RBSE Solutions for Class 12 Geography Chapter 20 परिवहन

Rajasthan Board RBSE Class 12 Geography Chapter 20 परिवहन

RBSE Class 12 Geography Chapter 20 पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर

RBSE Class 12 Geography Chapter 20 बहुचयनात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
भारत में ग्रैण्ड ट्रंक रोड का निर्माण किसने करवाया?
(अ) अशोक
(ब) अकबर
(स) बाबर
(द) शेरशाह सूरी
उत्तर:
(द)

प्रश्न 2.
भारत के सबसे लम्बे राष्ट्रीय राजमार्ग-7 की लम्बाई है –
(अ) 2369 किमी.
(ब) 1949 किमी.
(स) 1533 किमी.
(द) 1428 किमी.
उत्तर:
(अ)

प्रश्न 3.
भारत में BRO का गठन कब किया गया?
(अ) मई, 1960
(ब) मई, 1954
(स) मई, 1965
(द) मई, 1962
उत्तर:
(अ)

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प्रश्न 4.
भारत में कुल कितने राष्ट्रीय राजमार्ग हैं ?
(अ) 205
(ब) 190
(स) 220
(द) 235
उत्तर:
(द)

प्रश्न 5.
भारत में कितने रेलमण्डल हैं ?
(अ) 9
(ब) 16
(स) 17
(द) 20
उत्तर:
(स)

प्रश्न 6.
कोंकण रेलमार्ग किस पर्वत श्रृंखला से होकर गुजरता है?
(अ) हिमाद्रि
(ब) पूर्वीघाट
(स) पश्चिमी घाट
(द) नीलगिरि पर्वत
उत्तर:
(स)

प्रश्न 7.
भारत में सर्वप्रथम रेल का संचालन मुम्बई-थाणे के बीच कब हुआ?
(अ) 16 अप्रैल, 1955
(ब) 16 अप्रैल, 1952
(स) 16 अप्रैल, 1854
(द) 16 अप्रैल, 1853
उत्तर:
(द)

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प्रश्न 8.
भारत में मेट्रो की शुरुआत सन् 1972 में कहाँ हुई?
(अ) बंगलुरू
(ब) नई दिल्ली
(स) जयपुर
(द) कोलकाता
उत्तर:
(द)

प्रश्न 9.
भारत में 31 मार्च, 2013 को रेलमार्ग की कुल लम्बाई है –
(अ) 64,600 किमी
(ब) 64,415 किमी
(स) 64,400 किमी
(द) 63,500 किमी
उत्तर:
(अ)

प्रश्न 10.
भारत का सबसे गहरा बन्दरगाह कौन-सा है?
(अ) मंगलौर
(ब) पाराद्वीप
(स) विशाखापत्तनम्
(द) हल्दिया
उत्तर:
(स)

प्रश्न 11.
कोझीकोड बन्दरगाह स्थित है –
(अ) ओडिशा में
(ब) केरल में
(स) आन्ध्र प्रदेश में
(द) तमिलनाडु में
उत्तर:
(ब)

प्रश्न 12.
भारत का सबसे बड़ा बन्दरगाह है –
(अ) एनौर
(ब) काण्डला
(स) मुम्बई
(द) चेन्नई
उत्तर:
(स)

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प्रश्न 13.
भारत में अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों की संख्या कितनी है?
(अ) 62
(ब) 8
(स) 24
(द) 23.
उत्तर:
(द)

प्रश्न 14.
भारत का प्रथम ग्रीन एयरपोर्ट (2012) कौन-सा है?
(अ) राजीव गाँधी अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा हैदराबाद
(ब) श्रीनगर हवाई अड्डा
(स) बंगलुरू हवाई अड्डा
(द) कोचीन हवाई अड्डा
उत्तर:
(अ)

प्रश्न 15.
वर्तमान में भारत कितने देशों से अन्तर्राष्ट्रीय वायु सेवा से जुड़ा हुआ है?
(अ) 120
(ब) 95
(स) 104
(द) 100
उत्तर:
(ब)

RBSE Class 12 Geography Chapter 20 अति लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 16.
भारत में वायु परिवहन की शुरुआत कब की गई थी?
उत्तर:
भारत में वायु परिवहन की शुरुआत सन् 1911 में इलाहाबाद और नैनी के बीच प्रथम उड़ान के साथ हुई थी।

प्रश्न 17.
HBJ का पूरा नाम क्या है?
उत्तर:
HBJ का पूरा नाम हजीरा-बीजापुरजगदीशपुर है। यह पाइपलाइन लगभग 1750 किमी लम्बी है।

प्रश्न 18.
भारत के किस शहर में मेट्रो रेल का प्रारम्भ हुआ?
उतर:
भारत में मेट्रो ट्रेन का शुभारम्भ सन् 1972 में कोलकाता मेट्रो स्टेशन के साथ हुआ।

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प्रश्न 19.
भारत में सर्वप्रथम रेल किन दो नगरों के मध्य चलाई गई थी?
उत्तर:
भारत में सर्वप्रथम रेल 16 अप्रैल, 1853 में मुम्बई एवं थाणे के बीच (34 किमी) चलाई गई थी।

प्रश्न 20.
भारत में सबसे लम्बी दूरी तय करने वाली रेल का नाम बताइए।
उत्तर:
हिमसागर एक्सप्रेस (3729 किमी)। यह कन्याकुमारी से जम्मूतवी तक चलती है।

RBSE Class 12 Geography Chapter 20 लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 21.
स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना क्या है?
उत्तर:
केन्द्र सरकार की राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना के अन्तर्गत पूर्व प्रधानमन्त्री अटल बिहारी वाजपेयी की यह एक महत्त्वाकांक्षी योजना है, जिसके अन्तर्गत देश के चार महानगरों–दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता और चेन्नई को छह लेन्। वाले राजमार्ग से जोड़ा जाना है। यह योजना 5846 किमी लम्बाई की है, जिसकी अनुमानित लागत १ 540 अरब होगी।।

प्रश्न 22.
आन्तरिक जल परिवहन के विकास में आने वाली बाधाओं को संक्षेप में स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
देश के भीतर स्थित नदियों, सागरों आदि के मध्य होने वाले परिवहन को आन्तरिक जल परिवहन कहते हैं। आन्तरिक जल परिवहन. की प्रमुख बाधाएँ निम्नलिखित हैं –

  1. नदियों का मौसमी स्वरूप।
  2. जल स्तरं में होने वाला परिवर्तन।
  3. नदियों में अवसादों की समस्या।
  4. नदियों के मार्ग में आने वाले जल प्रपात।
  5. सदावाहिनी नदियों से नहरें निकालने से जल की कमी का होना।
  6. तटीय क्षेत्र की नदियों का खारापन आदि।

प्रश्न 23.
पाइपलाइन में किन-किन वस्तुओं का परिवहन सम्भव है?
उत्तर:
पाइपलाइन परिवहन का एक नया साधन है। इसके द्वारा जल परिवहन तो पहले से ही होता था। वर्तमान में खनिज तेल, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस तथा तरल लौह अयस्क व तरलीकृत कोयले का परिवहन पाइपलाइनों द्वारा किया जाता है।

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प्रश्न 24.
बोट (BOT) को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
इसे अंग्रेजी में Built, operate and transfer कहते हैं अर्थात् बनाओ, चलाओ और हस्तान्तरित कर दो। इस योजना के अन्तर्गत देश के प्रमुख सड़क मार्गों तथा पुलों के निर्माण का उत्तरदायित्व निजी कम्पनियों को सौंपा गया है। ये कम्पनियाँ मार्गों व पुलों आदि का निर्माण के रखरखाव एक निश्चित समय तक स्वयं करती हैं और टोल टैक्स वसूलती हैं। एक निश्चित अवधि के बाद सड़क मार्ग अथवा पुल को सरकार को हस्तान्तरित कर दिया जाता है।

प्रश्न 25.
कोंकण रेलमार्ग पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
केन्द्र सरकार की यह परियोजना मार्च, 1990 में प्रारम्भ हुई तथा इसका निर्माण कोंकण रेलवे निगम लिमिटेड द्वारा 26 जनवरी, 1998 को पूरा कर लिया गया। यह भारतीय उपमहाद्वीप की सबसे बड़ी रेलवे परियोजना है। इस योजना के अन्तर्गत पश्चिमी तट के लगभग समानान्तर महाराष्ट्र के रोहा स्टेशन से कर्नाटक के मंगलौर स्टेशन तक कर्नाटक 760 किमी लम्बाई की बड़ी रेलवे लाइन बनाई गई है। मार्ग में 2000 पुल (जिसमें 179 बड़े) तथा 91 सुरंगें हैं। एक सुरंग महाराष्ट्र के रत्नागिरि जिले में 6.5 किमी लम्बी है। शरावती नदी पर पुल की लम्बाई 2065.8 मीटर है।
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RBSE Class 12 Geography Chapter 20 निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 26.
भारत में सड़क परिवहन की लोकप्रियता के कारणों एवं विकास पर एक लेख लिखिए।
उत्तर:
किसी भी देश के आर्थिक विकास में सड़क परिवहन की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। कच्चा माल औद्योगिक उत्पादक, श्रमिक, दैनिक सामग्री तथा सामान्य लोगों के आवागमन में सड़कों का ही सर्वाधिक उपयोग होता है। किसी देश की सम्पूर्ण सामाजिक एवं आर्थिक प्रगति का अनुमान वहाँ की सड़कों द्वारा लगाया जा सकता है।

भारत में सड़क परिवहन की लोकप्रियता के कारण:
भारत के आर्थिक विकास में सड़कों का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है। भारत में प्रतिवर्ष लगभग 85% यात्री तथा 70% भार-यातायात का परिवहन किया जाता है। सड़क मार्गों के माध्यम से निर्माण केन्द्रों में उत्पादित विभिन्न वस्तुओं को सीधे उपभोक्ताओं तक पहुँचाया जाता है तथा यह दरवाजे से दरवाजे तक (Door to Door) परिवहन सेवा उपलब्ध कराने वाला महत्त्वपूर्ण माध्यम है। इसके अलावा यह अन्य परिवहन प्रकारों का पूरक भी होता है। यह रेलवे स्टेशन, हवाई अड्डों तथा बन्दरगाहों को उनके पृष्ठ-प्रदेशों से जोड़ता है। भारत के आर्थिक विकास में सड़कों की भूमिका निम्नलिखित क्षेत्रों में उल्लेखनीय हैं –

  1. सड़कों के विकास ने गहन व विस्तृत कृषि को सम्भव बनाया है। साथ ही कृषि उपजों की गंतव्य स्थलों तक सुलभ पहुँचाने तथा भारत के विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है।
  2. सड़कों के विकास से देश में औद्योगिक विकास को पर्याप्त प्रोत्साहन मिला है।
  3. सड़कों के विकास ने सम्पूर्ण देश में विभिन्न वस्तुओं के मूल्यों में मिलने वाले अन्तर को कम किया है।
  4. समय व धन की बचत को बढ़ावा मिला है।
  5. प्राकृतिक संसाधनों के विदोहन को बल मिला है।
  6. सड़क परिवहन ने श्रम को गतिशील बनाकर बेरोजगारी की समस्या को कम किया है।
  7. सड़कों का निर्माण ऊबड़-खाबड़, मरुस्थली तथा सभी धरातलीय क्षेत्रों में सम्भव है।
  8. कहीं भी रोककर सवारी व सामान लिया व उतारा जा सकता है।
  9. युद्ध, अकाल तथा प्राकृतिक आपदाओं के समय यह सबसे सुविधाजनक साधन है।

