RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 19 उद्योग

Rajasthan Board RBSE Class 12 Geography Chapter 19 उद्योग

RBSE Class 12 Geography Chapter 19 पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर

RBSE Class 12 Geography Chapter 19 बहुचयनात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
भारत में चीनी का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है।
(अ) उत्तर प्रदेश
(ब) बिहार
(स) महाराष्ट्र
(द) तमिलनाडु
उत्तर:
(स)

प्रश्न 2.
रेल के डिब्बे बनाने का सबसे नया कारखाना किस जगह स्थापित किया गया है?
(अ) बनारस
(ब) रायबरेली
(स) कपूरथला
(द) पेराम्बेर
उत्तर:
(द)

प्रश्न 3.
सीमेण्ट उद्योग की स्थापना के लिए किस कच्चे माल की उपस्थिति सर्वाधिक प्रभावी होती है?
(अ) चूना पत्थर
(ब) मैंगनीज
(स) जिप्सम
(द) इसमें से कोई नहीं
उत्तर:
(अ)

RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 19 उद्योग

प्रश्न 4.
बोकारो में स्थित लौह-इस्पात उद्योग किस देश के सहयोग से स्थापित किया गया हैं?
(अ) संयुक्त राज्य अमेरिका
(ब) पूर्व सोवियत संघ
(स) ब्रिटेन
(द) जर्मनी
उत्तर:
(ब)

प्रश्न 5.
टाटा लौह एवं इस्पात प्लाण्ट को लौह अयस्क की प्राप्ति होती है –
(अ) बेलाडियों से
(ब) मयूरभंज से
(स) सिंहभूमि से
(द) बोनाई से
उत्तर:
(स)

प्रश्न 6.
भारत में सर्वप्रथम कौन सा उद्योग शुरू हुआ?
(अ) कपड़ा उद्योग
(ब) लोहा उद्योग
(स) जूट उद्योग
(द) संगमरमर उद्योग
उत्तर:
(अ)

प्रश्न 7.
भारत में कच्चे माल के निकट जिस उद्योग का सर्वाधिक केन्द्रीकरण हुआ है, वह है।
(अ) लौह-इस्पात
(ब) ऊनी वस्त्र
(स) चीनी
(द) सूती वस्त्र
उत्तर:
(स)

प्रश्न 8.
कोयला क्षेत्रों के निकट स्थित लौह-इस्पात उद्योग का केन्द्र है –
(अ) भद्रावती
(ब) बोकारो
(स) जमशेदपुर
(द) विशाखापतनम
उत्तर:
(ब)

RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 19 उद्योग

प्रश्न 9.
सर्वाधिक सूती वस्त्र के कारखाने किस राज्य में स्थापित हैं?
(अ) महाराष्ट्र
(ब) गुजरात
(स) तमिलनाडु
(द) मध्यप्रदेश
उत्तर:
(अ)

प्रश्न 10.
भारी इन्जीनियरिंग उद्योग का केन्द्र है।
(अ) राँची
(ब) बंगलूरू
(स) हैदराबाद
(द) पुणे
उत्तर:
(ब)

प्रश्न 11.
सीमेण्ट उद्योग किस राज्य में सबसे अधिक विकसित है?
(अ) मध्य प्रदेश
(ब) राजस्थान
(स) गुजरात
(द) कर्नाटक
उत्तर:
(अ)

RBSE Class 12 Geography Chapter 19 अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
झरिया किस खनिज के लिए प्रसिद्ध है?
उत्तर:
झरिया कोयला की प्रसिद्ध खदान है। यह कोयले के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है।

प्रश्न 2.
लाखेरी किस राज्य में स्थित है?
उत्तर:
लाखेरी राजस्थान राज्य के बूंदी जिले में स्थित है।

RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 19 उद्योग

प्रश्न 3.
टिस्को का पूरा नाम लिखिए।
उत्तर:
टिस्को (TISCO) का पूरा नाम-‘टाटा आयरन एण्ड स्टील कम्पनी’ है।

प्रश्न 4.
भारत के किस शहर में लौह स्तम्भ स्थापित है?
उत्तर:
भारत के दिल्ली शहर में कुतुबमीनार के पास लौह स्तम्भ स्थापित है।

प्रश्न 5.
भारत में समुद्री सीपियों द्वारा सीमेण्ट निर्माण पहली बार कब और कहाँ प्रारम्भ किया गया?
उत्तर:
भारत में संगठित ढंग से पहली बार सीमेण्ट बनाने का प्रयास सन् 1904 में मद्रास में समुद्री सीपियों से किया गया।

RBSE Class 12 Geography Chapter 19 लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
इन्जीनियरिंग उद्योग की कोई तीन समस्याएँ लिखिए।
उत्तर:
इन्जीनियरिंग उद्योग किसी भी देश के औद्योगीकरण का आधार है। इस उद्योग की प्रमुख तीन समस्याएँ निम्नलिखित हैं –

  1. कच्चे माल का अभाव-कल पुर्जी के निर्माण में प्रयुक्त इस्पात का आयात करना पड़ता है।
  2. पूँजी का अभाव-इस उद्योग के लिए अधिक पूँजी की आवश्यकता होती है, इसीलिए कारखाने सार्वजनिक क्षेत्र में खोले गए हैं।
  3. अत्यधिक कर भार-उद्योग के उत्पादन पर भारी कर लगा होने से निर्यात में कठिनाई आती है।

प्रश्न 2.
कच्चा माल उद्योगों के लिए चुम्बक का कार्य करता है-टिप्पणी लिखिए?
उत्तर:
उद्योगों को सामान्यतः दो भागों में बाँटा गया है –

  1. भार क्लास मूलक उद्योग
  2. भार ह्रास न होने वाले उद्योग

इनमें से प्रथम प्रकार का उद्योग जिसमें कच्चा माल अधिक लगता है तथा उनका भार अधिक होता है, उनसे सम्बन्धित उद्योगों की स्थापना कच्चे माल के स्रोतों के पास होती है क्योंकि तैयार माल को बाजार तक पहुँचाने में अपेक्षाकृत कम परिवहन व्यय करना पड़ता है; जैसे-लौह-इस्पात उद्योग, चीनी उद्योग, सीमेण्ट उद्योग आदि के लिए कच्चा माल चुम्बक के रूप में प्रभावी होता है और ये उद्योग कच्चे माल के स्रोतों की ओर आकर्षित होते हैं।

RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 19 उद्योग

प्रश्न 3.
वायुयान निर्माण उद्योग के प्रमुख केन्द्रों के नाम लिखिए।
उत्तर:
भारत में वायुयान निर्माण हेतु प्रथम प्रयास 1940 में बैंगलूर में हिन्दुस्तान एयरकाफ्ट लिमिटेड के रूप में किया गया। 1964 में बैंगलूर में हिन्दुस्तान एरोनाटिक्स लिमिटेड की स्थापना की गई। इसकी इकाइयाँ बैंगलुरू, कानपुर, नासिक, कोरापुट, हैदराबाद एवं कोरवा (लखनऊ) में स्थित है।

प्रश्न 4.
विशाखापट्टनम लौह-इस्पात संयन्त्र की विशेषताओं को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
अत्यधिक आधुनिक तकनीक के आधार पर निर्मित यह प्रथम संयन्त्र है, जो बन्दरगाह पर स्थित है। बन्दरगाह पर स्थित होने के कारण यहाँ के उत्पादों को निर्यात् करने की पर्याप्त सुविधा है। इस लौह-इस्पात संयन्त्र के लिए –

  1. लौह अयस्क बैलाडिला की खदानों से।
  2. कोयला दामोदर घाटी से।
  3. मैंगनीज, डोलोमाइट तथा चूने का पत्थर छत्तीसगढ़ तथा उड़ीसा की खदानों से प्राप्त हो जाता है।

इस संयन्त्र द्वारा सन् 2008-2009 में 29.4 लाख टन हॉट मेटल, 26.2 लाख तरल इस्पात तथा 23.8 लाख टन बिक्री योग्य इस्पात का उत्पादन किया गया था।

प्रश्न 5.
राजस्थान में सीमेण्ट उद्योग के विकास के लिए उत्तरदायी कारकों को संक्षेप में बताइए?
उत्तर:
राजस्थान, भारत में प्रमुख सीमेण्ट उत्पादक राज्यों में से एक हैं। लाखेरी, निम्बाहेड़ा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, ब्यावर आदि सीमेण्ट उद्योग के प्रमुख केन्द्र हैं। यहाँ सीमेण्ट उद्योग के विकास के लिए निम्नलिखित कारक उत्तरदायी हैं –

  1. जिप्सम तथा चूने के पत्थर की स्थानीय उपलब्धता।
  2. विस्तृत बाजार की सुविधा।
  3. परिवहन की पर्याप्त सुविधा।
  4. पर्याप्त पूंजी।
  5. सस्ती विद्युत शक्ति एवं।
  6. पर्याप्त श्रम की उपलब्धता आदि।

RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 19 उद्योग

प्रश्न 6.
चीनी उद्योग का उत्तरी भारत की ओर से दक्षिणी भारत की ओर स्थानान्तरण हो रहा है-कारण स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
विगत कुछ दशकों में भारत में चीनी उद्योग उत्तरी भारत से दक्षिणी भारत की ओर स्थानान्तरित हो रहा है। इसके प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं –

  1. दक्षिणी भारत में गन्ने की प्रति हेक्टेयर उपज अधिक है साथ ही यहाँ गन्ने में रस और मिठास की मात्रा अधिक होती है।
  2. यहाँ गन्ना उत्पादन के लिए अनुकूल भौगोलिक परिस्थितियाँ उत्तरी भारत की अपेक्षा अधिक हैं।
  3. यहाँ की काली मिट्टी गन्ने की खेती के लिए अधिक उपयुक्त है।
  4. दक्षिणी भारत की चीनी मिलें स्वामित्व के आधार पर गन्ने की खेती कराती है, जिससे इन्हें आवश्यकतानुरूप गन्ना मिलता रहता है।
  5. दक्षिणी भारत में शक्कर व चीनी बनाने की अवधि अपेक्षाकृत अधिक होती है।
  6. दक्षिणी भारत की चीनी मिलों में मशीनें तथा तकनीकें नई हैं।
  7. परिवहन एवं यातायात की अधिक सुविधाएँ उपलब्ध हैं।

RBSE Class 12 Geography Chapter 19 निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
भारत में सूती वस्त्र उद्योग के विकास का संक्षिप्त विवरण लिखिए। यह उद्योग महाराष्ट्र और गुजरात में क्यों अधिक केन्द्रित हैं ?
उत्तर:
भारत में सूती वस्त्र उद्योग परम्परागत प्राचीन उद्योग है। इसका उल्लेख हेरोडोट्स (434 ईसा पूर्व) की प्रतिलिपियों, हड़प्पा एवं मोहन जोदड़ों की खोज (5000 से 8000 वर्ष पूर्व) तथा मिस्र के पिरामिडों (ईसा से 2000 वर्ष पूर्व) से मिलता है। प्राचीन रोम में भारतीय रेशम और छींट के वस्त्र पहनने में रोमन महिलाएँ गौरव समझती थी। भारत में प्राचीन काल में वस्त्र का सारा कार्य हथकरघों से होता था। उद्योग के प्रमुख केन्द्र पूर्वी तट पर नागपट्टनम से ढाका के मध्य तथा पश्चिमी तट पर सूरत-भड़ोच मुख्य थे।

भारत में आधुनिक वस्त्र उद्योग का प्रारम्भ सन् 1818 में कोलकाता में कावसजी डाबर द्वारा मुम्बई से किया गया। सन् 1861 तक मिलों संख्या 12 हो गई। सन् 1945 तक इन मिलों की संख्या 417 हो गई। स्वतन्त्रता के पश्चात् सूती वस्त्र उद्योग का निरन्तर विकास होता गया। यह उद्योग वर्तमान में लगभग 4.5 करोड़ लोगों को रोजगार प्रदान कर रहा है। वस्त्र उद्योग में संगठित मिलों की संख्या 1969 है। इनमें 1717 कताई तथा 198 कम्पोजिट मिले हैं। भारत में प्रति व्यक्ति कपड़े की खपत सन् 2009-10 में 43.1 वर्ग मीटर वार्षिक थी।

महाराष्ट्र और गुजरात में अधिक सकेन्द्रण का कारण:
महाराष्ट्र व गुजरात सूती वस्त्र उद्योग के अधिक केन्द्रीकरण में निम्नलिखित कारकों की महत्वपूर्ण भूमिका है –

