RBSE Solutions for Class 11 Physical Geography Chapter 11 वायुमण्डल: संघटन एवं संरचना

Rajasthan Board RBSE Class 11 Physical Geography Chapter 11 वायुमण्डल: संघटन एवं संरचना

RBSE Class 11 Physical Geography Chapter 11 पाठ्य पुस्तक के अभ्यास प्रश्न

RBSE Class 11 Physical Geography Chapter 11 वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
वायुमण्डल में सर्वाधिक मात्रा में पायी जाने वाली गैस है-
(अ) कार्बन डाइऑक्साइड
(ब) नाइट्रोजन
(स) ऑक्सीजन
(द) आर्गन
उत्तर:
(ब) नाइट्रोजन

प्रश्न 2.
वायुमण्डल की किस पंरत में मौसमी घटनाएँ होती हैं?
(अ) समताप मण्डल
(ब) क्षोभ मण्डल
(स) आयन मण्डल
(द) मध्य मण्डल
उत्तर:
(ब) क्षोभ मण्डल

प्रश्न 3.
वायुमण्डल की परत जिसे ‘मौसमी परिवर्तनों की छत कहते हैं-
(अ) क्षोभ मण्डल
(ब) आयन मण्डल
(स) समताप मण्डल
(द) मध्य मण्डल
उत्तर:
(अ) क्षोभ मण्डल

प्रश्न 4.
वायुमण्डल में जलवाष्प की औसत मात्रा है?
(अ) 1 प्रतिशत
(ब) 2 प्रतिशत
(स) 3 प्रतिशत
(द) 4 प्रतिशत
उत्तर:
(ब) 2 प्रतिशत

प्रश्न 5.
वायुमण्डल की सर्वाधिक विस्तृत परत है-
(अ) समताप मण्डल
(ब) क्षोभ मण्डल
(स) आयन मण्डल
(द) बाह्य मण्डल
उत्तर:
(द) बाह्य मण्डल

RBSE Class 11 Physical Geography Chapter 11 अतिलघुत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 6.
वायुमण्डल में कितने प्रकार की गैसें पाई जाती हैं?
उत्तर:
वायुमण्डल में मुख्य रूप से 9 प्रकार की गैसें मिलती हैं।

प्रश्न 7.
धूलकण क्या है?
उत्तर:
वायुमण्डल में वायु की गति के कारण सूक्ष्म कण उड़ते रहते हैं। ये कण प्रायः सूक्ष्म मिट्टी, धूल, समुद्री नमक, ज्वालामुखी रोख, उल्कापात के कण होते हैं। इन्हें संयुक्त रूप से धूलिकण कहते हैं।

प्रश्न 8.
समताप मण्डल क्या है?
उत्तर:
वायुमण्डल की संरचना में क्षोभमण्डल व मध्यमण्डल के बीच स्थित भाग को समताप मण्डल कहते हैं। यहाँ तापमान समान रहने के कारण इस परत को समताप मण्डल कहा जाता है।

प्रश्न 9.
ओजोन परत कहाँ पाई जाती है?
उत्तर:
ओजोन परत समताप मण्डल के निम्नवर्ती भाग में मिलती है। इसे सामान्यत: 18-38 किमी के बीच माना जाता है।

प्रश्न 10.
हीलियम गैस की प्रधानता किस मण्डल में रहती है?
उत्तर:
हीलियम गैस की प्रधानता वायुमण्डल की सबसे ऊपरी परत बहिर्मण्डल में मिलती है।

RBSE Class 11 Physical Geography Chapter 11 लघुत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 11.
वायुमण्डल किसे कहते हैं?
उत्तर:
पृथ्वी को चारों ओर से गैसों के आवरण ने घेरा हुआ है। पृथ्वी के इस गैसीय आवरण को ही वायुमण्डल कहते हैं। वायुमण्डल की ऊँचाई हजारों किलोमीटर है। पृथ्वी से वायुमण्डल को स्थलमण्डल तथा जलमण्डल की तरह अलग नहीं किया जा सकता है। वायुमण्डल में अनेक गैसें व्याप्त होती हैं। कोई भी व्यक्ति या जीव बिना वायु के जीवित नहीं रह सकता है। वायु संसार के सभी प्राणियों के जीवन का आधार है।

प्रश्न 12.
वायुमण्डल में पायी जाने वाली प्रमुख गैस कौन-सी हैं?
उत्तर:
वायुमण्डल में मिलने वाली सर्वाधिक प्रमुख गैस नाइट्रोजन है। इस गैस की मात्रा लगभग 78.08 प्रतिशत मिलती है। इसके अलावा अन्य गैसों में ऑक्सीजन 20.95 प्रतिशत, आर्गन 0.93 प्रतिशत, कार्बन डाइऑक्साइड 0.03 प्रतिशत, नियोन 0.0018 प्रतिशत, हीलियम 0.005 प्रतिशत, ओजोन 0.00006 प्रतिशत एवं हाइड्रोजन 0.00005 प्रतिशत मिलती हैं।

प्रश्न 13.
वायुमण्डल में जलवाष्प एवं धूलकणों का क्या महत्त्व है?
उत्तर:
जलवाष्प व धूलकणों का वायुमण्डल में अत्यधिक महत्त्व है। इनके इस महत्त्व को निम्नानुसार वर्णित किया गया है

(i) जलवाष्पं का महत्त्व

  • जलवाष्प सूर्य से आने वाले सूर्यताप के कुछ भाग को अवशोषित कर लेता है।
  • यह पृथ्वी द्वारा विकिरित ऊष्मा को संजोए रखता है।
  • जलवाष्प पृथ्वी के लिए एक कंबल के समान काम करता है, जिससे पृथ्वी न तो अधिक गर्म और न ही अधिक ठण्डी होती है।
  • जलवाष्प के संघनन से वर्षा होती है।

(ii) धूलकणों का महत्त्व

  • धूलकणों के कारण ही आकाश का रंग नीला दिखाई देता है।
  • सूर्योदय व सूर्यास्त के समय धूलकणों के कारण ही आकाश का रंग लाल होता है।
  • कोहरे, कुहासे व धुन्ध के निर्माण में धूलकण केन्द्रक के रूप में कार्य करते हैं। इनके चारों ओर ही जलवाष्प मिलता है।