भारत में सड़क परिवहन का विकास:
भारत में सड़क परिवहन का महत्त्व आदिकाल से रही है। यह परिवहन के अन्य साधनों को आधार स्तम्भ है। भारत में सड़क परिवहन के विकास को निम्न प्रकार से वर्णित किया जा सकता है –

  1. मोहनजोदड़ो तथा हड़प्पा की खुदाई (5000-8000 वर्ष पूर्व) में पक्की सड़कों के प्रमाण मिले हैं।
  2. चन्द्रगुप्त मौर्य तथा अशोक के समय में पाटलिपुत्र से उत्तर-पश्चिमी सीमान्त तक पक्की सड़कों के निर्माण की बात स्पष्ट है।
  3. ईसा से लगभग 400 वर्ष पूर्व से 300 तक उत्तरी भारत में दो मार्गों से आन्तरिक व्यापार होता था, जो पाटलिपुत्र से काबुल–सिन्ध घाटी तक विस्तृत थे।
  4. शेरशाह सूरी ने ढाका से वाराणसी, आगरा, दिल्ली होते हुए लाहौर और वहाँ से सिन्धु नदी तक ग्रैण्ड ट्रंक रोड का निर्माण करवाया था।
  5. ब्रिटिश शासनकाल में भी सड़क मार्गों का निर्माण करवाया गया।
  6. स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात् सड़क मार्गों का विकास तीव्र गति से हुआ। उपलब्ध आँकड़ों के अनुसार देश में सन् 2015 में सड़कों की कुल लम्बाई 48.85 लाख किमी थी, जो देश के कुल परिवहन का लगभग 80% तक परिवहन करती है।

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प्रश्न 27.
भारत में वायु परिवहन के विकास की अपार सम्भावनाएँ हैं, कथन को विस्तार से स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
आवागमन के साधनों में वायु परिवहन सर्वाधिक तीव्र एवं महँगा साधन है। भारत जैसे विशाल आकार व विविध जलवायु दशाएँ रखने वाले देश के लिए वायु परिवहन एक महत्त्वपूर्ण साधन है। इसने यात्रा समय को घटाकर दूरियों को लघु कर दिया है। भारत जनसंख्या की दृष्टि से एक बड़ा राष्ट्र है। इस राष्ट्र में लोगों का आवागमन परिवहन के विभिन्न माध्यमों से होता है। वर्तमान में भारत अपनी विकासशील पृष्ठभूमि से विकसित पृष्ठ भूमि की ओर अग्रसर हो रहा है।

भारत की इसी स्थिति के कारण वायु परिवहन के विकास की अपार सम्भावनाएँ बन गई हैं क्योंकि राष्ट्र जैसे-जैसे विकास करेगां त्यों-त्यों लोगों की आमदनी में धनात्मक परिवर्तन आएगा तथा लोग अपने परिवहन प्रारूप में भी परिवर्तन करेंगे। वायु परिवहन के एक तीव्रतम साधन होने के कारण भी इसके अधिक विकास की सम्भावानाएँ हैं। इससे लोगों के समय की बचत तो होती है साथ ही यह किसी भी दुर्गम स्थान तक पहुँचने में सक्षम होने से लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है।

भारतीय युवा जनसंख्या विशेष रूप से वायु परिवहन को बढ़ावा दे रही है। भारत जैसे विशाल युवा जनसंख्या वाले देश में परिवहन के इस माध्यम के विकास की अपार सम्भावनाएँ बन रही हैं। भारत में बढ़ते औद्योगीकरण व व्यापारीकरण की प्रक्रिया के कारण भारत में वायु परिवहन के नये अवसरों का सृजन हुआ है। माल परिवहन हेतु वर्तमान में वायु परिवहन का अधिकतम प्रयोग किया जाने लगा है। महंगे व जल्दी नष्ट होने वाले उत्पादों का लम्बी दूरी तक परिवहन वायु परिवहन से ही सम्भव हो पाया है। भारत का उत्तरी पर्वतीय भाग एक दुर्गम स्थान हैं जहाँ पर्वतीय स्थिति परिवहन के सड़क व रेल प्रारूप हेतु अनुकूल नहीं है।

ऐसी स्थिति में वायु परिवहन ही इस अति जटिल स्थलाकृति वाले क्षेत्र में मुख्य परिवहन साधन बनकर उभर रहा है। भारत पर्यटन की दृष्टि से एक अग्रणी राष्ट्र बनने की ओर उन्मुख है। इस क्रिया हेतु भी वायु परिवहन अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है तथा पर्यटन ने इसके विकास की सम्भावनाओं को अधिक प्रबल भी किया है। भारत में वायु परिवहन के विकास की अपार सम्भावनाओं को देखते हुए घरेलू उड़ान को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन नीति-2016 की घोषणा की गयी।

नागरिक उड्डयन में देश को सन् 2022 तक 9वें से तीसरा बड़ा बाजार बनाने, घरेलू ई-टिकटिंग को १ 30 करोड़ तक करने वाणिज्यिक उड़ानों के लिए सन् 2019 तक हवाई अड्डों की संख्या 127 करने, मालवाहक सामान की मात्रा चार गुना बढ़ाकर सन् 2027 तक 10 मिलियन टन करने, आम आदमी तक विमान सेवाओं की पहुँच बढ़ाने। ग्रीन फील्ड हवाई अड्डों तथा हेलीकॉप्टर अड्डों का विकास करने, सन् 2025 तक गुणवत्ता प्रमाणित 3.3 लाख कुशलकर्मियों की नियुक्ति करने।

नियमों में ढील, आसान प्रक्रिया वे ई-गवर्नेस द्वारा व्यापार की सुगमता बढ़ाने। नागरिक उड्डयन में ‘मेक इन इण्डिया’ को प्रोत्साहन देने जैसी योजना वायु परिवहन के विकास में सहायक सिद्ध हो रही है। उपर्युक्त सभी तथ्यों से स्पष्ट हो जाता है कि वायु परिवहन का भारत में एक बड़ा बाजार उत्पन्न होने वाला है। यह सेवा आगामी वर्षों में परिवहन की मुख्य सेवा बनकर उभरेगी। वर्तमान में एक घण्टे की उड़ान के लिए टिकट का मूल्य ₹ 2500 व आधे घण्टे के लिए 1200 तक सीमित रखने को कहा गया है। इसके लिए विमान कम्पनियों को होने वाले नुकसान की भरपाई केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा 80 : 20 के अनुपात में वहन की जाएगी।

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प्रश्न 28.
भारतीय जलमार्ग पर एक लेख लिखिए।
उत्तर:
यात्री तथा माल परिवहन के लिए जल परिवहन एक महत्त्वपूर्ण साधन है। यह परिवहन का सबसे सस्ता माध्यम है। तथा भारी एवं स्थूल सामग्री के परिवहन के लिए यह सर्वाधिक उपयुक्त माना जाता है। जल परिवहन पारिस्थितिकी के अनुकूल तथा ईंधन दक्ष परिवहन प्रणाली है।। जल परिवहन के निम्नलिखित दो वर्ग हैं –

  1. अन्त:स्थलीय जलमार्ग
  2. महासागरीय जलमार्ग

1. अन्तःस्थलीय जलमार्ग:
वर्तमान में भारत में 14,500 किमी लम्बाई के जलमार्ग नौकायन हेतु उपलब्ध हैं, जो देश के परिवहन में लगभग एक प्रतिशत का योगदान देते हैं। अन्त:स्थलीय जलमार्गों के अन्तर्गत नदियाँ, नहरें, पश्च जल तथा संकरी खाड़ियाँ सम्मिलित हैं। वर्तमान चपटे तल वाले व्यापारिक जलपोतों द्वारा नौकायन योग्य प्रमुख नदी जलमार्गों की लम्बाई 3700 किमी है, जिसमें से केवल 2000 किमी लम्बाई के नदी जलमार्गों का वास्तव में उपयोग किया जा रहा है।

दूसरी ओर देश में 4300 किमी लम्बाई के नौकायान योग्य जलमार्ग हैं, जिनमें से केवल 900 किमी लम्बे जलमार्ग यन्त्रीकृत जलयानों द्वारा नौकायन योग्य हैं। सन् 1986 में भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय जलमार्गों के विकास, अनुरक्षण व नियमन हेतु अन्त:स्थलीय जलमार्ग प्राधिकरण का गठन किया गया। इस प्राधिकरण ने देश में तीन अन्तःस्थलीय जलमार्गों को राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित किया, जिनका विवरण निम्नलिखित है –

(i) राष्ट्रीय जलमार्ग सं. 1:
सन् 1986 में घोषित यह जलमार्ग भारत के सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण जलमार्गों में से एक है। यह जल मार्ग इलाहाबाद से हल्दिया तक 1620 किमी लम्बाई में फैला हुआ है। यह जलमार्ग यन्त्रीकृत नौकाओं द्वारा पटना तक तथा साधारण नौकाओं द्वारा हरिद्वार तक नौकायन योग्य है। विकास की दृष्टि से इस जलमार्ग को तीन भागों में विभाजित किया जाता है –

  • हल्दिया से फरक्का तक 560 किमी लम्बा मार्ग।
  • फरक्का से पटना तक 460 किमी लम्बा मार्ग तथा।
  • पटना से इलाहाबाद तक 600 किमी की लम्बाई वाला मार्ग।

(ii) राष्ट्रीय जलमार्ग सं. 2:
सन् 1988 में घोषित यह जलमार्ग सदिया से धुबरी तक 891 किमी में विस्तारित है। यह ब्रह्मपुत्र नदी प्रणाली का एक भाग है, जो स्टीमर द्वारा डिब्रूगढ़ तक 1338 किमी में नौकायन योग्य है। इस जलमार्ग का उपयोग भारत ने बांग्लादेश साझेदारी में करते हैं।

(iii) राष्ट्रीय जलमार्ग सं. 3:
सन् 1991 में घोषित यह जलमार्ग कोट्टापुरम से कोलम तक 168 किमी लम्बाई में विस्तारित है। इस जलमार्ग में तीन नहरें सम्मिलित हैं –

  • 168 किमी लम्बी पश्चिमी तट नहर।
  • 23 किमी की लम्बाई में विस्तृत चंपाकारा नहर।
  • 14 किमी लम्बी उद्योग मण्डल नहर।

उपर्युक्त राष्ट्रीय जलमार्गों के अतिरिक्त अंत:स्थलीय जलमार्ग प्राधिकरण ने दस अन्य जलमार्गों की भी पहचान की है। जलमार्गों के अतिरिक्त केरल राज्य के पश्च जंल (कडल) का अन्त:स्थलीय जलमार्गों में अपना एक विशिष्ट महत्त्व है। यह परिवहन का सस्ता आधार उपलब्ध कराने के साथ-साथ केरल में बहुत बड़ी संख्या में पर्यटकों को भी आकर्षित करता है। यहाँ प्रसिद्ध नेहरू ट्रॉफी नौका दौड़ का भी आयोजन होता है।