  1. इन दोनों राज्यों में समुद्रतटीय स्थिति के कारण नम जलवायु मिलती है जो सूती वस्त्र हेतु आदर्श रहती है।
  2. इन दोनों ही राज्यों में काली मृदा का स्परूप देखने को मिलता है। जिस कारण कपास उत्पादन हेतु आदर्श दशा मिलती है।
  3. समुद्रतटीय स्थिति होने के कारण कांडला व मुम्बई बन्दरगाह से आयात निर्यात की सुविधा प्राप्त होती है।
  4. इन दोनों ही राज्यों में मिलने वाली विशाल जनसंख्या के काण यहाँ पर्याप्त बाजार मिल जाता है।
  5. इन दोनों सयों में विकसित परिवहन व्यवस्था के कारण इस उद्योग हेतु आदर्श दशा उत्पन्न हुई है।
  6. इन राज्यों के निवासियों को उद्योगों के प्रति रूझान व पूँजी की सुलभता भी इस उद्योग को बढ़ाने में सहायक रही है।

प्रश्न 2.
भारत में लौह-इस्पात उद्योग के स्थानीयकरण के कारकों को समझाते हुए वितरण का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
लौह-इस्पात उद्योग एक आधार भूत उद्योग है। भारत में लौह-इस्पात उद्योग का आरम्भ सन् 1870 में हुआ था। – इसकी आधुनिक परम्परा जमशेदजी टाटा द्वारा रखी गई। इन्होंने 1907 में सॉकची (जमशेदपुर) नामक स्थान पर आधुनिक कारखाने की स्थापना की।

उद्योग के स्थानीयकरण के कारण:
लोहा एवं इस्पात उद्योग में प्रयुक्त कच्चामाल-कोयला, लौह-अयस्क, चूना-पत्थर, मैंगनीज आदि भारी पदार्थ होते हैं। अतएव अधिकाशं लौह-इस्पात उद्योग कच्चे माल के प्राप्ति स्थान पर ही लगाए जाते हैं। भारत में लौह-इस्पात उद्योग की स्थापना 4 भिन्न स्थितियों वाले क्षेत्रों में हुई है –

  1. कोयला क्षेत्रों के निकट – वर्नपुर, हीरापुर, कुल्टी, दुर्गापुर, बोकारो।
  2. लौह-अयस्क क्षेत्रों के निकट – भिलाई, राउरकेला, भद्रावती, सेलम (Salem), विजयनगर (कर्नाटक)।
  3. कोयला एवं लौह अयस्क के मध्य – टाटा इस्पात कारखाना।
  4. तटीय क्षेत्र एवं व्यापार की सुविधा – विशाखापत्तनम (आन्ध्र प्रदेश)

कच्चे माल के अलावा निम्न कारक लौह-इस्पात उद्योग के स्थानीयकरण को प्रभावित करते हैं –

  1. सस्ता परिवहन विशेष कर जल-परिवहन की सुविधा
  2. स्वच्छ जल की प्राप्ति
  3. पूँजी की प्राप्ति
  4. कुशल एवं सस्ते श्रमिक
  5. बाजार की समीपता
  6. अनुकूल राजनीतिक परिवेश
  7. औद्योगिक नीति आदि।

लौह-इस्पात उद्योग का वितरण:
भारत में लोहा एवं इस्पात उद्योग मुख्यतः पं. बंगाल, झारखण्ड, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ तमिलनाडु, आन्ध्रप्रदेश, कर्नाटक तथा उड़ीसा राज्यों में केन्द्रित है। जहाँ सभी प्रकार का कच्चा माल, कुशल श्रम एवं तकनीकी उपलब्ध हैं। भारत में प्रमुख लौह-इस्पात इकाइयाँ निम्नलिखित हैं –

1. टाटा लोहा एवं इस्पात कारखाना (टिस्को):
यह पहला बड़ा कारखाना है जिसकी स्थापना 1907 में जमशेद जी टाटा द्वारा की गई। यह कारखाना झारखण्ड के सिंह भूमि जिले में कोलकाता-नागपुर रेलमार्ग पर सॉकची (जमशेदपुर) नामक स्थान पर स्थित है।

2. इण्डियन आयरन एण्ड स्टील कम्पनी (इस्को):
यह सर्वाधिक पुरानी इस्पात कम्पनी है। इसकी तीन इकाइयाँ है-कुल्टी, बर्नपुर एवं हीरापुर। कुल्टी कारखाने में इस्पाती लोहा तथा हीरापुर और बर्नपुर के कारखानों में ढलुवाँ लोहा और इस्पात दोनों का उत्पादन होता है।

3. विश्वेश्वरैया आयरन एण्ड स्टील वक्र्स लिमिटेड:
इस कम्पनी की स्थापना सन् 1923 में कर्नाटक राज्य के शिमोगा जिले में भद्रावती नामक स्थान पर की गई थी। वर्तमान में यहाँ विद्युत चालित ताप धमन भट्टियाँ स्थापित कर विशिष्ट इस्पात बनाया जाने लगा हैं।

4. राउरकेला इस्पात संयन्त्र:
यह कारखाना उड़ीसा के सुन्दरगढ़ जिले में कोलकाता से 415 किमी० पश्चिम में मुम्बई-नागपुर-कोलकाता रेलमार्ग पर राउरकेला नामक स्थान पर स्थापित किया गया है। यह जर्मनी की सहायता से स्थापित किया गया है।

5. भिलाई इस्पात संयन्त्र:
यह कारखाना रूस की सहायता से छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में रायपुर से 21 किमी पश्चिम में दुर्ग रायपुर रेलमार्ग पर भिलाई नामक स्थान पर स्थापित किया गया है।

6. दुर्गापुर इस्पात कारखाना:
यह कारखाना ब्रिटिश सरकार के सहयोग से पश्चिमी बंगाल के बर्द्धमान जिले में दामोदर नदी के किनारे कोलकाता-आसनसोल रेलमार्ग पर दुर्गापुर नामक स्थान पर स्थापित किया गया है।

7. बोकारो स्टील कारखाना:
चतुर्थ पंचवर्षीय योजना के अन्तर्गत झारखण्ड के धनबाद जिले में बोकारो नामक स्थान पर रूस के सहयोग से यह कारखाना स्थापित किया गया है।

8. विजयनगर इस्पात संयन्त्र:
लोहे और इस्पात का यह नया कारखाना कर्नाटक के बेल्लारी जिले में हास्पेट के निकट स्थापित किया गया है। यह पूर्णतः स्वदेशी तकनीक पर आधारित है।

9. विशाखापट्टनम इस्पात संयन्त्र:
बन्दरगाह पर स्थित यह भारत का पहला इस्पात संयन्त्र है। यह कारखाना राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड द्वारा आन्ध्रप्रदेश में विशाखापट्टनम बन्दरगाह पर बनाया गया है।

10. सेलम इस्पात संयन्त्र:
यह कारखाना तमिलनाडु के सेलम जिले में विशेष इस्पात तैयार करने के लिए स्थापित किया गया है। यहाँ सन् 1982 से उत्पादन कार्य किया जा रहा है। भारत में लौह-इस्पात के इने कारखानों को प्रस्तुत मानचित्र की सहायता से दर्शाया गया है –
RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 19 उद्योग img-1

RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 19 उद्योग

प्रश्न 3.
भारत में एल्युमिनियम उद्योग का विस्तार से वर्णन कीजिए।
उत्तर:
भारत में लोहा एवं इस्पात के बाद एल्युमिनियम उद्योग दूसरा महत्त्वपूर्ण उद्योग है। एल्युमिना की प्राप्ति बाक्साइट धातु से होती है। एल्युमिनियम उद्योग के अधिकांश केन्द्र कोयला तथा बिजली उत्पादन केन्द्र के समीप स्थित हैं।
RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 19 उद्योग img-2
एल्युमिनियम का उपयोग घरेलू बर्तन, बिजली के तार, भवन निर्माण, प्रतिरक्षा उपकरण, रेल के डिब्बे, वायुयान, मोटर गाड़ी, नाभिकीय कार्यक्रमों, तथा फर्नीचर के निर्माण में बड़ी मात्रा में किया जाता है।

उद्योग का विकास:
भारत में सर्वप्रथम सन् 1886 में इलेक्ट्रॉनिक पद्धति से एल्युमिनियम धातु का उत्पादन प्रारम्भ किया गया। आयातित एल्युमिनियम से बर्तन बनाने का कार्य भारत में सन् 1929 में शुरू हुआ। भारत में एल्युमिनियम उद्योग की शुरुआत 1937 में जे.के. (जे.के. नगर) पं. बंगाल में एल्युमिनियम कोर्पोरेशन ऑफ इण्डिया के अन्तर्गत एक कारखाना लगाया गया। 1941 में इण्डियन एल्युमिनियम कम्पनी ने आयातित एल्युमिनियम पिण्डों से एल्युमिनियम की चादरें बनाने का कार्य प्रारम्भ किया।

वितरण:
एल्युमिनियम के कारखानों का वितरण निम्नलिखित प्रकार है –

1. इण्डियन एल्युमिनियम कम्पनी लिमिटेड:
इसकी प्रमुख इकाई मूरी में है। इस कम्पनी की एक इकाई हीराकुण्ड क्षेत्र में खोली गई है। इसका दूसरा संयन्त्र बेलगाँव में चालू किया गया है।

2. एल्युमिनियम कॉरपोरेशन ऑफ इण्डिया:
यह कारखाना जे. के. नगर (आसनसोल के निकट) में स्थित है। यहाँ एल्युमिना, एल्युमिना के पिण्ड और उसकी चादरें बनाने का कार्य एक ही स्थान पर किया जाता है।

3. हिन्दुस्तान एल्युमिनियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड:
यह कारखाना सोन नदी की घाटी में मिर्जापुर के निकट रेणुकूट में। स्थित है। यह पूर्णत: संगठित इकाई है। सम्पूर्ण कार्य एक ही स्थान पर होता है।

4. मद्रास एल्युमिनियम कम्पनी:
यह कारखाना मैटूर में स्थित है। इसकी क्षमता 25 हजार टन की है।

5. नेशनल एल्युमिनियम कम्पनी लिमिटेड:
इस कम्पनी को 7 जनवरी 1981 में एल्युमिना तथा एल्युमिनियम के उत्पादन की दृष्टि से निगमित किया गया। यह देश की सबसे बड़ी कम्पनी है।

6. भारत एल्युमिनियम कम्पनी लिमिटेड:
इसे 27 नवम्बर 1965 को सार्वजनिक क्षेत्र के पहले प्राथमिक एल्युमिनियम उत्पाद उपक्रम के रूप में निगमित किया गया। कम्पनी द्वारा छत्तीसगढ़ के बिलासपुर क्षेत्र में कोरबा एल्युमिनियम संकुल तथा पश्चिमी बंगाल के आसनसोल में विधान बाग इकाई का संचालन किया जा रहा है। सन् 2008 से वेदान्ता एल्युमिनियम लिमिटेड ने भी कार्य प्रारम्भ कर दिया है। भारत एल्युमिनियम उत्पादन में दूसरा तथा उपभोग की दृष्टि से विश्व में तीसरा बड़ा देश है। भारत बॉक्साइट के भण्डारण की दृष्टि से विश्व का 5 वाँ बड़ा देश है।

RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 19 उद्योग

RBSE Class 12 Geography Chapter 19 अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

RBSE Class 12 Geography Chapter 19 बहुचयनात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
प्राचीन काल में भारत को कहा जाता था –
(अ) सोने की चिड़िया
(ब) हीरे की चिड़िया
(स) चाँदी की चिड़िया
(द) ये सभी
उत्तर:
(अ)

प्रश्न 2.
जहाजरानी उद्योग की स्थापना निम्नलिखित में से सर्वप्रथम (1941 में) कहाँ की गई?
(अ) कोलकाता में
(ब) विशाखापत्तनम में
(स) चेन्नई में
(द) कालीकट में
उत्तर:
(ब)

प्रश्न 3.
स्वतन्त्रता के पश्चात सर्वप्रथम औद्योगिक नीति की घोषणा कब की गई?
(अ) अप्रैल 1948 में
(ब) मार्च 1950 में
(स) जुलाई 1952 में
भारत में प्रारम्भ में लोहा से सम्बन्धित कार्य किस जनजाति के लोग करते थे?
(द) सितम्बर 1954 में
उत्तर:
(अ)

प्रश्न 4.
(अ) भील
(ब) नागा
(स) अगारिया
(द) मुण्डा
उत्तर:
(स)

प्रश्न 5.
सन 2014 के अनुसार कच्चे इस्पात के उत्पादन में भारत का स्थान है –
(अ) प्रथम्
(ब) द्वितीय
(स) तृतीय
(द) चतुर्थ
उत्तर:
(द)

RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 19 उद्योग

प्रश्न 6.
भारत लोहा एवं इस्पात कारखाना (इस्को) की इकाइयों में कौन सम्मिलित नहीं है?
(अ) कुल्टी
(ब) बर्नपुर
(स) भिलाई
(द) हीरापुर
उत्तर:
(स)