प्रश्न 14.
क्षोभमंडल की विशेषताएँ क्या हैं?
उत्तर:
क्षोभमण्डल की निम्न विशेषताएँ हैं-

  1. यह वायुमण्डल की सबसे निचली परत है।
  2. इस मण्डल में वायुमण्डल के कुल भार का 75 प्रतिशत भाग केन्द्रित है।
  3. इसकी ऊँचाई ध्रुवों पर कम व भूमध्य रेखा पर अधिक मिलती है।
  4. सभी मौसमी घटनाएँ केवल इसी मण्डल में सम्पन्न होती हैं।
  5. इस मण्डल में धरातल से ऊँचाई पर जाने पर प्रति 1000 मीटर पर 6.4° सेल्सियस ताप कम हो जाता है।
  6. वायुमण्डल की इस परत में ही जलवाष्प व धूलकण सर्वाधिक मात्रा में मिलते हैं।
  7. इस मंडल में संवहनीय क्रिया सम्पन्न होती है।
  8. इसी मंडल में बादल बनने व वर्षा होने का स्वरूप देखने को मिलता है।

प्रश्न 15.
वायुमण्डल का महत्त्व बताते हुए इसकी परतों का वर्णन कीजिये।
उत्तर:
वायुमण्डल का महत्त्व

  • वायुमण्डल में अनेक उपयोगी गैसें पायी जाती हैं।
  • वायुमण्डल से ही पराबैंगनी किरणों के हानिकारक प्रभाव से हमारी रक्षा हो पाती है।
  • वायुमण्डल में मिलने वाले तापमान व आर्द्रता से मानव जीवन प्रभावित होता है।
  • वायुमण्डल के कारण ही हमारे सामने विविध प्रकार के प्राकृतिक दृश्य उपस्थित हो पाये हैं।

वायुमण्डल की परतें-वायुमण्डल को मुख्यत: निम्न पाँच परतों में बाँटा गया है

  • क्षोभमण्डल-सबसे निचली इस परत का विस्तार धरातल से ध्रुवों पर 8 किमी व भूमध्य रेखा पर 18 किमी तक मिलता है।
  • समतापमण्डल-वायुमण्डल की यह परत धरातल से 50 किमी ऊँचाई तक (क्षोभमण्डल के ऊपर से) फैली मिलती है।
  • मध्यमण्डल-समताप मण्डल के ऊपर धरातल से 50-80 किमी के बीच मिलती है।
  • आयन मण्डल-यह परत धरातल से 80 किमी से 400 किमी के बीच फैली हुई है।
  • बहिर्मण्डल-धरातल से 400 किमी से ऊपर अनन्त सीमा तक इस परत का विस्तार माना गया है।

RBSE Class 11 Physical Geography Chapter 11 निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 16.
वायुमण्डल के संघटन की विस्तृत व्याख्या कीजिये।
उत्तर:
पृथ्वी के चारों ओर मिलने वाले गैसीय आवरण को ही वायुमण्डल कहा जाता है। वायुमण्डल का संघटन – वायुमण्डल अनेक गैसों का मिश्रण है। वायुमण्डल में इन गैसों के अलावा जलवाष्प व धूलकण भी पाये जाते हैं। वायुमण्डल में मुख्यतः 9 प्रकार की गैसें पायी जाती हैं जिनमें नाइट्रोजन, आक्सीजन, आर्गन, कार्बन डाइऑक्साइड, हीलियम, नियोन, हाइड्रोजन, क्रिप्टॉन व ओजोन प्रमुख हैं।

इन सभी गैसों में से नाइट्रोजन गैस की वायुमण्डल में सर्वाधिक मात्रा (78.08 प्रतिशत) मिलती है। इसके पश्चात् ऑक्सीजन 20.95 प्रतिशत, आर्गन 0.93 प्रतिशत, कार्बन डाइऑक्साइड 0.03 प्रतिशत, नियान 0.0018 प्रतिशत, हीलियम 0.0005 प्रतिशत, ओजोन 0.000006 प्रतिशत व हाइड्रोजन 0.00005 प्रतिशत का स्थान आता है। गैसों के इस प्रतिशत को निम्न तालिका द्वारा दर्शाया गया है-

वायुमण्डल में विभिन्न गैसों का प्रतिशत
RBSE Solutions for Class 11 Physical Geography Chapter 11 वायुमण्डल संघटन एवं संरचना 1

वायुमण्डल में मिलने वाली कुछ प्रमुख गैसों का विवरण निम्नानुसार है-

  1. नाइट्रोजन – यह गैस वायुदाब, पवनों की शक्ति व प्रकाश के परावर्तन का आभास कराती है। इसका कोई रंग गंध व स्वाद नहीं होता है। यह गैस पेड़-पौधों में प्रोटीन का निर्माण करती है। यह आग पर नियंत्रण में सहायक गैस है।
  2. ऑक्सीजन – यह एक जीवनदायिनी गैस है। वस्तुओं के जलने के लिये यह एक आवश्यक गैस है जो ऊर्जा प्रदान करने के साथ-साथ कार्बोहाइड्रेट का निर्माण भी करती है।
  3. ओज़ोन – यह एक अत्यन्त महत्त्वपूर्ण गैस है जो सूर्य की पराबैंगनी किरणों का अवशोषण करती है। यह सौर विकिरण व जलवायु की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण है।
  4. कार्बन डाइऑक्साइड – वस्तुओं के जलने से उत्पन्न होने वाली यह गैस प्रकाश संश्लेषण में सहायक है। वर्तमान में इसकी मात्रा निरन्तर बढ़ रही है।

जलवाष्प – जलवाष्प वायुमण्डल की निचली परतों में मिलती है। वायुमण्डल के सम्पूर्ण जलवाष्प का 90 प्रतिशत भाग 8 किमी की ऊँचाई तक मिलता है। वायुमण्डल में जलवाष्प की औसत मात्रा 2 प्रतिशत है।
धूलिकण – वायुमण्डल में वायु की गति के कारण सूक्ष्म धूल के कण उड़ते रहते हैं। ये धूलिकण सूक्ष्म मिट्टी, धूल, समुद्री नमक, ज्वालामुखी राख व उल्कापात के कणों के रूप में मिलते हैं। इन धूलकणों का विस्तार वायुमण्डल की निचली परतों में ही मिलता है।