2. महासागरीय जलमार्ग:
भारत का सागरीय तट (द्वीपों सहित) लगभग 7517 किमी लम्बा है, जिस पर 12 प्रमुख तथा 185 गौण पत्तन अवस्थित हैं, जो महासागरीय जलमार्गों को संरचनात्मक आधार प्रदान करते हैं। भारतीय अर्थव्यवस्था के परिवहन सेक्टर में महासागरीय मार्गों की महत्त्वपूर्ण भूमिका रहती है। भारत में भार के अनुसार लगभग 95% तथा मूल्य के अनुसार लगभग 70% विदेशी व्यापार महासागरीय जलमार्गों के माध्यम से सम्पन्न होता है। विदेशी व्यापार के साथ-साथ इन महासागरीय जलमार्गों का उपयोग देश के विभिन्न द्वीपों तथा मुख्य भूमि के मध्य परिवहन के लिए भी किया जाता है। भारत में जलमार्गों की इस स्थिति को निम्न मानचित्र की सहायता से दर्शाया गया है –
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RBSE Class 12 Geography Chapter 20 अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

RBSE Class 12 Geography Chapter 20 बहुचयनात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत निर्मित सड़कें हैं –
(अ) एक्सप्रेस राजमार्ग
(ब) राज्य राजमार्ग
(स) जिला सड़क मार्ग
(द) ग्रामीण सड़कें
उत्तर:
(द)

प्रश्न 2.
विश्व की सबसे ऊँची सड़क है –
(अ) मुम्बई-शान्ताक्रुज मार्ग
(ब) दुर्गापुर-कोलकाता राजमार्ग
(स) लद्दाख-लेह मार्ग
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(स)

प्रश्न 3.
देश में रेलवे स्टेशनों की संख्या है –
(अ) 7112
(ब) 6940
(स) 7166
(द) 8315
उत्तर:
(अ)

प्रश्न 4.
उत्तर रेलवे का मुख्यालय है –
(अ) गोरखपुर
(ब) जयपुर
(स) नई दिल्ली
(द) मालेगाँव
उत्तर:
(स)

प्रश्न 5.
दक्षिण-मध्य रेलवे का मुख्यालय है –
(अ) जबलपुर
(ब) हुबली
(स) चेन्नई
(द) सिकन्दराबाद
उत्तर:
(द)

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प्रश्न 6.
शान-ए-पंजाब रेल का संचालन होना है –
(अ) अमृतसर से दिल्ली
(ब) अमृतसर से जम्मू
(स) अमृतसर से मुम्बई
(द) चण्डीगढ़ से अहमदाबाद
उत्तर:
(अ)

प्रश्न 7.
गतिमान एक्सप्रेस का संचालन किन दो स्टेशनों के मध्य होता है?
(अ) नई दिल्ली से आगरा कैण्ट
(ब) हजरत निजामुद्दीन से आगरा कैण्ट
(स) अमृतसर से नई दिल्ली
(द) मथुरा से नई दिल्ली
उत्तर:
(ब)

प्रश्न 8.
देश का पहला रेल विश्वविद्यालय कहाँ स्थापित करने का प्रस्ताव है?
(अ) नई दिल्ली में
(ब) अहमदाबाद में
(स) बड़ोदरा (गुजरात) में
(द) आगरा में
उत्तर:
(स)

प्रश्न 9.
फ्रण्ट कोरिडोर परियोजना में किन चार महानगरों को रेल द्वारा जोड़ने का प्रस्ताव है?
(अ) दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता, चेन्नई
(ब) दिल्ली, भोपाल, नागपुर, चेन्नई
(स) मुम्बई, भोपाल, पटना, कोलकाता
(द) दिल्ली, लखनऊ, वाराणसी, इलाहाबाद
उत्तर:
(अ)

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प्रश्न 10.
भारत में पहली मोनो रेल का प्रारम्भ हुआ –
(अ) कोलकाता में
(ब) मुम्बई में
(स) नई दिल्ली में
(द) लखनऊ में
उत्तर:
(ब)

प्रश्न 11.
राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन नीति घोषित की गई –
(अ) 10 जून, 2014 को
(ब) 15 जून, 2016 को
(स) 15 जून, 2015 को
(द) 1 अप्रैल, 2015 को
उत्तर:
(ब)

प्रश्न 12.
व्यापारिक जहाजरानी बेडे की दृष्टि से भारत का विश्व में स्थान है –
(अ) 19वाँ
(ब) 13वाँ
(स) 16वाँ
(द) 20वाँ
उत्तर:
(स)

सुमेलन सम्बन्धी प्रश्न

निम्नलिखित में स्तम्भ अ को स्तम्भ ब से सुमेलित कीजिए –
(क)

स्तम्भ (अ)
(रेलमण्डल का नाम)
स्तम्भ (ब)
(मुख्यालय)
(i) पूर्वी रेलवे (अ) चर्चगेट मुम्बई
(ii) पश्चिमी रेलवे (ब) नई दिल्ली
(iii) उत्तर रेलवे (स) मुम्बई सेन्ट्रल
(iv) दक्षिण रेलवे (द) कोलकाता
(v) मध्य रेलवे (य) चेन्नई

उत्तर:
(i) द (ii) अ (iii) ब (iv) य (v) स

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RBSE Class 12 Geography Chapter 20 अति लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
परिवहन से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
यात्रियों एवं वस्तुओं को एक स्थान से दूसरे स्थान पर लाने व ले जाने की प्रक्रिया परिवहन कहलाती है।

प्रश्न 2.
परिवहन की तुलना शरीर के किस तंत्र से की गई है?
उत्तर:
परिवहन की तुलना शरीर में रक्त वाहिकाओं (धमनियों) से की गई है। जो कार्य शरीर में रक्त वाहिकाओं है का है, वही महत्त्व किसी राष्ट्र के लिए वहाँ के परिवहन का है।

प्रश्न 3.
परिवहन का विस्तृत क्षेत्र वाले राष्ट्र में प्रमुख कार्य क्या है?
उत्तर:
एक विशाल राष्ट्र में, जिसमें प्राकृतिक, आर्थिक, सामाजिक एवं अन्य विविधताएँ पाई जाती हैं, परिवहन की प्रमुख कार्य इन विविधताओं को एकता के सूत्र में बाँधना है।

प्रश्न 4. परिवहन तंत्र को किन भागों में बांटा गया है?
उत्तर:
परिवहन तंत्र को मुख्यतः स्थल परिवहन जल परिवहन व वायु परिवहन में बांटा गया है।

प्रश्न 5.
परिवहन तन्त्र के विकास को प्रभावित करने वाले पाँच कारकों का नामोल्लेख कीजिए।
उत्तर:
परिवहन तन्त्र के विकास को प्रभावित करने वाले प्रमुख पाँच कारक हैं –

  1. भौतिक
  2. सांस्कृतिक
  3. आर्थिक
  4. सुरक्षात्मक एवं
  5. राजनीतिक कारक

प्रश्न 6.
ताओसन ने भारत और चीन के मध्य कितने मार्गों का उल्लेख किया है?
उत्तर:
700 ई. में चीनी यात्री ताओसन ने भारत और से चीन के मध्य तीन मुख्य व्यापारिक मार्गों का उल्लेख किया है।

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प्रश्न 7.
वर्ष 2015 में भारत में सड़कों की कुल लम्बाई कितनी बताई है?
उत्तर:
वर्ष 2015 में भारत में सड़कों की कुल लम्बाई 48.45 लाख किमी है।

प्रश्न 8.
भारतीय सड़कों के प्रकारों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
भारतीय सड़कों के निम्नलिखित पाँच प्रकार हैं –

  1. राष्ट्रीय महामार्ग
  2. राज्य राजमार्ग
  3. जिला सड़कें
  4. ग्रामीण सड़कें तथा
  5. सीमावर्ती सड़कें

प्रश्न 9.
राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण एवं नियन्त्रण : किसके हाथ में होता है?
उत्तर:
राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण एवं. नियन्त्रण केन्द्रीय सरकार के हाथ में होता है।

प्रश्न 10.
स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना का सम्बन्ध किन-किन महानगरों से है?
उत्तर:
1. दिल्ली
2. मुम्बई
3. चेन्नई
4. कोलकाता

प्रश्न 11.
स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना का प्रमुख लाभ क्या होग?
उत्तर:
स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना के निर्माण से भारत के दिल्ली, मुम्बई, चेन्नई तथा कोलकाता महानगरों के मध्य समय, दूरी तथा परिवहन लागत कम होगी।

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प्रश्न 12.
उत्तर-दक्षिणी गलियारे के निर्माण का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उत्तर:
उत्तर-दक्षिणी गालियारे के निर्माण का उद्देश्य श्रीनगर (जम्मू एवं कश्मीर) को कन्याकुमारी (तमिलनाडु) से जोड़ना है।

प्रश्न 13.
पूर्व-पश्चिमी गलियारे के निर्माण का क्या उद्देश्य है?
उत्तर:
पूर्व-पश्चिमी गलियारे के निर्माण का उद्देश्य सिलचर (असम) से पोरबन्दर (गुजरात) को जोड़ना है।

प्रश्न 14.
किन सड़कों का निर्माण एवं रख-रखाव राज्य सरकारें करती हैं?
उत्तर:
राज्य राजमार्गों का निर्माण और रख-रखाव राज्य सरकारें करती हैं।

प्रश्न 15.
ग्रामीण सड़कें क्या हैं?
उत्तर:
ग्रामीण सड़कें ग्रामीण क्षेत्रों में शहरों, कस्बों व ग्रामीण सड़क मार्गों को जोड़ती हैं। इसके लिए प्रधानमन्त्री ग्राम सड़क योजना तीव्रगति से कार्य कर रही है।

प्रश्न 16.
सीमा सड़क संगठन की स्थापना कब की गई ?
उत्तर:
सीमा सड़क संगठन की स्थापना सन् 1960 में की गई।

प्रश्न 17.
विश्व की प्रथम रेल कब और कहाँ चलाई गयी?
उत्तर:
विश्व की प्रथम रेल इंग्लैण्ड में 1825 ई. में चलाई गई।

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प्रश्न 18.
भारत में अंग्रेजों द्वारा रेलों के विकास के क्या उद्देश्य थे ?
उत्तर:
1857 की क्रान्ति के बाद अंग्रेजों ने भारत में निम्नलिखित उद्देश्यों से रेलमार्गों का तीव्र विकास किया –

  1. भारत के प्रशासन पर अपनी पकड़ बनाने।
  2. विदेशी आक्रमणों में सहयोग करने।
  3. इंग्लैण्ड के हितों को साधनों हेतु।

प्रश्न 19.
भारतीय रेलवे की एशिया व विश्वस्तर पर क्या स्थिति है?
उत्तर:
विशाल रेलमार्ग के साथ भारतीय रेलवे एशिया की सबसे बड़ी तथा विश्व की दूसरे स्थान की रेल प्रणाली बन गयी है।