प्रश्न 7.
दुर्गापुर इस्पात संयन्त्र स्थापित किया गया है –
(अ) पूर्व सोवियत सरकार के सहयोग से।
(ब) ब्रिटिश सरकार के सहयोग से।
(स) जर्मनी सरकार के सहयोग से।
(द) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(ब)

प्रश्न 8.
निम्नलिखित में से कौन-सा इस्पात संयन्त्र पूर्णतः स्वदेशी तकनीक पर आधारित है?
(अ) दुर्गापुर
(ब) भिलाई
(स) विजय नगर
(द) बोकारो
उत्तर:
(स)

प्रश्न 9.
सीमेण्ट उत्पादन की दृष्टि से भारत का विश्व में स्थान है।
(अ) प्रथम
(ब) द्वितीय
(स) तृतीय
(द) चतुर्थ
उत्तर:
(ब)

RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 19 उद्योग

प्रश्न 10.
मध्य प्रदेश के सतना और मैहर निम्नलिखित में से किस उद्योग के लिए प्रसिद्ध हैं ?
(अ) लौह-इस्पात उद्योग
(ब) सीमेण्ट उद्योग
(स) इन्जीनियरिंग उद्योग
(द) सूती वस्त उद्योग
उत्तर:
(ब)

प्रश्न 11.
गुजरात का सबसे बड़ा सीमेण्ट का कारखाना कौन सा है?
(अ) पोरबन्दर
(ब) द्वारिका
(स) सिक्का
(द) अहमदाबाद
उत्तर:
(स)

प्रश्न 12.
निम्नलिखित में से किसे सूती वस्त्र की राजधानी कहा जाता है?
(अ) अहमदाबाद को
(ब) कानपुर को
(स) बैंगलूर को
(द) मुम्बई को
उत्तर:
(द)

प्रश्न 13.
भारत में साइकिल निर्माण का प्रमुख केन्द्र है –
(अ) कानपुर
(ब) लखनऊ
(स) लुधियाना
(द) नागपुर
उत्तर:
(स)

प्रश्न 14.
भारत में सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग का प्रमुख केन्द्र है।
(अ) कानपुर
(ब) पटना
(स) बैंगलूरु
(द) कोलकाता
उत्तर:
(स)

RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 19 उद्योग

RBSE Class 12 Geography Chapter 19 अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
भारत को सोने की चिड़िया क्यों कहते थे ?
उत्तर:
प्राचीन काल में भारत उत्तम प्रकार के वस्त्र, आभूषण, धातु व सजावट के सामान बनाने में अग्रणी था। अतएव तैयार माल के बदले अधिकांश देशों का सोना भारत की ओर खिंचा आता था। अतएव इसे ‘सोने की चिड़िया कहा जाता था।

प्रश्न 2.
ब्रिटिश काल में भारतीय हस्तकलाओं के चौपट होने के क्या कारण थे?
उत्तर:
ब्रिटिश काल में भारतीय हस्तकलाओं के चौपट होने के दो प्रमुख कारण थे –

  1. अंग्रेजों की शोषण पूर्ण नीति तथा
  2. औद्योगिक क्रान्ति।

प्रश्न 3.
ब्रिटिश काल में किन दो प्रकार के उद्योगों को प्रोत्साहन मिला?
उत्तर:
ब्रिटिश काल में निम्नलिखित दो प्रकार के उद्योगों को प्रोत्साहन मिला –

  1. भारत के बाजार की माँग की पूर्ति न कर पाने वाले ब्रिटिश उद्योग (यथा-सूती वस्त्र, ऊनी वस्त्र, सीमेण्ट उद्योग) तथा
  2. वे उद्योग जिनका कच्चा माल ब्रिटेन ले जाना लाभकारी नहीं था। (चीनी के जूट उद्योग)

प्रश्न 4.
लौह-इस्पात उद्योग का प्रथम असफल प्रयास कब और कहाँ हुआ?
उत्तर:
लौह-इस्पात उद्योग का प्रथम असफल प्रयास तमिलनाडु के अर्काट जिले में सन् 1779 में किया गया।

प्रश्न 5.
सीमेण्ट उद्योग का प्रथम असफल प्रयास कब और कहाँ किया गया?
उत्तर:
सीमेण्ट उद्योग का प्रथम असफल प्रयास सन् 1904 में चेन्नई में किया गया।

RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 19 उद्योग

प्रश्न 6.
रासायनिक उर्वरक उद्योग का प्रथम संयन्त्र कब और कहाँ लगाया गया?
उत्तर:
रासायनिक उर्वरक उद्योग का प्रथम संयन्त्र सन् 1906 में रानीपेट तमिलनाडु में लगाया गया।

प्रश्न 7.
सन 1923 में घोषित औद्योगिक नीति का उदेश्य क्या था?
उत्तर:
सन् 1923 में घोषित औद्योगिक नीति का उद्देश्य औद्योगिक विकास कर विश्वयुद्ध की परिस्थितियों से लाभार्जन करना था।

प्रश्न 8.
कागज उद्योग की प्रथम मिल (असफल)! कहाँ लगाई गई थी?
उत्तर:
कागज उद्योग की प्रथम (असफल) मिल पं. बंगाल के सिरामपुर में लगाई गई।

प्रश्न 9.
ऊनी वस्त्र की प्रथम मिल की स्थापना कब और कहाँ की गई?
उत्तर:
ऊनी वस्त्र की प्रथम मिल की स्थापना 1876 में कानपुर में लाल इमली के नाम से की गई?

प्रश्न 10.
भारत में सर्वप्रथम राष्ट्रीय योजना आयोग की स्थापना कब की गई?
उत्तर:
भारत में सर्वप्रथम राष्ट्रीय योजना आयोग की स्थापना मार्च 1950 में की गई।

प्रश्न 11.
लौह-इस्पात उद्योग को आधार भूत उद्योग क्यों कहते हैं?
उत्तर:
लौह-इस्पात उद्योग से उत्पादित सामान अन्य सभी वस्तुओं के निर्माण में आवश्यक होते हैं, अतएव इसे आधार भूत उद्योग कहते हैं।

प्रश्न 12.
लौह-इस्पात उद्योग की सार्वजनिक क्षेत्र की पहली इकाई कौन थी?
उत्तर:
लौह-इस्पात उद्योग की सार्वजनिक क्षेत्र की पहली इकाई सन् 1923 में भद्रावती में विश्वेश्वरैया आयरन एण्ड स्टील वक्र्स की स्थापना की गई।

प्रश्न 13.
स्टील अथॉरिटी आफ इण्डिया की स्थापना कब की गई?
उत्तर:
स्टील अथॉरिटी ऑफ इण्डिया की स्थापना 1974 में सरकार द्वारा की गई।

RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 19 उद्योग

प्रश्न 14.
भारत का निजी क्षेत्र का लौह-इस्पात कारखाना कौन सा है?
उत्तर:
भारत में टाटा आयरन एण्ड स्टील कम्पनी (TISCO) जमशेदपुर निजी क्षेत्र में हैं।

प्रश्न 15.
विशाखपत्तनम इस्पात संयन्त्र की आधिकारिक स्थिति क्या हैं ?
उत्तर:
राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड (RINL) सार्वजनिक क्षेत्र के अधीन विशाखापत्तनम इस्पात संयन्त्र विशाखापत्तनम् (आन्ध्रप्रदेश) है।

प्रश्न 16.
इस्को (इण्डियन आयरन एण्ड स्टील कम्पनी) का स्वामित्व सरकार ने अपने हाथ में कब लिया?
उत्तर:
इस्को का स्वामित्व सरकार ने 14 जुलाई, 1976 को अपने हाथ में लेकर (SAIL) में विलय कर दिया। सन्दर्भित विलय 1 अप्रैल 2005 से माना गया।

प्रश्न 17.
एक टन कच्चा लोहा कितनी अन्य कच्ची सामग्रियों से तैयार होता है?
उत्तर:
एक अनुमान के अनुसार, एक टन कच्चा लोहा बनाने के लिए 1.5 टन लौह अयस्क, 1.4 टन कोयला, 0.3 टन चूने का पत्थर, 0.1 टन मैगनीज तथा 0.1 डोलोमाइट की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 18.
कोयला क्षेत्रों के निकट स्थापित लौह-इस्पात केन्द्रों के नाम बताइए।
उत्तर:
बर्नपुर, हीरापुर, कुल्टी, दुर्गापुर तथा बोकारो लोह-इस्पात कारखाने कोयला क्षेत्रों के निकट स्थापित हैं।

प्रश्न 19.
लौह-अयस्क क्षेत्रों के निकट स्थापित लौह-इस्पात केन्द्रों के नाम बताइए।
उत्तर:
भिलाई, राउरकेला, भद्रावती, सेलम तथा विजयनगर (कर्नाटक) लौह-इस्पात केन्द्र, लौह अयस्क क्षेत्रों के निकट स्थापित हैं।

प्रश्न 20.
बन्दरगाह पर स्थापित लौह-इस्पात केन्द्र का नाम बताइए।
उत्तर:
भारत का एक मात्र लौह- इस्पात केन्द्र विशाखापतनम बन्दरगाह पर स्थापित किया गया है।

प्रश्न 21.
भारतीय लोहा एवं इस्पात कारखाना (इस्को) में कौन सी इकाईयाँ सम्मिलित हैं?
उत्तर:
भारतीय लोहा एवं इस्पात कारखाना में कुल्टी, बर्नपुर और हीरापुर की इकाइयाँ सम्मिलित हैं।

RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 19 उद्योग

प्रश्न 22.
राउरकेला इस्पात संयन्त्र से उप-उत्पादों के रूप में क्या प्राप्त होता है?
उत्तर:
राउरकेला इस्पात संयन्त्र से उप उत्पाद के रूप 1. में हल्का तेल, प्रांगविक तेल, नेफ्थलिन, तेल, वॉश आयल, ऐन्थेसिन तेल, पिच आदि प्राप्त होता है।

प्रश्न 23.
भारत का सफल आदर्श लौह-इस्पात का कारखाना कौन सा है?
उत्तर:
भिलाई को भारत को सफल एवं आदर्श कारखाना माना जाता है।

प्रश्न 24.
राष्ट्रीय इस्पात नीति (नवम्बर 2005) के दो प्रमुख उद्देश्य बताइए।
उत्तर:
राष्ट्रीय इस्पात नीति के दो प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं –

  1. वैश्विक स्तर पर लागत लाना तथा।
  2. गुणवत्ता तथा उत्पादकता में प्रतिस्पर्धा बढ़ाना।

प्रश्न 25.
दुर्गापुर इस्पात संयंत्र कहाँ स्थित है?
उत्तर:
यह संयंत्र पश्चिम बंगाल के वर्द्धमान जिले में आसनसोल-कोलकाता रेलमार्ग पर दामोदर नदी के किनारे स्थित है।

प्रश्न 26.
ऐल्युमिनियम उद्योग में आवश्यक कच्ची धातु कौन-सी है?
उत्तर:
बॉक्साइट।

RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 19 उद्योग

प्रश्न 27.
एल्युमिनियम उद्योग की समस्याएँ कौन-सी हैं?
उत्तर:
एल्युमिनियम उद्योग की प्रमुख समस्याओं में सिदेशी व्यापार में स्पर्धा, निर्यात में वृद्धि करने में असमर्थ, शक्ति के साधनों का केन्द्रीयकरण, उत्पादन की ऊँची लागत, घरेलू विशाल बाजार आदि शामिल हैं।

प्रश्न 28.
नेशनल एल्युमिनियम कम्पनी (NALCO) को एशिया महाद्वीप में क्या स्थान है?
उत्तर:
नेशनलं एल्युमिनियम कम्पनी लिमिटेड 21 लाख टन प्रतिवर्ष उत्पादन करके एशिया महाद्वीप का सबसे बड़ा एल्युमिनियम उत्पादक कारखाना बन गया है।

प्रश्न 29.
कटनी (मध्य प्रदेश) में सीमेण्ट कारखाना किस कम्पनी द्वारा स्थापित किया गया था?
उत्तर:
कटनी में सीमेण्ट कारखाना मध्यप्रदेश खटाऊ कम्पनी द्वारा स्थापित किया गया था।

प्रश्न 30.
लाखेरी (राजस्थान) सीमेण्ट कारखाना किस कम्पनी द्वारा स्थापित किया गया था?
उत्तर:
लाखेरी (राजस्थान) सीमेण्ट कारखाना बूंदी किलिक निक्सन कम्पनी द्वारा स्थापित किया गया था।

प्रश्न 31.
पोरबन्दर (गुजरात) सीमेण्ट कारखाने में किसका सहयोग रहा?
उत्तर:
पोरबन्दर (गुजरात) सीमेण्ट कारखाने में टाटा सन्स का सहयोग रहा।

प्रश्न 32.
देश का सबसे बड़ा सीमेण्ट कारखाना कहाँ स्थित हैं?
उत्तर:
जामुल (मध्यप्रदेश) में स्थित सीमेण्ट संयन्त्र देश का सबसे बड़ा कारखाना है।

RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 19 उद्योग

प्रश्न 33.
मध्य प्रदेश के प्रमुख सीमेण्ट उत्पादक क्षेत्रों के नाम बताइए।
उत्तर:
मध्यप्रदेश के प्रमुख सीमेण्ट उत्पादक क्षेत्रों में सतना, मैहर, कैसून, गोपालनगर, अंकल, तारा बनयोर, नीगच, ग्वालियर, कटनी, सतना तथा दामोह हैं।

प्रश्न 34.
राजस्थान के प्रमुख सीमेन्ट उत्पादक क्षेत्र कौन-से हैं?
उत्तर:
राजस्थान के प्रमुख सीमेन्ट उत्पादक क्षेत्रों में लाखेरी, निम्बाहेड़ा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, ब्यावर, मोडक आदि शामिल हैं।

प्रश्न 35.
कर्नाटक के प्रमुख सीमेण्ट उत्पादक जिले कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
कर्नाटक के प्रमुख सीमेण्ट उत्पादक जिले बागलकोर, बाड़ी, भद्रावती, बैंगलुरू, कुरकन्ता शाहबाद, आमसन्द्र, बीजापुर तथा तुमकुरू एवं गुलबर्गा हैं।

प्रश्न 36.
झारखण्ड के सीमेण्ट उत्पादक क्षेत्रों के नाम बताइए।
उत्तर:
सोन नदी घाटी सीमेण्ट उद्योग के लिए महत्त्वपूर्ण है। सीमेण्टे कारखाने सिन्द्री, डालमियानगर जपला, खेलारी, चाईबासा, बनजारी तथा कल्याणपुर में हैं।

प्रश्न 37.
सीमेण्ट उद्योग की प्रमुख समस्याएँ कौन-सी हैं? ।
उत्तर:
भारी पूँजी लागत, बिजली, कोयले की उपलब्धता की कमी, माल डिब्बों में निरन्तर कमी व पर्याप्त जल की कमी सीमेण्ट उद्योग की प्रमुख समस्याएँ हैं।

प्रश्न 38.
हेरोडोट्स (434 ईसा पूर्व) ने भारत के सूती वस्त्र उद्योग के बारे में क्या लिखा था?
उत्तर:
हेरोडोट्स 434 ई०पू० भारत आया और उसने लिखा-“भारतीय सफेद फूल के पौधों से बने सुन्दर कपड़े बनाकर पहनते थे।”

RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 19 उद्योग

प्रश्न 39.
रोमन महिलाएँ किसमें गौरव महसूस करती थीं?
उत्तर:
प्राचीन रोम में भारतीय रेशम और छींट के वस्त्र पहनने में रोमन महिलाएँ गौरव महसूस करती थीं।

प्रश्न 40.
सूती वस्त्र की राजधानी किसे कहा जाता है?
उत्तर:
मुम्बई को सूती वस्त्र की राजधानी कहा जाता है।

प्रश्न 41.
पूर्व का बोस्टन किसे कहा जाता है?
उत्तर:
अहमदाबाद को पूर्व का बोस्टन कहा जाता है।

प्रश्न 42.
ट्रेवनियर ने भारतीय सूती वस्त्र उद्योग के संदर्भ में क्या कहा है?
उत्तर:
ट्रेवनियम के अनुसार भारतीय रेशम सुन्दर थी कि वे तुम्हारे हाथ में है, यह ज्ञान भी नहीं होता था। यह अति कोमलता से काते हुए धागों से बुना जाता था। यह मलमल का टुकड़ा अंगूठी में से निकाला जा सकता था।

प्रश्न 43.
बुकानन ने भारत के सूती वस्त्र उद्योग के बारे में क्या लिखा है?
उत्तर:
बुकानन ने भारत के सूती वस्त्र उद्योग के बारे में लिखा है-“भारत के लिए सूती वस्त्र उद्योग अतीत का गौरव, भूत और वर्तमान का संकट तथा सदैव की आशा रहा है।

प्रश्न 44.
तमिलनाडु का सर्वाधिक महत्वपूर्ण सूतीवस्त्र उद्योग का केन्द्र कौन सा है?
उत्तर:
तमिलनाडु का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण सृतीवस्त्र उद्योग का केन्द्र कोयम्बटूर है, जहाँ राज्य की 50 प्रतिशत मिलें स्थापित हैं।

प्रश्न 45.
उत्तर प्रदेश का प्रमुख सूती वस्त्र उद्योग का केन्द्र कौन है?
उत्तर:
उत्तर प्रदेश में कानपुर प्रमुख सूती वस्त्र का केन्द्र है। इसे उत्तरी भारत का मैनचेस्टर भी कहते हैं।

RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 19 उद्योग

प्रश्न 46.
कृषि आधारित किन्हीं दो उद्योगों के नाम बताइए।
उत्तर:
कृषि आधारित प्रमुख दो उद्योग निम्नलिखित हैं –

  1. सूतीवस्त्र उद्योग तथा
  2. जूट उद्योग।

प्रश्न 47.
भारत के चीनी उद्योग का वर्णन किन नि प्राचीन ग्रन्थों में उपलब्ध हैं?
उत्तर:
भारत के चीनी उद्योग का वर्णन वैदिक साहित्य, चाणक्य के अर्थशास्त्र, तथा मेगास्थनीज की इण्डिका में वर्णित है।

प्रश्न 48.
भारत में प्रथम सफल चीनी मिल कहाँ स्थापित की गई थी?
उत्तर:
भारत में 1908 में अंग्रेजों द्वारा बिहार के मढ़ोरा में प्रथम सफल चीनी मिल की स्थानपना की गई थी।

प्रश्न 49.
महाराष्ट्र का प्रमुख चीनी उत्पादक केन्द्र प्रकौन सा है?
उत्तर:
अहमदनगर महाराष्ट्र राज्य का सबसे बड़ा चीनी उत्पादक केन्द्र है। यहाँ ग्यारह चीनी मिलें स्थापित हैं।

प्रश्न 50.
राजस्थान में चीनी मिलें कहाँ-कहाँ हैं?
उत्तर:
राजस्थान में केशोरायपाटन (बूंदी) श्रीगंगानगर व भोल सागर में चीनी की मिले हैं।

प्रश्न 51.
इन्जीनियरिंग उद्योग के विषय में विद्वानों की क्या मान्यता हैं?
उत्तर:
विद्वानों की मान्यता है कि- “बिना इन्जीनियरिंग उद्योग के विकास के मशीनों का एक पहिया भी स आगे नहीं बढ़ सकता है।”

प्रश्न 52.
इन्जीनियरिंग उद्योग द्वारा किन-किन वस्तुओं का निर्माण होता है?
उत्तर:
इन्जीनियरिंग उद्योग द्वारा अनेक प्रकार की मिश्रित धातुओं, पूँजीगत माल, विविध मशीनरी, मशीनी औजार आदि का निर्माण किया जाता है।

RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 19 उद्योग

प्रश्न 53.
इंजीनियरिंग उद्योग में किन दशाओं को होना आवश्यक है?
उत्तर:
इंजीनियरिंग उद्योग में अधिक पूँजी, परिवहन की सुविधा, सस्ती विद्युत शक्ति, सस्ता श्रम व तकनीकी ज्ञान का अनुभव आवश्यक है।

प्रश्न 54.
भारत में भारी इन्जीनियरिंग उद्योग की स्थापना किसके सहयोग से हुई?
उत्तर:
भारत में भारी इजीनियरिंग उद्योग की स्थापना हैवी इन्जीनियरिंग कारपोरेशन लिमिटेड द्वारा सन् 1957 में (HEEC) राँची में रूस एवं चैकोस्लोवाकिया के सहयोग से की गई।

प्रश्न 55.
औद्योगिक मशीनरी के निर्माण में भारत की क्या स्थिति है?
उत्तर:
औद्योगिक मशीनरी के निर्माण में भारत आत्मनिर्भर है। कुछ अफ्रीकी व एशियाई देशों को यहाँ से निर्यात भी किया जाता है।

प्रश्न 56.
भारी इलेक्ट्रिक इन्जीनियरिंग के प्रमुख केन्द्रों के नाम बताइए।
उत्तर:
देश में विद्युत उपकरणों के निर्माण के लिए सन् 1964 में भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL) की स्थापना सार्वजनिक क्षेत्र में की गई। इसके संयन्त्र भोपाल, हैदराबाद, हरिद्वार, रानीपेट, बेंगलुरु एवं जमशेदपुर में हैं।

प्रश्न 57.
साइकिल उद्योग भारत में किस स्थिति में है?
उत्तर:
साइकिल उद्योग में भारत, चीन के बाद दूसरा प्रमुख देश है। वर्तमान में लुधियाना प्रमुख साइकिल निर्माण केन्द्र है।

प्रश्न 58.
रेल इंजन बनाने का प्राथमिक कारखाना कहाँ खोला गया?
उत्तर:
रेल इंजन बनाने का प्राथमिक कारखाना रेलवे विभाग द्वारा अजमेर एवं जमालपुर (बिहार) में खोला गया। सन् 1940 तक अजमेर के वर्कशॉप से 446 इंजन तथा 346 वॉयलर बनाए गए। वर्तमान में ये बन्द कर दिये गए हैं।

RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 19 उद्योग

प्रश्न 59.
भारत में रेल के डिब्बे कहाँ बनाए जाते हैं?
उत्तर:
भारत में रेल के डिब्बे बनाने का कारख़ाना सार्वजानिक क्षेत्र में इंट्रीगल कोच फैक्ट्री पेराम्बूर (तमिलनाडु) में है। यहाँ साधारण और वातानुकूलित वारी डिब्बे बनाये जाते हैं।

प्रश्न 60.
बैंगलोर को भारत की सिलिकन वैली क्यों कहते हैं?
उत्तर:
बैंगलोर के अन्तर्गत सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग सर्वाधिक विकसित हुआ है, इसी कारण इसे भारत की सिलिकन वैली कहते हैं।

प्रश्न 61.
इण्डियन टेलीफोन इण्डस्ट्रीज की इकाइयाँ कहाँ-कहाँ हैं ?
उत्तर:
सन् 1950 में बंगलुरु में इण्डियन टेलीफोन इण्डस्ट्रीज की स्थापना की गई। इसकी इकाईयाँ श्रीनगर रायबरेली, नैनी (इलाहाबाद) में है।

प्रश्न 62.
भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड कहाँ हैं? इसके द्वारा कौन से सामान बनाये जाते हैं? .
उत्तर:
भारत इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड बैंगलुरु में हैं। यह सेना, मौसम विज्ञान, आकाशवाणी से सम्बन्धित इलेक्ट्रानिक्स उपकरणों का निर्माण करता है।

प्रश्न 63.
भारत से इन्जीनियरिंग उपकरणों का निर्यात किन-किन देशों को होता है?
उत्तर:
भारत से इन्जीनियरिंग उपकरणों का निर्यात अमेरिका, चीन, ब्रिटेन, रूस जैसे देशों को किया जा रहा है। निर्यात लगातार बढ़ रहा है।

प्रश्न 64.
‘मेक-इन इण्डिया’ कार्यक्रम के दो उद्देश्य बताइये।
उत्तर:
मेक-इन इण्डिया कार्यक्रम के प्रमुख दो उद्देश्य निम्नलिखित हैं –

  1. निवेश को बढ़ावा देकर औद्योगिक विकास की गति को तेज करना तथा।
  2. देश को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाना। मेक-इन इण्डिया कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत 25 सितम्बर 2014 को हुई।

RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 19 उद्योग

RBSE Class 12 Geography Chapter 19 लघु उत्तरीय प्रश्न (SA-I)

प्रश्न 1.
स्टील अथॉरिटी ऑफ इण्डिया लिमिटेड (SAIL) के अधीन सार्वजनिक क्षेत्र के लौह-इस्पात केन्द्रों के नाम लिखिए।
उत्तर:
भारतीय इस्पात प्राधिकरण लिमिटेड (SAIL) के स्वामित्व में निम्नलिखित संयन्त्र सार्वजनिक क्षेत्र में हैं –

  1. दुर्गापुर एकीकृत इस्पात संयन्त्र दुर्गापुर (पं. बंगाल)।
  2. राउरकेला एकीकृत इस्पात संयन्त्र राउरकेला (उड़ीसा)।
  3. भिलाई एकीकृत इस्पात संयन्त्र भिलाई (छत्तीसगढ़)।
  4. बोकारो एकीकृत इस्पात संयन्त्र बोकारो (झारखण्ड)।
  5. इण्डियन आयरन एण्ड स्टील कम्पनी बर्नपुर (पं. बंगाल)।
  6. विशेष और मिश्र इस्पात और लौह मिश्र कारखाना दुर्गापुर (पं. बंगाल)।
  7. विशेष और मिश्र इस्पात और लौह मिश्र कारखाना सेलम (तमिलनाडु)।
  8. महाराष्ट्र इलेक्ट्रो स्लेम लिमिटेड चन्द्रपुर (महाराष्ट्र)।
  9. विश्वेश्वरया आयरन एण्ड स्टील कम्पनी भद्रावती (कर्नाटक)।