प्रश्न 17.
वायुमण्डल की परतों का वर्णन कीजिये।
उत्तर:
वायुमण्डल को अनेक समान्तर परतों में विभाजित किया गया है। धरातल से ऊँचाई की ओर जाने पर मिलने वाली परतों को मुख्यत: निम्न पाँच परतों में बांटा गया है। परतों के इस विभाजन का आधार वायुमण्डल में तापमान के ऊर्ध्वाधर वितरण को माना गया है।

  1. क्षोभमण्डल,
  2. समताप मण्डल,
  3. मध्य मण्डल,
  4. आयन मण्डल,
  5. बहिर्मण्डल।

(i) क्षोभमण्डल – यह वायुमण्डल की सबसे निचली परत है, जिसमें वायुमण्डल के कुल भार का 75 प्रतिशत भाग केन्द्रित है। इस परत की धरातल से औसत ऊँचाई 16 किलोमीटर है। इसकी ऊँचाई भूमध्य रेखा पर 18 किमी एवं ध्रुवों पर 8 व 10 किमी है। यह वायुमण्डल की सबसे महत्त्वपूर्ण परत है, क्योंकि सभी मौसमी घटनायें इसी परत में होती हैं। ऊँचाई में वृद्धि के साथ तापमान में गिरावट इस परत की सबसे बड़ी विशेषता है। इसमें 1 किमी की ऊँचाई पर 6.4 सेल्सियस तापमान गिर जाता है। जिसे तापमान की ‘सामान्य ह्रास दर’ कहते हैं। ऋतु तथा मौसम संबंधी लगभग सभी घटनाएँ जो मानव पर प्रभाव डालती हैं, इसी परत में होती हैं। इस परत में धूल-कण तथा जलवाष्प सबसे अधिक मात्रा में होते हैं, जिससे बादल बनते हैं, वर्षा होती है तथा अन्य जलवायु एवं मौसम संबंधी घटनाएं घटती हैं। यह मौसम वैज्ञानिकों के गहन अध्ययन का मण्डल है।

क्षोभ मण्डल की ऊपरी सीमा को क्षोभ सीमा कहते हैं। इसकी मोटाई केवल 1.5 किमी है। इस सीमा के ऊपर वायुमण्डलीय स्थिरता रहती है। इसे ‘मौसमी परिवर्तनों की छत’ भी कहते हैं। इस परत में वायुमण्डल के तापमान का गिरना बंद हो जाता है।

(ii) समताप मण्डल-धरातल से इसकी औसत ऊँचाई 50 किलोमीटर मानी जाती है। इसकी मोटाई भूमध्य रेखा पर कम तथा ध्रुवों पर अधिक होती है। अनेक वैज्ञानिकों ने ओजोन मण्डल को समताप मण्डल का ही एक भाग मान लिया है जिस कारण इस परत की ऊँचाई 50 से 55 किमी माना जाता है। यहाँ तापमान समान रहने के कारण इस परत को समताप मण्डल कहते हैं। इस मण्डल में ओजोन परत पाई जाती है जो सूर्य से आने वाली पराबैंगनी किरणों का अवशोषण कर लेती है।

(iii) मध्य मण्डल-यह समताप मण्डल के ऊपर 80 किमी की ऊँचाई तक विस्तृत है। इस परत में ऊँचाई के साथ तापमान गिरने लगता है तथा न्यूनतम तापमान – 80°C रह जाता है। इसके आगे पुनः तापमान में वृद्धि होने लगती है।

(iv) आयन मण्डल-मध्य मण्डल की ऊपरी सीमा से यह परत प्रारम्भ होती है। यह परत 80-400 किमी तक मिलती है। इस मण्डल में विद्युतीय एवं चुम्बकीय घटनायें घटित होती रहती हैं। रेडियो तरंगें इसी मण्डल से परावर्तित होकर लौटती हैं। इस मण्डल D, E व F परतों में बांटा गया है। इसी मण्डल में उत्तरी ध्रुवीय प्रकाश तथा दक्षिणी ध्रुवीय प्रकाश मिलते हैं। यह
मण्डल तापमण्डल का सबसे निचला भाग है।

(v) बहिर्मण्डल-यह वायुमण्डल का सबसे ऊपरी भाग है जो 400 किमी के ऊपर फैला है। इस परत की कोई ऊपरी सीमा नहीं है। इसे चुम्बकीय मण्डल भी कहा जाता है। वायुमण्डल की इस परत में गैसें अत्यधिक विरल हो जाती हैं। इस मण्डल में ताप अत्यधिक हो जाता है। जिसके कारण इस परत के बारे में अभी अधिक जानकारी नहीं मिल पाई है। वायुमण्डल की इन सभी परतों को निम्न रेखाचित्र के माध्यम से दर्शाया गया है-
RBSE Solutions for Class 11 Physical Geography Chapter 11 वायुमण्डल संघटन एवं संरचना 2

प्रश्न 18.
“पृथ्वी पर जीवन का ध्रुव वायुमण्डल है।” कथन का वैज्ञानिक परीक्षण कीजिए।
उत्तर:
वायुमण्डल पृथ्वी पर मिलने वाले जीवन का आधार है क्योंकि वायुमण्डलीय दशाओं के कारण ही पृथ्वी पर जीवन सम्भव हो पाया है। इस वायुमण्डलीय दशा के कारण ही पृथ्वी अन्य ग्रहों की तुलना में एक अद्वितीय ग्रह बना है। पृथ्वी के सन्दर्भ में तथा जीवन की स्थिति के लिए मिलने वाले वायुमण्डलीय महत्त्व को निम्न बिन्दुओं के द्वारा स्पष्ट किया गया है।