प्रश्न 20.
मार्च, 2015 को भारतीय रेलवे के पास इंजनों की कितनी संख्या थी?
उत्तर:
31 मार्च, 2015 के अनुसार भारतीय रेलवे के पास 10,822 इंजन है, जिसमें से 43 भाप इंजन, 5,714 डीजल इंजन तथा 5065 विद्युत इंजन हैं।

प्रश्न 21.
भारतीय रेलवे में लगभग कितने कर्मचारी कार्यरत हैं?
उत्तर:
भारतीय रेलवे में लगभग 13.26 लाख श्रमिकों को रोजगार मिला हुआ है।

प्रश्न 22.
वर्तमान में भारत में कितने रेल मण्डल हैं?
उत्तर:
वर्तमान में भारत में 17 रेल मण्डल हैं। 17 वाँ रेलवे मण्डल मेट्रो रेलवे कोलकाता 25 दिसम्बर, 2010 को घोषित किया गया।

प्रश्न 23.
भारत का सबसे सघन रेलमार्ग क्षेत्र कौन-सा है?
उत्तर:
भारत का सबसे सघन रेलमार्ग क्षेत्र भारत के उत्तरी मैदान में अमृतसर से कोलकाता के मध्य विस्तृत है। मुख्य केन्द्र नई दिल्ली है।

प्रश्न 24.
महानगरीय क्षेत्रों में मेट्रो रेल संचालन का प्रमुख लाभ क्या है?
उत्तर:
महानगरीय क्षेत्रों में मेट्रो रेल संचालन से सड़कों पर वाहनों का दबाव व यातायात अवरुद्धता की समस्या कम होती है साथ ही वायु प्रदूषण के नियन्त्रण में योगदान रहता है।

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प्रश्न 25.
कोंकण रेलवे का निर्माण कब हुआ?
उत्तर:
सन् 1998 में कोंकण रेलवे का निर्माण हुआ।

प्रश्न 26.
किस रेलमार्ग पर एशिया की सबसे लम्बी सुरंग स्थित है?
उत्तर:
कोंकण रेलमार्ग पर एशिया की सबसे लम्बी सुरंग स्थित है, जिसकी लम्बाई 6.5 किमी है।

प्रश्न 27.
टेल्गो ट्रेन के प्रमुख दो मार्ग कौन-से प्रस्तावित हैं?
उत्तर:
टेल्गो ट्रेन निम्नलिखित दो मार्गों पर चलाने की योजना है –

  1. दिल्ली-मुम्बई रेलमार्ग (1385 किमी)
  2. मथुरा-पलवल रेलमार्ग

प्रश्न 28.
विश्व विरासत में किन भारतीय रेलों को शामिल किया गया है?
उत्तर:
विश्व विरासत में निम्नलिखित तीन भारतीय रेलों को शामिल किया गया है।

  1. माउण्टेन रेलवे (दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे) 1999।
  2. नीलगिरि पर्वतीय रेलवे-2005 में।
  3. कालका-शिमला रेलवे-2008 में।

प्रश्न 29.
कोंकण रेलवे परियोजना कहाँ से कहाँ तक विस्तृत है?
उत्तर:
कोंकण रेलवे परियोजना मुम्बई के निकट रोहा से कर्नाटक के मंगलौर तक विस्तृत है।

प्रश्न 30.
देश की पहली मोनो रेल कब और कहाँ प्रारम्भ हुई?
उत्तर:
देश की पहली मोनो रेल मुम्बई में 1 फरवरी, 2014 को प्रारम्भ हुई।

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प्रश्न 31.
भारत में वायु परिवहन की सुविधा प्रदान करने का दायित्व किसका है?
उत्तर:
भारत में वायु परिवहन की सुविधा प्रदान करने का दायित्व भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण को है।

प्रश्न 32.
भारत में नवनिर्मित वायु परिवहन निगमों के नाम बताइए।
उत्तर:
सन् 1953 में भारतीय वायु परिवहन के राष्ट्रीयकरण के बाद सभी कम्पनियों को दो निगमों में मिला दिया गया –

  1. इण्डियन एयर लाइन्स निगम।
  2. एयर इण्डिया।

प्रश्न 33.
इण्डियन एयर लाइन्स व एयर इण्डिया का एकाधिकार कब समाप्त किया गया?
उत्तर:
1 मार्च, 1994 से इण्डियन एयर लाइन्स व एयर इण्डिया का अधिकार समाप्त कर दिया गया।

प्रश्न 34.
एयर इण्डिया का वायुमार्ग क्या है?
उत्तर;
एयर इण्डिया का वायुमार्ग कोलकाता से दिल्ली-मुम्बई-काहिरा-रोम-उसल्उर्फ-जेनेवा-पेरिस-लन्दन-न्यूयॉर्क जाता है। पूर्व में रंगून, हांगकाँग, शंघाई, पीकिंग सियोल व टोकियो जाता है।

प्रश्न 35.
ग्रीन एयरपोर्ट से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
ग्रीन एयरपोर्ट से अभिप्राय ऐसे हवाई अड्डों से है, जहाँ पर कार्बन उत्सर्जन को कम करने सम्बन्धी विधियों को प्रयोग में लाया जाता है।

प्रश्न 36.
भारत में दूसरा कौन हवाई अड्डा है, जिसकी अनुमति ग्रीन एयरपोर्ट बनाने की हो गई है?
उत्तर:
जुलाई, 2012 में जोधपुर हवाई अड्डे को ग्रीन फील्ड के रूप में विकसित करने की अनुमति भारतीय वायुसेना द्वारा दी गई है।

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प्रश्न 37.
किन्हीं तीन अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों के नाम बताइए।
उत्तर:
तीन अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे निम्नलिखित हैं –

  1. इन्दिरा गाँधी अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा-दिल्ली।
  2. नेताजी सुभाष चन्द्र बोस हवाई अड्डा-दमदम (कोलकाता)।
  3. शान्ताक्रुज (छत्रपति शिवाजी) हवाई अड्डा-मुम्बई।

प्रश्न 38.
वायुदूत सेवा पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
वायुदूत सेवा का प्रारम्भ जनवरी, 1981 से किया गया। यह सेवा माल एवं यात्रियों का परिवहन छोटे नगरों को करती है।

प्रश्न 39.
पवनहंस लिमिटेड का उद्देश्य बताइए।
उत्तर:
इस विमान कम्पनी की सेवा 15 अक्टूबर, 1985 से प्रारम्भ की गई। इसका नाम हेलीकॉप्टर कॉर्पोरेशन ऑफ इण्डिया से बदलकर 5 मई, 1987 को पवनहंस कर दिया गया। इसकी स्थापना का उद्देश्य तेल प्राप्ति के अपतटीय एवं दूर दराज के क्षेत्रों को तत्काल सेवा उपलब्ध करना है।

प्रश्न 40.
परिवहन का सबसे सस्ता साधन कौन-सा है?
उत्तर:
जल परिवहन।

प्रश्न 41.
प्राचीन काल में भारतीय सामुद्रिक मार्ग पर किन राजाओं का एकाधिकार था?
उत्तर:
प्राचीन काल में भारतीय सामुद्रिक मार्ग पर चोल राजाओं का एकाधिकार था।

प्रश्न 42.
भारतीय जलमार्ग को कितने भागों में बाँटा गया है?
उत्तर:
भारतीय जलमार्ग को दो भागों में बाँटा गया है –

  1. आन्तरिक जलमार्ग-देश के आन्तरिक भाग में नदियों, नहरों तथा खाड़ियों आदि के जलमार्ग।
  2. सामुद्रिक जलमार्ग-महासागरों से होकर गुजरने वाले जलमार्ग।

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प्रश्न 43.
भारत में आन्तरिक जलमार्ग की लम्बाई कितनी है?
उत्तर:
भारत में आन्तरिक जलमार्ग की लम्बाई 14,500 किमी है, जिसमें नहरों तथा नदियों के मार्ग प्रमुख है।

प्रश्न 44.
भारत में सर्वाधिक आन्तरिक जलमार्ग किन राज्यों में है?
उत्तर:
भारत में सर्वाधिक आन्तरिक जलमार्ग क्रमशः उत्तरप्रदेश, प. बंगाल, आन्ध्र प्रदेश, असम, केरल, बिहार और उड़ीसा में हैं।

प्रश्न 45.
भारतीय देशीय जलमार्ग प्राधिकरण का गठन कब किया गया?
उत्तर:
भारतीय देशीय जलमार्ग प्राधिकरण का गठन 27 अक्टूबर, 1986 को किया गया।

प्रश्न 46.
भारत के राष्ट्रीय जलमार्ग कहाँ से कहाँ तक फैले है?
उत्तर:
भारतीय जलमार्ग –

  1. गंगा में हल्दिया से इलाहाबाद तक।
  2. बह्मपुत्र में छुबरी से सदिया सदियों तक।
  3. केरल में चम्पाकारा नहर।
  4. पश्चिम तट पर कोल्लम-कोटापुरम।
  5. केरल में उद्योग मण्डल नहर।
  6. असम में भागी से लखीमपुर।

प्रश्न 47.
महाराष्ट्र के रोहा तथा कर्नाटक के मंगलौर के मध्य बनाये गए रेलमार्ग का नाम बताइए।
उत्तर:
कोंकण रेलमार्ग।

प्रश्न 48.
केन्द्रीय सरकार ने राष्ट्रीय जलमार्ग विधेयक कब पारित किया?
उत्तर:
केन्द्रीय सरकार ने राष्ट्रीय जलमार्ग विधेयक ‘ सन् 2015 में पारित किया।

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प्रश्न 49.
भारत की समुद्र तट रेखा की लम्बाई व समुद्री आर्थिक क्षेत्र कितना है?
उत्तर:
भारत की समुद्र तट रेखा की लम्बाई 7,517 किमी तथा समुद्री आर्थिक क्षेत्र 20 लाख वर्ग किमी से अधिक है।

प्रश्न 50.
भारतीय जहाजरानी निगम लिमिटेड का नाम परिवर्तन वे अवार्ड कब दिया गया ?
उत्तर:
देश की इस सबसे बड़ी जहाजरानी कम्पनी को ‘प्राइवेट लिमिटेड’ से बदलकर ‘पब्लिक लिमिटेड’ कर दिया गया। भारत सरकार ने कम्पनी को 24 फरवरी, 2000 को ‘मिनी रत्न’ का खिताब दिया।

प्रश्न 51.
भारत में पाइपलाइनों की लम्बाई कितनी है?
उत्तर:
भारत में सन् 1980 में 5035 किमी पाइपलाइनें थीं, जो सन् 2010 में बढ़कर लगभग 10,000 किमी हो गई।

प्रश्न 52.
भारतीय गैस प्राधिकरण लिमिटेड की स्थापना कब की गई?
उत्तर:
भारतीय गैस प्राधिकरण लिमिटेड की स्थापना सन् 1984 में की गई थी, जो 14,400 किमी लम्बी पाइपलाइनों का संचालन करती है।

