • प्राथमिकता के आधार पर कार्य सम्पन्न करना चाहिए।
  • कार्य करने की गति बढ़ा देनी चाहिए।
  • खाली समय का भी सदुपयोग करना चाहिए।
  • घर के अन्य सदस्यों की सहायता से भी कार्य करवा सकते हैं।

3. समय योजना का मूल्यांकन:
योजना की सफलता के लिए नियंत्रण आवश्यक होता है किन्तु, कार्य समाप्ति पर योजना का मूल्यांकन आवश्यक होता है। मूल्यांकन में हम देखते हैं कि योजनानुसार कार्य हुआ है या नहीं, योजना कितनी व्यावहारिक रही, योजना जिस उद्देश्य से की गई थी वह पूर्ण हुई या नहीं, योजना में क्या कमी रही आदि। इस प्रकार सकल योजना वही होती है जिसमें उपलब्ध साधनों का उचित प्रयोग कर व्यक्तिगत व पारिवारिक लक्ष्य प्राप्त हो सके।

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प्रश्न 5.
कार्यों के भारीपन के आधार पर व्यय होने वाली शक्ति को क्वार्ट्स ने किस प्रकार बताया है?
उत्तर:
गृह प्रबन्ध प्रक्रिया (House management process):
क्वार्टज ने कार्यों में भारीपन के आधार पर व्यय होने वाली शक्ति को निम्न प्रकार बताया है –
RBSE Solutions for Class 11 Home Science Chapter 25 समय व शक्ति का प्रबन्धन-1

प्रश्न 6.
थकान दूर करने के उपायों पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
थकान दूर करने के उपाय –
1. शारीरिक थकान दूर करने के लिए कार्य के बीच-बीच में विश्राम काल अति आवश्यक है। विश्राम कर लेने से कार्य करने की शक्ति एवं उत्साह पुन: उत्पन्न हो जाता है।

2. मानसिक थकान निम्न प्रकार से दूर की जा सकती है –

  • कार्य के प्रति रुचि पैदा करके।
  • किसी कार्य के सरल लक्ष्य लेकर चलना।
  • कार्य करने हेतु प्रोत्साहन देकर।
  • कार्य में कुशल होना।
  • कार्य करते वक्त उचित शारीरिक स्थिति होना।
  • कार्य स्थल के वातावरण को खुशनुमा बनाकर।
  • दैनिक कार्य में से कुछ विश्राम हेतु निकाल कर।

RBSE Class 11 Home Science Chapter 25 अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

RBSE Class 11 Home Science Chapter 25 बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
समय एक अमूल्य साधन होने के साथ ही एक और विशेषता भी रखता है –
(अ) खूबसूरत है
(ब) नश्वर है
(स) बाँटा जा सकता है
(द) सीमित है
उत्तर:
(द) सीमित है

प्रश्न 2.
समय योजना होनी चाहिए –
(अ) परिवर्तनशील
(ब) व्यावहारिक
(स) वास्तविक
(द) ये सभी
उत्तर:
(द) ये सभी

प्रश्न 3.
समय का कुशल प्रबन्धन होने से –
(अ) कार्य क्षमता बढ़ती है
(ब) कार्य समय पर पूर्ण होता है
(स) अधिक संतुष्टि प्राप्त होती है
(द) ये सभी
उत्तर:
(द) ये सभी

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प्रश्न 4.
अत्यधिक भारी कार्य में व्यय ऊर्जा का प्रतिशत है –
(अ) 150 से 200
(ब) 100 से 150
(स) 50 से 200
(द) 300 से अधिक
उत्तर:
(द) 300 से अधिक

प्रश्न 5.
थकान कितने प्रकार की होती है?
(अ) दो
(ब) तीन
(स) चार
(द) पाँच
उत्तर:
(अ) दो