  1. पृथ्वी की सतह पर विविध प्रकार के जीवों का अस्तित्व वायुमण्डल के कारण ही सम्भव हुआ है।
  2. वायुमण्डल में अनेक उपयोगी गैसे मिलती हैं।
  3. वायुमण्डल की गैसें मानव की विविध क्रियाओं को पूरा करने में काम आती हैं।
  4. वायुमण्डल का संघटक जलवाष्प जलवायु के निर्धारण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  5. विभिन्न प्रकार की मौसमी घटनाएँ, यथा-संघनन, वर्षण, बादल निर्माण, जलवृष्टि, तुषार, हिम, ओस, ओला आदि वायुमण्डलीय दशाओं की देन है।
  6. वायुमण्डल के संघटक धूलकण सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण होते हैं क्योंकि इनके कारण अनेक घटनाएँ होती हैं।
  7. आकाश का रंग नीला दिखना, सूर्योदय एवं सूर्यास्त के समय आकाश का लाल दिखना, सूर्य की किरणों का प्रकीर्णन एवं परावर्तन आदि वायुमण्डल के संघटक धूलकणों की देन है।
  8. नमक व धुएं के कण जल वाष्प को आकृष्ट करते हैं जिससे संघनन की प्रक्रिया सम्पन्न होती है।
  9. हमें कुहरा, कुहासा व धुंध के रूप में दिखने वाले दृश्य भी वायुमण्डल के जलवाष्प व धूलिकणों का परिणाम होते हैं।
  10. वायुमण्डल सूर्य से आने वाली पराबैंगनी किरणों को अवशोषित करके हमारी रक्षा करता है।
  11. वायुमण्डल में मिलने वाली आयनिक कणों की परत के कारण ही रेडियो तरंगों का परावर्तन सम्भव होता है।

उपरोक्त वर्णित सभी बिन्दुओं से स्पष्ट हो जाता है कि वायुमण्डल एवं उसकी विविध दशाएँ जैविक जगत के आधार पर सिद्ध होती हैं। यदि पृथ्वी पर वायुमण्डलीय दशा विद्यमान नहीं होती तो पृथ्वी भी अन्य ग्रहों की तरह एक निर्जन ग्रह होता। मानवीय दृष्टिकोण से तो इसका सर्वाधिक महत्त्व है क्योंकि वायुमण्डलीय दशाओं का प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप मानव की सबसे बड़ा नियंत्रक है।

RBSE Class 11 Physical Geography Chapter 11 अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

RBSE Class 11 Physical Geography Chapter 11 वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
वायुमण्डल पृथ्वी का अभिन्न अंग क्यों बना है?
(अ) पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल के कारण
(ब) ज्वारीय बल के कारण
(स) केन्द्रअभिसारित बल के कारण
(द) सूर्य व चन्द्रमा के गुरुत्वाकर्षण के कारण
उत्तर:
(अ) पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल के कारण

प्रश्न 2.
सूर्य से आने वाली पराबैंगनी किरणों का अवशोषण कौन-सी परत करती है?
(अ) क्षोभमण्डल
(ब) ओजोन मण्डल
(स) मध्य मण्डल
(द) आयन मण्डल
उत्तर:
(ब) ओजोन मण्डल

प्रश्न 3.
नाइट्रोजन व ऑक्सीजन गैस के द्वारा वायुमण्डल का कितना आयतन घेरा गया है?
(अ) लगभग 69 प्रतिशत
(ब) लगभग 79 प्रतिशत
(स) लगभग 89 प्रतिशत
(द) लगभग 99 प्रतिशत
उत्तर:
(द) लगभग 99 प्रतिशत

प्रश्न 4.
मानव के लिए सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण गैस है
(अ) नाइट्रोजन
(ब) ऑक्सीजन
(स) आर्गन
(द) हीलियम
उत्तर:
(ब) ऑक्सीजन

प्रश्न 5.
आग पर नियंत्रण में सहायक गैस है
(अ) ऑक्सीजन
(ब) नाइट्रोजन
(स) हाइड्रोजन
(द) हीलियम
उत्तर:
(ब) नाइट्रोजन

प्रश्न 6.
प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया में वनस्पति किस गैस का प्रयोग करती है?
(अ) नाइट्रोजन
(ब) ऑक्सीजन
(स) कार्बन डाई-ऑक्साइड
(द) आर्गन
उत्तर:
(स) कार्बन डाई-ऑक्साइड

प्रश्न 7.
किस गैस की मात्रा में निरन्तर वृद्धि हो रही है?
(अ) आर्गन
(ब) नियान
(स) क्रिप्टान
(द) कार्बन डाई-आक्साइड
उत्तर:
(द) कार्बन डाई-आक्साइड

प्रश्न 8.
पृथ्वी का कंबल किसे कहते हैं?
(अ) नाइट्रोजन को
(ब) जलवाष्प को
(स) धूलिंकणों को
(द) हाइड्रोजन को
उत्तर:
(ब) जलवाष्प को

प्रश्न 9.
आकाश का रंग नीला क्यों दिखता है?
(अ) जलवाष्प के कारण
(ब) धूलिकणों के कारण
(स) सूर्यताप के कारण
(द) पृथ्वी के घूर्णन के कारण
उत्तर:
(ब) धूलिकणों के कारण

प्रश्न 10.
वायुमण्डलीय दशा में जो शामिल नहीं है वह है
(अ) तापमान
(ब) वायुदाब
(स) वर्षा
(द) ऊँचाई
उत्तर:
(द) ऊँचाई

सुमेलन सम्बन्धी प्रश्न

1. निम्न में स्तम्भ अ को स्तम्भ ब से सुमेलित कीजिए

(क)

स्तम्भ (अ)
(वायुमण्डलीय गैस)
स्तम्भ (ब)
(वायुमण्डल में प्रतिशत)
(i) नाइट्रोजन (अ) 0.93%
(ii) ऑक्सीजन (ब) 0.03%
(iii) आर्गन (स) 20.95%
(iv) कार्बन डाई-ऑक्साइड (द) 0.0018%
(v) नियान (य) 78.08%

उत्तर:
(i) य, (ii) स, (iii) अ, (iv) ब, (v) द।

(ख)

स्तम्भ (अ)
(परत का नाम)
स्तम्भ (ब)
(परत की ऊपरी सीमा)
(i) क्षोभमण्डल (अ) 400 किमी
(ii) समताप मण्डल (ब) कोई सीमा नहीं
(iii) मध्य मण्डल (स) 50 किमी
(iv) आयन मण्डल (द) 80 किमी
(v) बहिर्मण्डल (य) 8-18 किमी

उत्तर:
(i) य, (i) स, (iii) द, (iv) अ, (v) ब।

RBSE Class 11 Physical Geography Chapter 11 अतिलघुत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
फिन्च व ट्विार्था ने वायुमण्डल की क्या परिभाषा दी है?
उत्तर:
फिन्च व ट्विार्था के अनुसार, “वायुमण्डल गैसों का आवरण है जो धरातल से सैकड़ों मील की ऊँचाई तक विस्तृत है। तथा पृथ्वी का अभिन्न अंग है।