प्रश्न 2.
कच्चामाल किस प्रकार उद्योगों की स्थिति को प्रभावित करता है?
अथवा
स्पष्ट कीजिए कि किस प्रकार कच्चा माल उद्योगों के स्थानीयकरण को प्रभावित करता है?
उत्तर:
कच्चा माल और उद्योगों की स्थापना में घनिष्ठ सम्बन्ध है। सामान्यत: भार ह्वास मूलक उद्योग उन्हीं स्थानों पर स्थापित किये जाते हैं जहाँ कच्चा माल उपलब्ध होता है। जिन उद्योगों में निर्मित वस्तुओं का भार कच्चे माल की तुलना में कम है उन्हें कच्चे माल के स्रोत या बाजार से हटकर कहीं भी स्थापित किया जा सकता है। किन्तु भारी कच्चो मालों का उपयोग करने वाले उद्योग सदैव कच्चे माल के स्रोतों पर ही स्थापित किये जाते हैं; जैसे-लौह-इस्पात उद्योग व चीनी उद्योग।

प्रश्न 3.
भारत में भारी उद्योगों की स्थिति को शक्ति संसाधन किस प्रकार प्रभावित करते हैं? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
उद्योगों में तीव्र गति से कार्य सम्पन्न करने के लिए विविध प्रकार के मशीनों का प्रयोग किया जाता है। ये मशीनें प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से शक्ति के संसाधनों से ही संचालित होती हैं। अत: शक्ति के स्रोतों की उपलब्धता एवं निकटता उद्योगों को नियन्त्रित करने वाला मुख्य कारक है यथा एल्युमीनियम उद्योग को शक्ति के स्रोत के निकट स्थापित किया जाता है, क्योंकि इसमें अधिक शक्ति का प्रयोग होता है।

प्रश्न 4.
बाजार से किस प्रकार उद्योगों की स्थिति प्रभावित होती है ?
उत्तर:
उद्योगों से उत्पादित माल की खपत के लिए बाजार होना अति आवश्यक है। बाजार की निकटता से यातायात का खर्च कम हो जाता है और उपभोक्ता को औद्योगिक उत्पाद सस्ती कीमत पर मिल जाते हैं। शीघ्र नष्ट होने वाली वस्तुओं को अधिक दूर तक ले जाना सम्भव नहीं होता है। फलस्वरूप उनके लिए बाजार की समीपता अति आवश्यक होती है। सूती वस्त्र उद्योग एवं खनिज तेल शोधनशालाओं की स्थापना में भी बाजार की समीपता महत्त्वपूर्ण मानी जाती है।

प्रश्न 5.
लौह-इस्पात उद्योगों की सबसे अच्छी स्थिति कच्चे माल के स्रोतों के निकट होती है, क्यों ?
अथवा
भारत में लोहा और इस्पात संयन्त्र कच्चे माल के स्रोत के निकट क्यों स्थित है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
लौह इस्पात उद्योगों के लिए कई प्रकार के कच्चे मालों की आवश्यकता होती है जिनमें लौह-अयस्क, कोककारी कोयला, चूना पत्थर, डोलोमाइट, मैंगनीज एवं अग्निसहमृत्तिका आदि प्रमुख हैं। ये समस्त कच्चे माल स्थूल अर्थात भार ह्रास वाले होते हैं। इसलिए लौह इस्पात उद्योगों की सबसे अच्छी स्थिति कच्चे माल के स्रोतों के निकट होती है। इसी कारण भारत के लोहा और इस्पात संयंत्र कच्चे माल की उपलब्धता के समीपवर्ती भागों में स्थित है।

RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 19 उद्योग

प्रश्न 6.
भारत में लौह-इस्पात उद्योग की स्थापना के लिए देश का कौन-सा क्षेत्र सर्वाधिक अनुकूल है तथा क्यों ?
उत्तर:
भारत में छत्तीसगढ़, उत्तरी उड़ीसा, झारखण्ड तथा पश्चिमी बंगाल के पश्चिमी भागों को सम्मिलित करते हुए एक अर्धचन्द्राकार प्रदेश ऐसा है जो देश में लौह-इस्पात उद्योग की स्थापना के लिए सर्वाधिक अनुकूल दशाएँ रखता है। इस प्रदेश में उच्च कोटि को लौह-अयस्क, उत्तम गुणवत्ता का कोककारी कोयला तथा अन्य सम्पूरक पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। यही कारण है कि देश के पूर्वी भाग पर विस्तृत इस अर्द्ध-चन्द्राकार क्षेत्र में लौह-इस्पात उद्योग का सर्वाधिक विकास देखने को मिलता है।

प्रश्न 7.
भारत के प्रमुख लौह-इस्पात संयन्त्रों के नाम लिखिए।
अथवा
भारत के एकीकृत इस्पात कारखानें कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
भारत के प्रमुख लौह-इस्पात संयन्त्र (एकीकृत इस्पात कारखाने) निम्नलिखित हैं –

  1. टाटा लौह इस्पात कम्पनी।
  2. भारतीय लोहा और इस्पात कम्पनी।
  3. विश्वेश्वरैया आयरन एण्ड स्टील वक्र्स (कर्नाटक)।
  4. राउरकेला इस्पात संयन्त्र (उड़ीसा)।
  5. भिलाई इस्पात संयन्त्र (छत्तीसगढ़)।
  6. दुर्गापुर इस्पात संयन्त्र (प. बंगाल)।
  7. बोकारो इस्पात संयन्त्र (झारखण्ड)।
  8. विशाखापट्टनम् इस्पात संयन्त्र (आन्ध्र प्रदेश)।
  9. विजयनगर इस्पात संयन्त्र होस्पेट (कर्नाटक)।
  10. सेलम इस्पात संयन्त्र (तमिलनाडु)।

प्रश्न 8.
टाटा लौह-इस्पात कम्पनी की अवस्थिति को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
टाटा लौह-इस्पात कम्पनी (TISCO) – झारखण्ड राज्य के जमशेदपुर नामक स्थान पर कार्यरत यह इस्पात संयन्त्र मुम्बई-कोलकाता रेलमार्ग के समीप अवस्थित है। इस संयन्त्र को लौह-अयस्क नोआमण्डी और बादामपहाड़ से, कोयला उड़ीसा राज्य की खानों से, कोककारी कोयला झरिया व पश्चिमी बोकारो से तथा जल सुवर्ण रेखा एवं खारकोई नदियों से प्राप्त किया जाता है। इस संयन्त्र में उत्पादित इस्पात का निर्यात लगभग 250 किमी. दूर कोलकाता पत्तन से किया जाता है।

RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 19 उद्योग

प्रश्न 9.
भारतीय लोहा और इस्पात कम्पनी के बारे में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर:
भारतीय लोहा और इस्पात कम्पनी (IISCO):
भारतीय लोहा और इस्पात कम्पनी (इण्डियन आयरन एण्ड स्टील कम्पनी) द्वारा लौह-इस्पात के संयन्त्र, आसनसोल (पश्चिम बंगाल राज्य) के समीप हीरापुर, कुल्टी तथा बर्नपुर नामक स्थानों पर स्थापित किये गए। उक्त तीनों इस्पात संयन्त्र कोलकाता-आसनसोल रेल-मार्ग पर दामोदर घाटी के कोयला क्षेत्रों (रानीगंज, झरिया तथा रामगढ़) के समीप अवस्थित हैं। इन संयन्त्रों को लौह-अयस्क सिंहभूम (झारखण्ड) से आता है, जबकि जल की आपूर्ति दामोदर नदी की सहायक नदी बराक से की जाती है।
RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 19 उद्योग img-3
प्रश्न 10.
भिलाई इस्पात संयन्त्र की अवस्थिति को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भिलाई इस्पात संयन्त्र-इस इस्पात संयन्त्र की स्थापना छत्तीसगढ़ राज्य के दुर्ग जिले में रूस के सहयोग से की गई। इस संयन्त्र को लौह-अयस्क समीपवर्ती क्षेत्र में स्थित डेल्ली राजहरा खानों से तथा कोयला कोरबा व करगाली खदानों से प्राप्त हो जाता है। इस संयन्त्र को विद्युत की आपूर्ति कोरबा तापीय शक्तिगृह से तथा जल की आपूर्ति तन्दुला बाँध से की जाती है। यह संयन्त्र कोलकाता-मुम्बई रेलमार्ग पर स्थित है। इस संयन्त्र में उत्पादित इस्पात का अधिकांश भाग विशाखापट्टनम बन्दरगाह से निर्यात कर दिया जाता है।
RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 19 उद्योग img-4

RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 19 उद्योग

प्रश्न 11.
दुर्गापुर इस्पात संयन्त्र की स्थिति का संचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर:
दुर्गापुर इस्पात संयन्त्र-ब्रिटेन सरकार के सहयोग से पश्चिम बंगाल राज्य के दुर्गापुर नामक स्थान पर संचालित यह संयन्त्र रानीगंज व झरिया कोयला पेटी में आता है। इस संयन्त्र को लौह-अयस्क रेलमार्ग द्वारा नोआमंडी क्षेत्र से प्राप्त होता है। कोलकाता-दिल्ली रेलमार्ग पर स्थित इस संयन्त्र को जल विद्युत शक्ति दामोदर घाटी कॉर्पोरेशन से प्राप्त होती है। दुर्गापुर इस्पात संयंत्र –
RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 19 उद्योग img-5
प्रश्न 12.
बोकारो इस्पात संयन्त्र की अवस्थिति दिखाइए।
उत्तर:
बोकारो इस्पात संयन्त्र-रूस के सहयोग से झारखण्ड के बोकारो नामक स्थान पर इस इस्पात संयन्त्र की स्थापना न्यूनतम परिवहन लागत सिद्धान्त के आधार की गई है, जिसके अनुसार बोकारो तथा राउरकेला संयुक्त रूप से राउरकेला क्षेत्र से लौह-अयस्क प्राप्त करते हैं तथा वापसी में मालगाड़ी के डिब्बे राउरकेला के लिए कोयला ले जाती है। इस संयन्त्र को जल तथा जल विद्युत की आपूर्ति दामोदर घाटी कारपोरेशन से की जाती है। बोकारो इस्पात संयंत्र –
RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 19 उद्योग img-6

RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 19 उद्योग

प्रश्न 13.
विश्वेश्वरैया आयरन एण्ड स्टील वर्ल्स की अवस्थिति प्रदर्शित कीजिए।
उत्तर:
लौह-इस्पात का यह संयन्त्र कर्नाटक राज्य के भद्रावती नामक स्थान पर बाबाबूदन पहाड़ियों के लौह अयस्क क्षेत्रों के समीप संचालित है। इस संयन्त्र को लौह अयस्क के साथ-साथ चूना पत्थर व मैंगनीज की उपलब्धता भी स्थानीय स्तर पर उपलब्ध है। जल की आपूर्ति भद्रावती नदी से की जाती है। इस संयन्त्र में विशिष्ट इस्पात एवं एलॉय का उत्पादन किया जाता है।
RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 19 उद्योग img-7
प्रश्न 14.
क्या आप पूर्वी और दक्षिणी भारत में लौह-इस्पात उद्योगों की स्थिति के कारणों का अनुमान लगा सकते हैं ?
उत्तर:
पूर्वी भारत में लौह इस्पात उद्योग के स्थानीयकरण के प्रमुख कारणों में लौह-अयस्क तथा कोयला खनन स्रोतों की निकटता, सस्ती जल विद्युत तथा तापीय विद्युत की उपलब्धता तथा परिवहन सुविधाएँ सर्वप्रमुख हैं, जबकि दक्षिणी भारत में लौह इस्पात उद्योग की अवस्थिति में पत्तन सुविधा तथा समीपवर्ती क्षेत्रों से कच्चे माल की आपूर्ति महत्त्वपूर्ण हैं।

प्रश्न 15.
न्यूनतम परिवहन लागत सिद्धान्त के आधार पर स्थापित बोकारो इस्पात संयंत्र के बारे में बताइए।
उत्तर:
बोकारो इस्पात संयन्त्र-रूस के सहयोग से झारखण्ड के बोकारो नामक स्थान पर इस इस्पात संयन्त्र की स्थापना न्यूनतम परिवहन लागत सिद्धान्त के आधार पर की गई है, जिसके अनुसार बोकारो तथा राउरकेला संयुक्त रूप से राउरकेला क्षेत्र से लौह-अयस्क प्राप्त करते हैं तथा वापसी में मालगाड़ी के डिब्बे राउरकेला के लिए कोयला ले जाते हैं। इस संयन्त्र को जल तथा जल विद्युत की आपूर्ति दामोदर घाटी कॉर्पोरेशन से की जाती है।

RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 19 उद्योग

प्रश्न 16.
विगत वर्षों में लौह-इस्पात के उत्पादन एवं व्यापार का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
वर्ष 2014 – 15 में भारत में पिग आयरन का उत्पादन 9.634 मिलिटन टन, स्पॉज आयरन का 20.38 मिलियन टन, कुल तैयार इस्पात (एलॉय + गैर एलॉय) का 91.45 मिलियन टन था। वर्ष 2014 – 15 में भारत से 9.32 मिलियन टन का निर्यात किया गया।

प्रश्न 17.
राष्ट्रीय इस्पात नीति (2005) के लक्ष्य क्या थे?
उत्तर:
केन्द्र सरकार द्वारा 2 नवम्बर 2005 को राष्ट्रीय इस्पात नीति की स्वीकृति दी गई जिसके अन्तर्गत वर्ष 2019-20 तक वर्तमान उत्पादन 4 करोड़ 21 लाख टन से बढ़ाकर 11 करोड़ टन करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्र की ओर से लगभग 2.5 लाख करोड़ का निवेश किये जाने की सम्भावना है।

प्रश्न 18.
भारत में सूती वस्त्र उद्योग के स्थानीयकरण को प्रभावित करने वाले कारक कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
सूती वस्त्र उद्योग भारत के परम्परागत उद्योगों में से एक है। भारत में सूती वस्त्र उद्योग के स्थानीयकरण को प्रभावित करने वाले कारकों में कच्चे माल तथा सस्ते कुशल श्रमिकों की स्थानीय उपलब्धता, बाजार की समीपता, सस्ती जल विद्युत की उपलब्धता, स्थानीय निवेश एवं पत्तन की सुविधा आदि प्रमुख हैं।

प्रश्न 19.
क्या कारण है कि भारत की अधिकांश चीनी मिलें गन्ना उत्पादक क्षेत्रों के समीप ही स्थापित मिलती हैं?
उत्तर:
चीनी उद्योग का सर्वप्रमुख व एकमात्र कच्चा माल गन्ना है। गन्ने के कुल भार में चीनी (सुक्रोज) का भाग 9% से 12% के मध्य मिलता है। गन्ना भार ह्रास वाली कृषि फसल है। खेत में गन्ने को काटने से लेकर ढुलाई की अवधि तक इसमें सुक्रोज की मात्रा कम होती जाती है। यदि गन्ने को काटने के 24 घण्टे के अन्दर गन्ना मिलों में इसका रस निकाल लिया जाता है तो इससे चीनी की मात्रा अधिक प्राप्त होती है।

इसके बाद जैसे-जैसे समय बीतता चला जाता है वैसे-वैसे गन्ने में चीनी का प्रतिशत कम होता चला जाता है। यही कारण है कि भारत की अधिकांश चीनी मिलें गन्ना उत्पादक क्षेत्रों के समीप ही स्थापित मिलती हैं। अत: चीनी उद्योग को कच्चा माल उन्मुख उद्योग माना जाता है।

प्रश्न 20.
इण्डियन एल्यूमिनियम कम्पनी का अवस्थिति का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
इण्डियन एल्युमिनियम कम्पनी झारखंड के मूरी नामक स्थान पर अवस्थित है। इस कारखाने हेतु आवश्यक कच्ची सामग्री, बॉक्साइड मुरी से 32 किमी दूर लोहारदग्गा की खानों से, पानी की आपूर्ति दामोदर घाटी से तथा कोयला भी दामोदर घाटी क्षेत्र से प्राप्त होता है। इस कारखाने में एल्युमिनियम के पिण्ड व उनसे चादरें बनाई जाती हैं। यहाँ उत्पादित सामग्री को उल्लुपुरम्, बेलगाम व थाना भेजी जाती है।

RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 19 उद्योग

प्रश्न 21.
स्वतन्त्रता प्रप्ति के पश्चात सीमेण्ट उद्योग के विकास का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद सीमेण्ट उद्योग का तेजी से विकास हुआ। सन् 1951 में देश के कुल 21 कारखाने थे। सन् 1956 में इनकी संख्या 27 हो गई। सन् 1960-61 तक यह संख्या 34 हो गई। सन् 1990 – 1991 में यह संख्या बढ़कर 92 हो गई। यह संख्या निरन्तर बढ़ते हुए मार्च, 2015 के अन्त तक देश में 209 बड़े सीमेण्ट संयन्त्र थे, जिनकी उत्पादन । क्षमता 37.83 करोड़ टन हो गई। इसके साथ ही 365 छोटे संयन्त्रों का उत्पादन 33.63 मिलियन टन था।

प्रश्न 22.
मध्यप्रदेश के सीमेण्ट उत्पादक क्षेत्रों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
मध्यप्रदेश भारत का प्रमुख सीमेण्ट उत्पादक राज्य है। यहाँ भारत के कुल सीमेण्ट उत्पादन का 12 प्रतिशत सीमेण्ट उत्पादित किया जाता है। यहाँ जामुले में स्थित संयंत्र देश का सबसे बड़ा सीमेण्ट कारखाना है। इसके अलावा सतना, मैहर, कैसून, गोपालनगर, अंकलतारा, बनयोर, नीमच, ग्वालियर, कटनी, दमोह में भी सीमेण्ट का उत्पादन किया जाता है।

प्रश्न 23.
भारतीय कुटीर उद्योग (सूती वस्त्र) को बड़ा धक्का कब लगा ?
उत्तर:
भारतीय कुटीर वस्त्र उद्योग 18वीं शताब्दी तक चलता रहा। यूरोप की औद्योगिक क्रान्ति ने इस उद्योग को बड़ा झटका दिया। मशीन युग ने इस उद्योग को जर्जर बना दिया। भारत में रेलमार्ग का विकास तथा पूर्व-पश्चैिम देशों के बीच स्वेजमार्ग के खुल जाने से यह उद्योग धराशायी हो गया। इन्हीं कारणों से गौरवशाली भारतीय वस्त्र उद्योग अतीत के गर्भ में विलीन हो गया।

प्रश्न 24.
सूती वस्त्र उद्योग का भारत के संदर्भ में क्या महत्त्व है?
उत्तर:
सूती वस्त्र उद्योग भारत का एक प्राचीनकालीन उद्योग है। यह भारत की शान व उन्नति का प्रतीक रहा है। आज भी कृषि के बाद सूती वस्त्र उद्योग में सर्वाधिक जनसंख्या काम करती है। औद्योगिक उत्पाद का 14 प्रतिशत और सकल घरेलू उत्पाद का 4 प्रतिशत सूती वस्त्र उत्पादन से प्राप्त होता है। विनिर्मित औद्योगिक उत्पादन का 20 प्रतिशत में कुल निर्यातों का 11 प्रतिशत योगदान सूती वस्त्र करता है। वर्तमान में यह उद्योग लगभग 4.5 करोड़ लोगों को रोजगार प्रदान कर रहा है।

प्रश्न 25.
महाराष्ट्र के सूती वस्त्र उत्पादक क्षेत्रों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
महाराष्ट्र राज्य का सूती वस्त्र उत्पादन की दृष्टि से भारत में प्रथम स्थान है। इस राज्य में 181 मिलें कार्यरत हैं। इस राज्य का मुम्बई क्षेत्र सूती वस्त्र की दृष्टि से अग्रणी क्षेत्र है। इस शहर में 57 सूती वस्त्र मिलें है। इसी कारण इसे सूती वस्त्र की राजधानी कहा जाता है। इस राज्य में सूत्री वस्त्र मिलें मुख्यत: शोलापुर, अकोला, अमरावती, पूना, सतारा, कोल्हापुर, सांगली, औरंगाबाद, जलगाँव, नागपुर आदि क्षेत्रों में मिलती हैं।

प्रश्न 26.
उत्तर प्रदेश के प्रमुख चीनी उत्पादक क्षेत्रों के बारे में बताइए।
उत्तर:
चीनी उत्पादन में उत्तर प्रदेश का समस्त देश में द्वितीय स्थान है। इस राज्य में चीनी उद्योग दो पेटियों गंगा-यमुना दोआब तथा तराई प्रदेश में केन्द्रित हैं। गंगा-यमुना दोआब में सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, गाजियाबाद, बागपत एवं बुलंदशहर प्रमुख चीनी उत्पादक जिले हैं। जबकि तराई प्रदेश के प्रमुख चीनी उत्पादक जिले लखीमपुर खीरी, बस्ती, गोंडा, गोरखपुर व बहराइच आदि हैं।

RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 19 उद्योग

प्रश्न 27.
आधारभूत ढाँचा उद्योग को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
निर्माण उद्योग एक महत्त्वपूर्ण उद्योग है, इसके अन्तर्गत इस्पात संयंत्रों के ढाँचे, रेल के पुल एवं हाइड्रोलिक गेट आदि शामिल हैं। इसमें कुल 250 कारखानें शामिल हैं जिनकी कुल उत्पादन क्षमता 6 लाख टन है। 1965 में नैनी (इलाहाबाद), तुंगभद्रा (कर्नाटक), भारत हैवी प्लेट एण्ड वैसल्स लिमिटेड विशाखापट्टनम, लार्सन एण्डे टुब लिमिटेड, पवई, मुम्बई व नरोड़ा (अहमदाबाद) प्रमुख कारखाने हैं।

प्रश्न 28.
भारत में मशीन टूल्स की इकाइयाँ कहाँ केन्द्रित हैं?
उत्तर:
लोहे की चादरों से जो अन्य वस्तुएँ बनाई जाती हैं उन्हें मशीन टूल्स कहते हैं। भारत में इस तरह की 200 इकाइयाँ कार्यरत हैं। हिन्दुस्तान मशीन टूल्स की स्थापना सन् 1953 में स्विट्जरलैण्ड के सहयोग से की गई जिसके 9 संयन्त्र हैं। बैंगलौर एवं पिंजोर, कलामासेरी, हैदराबाद, श्रीनगर आदि अन्य केन्द्र हैं, जिसके अन्तर्गत मशीनी उपकरण, घड़ियाँ, ट्रैक्टर आदि बनाए जाते हैं। अजमेर, कोटा सिकन्दराबाद आदि सार्वजनिक क्षेत्र के एचएमटी के उपक्रम हैं।

प्रश्न 29.
भारत में मोटरगाड़ी उद्योग का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
देश के ऑटोमोबाइल्स उद्योग को ‘सनराइज क्षेत्र’ कहते हैं। सन् 1944 में हिन्दुस्तान मोटर कम्पनी ने कोलकाता के उत्तरपाड़ा में कार्य प्रारम्भ किया। सन् 1947 में प्रीमियर ऑटोमोबाइल्स लिमिटेड, कुर्ला मुम्बई की स्थापना हुई। इस समय देश में 35 इकाइयाँ कार्यरत हैं। महाराष्ट्र में सर्वाधिक 12, तमिलनाडु में 6 तथा दिल्ली में 5 इकाइयाँ हैं।

प्रश्न 30.
यात्री कार एवं अन्य वाहन उद्योग पर टिप्पणी लिखिए?
उत्तर:
भारत में मारुति उद्योग लिमिटेड गुड़गाँव द्वारा जापान की सुजुकी के तकनीकि सहयोग से 1983 में पहली कार बनाई गई थी। वर्तमान क्षमता 4 लाख वाहन प्रतिवर्ष की है। इस समय –

  1. प्रीमियम ऑटो मोबाईल्स मुम्बई।
  2. स्टैण्डर्ड मोटर प्रोडक्ट्स चेन्नई।
  3. हुण्डई मोटर इण्डिया लिमिटेड चेन्नई।
  4. महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा कम्पनी लिमिटेड पुणे, तथा।
  5. टाटा लोकोमेटिव वर्क्स जमशेदपुर आदि इकाइयाँ कार्यरत हैं।

प्रश्न 31.
वर्तमान समय में रेल के इन्जन कहाँ बनाए जाते हैं ?
उत्तर:
वर्तमान समय में रेल के इन्जन बनाने क़ी दो इकाईंयाँ महत्त्वपूर्ण हैं –

  1. चितरजंन लोकोमोटिव वर्क्स चितरंजन (पश्चिम बंगाल) तथा
  2. डीजल लोकोमोटिव वर्क्स वाराणसी।

चितरंजन में विद्युत इन्जन का निर्माण किया जाता है। जबकि वाराणसी में डीजल इन्जन बनाए जाते हैं। भारतीय रेलवे द्वारा डीजल कम्पोनेण्ट वर्ल्स की स्थापना पटियाला में डीजल इन्जन के निर्माण एवं मरम्मत के लिए की गई हैं।

RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 19 उद्योग

प्रश्न 32.
भारत में वायुयान निर्माण उद्योग का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
भारत में वायुयान निर्माण हेतु प्रथम प्रयास वर्ष 1940 में बेंगलुरू हिन्दुस्तान एअरक्राफ्ट लिमिटेड के रूप में की गई। 1964 में बैंगलुरु में हिन्दुस्तान एरोनाटिक्स लिमिटेड की स्थापना की गई। इसकी इकाइयाँ बैंगलुरु, कानपुर, नासिक, कोरापुट, हैदराबाद एवं कोरवा (लखनऊ) में स्थित हैं।

RBSE Class 12 Geography Chapter 19 लघु उत्तरीय प्रश्न (SA-II)

प्रश्न 1.
राउरकेला इस्पात संयन्त्र और भिलाई इस्पात संयन्त्र की तुलना निम्नलिखित आधारों पर कीजिए –
1. स्थिति
2. कच्चा माल प्राप्ति के स्रोत
3. जल और ऊर्जा आपूर्ति।
उत्तर:

अन्तर का आधार राउरकेला, इस्पात संयन्त्र भिलाई इस्पात संयन्त्र
1. स्थिति 1. इस इस्पात संयन्त्र की स्थापना उड़ीसा राज्य के सुन्दरगढ़ जिले में जर्मनी के सहयोग से की गई। 1. इस इस्पात संयन्त्र की स्थापना छत्तीसगढ़ राज्य  के दुर्ग जिले में तत्कालीन सोवियत संघ के सहयोग से की गई।
2. कच्चा माल प्राप्ति के स्रोत 2. इस इस्पात संयन्त्र को आवश्यक कच्चा माल निकटवर्ती क्षेत्रों से प्राप्त हो जाता है। कोयला झरिया, रानीगंज व तलचर से, लौह-अयस्क, किरीबरू, सुन्दरगढ़ व केंदुझर से, मैंगनीज बड़ा जामदा से, डोलोमाइट बडाद्वार से तथा चूना-पत्थर वीरमित्रपुर से प्राप्त होता है। 2. इस इस्पात संयन्त्र को आवश्यक कच्चा माल जैसे लौह-अयस्क समीपवर्ती डल्ली राजहरा खानों से, मैंगनीज भण्डारा व बालाघाट से, डोलोमाइट बिलासपुर की हिरीं खदान से, चूना-पत्थर नंदिनी की खानों से, कोयला, झारखण्ड की बोकारो, करगली, झरिया व छत्तीसगढ़ की कोरबा खदानों से प्राप्त होता है।
3. जल और ऊर्जा आपूर्ति 3. इस इस्पात संयन्त्र को जल की आपूर्ति कोइल व शंख नदियों से लेती है। ऊर्जा की आपूर्ति हीराकुड जल विद्युत गृह से होती है। 3. इस इस्पात संयन्त्र को जल की आपूर्ति तन्दुला बाँध से होती है। ऊर्जा की आपूर्ति कोरबा तापीय विद्युत गृह से होती है।

RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 19 उद्योग

प्रश्न 2.
बक्षिणी भारत में स्थापित देश के नवीनतम इस्पात संयन्त्रों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
चतुर्थ पंचवर्षीय योजना अवधि में दक्षिणी भारत में तीन नए इस्पात संयन्त्र स्थापित किये गए जो कच्चे माल के स्रोतों से दूर हैं।

1. विजाग इस्पात संयन्त्र विशाखापत्तनम (आन्ध्र प्रदेश):
यह संयन्त्रे सह पत्तन आधारित ‘इस्पात’ संयन्त्र है, जिसमें उत्पादन का कार्य सन् 1992 में प्रारम्भ हुआ। भारत के किसी भी बंदरगाह पर स्थापित यह प्रथम लौह इस्पात संयंत्र है। यह अत्याधुनिक तकनीक पर आधारित कारखाना है। इसे छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के बैलाडीला क्षेत्र से उच्च कोटि का लौह-अयस्क प्राप्त होता है।

2. विजयनगर इस्पात संयन्त्र, होस्पेट (कर्नाटक):
स्वदेशी तकनीक के आधार पर स्थापित यह संयन्त्र समीपवर्ती क्षेत्रों में उपलब्ध लौह-अयस्क तथा चूना-पत्थर का उपयोग करता है।

3. सेलम इस्पात संयन्त्र, सेलम (तमिलनाडु):
यह संयन्त्र सन् 1982 में प्रारम्भ किया गया। इस क्षेत्र में मेग्नेटाइट लोहा, लिगनाइट कोयला, चूना पत्थर व डोलोमाइट प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। इसकी कुल उत्पादन क्षमता 20 लाख टन है।

प्रश्न 3.
भारत में सूती वस्त्र उद्योग के विकास के कारकों को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भारत में सूती वस्त्र उद्योग के विकास के लिए निम्नलिखित कारक उत्तरदायी रहे हैं –

  1. भारत एक उष्णकटिबन्धीय जलवायु वाला देश है। यहाँ की गर्म एवं अर्द्धशुष्क जलवायु में सूती कपड़ा आरामदायक वस्त्र होता है, जिसके कारण देश में सूती कपड़े की पर्याप्त माँग रहती है।
  2. सूती वस्त्र उद्योग का सर्वप्रमुख कच्चा माल कपास होता है, जिसका पर्याप्त उत्पादन हमारे देश में होता रहा है।
  3. भारत विश्व का दूसरा सर्वाधिक जनसंख्या वाला राष्ट्र है, जिसमें सूती वस्त्र उद्योग के लिए आवश्यक कुशल श्रमिक पर्याप्त संख्या में उपलब्ध मिलते हैं। भारत के कुछ क्षेत्रों में लोग व परिवार सूती वस्त्र तैयार करने का कार्य पीढ़ियों से कर रहे हैं, जिससे वस्त्र निर्माण कुशलती एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में स्थानान्तरित होती रही है।

RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 19 उद्योग

प्रश्न 4.
सन् 1854 में भारत की प्रथम सूती मिल की स्थापना मुम्बई नगर में क्यों की गई?
उत्तर:
सन् 1854 में ब्रिटिश सरकार द्वारा भारत की प्रथम सूती मिल की स्थापना मुम्बई नगर में निम्नलिखित कारणों से की गई –

  1. यह नगर गुजरात तथा महाराष्ट्र राज्य के कपास उत्पादक क्षेत्रों के बहुत समीप था।
  2. कपास को मुम्बई बन्दरगाह के माध्यम से इंग्लैण्ड को निर्यात किया जाता था, जिसके कारण मुम्बई नगर में कपास की सुलभ उपलब्धता थी।
  3. मुम्बई नगर इस समय भी एक वित्तीय केन्द्र के रूप में था तथा उद्योग प्रारम्भ करने के लिए आवश्यक पूँजी भी यहाँ उपलब्ध थी।
  4. पर्याप्त मात्रा में सूती वस्त्र उद्योग के कुशल श्रमिकों की इस नगर में उपलब्धता थी।
  5. सूती वस्त्र मिलों के लिए आवश्यक आधुनिक मशीनों का आयात यहाँ इंग्लैण्ड से करना सुलभ था।

प्रश्न 5.
पश्चिम बंगाल में सूती वस्त्र उद्योग के स्थानीयकरण के कारकों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
पश्चिम बंगाल में कोलकाता के आस-पास चौबीस परगना, हाबड़ा और हुगली जिलों में सूती कपड़े की मिलें स्थापित हैं। यहाँ सूती वस्त्र उद्योग के स्थानीयकरण के प्रमुख कारक निम्नलिखित हैं –

  1. कोलकाता बन्दरगाह एवं दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों से निकटता।
  2. आयात की सुविधा।
  3. रानीगंज एवं झरिया से कोयले की प्राप्ति।
  4. विकसित परिवहन तन्त्र
  5. कोलकाता में पूँजी व अन्य व्यापारिक सुविधाओं की प्राप्ति।
  6. आर्द्र एवं नम जलवायु।
  7. विशाल स्थानीय बाजार तथा
  8. पूर्वोत्तर राज्यों का उद्योगों में पिछड़ा होना आदि।

प्रश्न 6.
भारत में सूती वस्त्र उत्पादक राज्यों की स्थिति स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भारत में सूती वस्त्र उत्पादक राज्य –

राज्य उत्पादन का प्रतिशत
महाराष्ट्र 38.39
गुजरात 35.54
तमिलनाडु 6.40
पंजाब 5.53
मध्य प्रदेश 4.70
उत्तर प्रदेश 3.20
राजस्थान 2.80
पाँडिचेरी 2.45
कर्नाटक 0.32
केरल 0.67
योग 100.0

RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 19 उद्योग

प्रश्न 7.
भारत में सूती वस्त्र उत्पादन का क्रमवार विवरण दीजिए।
उत्तर:
भारत में सूती वस्त्र उत्पादन –

उत्पादित वर्ष उत्पादन (करोड़ वर्ग मीटर में)
1950 – 51 421.5
1960 – 61 637.8
1970 – 71 759.6
1980 – 81 836.8
1990 – 91 2292.8
2000 – 01 4023.3
2007 – 08 5606.05
2008 – 09 5496.6
2011 – 12 3057.0
2012 – 13 6195.0
2013 – 14 4738.0

प्रश्न 8.
भारत में चीनी उद्योग की उन्नति के लिए अपने सुझाव दीजिए।
उत्तर:
भारत में चीनी उद्योग की उन्नति के विकास के लिए निम्नलिखित सुझाव महत्त्वपूर्ण हो सकते हैं –

  1. उचित निरीक्षण की व्यवस्था हो।
  2. पुरानी मशीनों के स्थान पर नई मशीनें लगाई जाएँ।
  3. मिलों की स्थापना गन्ना उत्पादक क्षेत्रों में ही की जाए।
  4. गन्ने की फसलों के सम्बन्ध में अनुसन्धान कार्यों पर विशेष बल दिया जाए।
  5. गन्ने की मात्रा के साथ ही रस की मात्रा का ध्यान रखकर कीमत निर्धारित की जाए।
  6. गौण उपजों का पूर्ण उपयोग किया जाए।
  7. श्रमिकों को वर्ष भर रोजगार देने की व्यवस्था की जाए।
  8. कर व्यवस्था में सुधार किया जाए।
  9. गन्ना किसानों को विक्रय के समय भुगतान किया जाए, आदि।

RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 19 उद्योग

प्रश्न 9.
भारत में चीनी उत्पादन का क्रमवार विवरण दीजिए।
उत्तर:
भारत में चीनी उत्पादन:

उत्पादित वर्ष उत्पादन (लाख टन में)
1960 – 61 30.20
1970 – 71 37.40
1900 – 01 120.46
2009 – 10 188.03
2010 – 11 243.49
2011 – 12 263.43
2012 – 13 251.83
2013 – 14 243.25

प्रश्न 10.
भारत में इन्जीनियरिंग उद्योग की समस्याओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
इन्जीनियरिंग उद्योग निरन्तर विकास कर रहा है। फिर भी इस उद्योग की कुछ प्रमुख समस्याएँ हैं, जो निम्नलिखित हैं –

  1. कच्चे माल का अभाव – इस उद्योग में जो कच्चा इस्पात प्रयुक्त होता है वह बाहर से आयात किया जाता है।
  2. पूँजी का अभाव – इस उद्योग में भारी पूँजी की आवश्यकता होती है, अतएव निजीक्षेत्र इसमें सहयोग नहीं कर पाते। अतएव अधिकांश इकाइयाँ सार्वजनिक क्षेत्र में खुली हैं।
  3. अत्यधिक कर भार – उद्योग के उत्पादन पर अधिक कर भार होने से निर्यात में कठिनाई होती है।
  4. अन्य समस्याएँ – विदेशी प्रतिस्पर्धा, उत्पादन क्षमता का अपूर्ण उपयोग तथा गुणवत्ता नियन्त्रण का अभाव अन्य समस्याएँ हैं।

प्रश्न 11.
भारत में जलयान निर्माण उद्योग का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
भारत में पहला जलयान कारखाना सिन्धियां स्टीम नेवीगेशन कम्पनी 1941 द्वारा विशाखापट्टनम् में खोला गया जहाँ उषा नामक पहला जलयान बनाया गया। 1962 में इसका राष्ट्रीयकरण का दिया गया और इसका नाम ‘हिन्दुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड विशाखापत्तनम् हो गया। इसकी निम्नलिखित इकाइयाँ महत्त्वपूर्ण हैं –

  1. गार्डन रीच वर्कशॉप – यह हुगली नदी के किनारे स्थित है जहाँ 15000-25000 टन भार वाले जलयान बनाए जाते हैं।
  2. गोआ शिपयार्ड – यहाँ जहाजों की मरम्मत एवं निर्माण दोनों कार्य किये जाते हैं।
  3. मझगाँव डाकयार्ड-मुम्बई – यहाँ भारतीय नौ सेना के फिगेट किस्म के जहाज बनाये जाते हैं।
  4. कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड – यह जापान की सहायता से 1965 में 165 करोड़ रुपये से बना देश का सबसे बड़ा शिपयार्ड है। यहाँ जहाजों की मरम्मत, निर्माण एवं प्रशिक्षण कार्य होता है।

RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 19 उद्योग

RBSE Class 12 Geography Chapter 19 निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
भारत में सीमेण्ट उद्योग के स्थानीयकरण कारकों का उल्लेख करते हुए प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
सीमेण्ट उद्योग ऐसा उद्योग है, जिसमें भारी कच्चे माल का उपयोग होता है। चूने का पत्थर, जिप्सम, कोयला आदि उद्योग में प्रयुक्त कच्चे माल हैं। अतएव अधिकांश सीमेण्ट के कारखाने कच्चे माल के स्रोतों के निकट लगाये जाते हैं। इसके अलवा सीमेण्ट उद्योग के लिए निम्नलिखित स्थानीयकरण कारकों की भूमिका महत्त्वपूर्ण होती है –

  1. परिवहन एवं यातायात की सुविधा।
  2. शक्ति स्रोतों की निकटता।
  3. बाजार की सुविधा।
  4. सस्ते एवं कुशल श्रमिकों की प्राप्ति।
  5. पूँजी की व्यवस्था।
  6. स्वच्छ जल की प्राप्ति।
  7. वित्तीय एवं बैंकिग सुविधाएँ।
  8. सरकारी प्रोत्साहन आदि।
    RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 19 उद्योग img-8

सीमेण्ट उद्योग का वितरण:
भारत में कुल सीमेण्ट उत्पादन का 74% गुजरात राजस्थान, तमिलनाडु, बिहार, मध्य प्रदेश तथा झारखण्ड राज्यों से प्राप्त होता है। सीमेण्ट के बड़े संयन्त्रों में से 77 संयन्त्र आन्ध्र प्रदेश राजस्थान और तमिलनाडु में है। सीमेण्ट उद्योग की शीर्ष 20 कम्पनियाँ 70% से अधिक सीमेण्ट का उत्पादन करती हैं। भारत में सीमेण्ट उत्पादक प्रमुख राज्य तथा उनके केन्द्र निम्नलिखित हैं –

1. तमिलनाडु:
प्रमुख केन्द्र-शंकर दुर्ग, डालमियापुरम, पुलपुर, आयिला, मदुरे, अलुगंग आदि।

2. मध्यप्रदेश प्रमुख केन्द्र:
जामुल, सतना, मैहर, कैसून, गोपाल नगर, अंकल तारा, बनयोर, नीमच ग्वालियर, कटनी तथा दमोह आदि।

3. आन्ध्रप्रदेश प्रमुख केन्द्र:
मछरेला, मंगलगिरी, पनयाम, कृष्णा, विजयवाड़ा तांदूर मान्चेरियल, येरागुटला, बुगनीपाली, किस्तृना, पेरापल्ली, नलकोण्डा, हैदराबाद, आदिलाबाद आदि।

4. राजस्थान:
प्रमुख केन्द्र-लाखेरी, निम्बाहेड़ा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, व्यावर आदि।

5. गुजरात:
प्रमुख केन्द्र-सिक्का, पोरबन्दर, द्वारिका, रनवाब, ओखला मण्डल, अहमदाबाद आदि।

6. कर्नाटक:
प्रमुख केन्द्र–बागलकोट, बाड़ी भद्रावती, बैगंलुरु, कुरकन्ता, शाहबाद् आमसन्द्र बीजापुर, गुलवर्गा, तुलकुर आदि।

7. झारखण्ड:
प्रमुख केन्द्र-सिन्दरी, डालमिया नगर, खेलारी, जपला, चाइबासा, बनजारी तथा कल्याणपुर आदि।

8. उत्तर प्रदेश:
यह नवीन सीमेण्ट उत्पादक राज्य है। चुर्क, चोपन तथा चुनार प्रमुख सीमेण्ट उत्पादक जिले हैं।

उपर्युक्त के अलावा हरियाणा में सूरजपुर, चरखी, दादरी, महाराष्ट्र में चन्द्रपुरा, उड़ीसा में हीराकुण्ड, राजगपुरा, केरल में कोटायम, जम्मू-कश्मीर में ब्रूयान तथा मेघालय में छोटे-छोटे सीमेण्ट संयन्त्र स्थापित किये गए हैं।

RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 19 उद्योग

प्रश्न 2.
भारत में सूती वस्त्र उद्योग के स्थानीयकरण को प्रभावित करने वाले कारकों की संक्षेप में विवेचना करते हुए प्रमुख सूती वस्त्र उत्पादक केन्द्रों का विवरण दीजिए।
उत्तर:
सूती वस्त्र उद्योग के स्थानीयकरण के कारक:
भारत में सूती वस्त्र उद्योग के स्थानीयकरण को प्रभावित करने वाले कारकों में कच्चे माल की स्थानीय उपलब्धता, सस्ते कुशल श्रमिकों की स्थानीय उपलब्धता, बाजार, सस्ती जल विद्युत शक्ति की उपलब्धता, स्थानिक निवेश तथा पत्तन की सुविधा जैसे कारक प्रमुख रूप से प्रभावी रहे हैं। कपास एक शुद्ध कच्चा माल है जिसका वजन निर्माण प्रक्रिया में घटता नहीं है इसलिए वर्तमान में भारत के अधिकांश सूती वस्त्र उद्योग कपास उत्पादक क्षेत्रों के समीप ही स्थापित मिलते हैं।

वर्तमान में सूती वस्त्र उद्योग को बाजार में या बाजार के समीप स्थापित करने की प्रवृत्ति मिलती है तथा बाजार की माँग यह निर्धारित करती है कि उद्योग में किस प्रकार के कपड़े का उत्पादन होना चाहिए। जल विद्युत शक्ति के विकास से सूती वस्त्र मिलों को कपास उत्पादक क्षेत्रों से दूर स्थापित करने में सहयोग मिला है। तमिलनाडु राज्य की अधिकांश सूती वस्त्र मिलें सस्ती जलविद्युत शक्ति की उपलब्धता के कारण ही स्थापित हुई हैं।

सस्ते कुशल श्रमिकों की स्थानीय उपलब्धता:
सस्ते कुशल श्रमिकों की स्थानीय उपलब्धता के आधार पर उज्जैन, भरूच, आगरा, हाथरस, कोयंबटूर तथा तिरूनेलवेली नामक स्थानों पर सूती वस्त्र मिलों की स्थापना की गई। स्थानिक निवेश ने मुम्बई तथा कानपुर नगरों में सूती वस्त्र मिलों की स्थापना को बल प्रदान किया, जबकि पत्तन की सुविधा के कारण कोलकाता में सूती वस्त्र मिलें स्थापित की गईं।

भारत में सूती वस्त्र उत्पादन के प्रमुख केन्द्र:
भारत में सूती वस्त्र उद्योग का सर्वाधिक विकास गुजरात, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल तथा तमिलनाडु राज्यों में हुआ है, जबकि मुम्बई तथा अहमदाबाद भारत में सूती वस्त्र उद्योग के सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण केन्द्र हैं। वर्तमान में भारत के प्रमुख सूती वस्त्र उत्पादक राज्यों के निम्नलिखित केन्द्रों पर सूती वस्त्र उद्योग कार्यरत हैं –

  1. गुजरात – अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत, राजकोट तथा पोरबन्दर, हिम्मतनगर।
  2. महाराष्ट्र – मुम्बई, पुणे, जलगाँव, औरंगाबाद, सांगली, कोल्हापुर, शोलापुर, नागपुर, वर्धा तथा सतारा।
  3. कर्नाटक – हुबली, मैसूर, बंगलौर, देवानगिरी, बेल्लारी, गुलबर्गा तथा छुणली।
  4. मध्य प्रदेश – इन्दौर, उज्जैन, देवास तथा बुरहानपुर तथा ग्वालियर।
    RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 19 उद्योग img-9
  5. तमिलनाडु – चेन्नई, कोयंबटूर, थंजावुर, तिरुनेलवेली, तूतीकोरिन तथा सेलम।
  6. आन्ध्र प्रदेश – गुंटूर, काकीनाड़ा, गोदावरी तथा सिकन्दराबाद।
  7. पश्चिम बंगाल – मुर्शिदाबाद, हावड़ी, हुगली, कोलकाता तथा चौबीस परगना।
  8. उत्तर प्रदेश – वाराणसी, कानपुर, लखनऊ, अलीगढ़, आगरा, मुरादाबाद, सहारनपुर, मोदीनगर, हाथरस।
  9. दिल्ली – शाहदरा।
  10. तेलंगाना – हैदराबाद, वारंगल।
  11. राजस्थान – भीलवाड़ा, बांसवाड़ा, उदयपुर, ब्यावर तथा पाली।

RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 19 उद्योग

प्रश्न 3.
भारत में चीनी उद्योग के स्थानीयकरण एवं वितरण की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
भारत गन्ना तथा चीनी उत्पादन में विश्व का अग्रणी देश है। भारत में विश्व की लगभग 8% चीनी उत्पादित की जाती है।

चीनी उद्योग के स्थानीयकरण के कारक:
चीनी उद्योग का सर्वप्रमुख व एकमात्र कच्चा माल गन्ना है। गन्ने के कुल भार में चीनी (सुक्रोज) का प्रतिशत 9 से 12 के मध्य मिलता है। गन्ना भार ह्रास वाली कृषि फसल है। खेत में गन्ने को काटने से लेकर ढुलाई की अवधि तक इसमें सुक्रोज की मात्रा कम होती जाती है। यदि गन्ने को काटने के 24 घण्टे के अन्दर गन्ना मिलों में इसका रस निकाल लिया जाता है, तो इससे चीनी की मात्रा अधिक प्राप्त होती है।

इसके बाद जैसे-जैसे समय बीतता चला जाता है वैसे-वैसे गन्ने में चीनी का प्रतिशत कम होता चला जाता है। यही कारण है कि भारत की अधिकांश चीनी मिलें गन्ना उत्पादक क्षेत्रों के समीप ही स्थापित मिलती हैं। अतः चीनी उद्योग को कच्चा माल उन्मुख उद्योग माना जाता है।

भारत के प्रमुख चीनी उत्पादक राज्य:
महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु तथा कर्नाटक भारत के प्रमुख चीनी उत्पादक राज्य हैं, जबकि बिहार, पंजाब, हरियाणा तथा गुजरात देश के अन्य चीनी उत्पादक राज्य हैं।

1. महाराष्ट्र:
भारत के चीनी उत्पादक राज्यों में महाराष्ट्र का प्रथम स्थान है। यह राज्य देश के कुल चीनी उत्पादन का एक-तिहाई से अधिक भाग उत्पादित करता है। इस राज्य में 134 चीनी मिलें संचालित हैं, जो एक सँकरी पट्टी के रूप में उत्तर में मनमाड से लेकर दक्षिण में कोल्हापुर तक विस्तृत मिलती हैं।

2. उत्तर प्रदेश:
भारत के चीनी उत्पादक राज्यों में उत्तर प्रदेश का महाराष्ट्र के बाद दूसरा स्थान है। इस राज्य में चीनी उद्योग निम्नलिखित दो पेटियों में केन्द्रित मिलता है –

  • गंगा-यमुना दोआब:
    सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, गाजियाबाद, बागपत तथा बुलन्दशहर आदि इस क्षेत्र में प्रमुख चीनी उत्पादक जिले हैं।
  • तराई प्रदेश:
    लखीमपुर खीरी, बस्ती, गोंडा, गोरखपुर तथा बहराइच-इस क्षेत्र में प्रमुख चीनी उत्पादक जिले हैं।

3. तमिलनाडु:
इस राज्य की चीनी मिलें कोयंबटूर, वेलौर, तिरूवनमलाई, विल्लुपुरम्, तिरुचिरापल्ली तथा रामनाथपुरम् जिलों में संचालित हैं।

4. कर्नाटक:
बेलगाम, बेल्लारी, माण्डया, शिमोगा, बीजापुर तथा चित्रदुर्ग इस राज्य के प्रमुख चीनी उत्पादक जिले हैं। इस राज्य में चीनी उद्योग तटीय प्रदेशों में पूर्वी गोदावरी, पश्चिमी गोदावरी, क्षेत्रों में फैला हुआ है।

  • बिहार – चम्पारन, सारण, दरभंगा, पटना।
  • राजस्थान – केशोरायपाटन, श्रीगंगानगर, भोपाल, सागर।
  • पंजाब – नवाँशहर, धूरी, होशियारपुर, गुरुदासपुर, अमृतसर।
  • हरियाणा – यमुनानगर, पानीपत, रोहतक, सोनीपत, पलवल।
  • गुजरात – अहमदाबाद, भावनगर।
    RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 19 उद्योग img-10

RBSE Solutions for Class 12 Geography