रिक्त स्थान
निम्नलिखित वाक्यों में खाली स्थान भरिए –
1. ……… मानव जीवन का अनमोल खजाना है।
2. दैनिक जीवन में समय को ……… एवं ……… में विभाजित किया गया है।
3. दैनिक कार्यों में ……… कार्यों को छोड़कर अन्य कार्यों को स्थगित किया जा सकता है।
4. ……… कार्य करने पर ऊर्जा व्यय होती है।
5. ……… वह स्थिति है जब शारीरिक व मानसिक शक्ति कम हो जाती है।
उत्तर:
1. समय
2. कार्य, विश्राम, मनोरंजन
3. आवश्यक
4. शारीरिक
5. थकान।

सुमेलन
स्तम्भ A तथा स्तम्भ B का मिलान कीजिए
स्तम्भA                                              स्तम्भ B
1. लैक्टिक अम्ल                             (a) समय योजना
2. असंतोष                                    (b) थकान
3. ऑक्सीकरण                              (c) मानसिक थकान
4. समय प्रबन्धन                             (d) शारीरिक आराम
5. विश्राम                                      (e) ग्लूकोज
उत्तर:
1. (b) थकान
2. (c) मानसिक थकान
3. (e) ग्लूकोज
4. (a) समय योजना
5. (d) शारीरिक आराम

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RBSE Class 11 Home Science Chapter 25 अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
समय प्रबंधन से आपका क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
समय प्रबंधन से तात्पर्य है कि समय को इस प्रकार व्यवस्थित करना कि हमारे परिवारिक एवं व्यक्तिगत उद्देश्यों की अधिकतम प्राप्ति हो सके।

प्रश्न 2.
समय को कितने भागों में विभाजित किया गया है?
उत्तर:
दैनिक जीवन में समय को तीन भागों में विभाजित किया गया है –

  • कार्य
  • विश्राम और
  • मनोरंजन।

प्रश्न 3.
समय व्यवस्था का मानव जीवन में क्या उददेश्य है?
उत्तर:
समय व्यवस्था का वास्तविक उद्देश्य समय का इस प्रकार उपयोग करना है जिससे व्यक्तिगत एवं पारिवारिक लक्ष्यों को अधिक मात्रा में प्राप्त किया जा सके।

प्रश्न 4.
समय प्रबंधन के चरणों के नाम लिखिए।
उत्तर:
समय प्रबंधन के चरण –

  • समय का आयोजन,
  • समय योजना का नियंत्रण तथा समय योजना का मूल्यांकन।

प्रश्न 5.
मनुष्य को अपने निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए किन दो साधनों का विवेकपूर्ण तरीके से सदुपयोग करना चाहिए?
उत्तर:
ये दो साधन हैं – समय एवं शक्ति।

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प्रश्न 6.
समय योजना किस प्रकार की होनी चाहिए?
उत्तर:
समय योजना परिवर्तनशील एवं व्यावहारिक होनी चाहिए।

प्रश्न 7.
शक्ति से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
शक्ति हमारे शरीर की कार्य करने की क्षमता होती है।

प्रश्न 8.
शक्ति के व्यवस्थापन का क्या अर्थ है?
उत्तर:
शक्ति के व्यवस्थापन का अर्थ है कि कार्यों को सुविधाजनक तरीके से करना ताकि थकान अनुभव न हो।

प्रश्न 9.
थकान के प्रकार बताइए।
उत्तर:
थकान दो प्रकार की होती है – शारीरिक थकान तथा मानसिक थकान।

प्रश्न 10.
मूल्यांकन किस पर आधारित होता है?
उत्तर:
मूल्यांकन कार्य की सफलता एवं असफलता पर आधारित होता है।