प्रश्न 2.
माँक हाऊस के अनुसार वायुमण्डल की क्या परिभाषा है?
उत्तर:
माँक हाऊस के अनुसार, “वायुमण्डल गैस की एक पतली परत है जो गुरुत्वाकर्षण के कारण पृथ्वी के साथ जुड़ी हुई है।”

प्रश्न 3.
ओजोन मण्डल का क्या महत्त्व है?
उत्तर:
वायुमण्डल की यह परत सूर्य से आने वाली पराबैंगनी किरणों का अवशोषण कर हमारी रक्षा करती है।

प्रश्न 4.
मानव जीवन को कौन प्रभावित करता है?
उत्तर:
मानव जीवन को वायुमण्डल में निहित तापमान, आर्द्रता, वायु संचार की दशाओं द्वारा प्रभावित किया जाता है।

प्रश्न 5.
वायुमण्डल में सर्वाधिक व सबसे कम मात्रा वाली गैसें कौन-सी हैं?
उत्तर:
वायुमण्डल में मिलने वाली 9 प्रमुख गैसों में से नाइट्रोजन सबसे अधिक एवं हाइड्रोजन सबसे कम मिलती है।

प्रश्न 6.
नाइट्रोजन गैस से किनका आभास होता है?
उत्तर:
नाइट्रोजन गैस से वायुदाब, पवनों की शक्ति तथा प्रकाश के परावर्तन का आभास होता है।

प्रश्न 7.
यदि वायुमण्डल में नाइट्रोजन गैस नहीं होती तो क्या होता?
उत्तर:
यदि वायुमण्डल में नाइट्रोजन गैस नहीं होती तो आग पर नियंत्रण रखना कठिन हो जाता तथा नाइट्रोजन चक्र सम्पन्न नहीं होता ।

प्रश्न 8.
प्रकाश संश्लेषण से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
सभी प्रकार की वनस्पति द्वारा कार्बन डाइऑक्साइड गैस का उपयोग करते हुए सूर्य की मौजूदगी में भोजन बनाने की प्रक्रिया प्रकाश संश्लेषण कहलाती है।

प्रश्न 9.
कार्बन डाइऑक्साइड गैस की मात्रा में निरन्तर वृद्धि क्यों हो रही है?
उत्तर:
कार्बन डाइऑक्साइड गैस विविध वस्तुओं के जलने से उत्पन्न होती है। वर्तमान में मानव के द्वारा ईंधन के रूप में लकड़ी जलाने, पेट्रोल, डीजल व कैरोसीन के प्रयोग, कोयले को जलाने या कल कारखानों में प्रयुक्त करने से कार्बन डाइऑक्साइड गैस निकल रही हैं। इसी कारण इसकी वायुमण्डल में मात्रा निरन्तर बढ़ रही है।

प्रश्न 10.
भूमण्डलीय तापन से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
समस्त विश्व के बिगड़ते हुए पर्यावरण संतुलन एवं प्रदूषण के कारण पृथ्वी के तापमान में जो निरन्तर वृद्धि हो रही है। इसे ही भूमण्डलीय तापन कहते हैं।

प्रश्न 11.
जलवायु परिवर्तन क्यों हो रहा है?
उत्तर:
वर्तमान में मानव के विभिन्न क्रियाकलापों के कारण वायुमण्डल में कार्बन डाइऑक्साडइ, क्लोरो-फ्लोरो कार्बन व अनेक गैसें उत्सर्जित हो रही हैं। इन गैसों ने वायुमण्डलीय दशाओं में परिवर्तन किया है जिसके कारण जलवायु बदल रही है।

प्रश्न 12.
जलवाष्प पृथ्वी के लिए कंबल के समान है, कैसे?
उत्तर:
जलवाष्प सूर्य से आने वाले सूर्यताप के कुछ भाग को अवशोषित कर लेता है तथा पृथ्वी द्वारा विकिरित ऊष्मा को संजोए रखता है। इस तरह यह एक कंबल के समान है।

प्रश्न 13.
धूलिकणों की प्राप्ति कहाँ से होती है?
उत्तर:
धूलिकण मुख्यतः चट्टानी विखण्डन से समुद्री नमक से, ज्वालामुखी के राख से उल्कापात की प्रक्रियाओं व मिट्टी से निर्मित होते हैं।

प्रश्न 14.
आकाश का रंग नीला क्यों दिखता है?
उत्तर:
वायुमण्डलीय गैसों तथा धूलकणों से होने वाले वरणात्मक प्रकीर्णन के कारण आकाश का रंग नीला दिखता है।

प्रश्न 15.
धूलिकण कहाँ अधिक मिलते हैं?
उत्तर:
आर्द्र प्रदेशों की अपेक्षा औद्योगिक नगरों तथा शुष्क प्रदेशों की वायु में अपेक्षाकृत अधिक धूलिकण पाये जाते हैं।

प्रश्न 16.
वायुमण्डल में कौन-कौन सी परत मिलती हैं?
उत्तर:
वायुमण्डल में पाँच परतें-क्षोभमण्डल, समताप मण्डल, मध्य मण्डल, आयन मण्डल व बहिर्मण्डल नामक परतें मिलती हैं।

प्रश्न 17.
क्षोभमण्डल की ऊँचाई कितनी मिलती है?
उत्तर:
क्षोभमण्डल की ऊँचाई ध्रुवों पर 8-10 किलोमीटर जबकि भूमध्य रेखा पर 18 किलोमीटर मिलती है।

प्रश्न 18.
सामान्य ताप हास दर से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
क्षोभमण्डल में धरातल से ऊँचाई की ओर जाने पर तापमान में प्रति 1000 मीटर पर 6.4C तापमान की कमी आती है। तापमान के इस प्रकार कम होने को ही सामान्य ताप ह्रास दर कहते हैं।

प्रश्न 19.
संघनन किसे कहते है?
उत्तर:
वह क्रिया जिसके द्वारा कोई पदार्थ वाष्प से तरल अवस्था में परिवर्तित होता है; यथा- वायुमण्डल में जलवाष्प के संघनन से बादलों का बनना।

प्रश्न 20.
मौसमी घटनाएँ कहाँ घटित होती हैं?
उत्तर:
वायुमण्डल की सबसे निचली परत क्षोभमण्डल में ही सभी मौसमी घटनाएँ घटित होती हैं।