प्रश्न 53.
राष्ट्रीय महामार्ग किन-किन स्थानों को जोड़ते हैं?
उत्तर:
राष्ट्रीय महामार्ग राज्यों की राजधानियों, प्रमुख नगरों, महत्त्वपूर्ण पत्तनों एवं रेलवे जंक्शनों को जोड़ते हैं।

RBSE Class 12 Geography Chapter 20 लघूत्तरात्मक प्रश्न (SA-I)

प्रश्न 1.
भारत के आर्थिक विकास में सड़कों की भूमिका को संक्षेप में बताइए।
उत्तर:
भारत के आर्थिक विकास में सड़कों की भूमिका निम्नलिखित क्षेत्रों में उल्लेखनीय है –

  1. सड़कों के विकास ने गहन व विस्तृत कृषि को सम्भव बनाया है। साथ ही कृषि उपजों की गंतव्य स्थलों तक सुलभ पहुँच ने भारत के विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है।
  2. सड़कों के विकास से देश में औद्योगिक विकास को पर्याप्त प्रोत्साहन मिला है।
  3. सड़कों के विकास ने सम्पूर्ण देश में विभिन्न वस्तुओं के मूल्यों में मिलने वाले अन्तर को कम किया है।
  4. समय व धन की बचत को बढ़ावा मिला है।
  5. प्राकृतिक संसाधनों के विदोहन को बल मिला है।
  6. सड़कों के विकास ने श्रम को गतिशील बनाकर बेरोजगारी की समस्या को कम किया है।

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प्रश्न 2.
ग्रैंड ट्रंक रोड के बारे में आप क्या जानते हैं?
अथवा
शेरशाह सूरी द्वारा निर्मित शाही राजमार्ग पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
शेरशाह सूरी ने अपने साम्राज्य को सिंधु घाटी (पाकिस्तान) से लेकर बंगाल की सोनार घाटी तक सुदृढ़ एवं संघटित करने के लिए एक शाही राजमार्ग का निर्माण करवाया। ब्रिटिश शासन में कोलकाता को पेशावर से जोड़ने वाले इस मार्ग का पुनः नामकरण ग्रैण्ड ट्रंक (जीटी) रोड किया गया।
वर्तमान में यह मार्ग अमृतसर से कोलकाता के मध्य विस्तृत है। इसे दो खंडों में विभाजित किया गया है –

  1. राष्ट्रीय महामार्ग-1 (NH – 1) : दिल्ली से अमृतसर तक।
  2. राष्ट्रीय महामार्ग-2 (NH – 2) : दिल्ली से कोलकाता तक।

प्रश्न 3.
राष्ट्रीय महामार्ग के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर:
राष्ट्रीय महामार्ग वे सड़कें होती हैं, जिन्हें केन्द्र सरकार द्वारा निर्मित एवं अनुरक्षित किया जाता है। इन सड़कों का उपयोग अन्तर्राष्ट्रीय परिवहन एवं सामरिक क्षेत्रों तक रक्षा सामग्री व सेना के आवागमन के लिए होता है। ये महामार्ग राज्यों की राजधानियों, प्रमुख नगरों, प्रमुख पत्तनों तक रेलवे जंक्शनों को आपस में जोड़ते हैं। इन महामार्गों की लम्बाई सम्पूर्ण देश की कुल सड़कों की लम्बाई का 2% है तथा ये मार्ग सड़क यातायात के 40% भाग का वहन करते हैं।

प्रश्न 4.
भारत में राष्ट्रीय महामार्गों के उपयोगों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:

  1. ये महामार्ग दूर स्थित स्थानों को जोड़ने में सहायक हैं, जिन पर अबाधित यातायात संचालित होता है।
  2. इन महामार्गों के द्वारा प्रमुख नगरों, राज्यों की राजधानियों, बन्दरगाहों एवं रेलवे जंक्शनों को जोड़ा जाता है।
  3. ये महामार्ग सामरिक क्षेत्रों में सामग्री पहुँचाने में सर्वाधिक सहायक हैं।

प्रश्न 5.
भारतीय राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
भारतीय राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण (एन. एच. ए. आई.) की स्थापना सन् 1995 में हुई। यह भारत सरकार के भूतल परिवहन मन्त्रालय के अन्तर्गत एक स्वायत्तशासी निकाय है। इसे राष्ट्रीय महामार्गों के विकास, रखरखाव एवं संचालन की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके अतिरिक्त यह राष्ट्रीय महामार्गों के रूप में निर्दिष्ट सड़कों की गुणवत्ता सुधार के लिए एक शीर्ष संस्था भी है।

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प्रश्न 6.
राष्ट्रीय महामार्ग एवं राज्य महामार्ग में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
अथवा
राष्ट्रीय एवं राज्य मार्गों में दो अन्तर लिखिए।
उत्तर:
राष्ट्रीय महामार्ग एवं राज्य महामार्ग में निम्नलिखित अन्तर हैंराष्ट्रीय महामार्ग है –

राष्ट्रीय महामार्ग राज्य महामार्ग
1. ये राष्ट्र की प्रमुख सड़कें होती हैं। 1. ये राज्य की प्रमुख सड़कें होती हैं।
2. इनका निर्माण केन्द्र सरकार द्वारा किया जाता है। 2. इनका निर्माण एवं रख-रखाव राज्य सरकार द्वारा किया जाता है।
3. ये महामार्ग राज्यों की राजधानियों, प्रमुख नगरों, महत्त्वपूर्ण पत्तनों एवं रेलवे जंक्शनों को आपस में जोड़ते हैं। 3. ये महामार्ग राज्य की राजधानी से जिला मुख्यालयों एवं अन्य महत्त्वपूर्ण शहरों को आपस में जोड़ते हैं।
4. इन महामार्गों की लम्बाई सम्पूर्ण देश की कुल सड़कों की लम्बाई का 2% है। 4. इन महामार्गों की लम्बाई देश की कुल सड़कों की लम्बाई का 4% है।
5. ये महामार्ग आर्थिक व सामरिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण हैं। 5. ये महामार्ग प्रशासनिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण हैं।

प्रश्न 7.
राज्य महामार्गों पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
राज्य महामार्गों का निर्माण एवं रख-रखाव सम्बन्धित राज्य सरकारों द्वारा किया जाता है। ये महामार्ग राज्य की राजधानी से जिला मुख्यालयों एवं अन्य महत्त्वपूर्ण शहरों को आपस में जोड़ते हैं। ये महामार्ग राष्ट्रीय महामार्गों से भी जुड़े होते हैं। इनके अन्तर्गत देश की कुल सड़कों की लम्बाई का 4% भाग आता है।

प्रश्न 8.
सीमा सड़क संगठन के दायित्वों का विवरण दीजिए।
उत्तर:
मई, 1960 में भारत सरकार द्वारा सीमा सड़क संगठन को गठन उत्तरी तथा उत्तरपूर्वी सीमा से सटे सामरिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में सड़क निर्माण करने के उद्देश्य से किया गया। सामरिक दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों में सड़कें निर्मित करने व अनुरक्षित करने के साथ-साथ इस संगठन पर अति ऊँचाई वाले क्षेत्रों से बर्फ हटाने का उत्तरदायित्व भी है। इसके अलावा इस संगठन को स्थापित करने के पीछे देश की रक्षा तैयारियों को मजबूती प्रदान करना भी प्रमुख कारण रहा है।

प्रश्न 9.
भारत में मिलने वाले सड़कों के असमान वितरण एवं घनत्व की कारण सहित विवेचना कीजिए।
उत्तर:
भारत में मिलने वाली सड़कों का वितरण एवं घनत्व प्रादेशिक आधार पर भिन्नताओं को दर्शाता है। एक ओर विकसित राज्यों में यह अधिक पाया जाता है यथा-केरल (387:24 किमी/100 वर्ग किमी), जबकि उत्तरी पर्वतीय क्षेत्रों में यह कम मिलता है यथा-जम्मू-कश्मीर (10-48 किमी/100 वर्ग किमी) । सामान्यत: दक्षिणी राज्यों के साथ-साथ उत्तरी मैदानी भागों में सड़कों की अधिकता मिलती है, जबकि पर्वतीय एवं शुष्क भागों में सड़कों को न्यून स्वरूप दृष्टिगत होता है, जिसके लिए निम्नलिखित कारक उत्तरदायी हैं –

  1. स्थलाकृति में मिलने वाली प्रादेशिक भिन्नता।
  2. राज्यों के आर्थिक स्वरूप का भिन्न-भिन्न होना।
  3. पर्यावरणीय दशाओं का असमान होना।
  4. राज्यों की विकास की स्थिति।

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प्रश्न 10.
भारत में कितने एक्सप्रेस राजमार्ग हैं? उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
भारत में निम्नलिखित पाँच एक्सप्रेस राजमार्ग बनाए गए हैं –

  1. मुम्बई-शान्ताक्रुज
  2. मुम्बई-थाणे
  3. कोलकाता-दमदम
  4. पाराद्वीप-सुकिन्धखान क्षेत्र
  5. दुर्गापुर-कोलकाता राजमार्ग

प्रश्न 11.
कोंकण रेलवे के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर:
देश की आजादी के बाद जिन रेलमार्गों का विकास भारत में किया गया, उनमें से कोंकण रेलवे का निर्माण सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण है। इस मार्ग का निर्माण सन् 1998 में पूरा हुआ। यह रेलमार्ग 760 किमी लम्बा है, जो पश्चिमी समुद्री तेटे के साथ-साथ महाराष्ट्र में रोहा से लेकर कर्नाटक राज्य में मंगलौर तक जाता है। यह रेलमार्ग 146 नदियों के जलधाराओं, 2000 पुलों तथा 91 सुरंगों को पार करता है। इस रेलमार्ग पर एशिया की सबसे लम्बी रेल सुरंग (6.5 किमी) भी है। इस रेलमार्ग के निर्माण से मुम्बई का मंगलौर से सीधा रेल सम्पर्क स्थापित हो गया है।

प्रश्न 12.
भारत में रेल परिवहन के महत्त्व को बताइए।
उत्तर:
भारतीय रेल देश का सबसे बड़ा राष्ट्रीयकृत उपक्रम है। यह भारतीय अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों (कृषि, उद्योग, व्यापार, सेवा) के विकास में सहयोग करने वाला मुख्य परिवहन साधन है। रेल परिवहन राष्ट्रीय सुरक्षा, शान्ति व्यवस्था, भौगोलिक एवं सांस्कृतिक एकता स्थापित करने एवं उसे बनाए रखने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है।

प्रश्न 13.
भारत में बुलेट ट्रेन संचालन के बारे में बताइये।
उत्तर:
भारत में मुम्बई-अहमदाबाद रेलमार्ग के बाद दिल्ली से तीन अन्य महानगरों को भी बुलेट ट्रेन चलाने की योजना है –

  1. दिल्ली से लखनऊ – यह 506 किमी दूरी की यात्रा मात्र 1 घण्टे 45 मिनट में तय होगी।
  2. दिल्ली से वाराणसी – यह 782 किमी की यात्री 2 घण्टे 40 मिनट में तय होगी। इसमें अनुमानित ₹ 43 हजार करोड़ खर्च होंगे।
  3. दिल्ली से कोलकाता – 1513 किमी की यह दूरी 4 घण्टे 56 मिनट में तय होगी। अनुमानित खर्च ₹ 84 हजार करोड़ है।