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RBSE Class 11 Home Science Chapter 25 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
समय प्रबंधन की आवश्यकता को समझाइए।
उत्तर:
समय प्रबंधन की आवश्यकता अपने जीवन को सफल, सार्थक व सुखमय बनाने के लिए समय का सुदपयोग करना चाहिए। इसके लिए दिन के 24 घंटों को तीन बराबर भागों में बाँट लेना चाहिए जिसमें 8 घंटे कार्य हेतु 8 घंटे विश्राम व निद्रा हेतु तथा शेष 8 घंटे अपने व्यक्तिगत जीवन के लिए, जिसमें मनोरंजन शामिल है, होने चाहिए।

इन तीनों क्रियाओं के सुचारु रूप से चलने हेतु समय का प्रबंधन अतिआवश्यक है। समय का कुशल प्रबन्ध होने से व्यक्ति में कार्य को पूर्ण करने की क्षमता एवं अधिकतम संतुष्टि प्राप्त होती है। जबकि अव्यवस्थित कार्य प्रणाली से चिंता एवं तनाव उत्पन्न होता है जो व्यक्ति अपना कार्य समय पर समाप्त कर लेता है उसे विश्राम का समय भी मिल जाता है और वह हमेशा प्रसन्न व स्वस्थ दिखाई देता है।

प्रश्न 2.
मानसिक थकान को समझाइए।
उत्तर:
मानसिक थकान:
जब किसी व्यक्ति को कोई कार्य लगातार करना पड़ता है तो उसकी रुचि कम हो जाती है और उस कार्य के प्रति आकर्षण नहीं रहता है, नीरसता अनुभव होने लगती है, यह स्थिति मानसिक थकान कहलाती है। इस थकान से असंतोष, उदासीनता, अवसाद व कार्य से छुटकारा पाने की इच्छा होना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। मानसिक थकान तब होती है जब वातावरण सही न हो, लक्ष्यों की प्राप्ति न हो, जब किसी कार्य को करने की सफल क्रियाविधि न आती हो तब व्यक्ति को खीझ या चिड़चिड़ाहट होने लगती है।

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RBSE Class 11 Home Science Chapter 25 निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
शक्ति क्या है? उदाहरण सहित शक्ति व्यवस्थापन की गणना समझाइए।
उत्तर:
शक्ति:
हम जो भी कार्य करते हैं उसमें शक्ति की आवश्यकता होती है, शक्ति हमारे कार्य करने की क्षमता होती है। प्रत्येक व्यक्ति के कार्य करने की क्षमता भिन्न होती है। कोई व्यक्ति किसी भी कार्य को करने में कितनी शक्ति खर्च करेगा। यह उस व्यक्ति की शारीरिक संरचना एवं मानसिक स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। शक्ति के व्यवस्थापन का अर्थ है कि कार्यों को सुविधाजनक तरीके से करना ताकि थकान का अनुभव न हो। गृहिणी को घर और बाहर विभिन्न प्रकार के कार्य करने पड़ते हैं जिनमें व्यय होने वाली शक्ति की मात्रा भिन्न – भिन्न होती है; जैसे – सब्जी काटने में, सीढ़ियाँ चढ़ने की अपेक्षा कम शक्ति व्यय होती है।

शक्ति को कैलोरी में मापा जाता है। माना कि आराम की अवस्था में एक व्यक्ति 100 किलो कैलोरी ऊर्जा खर्च करता है तो उसे इस 100 कि. कै. के साथ हल्के कार्य करने के लिए 100 कि. कै. से कम जबकि अधिक भारी कार्य करने के लिए 100 कि. कै. के साथ-साथ 300 कि. कै. अतिरिक्त शक्ति की आवश्यकता होगी। निम्न समीकरण द्वारा हम किसी भी कार्य खर्च होने वाली शक्ति (कि. कै.) का पता लगा सकते हैं –

कार्य में व्यय शक्ति = कार्य करने में व्यय कुल शक्ति – विश्राम के समय व्यय हुई शक्ति –
हल्के कार्य = 150 कि. कै. – 100 कि. कै. = 50 कि. कै.
अत्यधिक भारी = 450 कि. कै. – 100 कि. कै. = 350 कि. कै.

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