प्रश्न 21.
क्षोभ सीमा किसे कहते हैं?
उत्तर:
क्षोभमण्डल की ऊपरी सीमा को ही क्षोभ सीमा कहा जाता है। इसकी मोटाई 1.5 किमी मिलती है।

प्रश्न 22.
मौसमी परिवर्तनों की छत किसे कहते हैं?
उत्तर:
क्षोभमण्डल की ऊपरी सीमा को ही मौसमी परिवर्तनों की छत कहा जाता है क्योंकि इस सीमा के ऊपर वायुमण्डलीय स्थिरता रहती है।

प्रश्न 23.
समताप मण्डल किसे कहते हैं?
उत्तर:
क्षोभमण्डल के ऊपर तथा मध्यमण्डल के नीचे मिलने वाली वायुमण्डल की परत को समताप मण्डल कहते हैं। इसकी ऊपरी सीमा 50 किमी मानी जाती है।

प्रश्न 24.
मध्यमण्डल कहाँ से कहाँ तक विस्तृत है?
उत्तर:
मध्यमण्डल समताप मण्डल की ऊपरी सीमा अर्थात् 50 किमी से आयन मण्डल की निम्नतम् सीमा अर्थात 80 किमी के बीच विस्तृत है।

प्रश्न 25.
मेसोपॉस किसे कहते हैं?
उत्तर:
मध्य मंडल की ऊपरी सीमा अर्थात् 80 किमी पर तापमान घटकर -80°C हो जाता है। इस स्थिति को मेसोपॉज/मध्यमण्डल सीमा कहा जाता है।

प्रश्न 26.
आयन मण्डल किस प्रकार लाभकारी है?
उत्तर:
आयन मण्डल एक ऐसी परत है जिससे रेडियो तरंगों का परावर्तन होता है जो हमारे लिए अत्यधिक लाभकारी होती हैं। साथ ही ध्रुवीय ज्योति की उत्पत्ति भी इसी परत के कारण सम्भव होती है।

प्रश्न 27.
ओयन मण्डल का विस्तार कहाँ से कहाँ तक है?
उत्तर:
आयन मण्डल मध्य मण्डल की ऊपरी सीमा अर्थात् 80 किमी से बहिर्मण्डल की निम्नतम सीमा अर्थात 400 किमी के बीच विस्तृत है।

प्रश्न 28.
बहिर्मण्डल किसे कहते हैं?
उत्तर:
वायुमण्डल की सबसे ऊपरी परत जो 400 किमी से ऊपर फैली हुई है तथा जिसकी कोई ऊपरी सीमा नहीं है उसे बहिर्मण्डल या चुम्बकीय मण्डल कहा जाता है।

प्रश्न 29.
मौसम किसे कहते हैं?
उत्तर:
किसी स्थान विशेष पर किसी विशेष समय में वायुमण्डलीय दशाओं के योग को मौसम कहते हैं।

प्रश्न 30.
मौसम के तत्त्व कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
वायुमण्डलीय दशाओं में मिलने वाले तापमान, वायुदाब, वर्षा, हवाओं एवं आर्द्रता को मौसम के तत्त्व माना जाता है।

प्रश्न 31.
मौसम के नियंत्रक कारकों से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
जिन कारकों के द्वारा मौसम की मात्रा सक्रियता व वितरण में अन्तर आता है उन्हें मौसम के नियंत्रक कहते हैं।

प्रश्न 32.
मौसम के नियंत्रक कारक कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
मौसम के नियंत्रक कारकों में अक्षांश, जल व थल का असमान वितरण, समुद्री धाराएँ, समुद्र तल से ऊँचाई, पर्वतीय अवरोध, धरातल के स्वभाव व वायु विक्षोभ आदि को शामिल किया जाता है।

RBSE Class 11 Physical Geography Chapter 11 लघुत्तरात्मक प्रश्न Type I

प्रश्न 1.
वायुमण्डल का परिचय दीजिए।
उत्तर:
पृथ्वी को चारों ओर से घेरे हुए वायु के विस्तृत आवरण को वायुमण्डल कहते हैं। वायु का यह आवरण एक लिफाफे के रूप में है जो पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के कारण इसका एक अभिन्न अंग बन गया है। इस वायु का न कोई रंग है न स्वाद तथा न ही गंध है। पवन संचार से ही हम वायु का अनुभव कर सकते हैं। पृथ्वी से वायुमण्डल को स्थलमण्डल तथा जलमण्डल की तरह अलग नहीं किया जा सकता है। कोई भी व्यक्ति या जीव बिना वायु के जीवित नहीं रह सकता है।

प्रश्न 2.
वायुमण्डल के महत्त्व को स्पष्ट कीजिए।
अथवा
वायुमण्डल की उपयोगिता स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
वायुमण्डल में अनेक उपयोगी गैसें; यथा-ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, कार्बन डाइऑक्साइड, हाइड्रोजन आदि मिलती हैं। वायुमण्डल का आवरण सूर्य से आने वाली पराबैंगनी किरणों के हानिकारक प्रभाव से हमारी रक्षा करता है। वायुमण्डल में निहित तापमान व आर्द्रता द्वारा मानव जीवन को प्रभावित किया जाता है। वायुमण्डल हमारे लिए तरह-तरह के प्राकृतिक दृश्य उत्पन्न करता है तथा इसकी रचना हमें जीवित रखने की सामर्थ्य रखती है। यदि वायुमण्डल नहीं होता हो धरातल पर किसी तरह का जीवन सम्भव नहीं होता और यह पृथ्वी अन्य ग्रहों की भांति वीरान होती।

प्रश्न 3.
वायुमण्डल के संघटन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
वायुमण्डल कई गैसों का मिश्रण है। इन गैसों के अलावा वायुमण्डल में जलवाष्प व धूलिकण पाये जाते हैं। वायुमण्डल में मुख्यत: नाइट्रोजन, ऑक्सीजन, आर्गन, कार्बन डाइऑक्साईड, हाइड्रोजन, हीलियम, नियॉन, क्रिप्टॉन, व ओजोन गैसें मिलती हैं। वायुमण्डल की निचली परतों में जलवाष्प सान्द्रित मिलता है। वायुमण्डल में जलवाष्प की औसत मात्रा लगभग 2 प्रतिशत मिलती है। इनके अलावा वायुमण्डल में समुद्री नमक, ज्वालामुखी राख, धूलि व उत्काओं के कचरे के रूप में धूलिकण भी मिलते हैं।