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प्रश्न 14.
फ्रण्ट कोरिडोर परियोजना क्या है?
उत्तर:
फ्रण्ट कोरिडोर परियोजना भारतीय रेलवे की अब तक की सबसे महत्त्वाकांक्षी परियोजना है। डेडिकेटेड फ्रण्ट कोरिडोर परियोजना के अन्तर्गत देश के चार महानगरों-दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता व चेन्नई को जोड़ने का परिचालन किया जाएगा।

प्रश्न 15.
भारत के महासागरीय मार्गों पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
भारत के पास द्वीपों सहित लगभग 7517 किमी लम्बाई में फैला सागरीय तट है, जिस पर 12 प्रमुख तथा 185 गौण बन्दरगाह स्थित हैं। ये बन्दरगाह भारत के महासागरीय मार्गों को संरचनात्मक आधार प्रदान करते हैं। भारत में भार के अनुसार लगभग 95% तथा मूल्य के अनुसार लगभग 70% विदेशी व्यापार महासागरीय मार्गों द्वारा सम्पन्न होता है। इन महासागरीय मार्गों का उपयोग विदेशी व्यापार के साथ-साथ देश की मुख्य भूमि तथा द्वीपों के बीच परिवहन हेतु भी किया जाता है।

प्रश्न 16.
भारत सरकार ने किन छः नदी जलमार्गों को राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित किया है?
उत्तर:
भारत सरकार ने नदियों में स्थायी जलमार्ग विकसित करने के लिए निम्नलिखित छः महत्त्वपूर्ण जलमार्गों को राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित किया –

  1. गंगा में हल्दिया से इलाहाबाद तक 1620 किमी।
  2. ब्रह्मपुत्र में धुवरी से सदिया तक 891 किमी।
  3. केरल में चम्पाकारा नहर 14 किमी।
  4. पश्चिमी तट नहर कोल्लम-कोटापुरम खण्ड 168 किमी।
  5. केरल में उद्योग मण्डल नहर 22 किमी।
  6. असम में भागा से लखीमपुर।

प्रश्न 17.
आन्तरिक जले परिवहन के विकास में क्या बाधाएँ हैं?
उत्तर:

  1. नदियों की मौसमी प्रकृति।
  2. जल स्तर में होने वाली परिवर्तन।
  3. नदी मार्गों में जल प्रपातों का होना।
  4. नदियों में अवसादों का जमाव।
  5. सदावाहिनी नदियों से नहरें निकालने के कारण जल की कमी।
  6. तटीय क्षेत्र की नदियों का लवणीय होना आदि।

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प्रश्न 18.
आन्तरिक जल परिवहन के लाभ बताइए।
उत्तर:
आन्तरिक जल परिवहन के प्रमुख लाभ निम्नलिखित हैं –

  1. सबसे सस्ता परिवहन साधन।
  2. अन्य परिवहन साधनों की भाँति रख-रखाव पर खर्च नहीं।
  3. ऊर्जा की कम खपत।
  4. भारी सामानों के परिवहन के लिए उपयुक्त।
  5. वर्षा काल में पूर्वोत्तर में रेल व सड़क मार्गों के अवरुद्ध हो जाने पर महत्त्वपूर्ण।
  6. प्रदूषण रहित परिवहन (अन्य साधनों से कम)।

प्रश्न 19.
विभिन्न राज्यों में बन्दरगाहों की संख्या का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
भारत में 13 बड़े एवं लगभग 200 मध्यम एवं छोटे बन्दरगाह हैं, जिनकी संख्या विभिन्न राज्यों में निम्नांकित हैं –

राज्य बन्दरगाहों की संख्या
गुजरात 40
महाराष्ट्र 53
गोवा 5
दमने एवं दीव 2
कर्नाटक 9
केरल 13
लक्षद्वीप 40
तमिलनाडु 14
पुदुचेरी 01
प. बंगाल 01
अण्डमान-निकोबार 23

प्रश्न 20.
‘दि नेशनल एविएशन कम्पनी ऑफ इण्डियाज लिमिटेड’ क्या है? बताइए।
उत्तर:
1 मार्च, 1994 से इण्डियन एयर लाइन्स तथा एयर इण्डिया को एकाधिकार समाप्त कर दिया गया, परन्तु अब सार्वजनिक क्षेत्र की इण्डियन एयर लाइन्स व एयर इण्डिया के विलय के पश्चात् ‘दि नेशनल एविएशन कम्पनी ऑफ इण्डियाज लिमिटेड’ नामक कम्पनी गठित की गई है, लेकिन यह कम्पनी ‘एयर इण्डिया’ के नाम से ही सेवा उपलब्ध कराएगी।

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प्रश्न 21.
भारत में वायु परिवहन के क्षेत्र में एयर इण्डिया तथा इण्डियन एयर लाइन्स के योगदान को संक्षेप में बताइए।
उत्तर:
1. एयर इण्डिया:
यह यात्रियों एवं नौभार यातायात दोनों के लिए अन्तर्राष्ट्रीय वायु सेवाएँ उपलब्ध कराती है। यह अपनी सेवाओं द्वारा विश्व के सभी महाद्वीपों को जोड़ती है।

2. इण्डियन एयर लाइन्स:
यह निगम घरेलू विमान सेवाओं के लिए उत्तरदायी था। यह निगम देश के भीतरी भागों, पड़ोसी दक्षिण-पूर्वी एवं पश्चिमी एशियाई देशों के साथ आवागमन की व्यवस्था करता था।

नोट:
वर्तमान में इण्डियन एयर लाइन्स का एयर इण्डिया में विलय कर दिया गया है।

प्रश्न 22.
पूर्वोत्तर क्षेत्र में ग्रीन फील्ड हवाई अड्डों की क्या निर्माण योजना है?
उत्तर:
ए.ए.आई. ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में ग्रीन फील्ड हवाई निर्माण की योजना बनाई है। सिक्किम में बेरूयांग हवाई अड्डा का ३ 309.46 करोड़ की लागत से बनने का कार्य शुरू हो गया है। चेतू (नागालैण्ड) व ईटानगर (अरुणाचल प्रदेश) में भी ग्रीन फील्ड हवाई अड्डे का निर्माण प्रस्तावित है।

प्रश्न 23.
भारत की तेल व गैस पाइपलाइनों का विवरण दीजिए।
उत्तर:
गैसों तथा तरल पदार्थों के परिवहन के लिए पाइप लाइनें अत्यधिक सुविधाजनक, सस्ती तथा सक्षम परिवहन प्रणाली हैं। वर्तमान में देश में निम्नलिखित पाइप लाइनें उल्लेखनीय हैं –

  1. असम के नाहरकटिया तेल क्षेत्र से बरौनी तेलशोधक कारखाने तक लम्बाई 1157 किमी।
  2. बरौनी से कानपुर
  3. अंकलेश्वर-कोयली
  4. बम्बई हाई-कोयली
  5. हजीरा-विजयपुर-जगदीशपुर (HBJ) लम्बाई 1256 किमी।
  6. सलाया (गुजरात) से मथुरा।
  7. नुमालीगढ़ से सिलीगुड़ी (निर्माणाधीन)।

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प्रश्न 24.
पाइपलाइन परिवहन के लाभ बताइए।
उत्तर:
पाइपलाइन परिवहन के निम्नलिखित लाभ हैं –

  1. सस्ता साधन
  2. सुगम परिवहन
  3. ऊबड़-खाबड़ मार्ग से परिवहन सम्भव
  4. ऊर्जा की बचत
  5. समुद्री जल से भी परिवहन की सुविधा
  6. सुनिश्चित आपूर्ति
  7. समय की बचत
  8. प्रदूषण में कमी आदि।

RBSE Class 12 Geography Chapter 20 लघूत्तरात्मक प्रश्न (SA-II)

प्रश्न 1.
परिवहन के साधनों के विकास को प्रभावित करने वाले कारक कौन-कौन से हैं ?
उत्तर:
परिवहन के साधनों के विकास को प्रभावित करने वाले कारक- भारत में परिवहन के साधनों के विकास को प्रभावित करने वाले कारकों में निम्नलिखित कारक उल्लेखनीय हैं –

1. भौतिक कारक:
उच्चावच स्थलीय परिवहन मार्गों के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। भारत के समतल भूभागों में सड़क व रेलमार्गों का अधिक विकास हुआ है, जबकि पर्वतीय भागों में स्थलीय परिवहन मार्गों का निर्माण कठिन व चुनौतीपूर्ण होता है, जिसके कारण यहाँ इनका विकास कम मिलता है। दलदली भागों, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों तथा भूमि अपरदन से प्रभावित क्षेत्रों में भी स्थलीय परिवहन मार्गों का सीमित स्तर पर विकास सम्भव है। अधिक वर्षा वाले पूर्वोत्तर क्षेत्रों तथा पश्चिमी घाट के असमतल व पर्वतीय क्षेत्रों में सीमित स्तर पर ही स्थलीय परिवहन मार्गों का विकास हो पाया है। इसी प्रकार पश्चिमी राजस्थान के शुष्क रेगिस्तानी भागों में भी स्थलीय परिवहन मार्गों का विकास बहुत कम देखने को मिलता है।

2. आर्थिक कारक:
देश में आर्थिक रूप से सम्पन्न क्षेत्रों में सड़क व रेलमार्गों का उच्च घनत्व मिलता है, जबकि आर्थिक दृष्टि से पिछड़े क्षेत्रों में स्थलीय परिवहन मार्गों का घनत्व न्यून मिलता है।

3. सांस्कृतिक कारक:
पश्चिमी रेगिस्तान में परिवहन का कम विकास हुआ है। वहाँ जनसंख्या निवास कम है।

4. सुरक्षात्मक कारक:
सीमाओं की सुरक्षा एवं सैनिकों की आवश्यकताओं, सैन्य सामग्री पहुँचाने के लिए विकास किया जाता है। सन् 1962 में चीन के आक्रमण का मुकाबला हम परिवहन साधन के अभाव में ही पूरी शक्ति के साथ नहीं कर सके।

5. राजनैतिक कारक:
सरकारी नीति व राजनैतिक इच्छा शक्ति व उद्देश्य का भी परिवहन विकास पर प्रभाव पड़ता है।

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प्रश्न 2.
भारत में विकसित की जा रही राष्ट्रीय महामार्ग विकास परियोजनाओं के बारे में संक्षेप में बताइए।
उत्तर:
राष्ट्रीय महामार्गों का निर्माण केन्द्र सरकार द्वारा कराया जाता है। ये सड़कें राज्यों की राजधानियों, प्रमुख नगरों, महत्त्वपूर्ण पर्यटन स्थलों एवं रेलवे स्टेशनों को आपस में जोड़ने के साथ-साथ सामरिक क्षेत्रों में रक्षा सामग्री एवं सेवा के आवागमन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने देश-भर में विभिन्न चरणों में कई प्रमुख परियोजनाओं की जिम्मेदारी ले रखी है। प्रमुख राष्ट्रीय महामार्ग विकास परियोजनाएँ निम्नलिखित हैं –