प्रश्न 4.
ऑक्सीजन गैस के महत्त्व को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
ऑक्सीजन गैस का महत्त्व निम्न बिन्दुओं के रूप में दर्शाया गया है-

  1. यह एक जीवनदायिनी गैस है।
  2. यह गैस अन्य रासायनिक तत्त्वों के साथ सरलता से मिलकर अनेक यौगिकों का निर्माण करती है।
  3. यह गैस वस्तुओं के जलने के लिए आवश्यक है।
  4. यह गैस ऊर्जा का प्रमुख स्रोत है।
  5. कार्बोहाइड्रेट निर्माण में इस गैस की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है।

प्रश्न 5.
वायुमण्डल में धूलिकणों की क्या भूमिका होती हैं?
उत्तर:
वायुमण्डल के संघटन में तीसरा महत्त्वपूर्ण तत्त्व धूलिकण है। ये धूलिकण विभिन्न स्रोतों; जैसे–समुद्री नमक, महीन मिट्टी, धुएँ की कालिमा, राख, पराग, धूलि तथा उल्काओं के टूटे कणों से प्राप्त होते हैं। धूलिकणों के द्वारा ही सूर्य की किरणों का विकिरण, परावर्तन, एवं अवशोषण होता है। वायुमण्डल में सुबह व शाम की लालिमा, इन्द्रधनुष आदि रंग-बिरंगे दृश्य धूलिकणों की अवस्थिति के कारण ही सम्भव हो पाते हैं। नमक एवं धुएँ के कण जलवाष्प को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। अतः इन्हें ‘आर्द्रताग्राही केन्द्र’ कहते हैं। इनके चारों ओर जलवाष्प एकत्रित होकर मेघों का निर्माण करती है।

प्रश्न 6.
क्षोभमण्डल की मोटाई विषुवत रेखा में सबसे अधिक क्यों होती है?
उत्तर:
क्षोभमण्डल की ऊँचाई में विभिन्नता पाई जाती है। ध्रुवों पर यह 8 किमी है तथा विषुवत रेखा पर 18 किमी की ऊँचाई तक है। भूमध्यरेखा पर वर्षभर सूर्य की सीधी किरणें पड़ने के कारण अधिक सूर्यातप प्राप्त होता है, इसके परिणामस्वरूप संवहन धाराएँ चलती हैं। ये धाराएँ अधिक ऊँचाई तक.ताप को पहुँचा देती हैं। इससे क्षोभमण्डल की मोटाई विषुवत रेखा पर अधिक मिलती है।

प्रश्न 7.
समताप मण्डल की चार विशेषताएँ बताइये।
उत्तर:
समताप मण्डल की विशेषताएँ निम्न हैं-

  1. इसे मण्डल में तापमान समान रहता है।
  2. यह मण्डल वायुयानों की उड़ान के लिए सर्वाधिक उपयोगी मण्डल है।
  3. वायुमण्डल की यह परत भूमध्य रेखा पर कम तथा ध्रुवों पर अधिक मोटी पायी जाती है।
  4. वायुमण्डल की इसी परत में ओजोन परत मिलती है जो सूर्य से आने वाली पराबैंगनी किरणों से हमारी रक्षा करती है।

प्रश्न 8.
ओजोन गैस के महत्व को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
ओजोन गैस समताप मण्डल की निचली सीमा में 10 से 50 किमी के मध्य पाई जाती है। यह रक्षा-आवरण का काम करती है। यह सूर्य से आने वाली पराबैंगनी किरणों का अवशोषण कर लेती है, जिससे धरातल का तापमान सामान्य बना रहता है। यदि ये किरणें सीधे धरातल तक आ जातीं तो तापमान इतना अधिक बढ़ जाता कि धरातल पर जीवों का अस्तित्व सम्भव नहीं हो सकता था। वर्तमान समय में नवीन प्रौद्योगिकी एवं तकनीकी विकास के फलस्वरूप ओजोन गैस का क्षरण हो रहा है, जिससे धरातल । का तापमान निरन्तर बढ़ता जा रहा है। इस प्रकार मानव अपने लिए स्वयं समस्याएं पैदा कर रही है।

प्रश्न 9.
आयनमण्डल के महत्त्व को संक्षेप में बताइए।
उत्तर:
आयनमण्डल, मध्यमण्डल के ऊपर 80 से 400 किमी की ऊँचाई तक फैला हुआ है। इसमें विद्युत आवेशित कण पाये जाते हैं जिन्हें आयन कहते हैं। इसी आधार पर इसे आयनमण्डल कहा जाता है। इस मण्डल में ब्रह्माण्ड किरणों की उपस्थिति मिलती है। आयनमण्डल में तीन परतें पाई जाती हैं- D, E एवं F, E एवं F स्तरों से रेडियों की दीर्घ क्रमशः एवं लघु तरंगों का परावर्तन धरातल पर हो जाता है। यदि यह मण्डल नहीं होता तो ये तरंगें ब्रह्माण्ड में अनन्त में चली जातीं। आयनमण्डल में ‘उत्तरी दिवा प्रकाश एवं ‘दक्षिणी दिवा प्रकाश’ के दर्शन होते हैं।

प्रश्न 10.
मौसम एवं जलवायु में कोई दो अन्तर बताइए।
उत्तर:
किसी स्थान की अल्प समय की मौसमी दशाओं के औसत को उस स्थान का मौसम कहते हैं, जबकि जलवायु किसी स्थान की लम्बे समय की औसत मौसमी दशाओं की सूचक है। मौसम एवं जलवायु में प्रमुख दो अन्तर निम्नलिखित है।

  1. मौसम किसी स्थान की लघु समय की औसत मौसमी दशाओं का सूचक है जबकि जलवायु दीर्घकालीन औसत मौसमी दशाओं को प्रदर्शित करती है।
  2. मौसम में त्वरित परिवर्तन होता है जबकि जलवायु में परिवर्तन दीर्घकाल में होता है।