1. स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना:
यह परियोजना देश के चार विशाल महानगरों-दिल्ली, मुम्बई, चेन्नई व कोलकाता को 4/6 लेन वाले महामार्ग से जोड़ती है। 5846 किमी लम्बाई की इस परियोजना के पूरा होने से उक्त महानगरों के मध्य समय- दूरी तथा परिवहन लागत में कमी आयी है।

2. उत्तर-दक्षिणी तथा पूर्व-पश्चिमी गलियारा:
इस परियोजना द्वारा उत्तर में श्रीनगर से दक्षिण में कन्याकुमारी तक 4016 लम्बा महामार्ग निर्मित किया जा रहा है, जबकि पूर्व-पश्चिमी गलियारे के अन्तर्गत असम राज्य के सिलचर नगर से गुजरात के पोरबन्दर तक 3640 किमी लम्बा महामार्ग बनाया जा रहा है।

प्रश्न 3.
भारतीय रेलमण्डल एवं उनके मुख्यालयों का विवरण प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर:
भारतीय रेल को 16 रेलमण्डलों में विभाजित किया गया है, जो निम्नलिखित हैं –

रेल मंडल मुख्यालय
सेण्ट्रल (मध्य रेलवे) मुंम्बई (सी. एस. टी.)
ईस्टर्न (पूर्वी रेलवे) कोलकाता
ईस्ट-सेण्ट्रल (मध्य-पूर्वी रेलवे) हाजीपुर
ईस्ट कोस्ट (पूर्वी-तटीय रेलवे) भुवनेश्वर
नॉर्दर्न (उत्तरी रेलवे) नई दिल्ली
नॉर्थ-ईस्टर्न (उत्तर-पूर्वी रेलवे) गोरखपुर
नॉर्थ-वेस्टर्न (उत्तर-पश्चिमी रेलवे) जयपुर
सदर्न (दक्षिणी रेलवे) चेन्नई
साउथ-सेण्ट्रल (दक्षिण-मध्य रेलवे) सिकन्दराबाद
साउथ-ईस्टर्न (दक्षिण-पूर्वी रेलवे) कोलकाता
साउथ-ईस्ट सेण्ट्रल (दक्षिण-पूर्वी-मध्य रेलवे) बिलासपुर
साउथ-वेस्टर्न (दक्षिण-पश्चिमी रेलवे) हुबली
नॉर्थ-सेण्ट्रल (उत्तर-मध्य रेलवे) इलाहाबाद
नॉर्थ-ईस्ट फ्रंटियर (उत्तर-पूर्वी सीमान्त रेलवे) मालीगाँव (गुवाहाटी)
वेस्टर्न (पश्चिमी रेलवे) मुम्बई (चर्च गेट)
वेस्ट सेण्ट्रल (पश्चिमी-मध्य रेलवे) जबलपुर
मेट्रो रेलवे कोलकाता जोन कोलकाता

नोट:
25 दिसम्बर, 2010 को मेट्रो रेलवे कोलकाता जोन की घोषणा की गई।

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प्रश्न 4.
भारतीय रेलमार्गों के वितरण को संक्षेप में बताइए।
उत्तर:
भारत में रेलमार्गों का वितरण असमान है। इनके वितरण को निम्नलिखित प्रकार से स्पष्ट किया जा सकता है –

1. सघन रेलमार्ग वाला क्षेत्र:
यह क्षेत्र उत्तरी भारत में अमृतसर से कोलकाता के मध्य विस्तृत है। यह समतल मैदानी भाग है। इसका मुख्य केन्द्र दिल्ली है।

2. दक्षिणी भारत का मध्यम सघन क्षेत्र:
दक्षिण भाग पठारी एवं विषम होने के कारण यहाँ रेलमार्गों का पूर्ण विकास नहीं हो सका है।

3. विरल रेलमार्गों वाली क्षेत्र:
इसके अन्तर्गत मरुस्थली व पर्वतीय क्षेत्र आते हैं। पश्चिमी राजस्थान, हिमाचल प्रदेश तथा उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों में रेलमार्गों का बहुत कम विकास हो पाया है।

प्रश्न 5.
भारत में रेलमार्गों के विकास का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
भारत में रेलमार्गों का क्रमिक विकास हुआ है। वर्ष 1950-51 में 53,596 किमी लम्बे रेलमार्ग थे, जिनकी सन् ई. 2012-13 में लम्बाई 64,600 किमी हो गई। इनका क्रमिक विकास निम्नांकित प्रकार है –

वर्ष रेलमार्गों की लम्बाई (किमी में)
1950 – 51 53,596
1960 – 61 56,247
1970 – 71 59,787
1980 – 81 61,240
1990 – 91 62,367
2000 – 01 63,028
2010 – 11 64,015
2011 – 12 64,415
2012 – 13 64,600

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प्रश्न 6.
भारत में वायु परिवहन के विकास को संक्षेप में बताइए।
उत्तर:
वायु परिवहन एक स्थान से दूसरे स्थान तक आवागमन का एक तीव्रतम साधन है। भारत में वायु परिवहन की शुरुआत सन् 1911 में हुई, जब इलाहाबाद से नैनी तक 10 किमी की दूरी हेतु वायु डाक प्रचलन किया गया। वायु परिवहन का वास्तविक विकास स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात् हुआ। सन् 1953 में वायु परिवहन का राष्ट्रीयकरण किया गया। राष्ट्रीयकरण के पश्चात् भारत में वायु परिवहन का प्रबन्धन दो निगमों-एयर इण्डिया व इण्डियन एयर लाइन्स द्वारा किया जाता है।

अब अनेक निजी कम्पनियों ने भी परिवहन सेवा प्रारम्भ कर दी है। भारतीय विमानने प्राधिकरण भारतीय वायु परिवहन क्षेत्र में सुरक्षित, सक्षम वायु यातायात एवं वैमानिकी संचार सेवाएँ प्रदान करने के लिए उत्तरदायी है। यह प्राधिकरण 126 विमान पत्तनों को प्रबन्धन करती है, जिसके अन्तर्गत 13 अन्तर्राष्ट्रीय, 84 घरेलू व रक्षा क्षेत्रों पर स्थित 29 नागरिक परिवहन अन्त:क्षेत्र पत्तन सम्मिलित हैं।

प्रश्न 7.
भारतीय हवाई अड्डों को कितने भागों में बाँटा गया है?
उत्तर:
भारतीय हवाई अड्डों को चार श्रेणियों में बाँटा गया है –

1. अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे:
इसके अन्तर्गत वे हवाई अड्डे आते हैं, जिनका महत्त्व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर है। इनमें प्रमुख हैं-दिल्ली का इन्दिरा गाँधी अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, कोलकाता का नेताजी सुभाष चन्द्र बोस हवाई अड्डा (दम दम), मुम्बई को शान्ताक्रुज (छत्रपति शिवाजी) हवाई अड्डा वे चेन्नई का मीनाम्बकम हवाई अड्डा तथा हैदराबाद, अहमदाबाद और बैंगलौर के हवाई अड्डे हैं।

2. बड़े हवाई अड्डे:
जयपुर, लखनऊ, नागपुर, वाराणसी, अगरतला आदि के हवाई अड्डे।

3. मध्यम श्रेणी के हवाई अड्डे:
इलाहाबाद, औरंगाबाद, भुवनेश्वर, भुज, गया, गोरखपुर, इन्दौर के हवाई अड्डे।

4. छोटे हवाई अड्डे:
अकोला, सतना, शोलापुर, जोधपुर, जबलपुर, बिलासपुर, झाँसी आदि के हवाई अड्डे।

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प्रश्न 8.
भारत में हवाई अड्डों के लिए अनुकूल भौगोलिक दशाओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
भारत में हवाई अड्डों के विकास के लिए निम्नलिखित भौगोलिक दशाएँ उपलब्ध हैं –

  1. भारत का विशाल भौगोलिक क्षेत्रफल।
  2. विश्व के प्रमुख वायुमार्गों पर भारत की स्थिति।
  3. वायुयान निर्माण के लिए एल्युमीनियम का पर्याप्त भण्डार।
  4. तकनीकी ज्ञान की देश में ही उपलब्धता।
  5. हवाई अड्डों के निर्माण के लिए समतल एवं कठोर भूमि की उपलब्धता।
  6. देश की विशाल जनसंख्या।
  7. देश का आर्थिक विकास।
  8. देर्श की विशाल पर्यटन उद्योग।। उपर्युक्त ऐसे अनेक कारक हैं, जो वायु परिवहन के साधनों के विकास में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निर्वहन करते हैं।

RBSE Class 12 Geography Chapter 20 निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
भारत में सड़कों के प्रमुख प्रकारों का विवरण दीजिए।
उत्तर:
भारत को सड़क जाल विश्व के विशालतम सड़क जालों में से एक है। सन् 2005 में भारत में सड़कों की कुल लम्बाई 33:1 लाख किमी थी। देश में प्रतिवर्ष सड़कों द्वारा लगभग 85% यात्री एवं 70% भार यातायात का परिवहन किया जाता है। भारत में आधुनिक प्रकार के सड़क परिवहन के विकास का प्रथम गम्भीर प्रयास सन् 1943 में ‘नागपुर योजना’ बनाकर किया गया, परन्तु रजवाड़ों एवं ब्रिटिश-भारत सरकार के मध्य समन्वय के अभाव के कारण यह योजना क्रियान्वित न हो सकी।

इसके पश्चात् भारत में सड़कों की दशा सुधारने के लिए एक ‘बीस वर्षीय सड़क योजना’ सन् 1961 में प्रारम्भ की गई। सन् 1995 में भारतीय राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण के गठन के पश्चात् देश में राष्ट्रीय महामार्गों के विकास से सम्बन्धित नई परियोजनाएँ। संचालित की गई। वर्तमान में प्रधानमन्त्री ग्राम सड़क योजना के माध्यम से गाँवों को भी सड़कों से जोड़ा जा रहा है।

सड़कों के प्रकार:
निर्माण व रखरखाव के उद्देश्य से देश की सड़कों को निम्नलिखित 5 वर्गों में रखा गया है –

  1. राष्ट्रीय महामार्ग (National Highways)
  2. राज्य महामार्ग (State Highways)
  3. जिला सड़कें (District Roads)
  4. ग्रामीण सड़कें (Rural Roads)
  5. अन्य सड़कें (Other Roads)

1. राष्ट्रीय महामार्ग:
केन्द्र सरकार द्वारा निर्मित एवं अनुरक्षित सड़कों को राष्ट्रीय महामार्ग कहा जाता है। राष्ट्रीय महामार्गों के निर्माण, रखरखाव तथा प्रचालन का उत्तरदायित्व भारतीय राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण (N. H. A. I.) का है। ये महामार्ग राज्यों की राजधानियों, प्रमुख नगरों, महत्त्वपूर्ण पत्तनों तथा रेलवे जंक्शनों को जोड़ते हैं। इन सड़कों का उपयोग अन्तर्राष्ट्रीय परिवहन एवं सामरिक क्षेत्रों तक रक्षा सामग्री एवं सेना के आवागमन के लिए होता है।