RBSE Class 11 Physical Geography Chapter 11 लघुत्तरात्मक प्रश्न Type II

प्रश्न 1.
नाइट्रोजन गैस के महत्त्व को स्पष्ट कीजिए।
अथवा
नाइट्रोजन गैस की उपयोगिता सिद्ध कीजिए।
उत्तर:
नाइट्रोजन वायुमण्डल की एक महत्त्वपूर्ण गैस है। इसके महत्त्व को निम्न बिन्दुओं के रूप में स्पष्ट किया जाता है-

  1. इस गैस की उपस्थिति के कारण ही वायुदाब, पवनों की शक्ति व प्रकाश के परावर्तन का आभास होता है।
  2. यह एक रंगहीन, गंधहीन वे स्वादहीन गैस होती है।
  3. यह गैस वस्तुओं को तेजी से जलने से बचाती है।
  4. इस गैस से पेड़-पौधों में प्रोटीन का निर्माण होता है।
  5. यदि वायुमण्डल में नाइट्रोजन गैस नहीं होती तो आग पर नियंत्रण रखना कठिन हो जाता।
  6. इसी गैसें के कारण नाइट्रोजन चक्र पूरा होता है।

प्रश्न 2.
कार्बन डाइ-आक्साइड गैस की विशेषता बताइये।
उत्तर:
कार्बन डाइऑक्साइड गैस की निम्न विशेषताएँ हैं-

  1. यह एक भारी गैस है।
  2. कार्बन डाइऑक्साइड गैस वस्तुओं के जलने से उत्पन्न होती है।
  3. इस गैस का उपयोग करके ही विविध वनस्पतियाँ प्रकाश-संश्लेषण का कार्य करती हैं।
  4. यह एक ऐसी गैस है जिसकी मात्रा वायुमण्डल में स्थायी नहीं है।
  5. इस गैस की मात्रा में वृद्धि होती जा रही है।
  6. इस गैस की मात्रा में वृद्धि होने से भूमण्डलीय तापन और जलवायु परिवर्तन जैसी समस्यायें उत्पन्न हो रही हैं।

प्रश्न 3.
वायुमण्डल में धूलिकणों के स्वरूप को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
वायुमण्डल में वायु की गति के कारण सूक्ष्म धूल के कण उड़ते रहते हैं। ये धूलकण विभिन्न स्रोतों से प्राप्त होते हैं। इसमें सूक्ष्म मिट्टी, धूल, समुद्री नमक, ज्वालामुखी राख, उल्कापात के कण शामिल हैं। ये धूलकण प्राय: वायुमण्डल की निचली परतों में ही रहते हैं।
वायुमण्डल में गैस अथवा जलवाष्प के अलावा जो भी ठोस पदार्थ कणों के रूप में उपस्थित रहते हैं, वे सभी धूल कण कहलाते हैं। वायुमण्डलीय गैसों तथा धूलकणों से होने वाले ‘वरणात्मक प्रकीर्णन’ से ही आकाश का रंग नीला दिखाई देता है तथा इसी कारण सूर्योदय या सूर्यास्त के समय आकाश का रंग लाल हो जाता है। आर्द्र प्रदेशों की अपेक्षा औद्योगिक नगरों तथा शुष्क प्रदेशों की वायु में अपेक्षाकृत अधिक धूल कण पाये जाते हैं।

प्रश्न 4.
क्षोभमण्डल का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
क्षोभमण्डल वायुमण्डल की सबसे निचली परत है जिसमें वायुमण्डल के कुल भार का 75 प्रतिशत भाग केन्द्रित है। इस परत की धरातल से औसत ऊँचाई 16 किमी है। इसकी ऊँचाई भूमध्य रेखा पर 18 किमी व ध्रुवों पर 8-10 किमी मिलती है। यह वायुमण्डले की सबसे महत्त्वपूर्ण परत है। क्योंकि सभी मौसमी घटनायें इसी मण्डल में सम्पन्न होती हैं। इस परत में धरातल से ऊँचाई में जाने पर तापमान में कमी आती है। तापमान में यह कमी प्रति 1000 मीटर पर 6.4°C की दर से होती है। तापमान में होने वाली इस गिरावट को सामान्य ताप ह्रास दर कहते हैं। इस परत में धूलकण व जलवाष्प प्रचुर मात्रा में मिलते हैं। इन्हीं के कारण बादल बनते हैं। जिससे वर्षा होती है तथा अन्य जलवायु एवं मौसम संबंधी घटनाएँ घटती हैं। यह परत मौसम वैज्ञानिकों के गहन अध्ययन का मण्डल है। इस मण्डल की ऊपरी सीमा को क्षोभ सीमा कहते हैं। इसकी मोटाई केवल 1.5 किमी है। इस सीमा के ऊपर वायुमण्डलीय स्थिरता रहती है। इसे मौसमी परिवर्तनों की छत भी कहते हैं।

प्रश्न 5.
मौसम एवं जलवायु के तत्त्वों को स्पष्ट कीजिए।
अथवा
मौसम वे जलवायु तथा इसके संघटक तत्त्वों को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
किसी स्थान विशेष पर किसी विशेष समय में वायुमण्डलीय दशाओं के योग को ‘मौसम’ कहते हैं। अतः मौसम से वायुमण्डल की विशिष्ट दशाओं का बोध होता है। वायुमण्डलीय दशाओं में तापमान, वायुदाब, वर्षा, हवाएँ, आर्द्रता आदि कारकों को सम्मिलित किया जाता है। इन घटकों को ‘मौसम के तत्त्व’ कहते हैं। मौसम सम्बन्धी दशाओं में प्रायः परिवर्तन होता रहता है। फलस्वरूप माँसम के तत्त्व’ भी बदलते हैं। अत: किसी स्थान विशेष का मौसम भी बदलता रहता है। यह परिवर्तन एक दिन से दूसरे दिन या एक स्थान से दूसरे स्थान पर मौसम के तत्त्वों की मात्रा, सक्रियता तथा वितरण में अन्तर के कारण होता है। मौसम के तत्त्वों के इस परिवर्तन को नियन्त्रित करने वाले कारकों को मौसम के नियंत्रक’ कहते हैं। इसके अन्तर्गत अक्षांश, जल तथा स्थल का असमान वितरण, समुद्री धाराएँ, वायुदाब, समुद्र तल से ऊँचाई, पर्वतीय अवरोध, धरातल का स्वभाव, वायु विक्षोभ आदि को सम्मिलित किया जाता है।

RBSE Solutions for Class 11 Geography