सन् 2005 में भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों की कुल लम्बाई 65769 किमी थी जो देश के कुल सड़क मार्गों का केवल 2% भाग है, लेकिन ये महामार्ग देश के कुल सड़क यातायात के 40% भाग का वहन करते हैं। स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना एवं उत्तर-दक्षिण तथा पूर्व-पश्चिमी गलियारा भारत की महत्त्वपूर्ण राष्ट्रीय महामार्ग विकास परियोजनाएँ हैं।

2. राज्य महामार्ग:
इस वर्ग की सड़कों का निर्माण व अनुरक्षण राज्य सरकारों द्वारा किया जाता है। ये महामार्ग राज्य की राजधानी से ज़िला मुख्यालयों तथा अन्य महत्त्वपूर्ण नगरों को जोड़ते हैं साथ ही इनका सम्पर्क राष्ट्रीय महामार्गों से भी होता है। इस वर्ग की सड़कों के अन्तर्गत देश की कुल सड़क लम्बाई का केवल 4% भाग सम्मिलित है।

3. जिला सड़कें:
सन् 2005 में भारत में जिला सड़कों की कुल लम्बाई 4:7 लाख किमी थी, जो देश की कुल सड़क लम्बाई का 14% भाग था। ये सड़कें जिला मुख्यालयों का जिले के अन्य महत्त्वपूर्ण स्थलों से सम्पर्क स्थापित करती हैं।

4. ग्रामीण सड़कें:
सन् 2005 में भारत में ग्रामीण सड़कों की लम्बाई 26-5 लाख किमी थी, जो देश की कुल सड़क लम्बाई का 80% भाग था। ये सड़कें ग्रामीण बस्तियों को जोड़ने के लिए अति महत्त्वपूर्ण होती हैं। ये सड़कें सामान्यतया स्थानीय भूभाग की प्रकृति से प्रभावित होती हैं। अत: इन सड़कों के घनत्व में प्रादेशिक विषमताएँ मिलती हैं।

5. अन्य सड़कें:
इसके अन्तर्गत सीमान्त सड़कें एवं अन्तर्राष्ट्रीय महामार्गों को सम्मिलित किया जाता है। सीमान्त सड़कों का निर्माण मुख्यतः मई, 1960 में गठित सीमा सड़क संगठन द्वारा किया जाता है। सीमा सड़क संगठन देश की उत्तरी तथा उत्तर-पूर्वी सीमा से सामरिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में सड़कों के निर्माण एवं अनुरक्षण का कार्य करता है। सीमांत सड़कें सामरिक एवं आर्थिक विकास की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण होती हैं, जबकि अन्तर्राष्ट्रीय महामार्गों का उद्देश्य पड़ोसी देशों के साथ भारत के प्रभावी सम्पर्को को बनाये रखते हुए सद्भावना सम्बन्धों को बढ़ावा देना है।

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प्रश्न 2.
राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन नीति-2016 का विवरण दीजिए।
उत्तर:
देश की पहली राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन नीति की घोषणा 15 जून, 2016 को की गई। इसका मुख्य उद्देश्य घरेलू उड्डयन को बंढ़ावा देना था। इस नीति के प्रमुख उद्देश्यों में निम्नलिखित को शामिल किया गया है –

  1. नागरिक उड्डयन के मामले में देश को सन् 2022 तक 9वें से तीसरा बड़ा बाजार बनाना। वर्तमान में यात्री आय की दृष्टि से भारत को नौवाँ स्थान है।
  2. घरेलू टिकटिंग में भारत की आय ₹ 30 करोड़ तक करना।
  3. वाणिज्यिक उड़ानों के लिए हवाई अड्डों की संख्या सन् 2016 में जो 77 है, उसे बढ़ाकर सन् 2019 तक 127 करना।
  4. मालवाहक सामान की मात्रा को चार गुना बढ़ाकर सन् 2027 तक 10 मिलियन टन करना।
  5. विमान सेवाओं की पहुँच को आम आदमी तक सुलभ कराना।
  6. ग्रीन फील्ड हवाई अड्डों व हेलीकॉप्टर हवाई अड्डों का विकास करना।
  7. सन् 2025 तक गुणवत्ता प्रमाणित 3.3 लाख कुशल कर्मियों की उपलब्धता सुनिश्चित करना।
  8. लचीला एवं मुक्त ‘ओपन इकाई पॉलिसी’ व ‘कोड शेयरिंग’ समझौते।
  9. नियमों में ढील, आसान प्रक्रिया तथा ई-गवर्नेस द्वारा व्यापार करने की सुगमता।
  10. नागरिक उड्डयन क्षेत्र में ‘मेक इन इण्डिया’ कार्यक्रम करने को प्रोत्साहन देना।

उपर्युक्त लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए राष्ट्रीय उड्डयन नीति में अनेक प्रावधान किये गए हैं। इसमें 1 घण्टे की उड़ान के लिए टिकट का मूल्य ₹ 2500 व आधे घण्टे की उड़ान के लिए टिकट का मूल्य ₹ 1200 तक सीमित रखने को कहा गया है। इसके लिए विमान कम्पनियों को जो नुकसान होगा उसकी भरपाई केन्द्र व राज्य सरकारें क्रमशः 80 : 20 के अनुपात में वहन करेंगी। इसके अलावा राष्ट्रीय उड्डयन नीति-2016 में कुछ अन्य सुधार किए जाने की सम्भावनाएँ हैं।

प्रश्न 3.
भारत में रेल परिवहन के विकास एवं आधुनिकीकरण का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
भारत में प्रथम रेल 16 अप्रैल, 1953 को मुम्बई एवं थाणे के मध्य 34 किमी में चलाई गई। 1857 की क्रान्ति के बाद अंग्रेजों ने भारतीय रेलमार्गों का तीव्रगति से विकास किया। भारतीय रेलवे एशिया की सबसे बड़ी तथा विश्व की दूसरे स्थान की महत्त्वपूर्ण रेल प्रणाली हो गई है। 31 मार्च, 2015 के अनुसार भारतीय रेलवे के पास 10822 इंजन हैं, जिसमें से 43 भाप इंजन, 5714 डीजल इंजन तथा 5065 विद्युत इंजन हैं।

देश में रेलवे स्टेशनों की संख्या 7112 है। भारतीय रेलवे में 13.26 लाख श्रमिकों को रोजगार मिला हुआ है। भारतीय रेलमार्गों की लम्बाई में लगातार वृद्धि होती रही है। सन् 1950-51 में रेलमार्गों की लम्बाई 53,596 किमी थी, जो सन् 2000-2001 में बढ़कर 63,028 किमी व 2012-13 में बढ़कर 64,600 किमी हो गई।

भारतीय रेलों की प्रशासनिक व्यवस्था केन्द्र सरकार के हाथ में होती है अप्रैल, 2003 को प्रशासनिक व्यवस्था की दृष्टि से भारतीय रेलवे को 16 मण्डलों में विभाजित किया गया। 25 दिसम्बर, 2010 को मेट्रो रेलवे कोलकाता जोन की घोषणा की गयी। इस प्रकार वर्तमान समय में 17 रेलमण्डल हैं।

भारतीय रेलवे का आधुनिकीकरण:
भारतीय रेल का तेजी से आधुनिकीकरण हो रहा है। महत्त्वपूर्ण तथ्यों का विवेचन निम्न प्रकार है –

  1. 5 अप्रैल, 2016 को हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से आगरा कैण्ट तक गतिमान एक्सप्रेस का संचालन प्रारम्भ किया गया। यह देश की पहली हाई स्पीड ट्रेन है।
  2. शान-ए-पंजाब एक्सप्रेस का संचालन दिल्ली और अमृतसर के मध्य होगा। इसके सभी 21 कोचों में सी सी टी वी कैमरे होंगे।
  3. हिमसागर एक्सप्रेस सबसे लम्बी दूरी की ट्रेन है, जो कन्याकुमारी से जम्मूतवी के बीच (3729 किमी) चलती है।
  4. दिल्ली-मुम्बई तथा मथुरा-पलवल के बीच टेल्गो ट्रेन चलाने की योजना प्रस्तावित है।
  5. भारत में मुम्बई-अहमदाबाद के बाद दिल्ली से लखनऊ, दिल्ली से वाराणसी तथा दिल्ली से कोलकाता के बीच बुलेट ट्रेन चलाने की योजनाएँ प्रस्तावित हैं।
  6. बड़ोदरा (गुजरात) में 25 फरवरी, 2016 को देश का पहला रेल विश्वविद्यालय बनाने की घोषणा की गई।
  7. विश्व विरासत में भारत की तीन ट्रेनों –
    • माउण्टेन रेलवे (दार्जिलिंग हिमालय रेलवे) 1999।
    • नीलगिरि पर्वतीय रेलवे 2005 तथा।
    • कालका-शिमला रेलवे 2008 को शामिल किया गया।
  8. फ्रण्ट कोरिओर परियोजना के अन्तर्गत देश के चार महानगरों (दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता व चेन्नई) को जोड़ने का परिचालन किया जाएगा।
  9. कोंकण रेलवे परियोजना देश की अनूठी रेलवे परियोजना है। यह दुर्गम मार्ग रोहा से मंगलौर तक 760 किमी लम्बा है। मार्ग में 2000 पुल तथा 91 सुरंगें हैं। शरावती नदी पर पुल की लम्बाई 2065.8 मीटर है।
  10. भारत के महानगरों में मेट्रो रेलों का संचालन तीव्रगति से बढ़ रहा है।
  11. मुम्बई में 1 फरवरी, 2014 से मोनो रेल का संचालन प्रारम्भ हुआ है।

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प्रश्न 4.
भारत में पाइपलाइन परिवहन पर संक्षिप्त निबन्ध लिखिए।
उत्तर:
पाइपलाइन परिवहन, परिवहन का एक नया साधन है। यद्यपि जलापूर्ति के लिए इस परिवहन का उपयोग लम्बे समय से होता आ रहा है। वर्तमान समय में खनिज तेल, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस तथा तरल लौह अयस्क के परिवहन हेतु इसका उपयोग किया जा रहा है। भारत में सन् 1980 में 5035 किमी लम्बी पाइप लाइनें थीं जो सन् 2010 में बढ़कर लगभग 10,000 किमी लम्बी हो गई। पाइप लाइन परिवहन अन्य परिवहन साधनों की तुलना में रास्ता, सुगम, सर्व जगह सुविधाजनक, ऊर्जा की बचत करने वाला, समुद्रों में भी सुविधाजनक सुनिश्चित आपूर्ति वाला, समय की बचत तथा अपेक्षाकृत कम प्रदूषणजनक है।

भारत में पाइप लाइनें:
भारत की प्रमुख पाइपलाइनें निम्नलिखित हैं –

1. नाहरकटिया-नूनमती:
बरौनी पाइप लाइन-यह भारत की सबसे पहली पाइप लाइन है। यह असम के तेल कुओं से नूनमती तेल शोधनशाला तक 443 किमी दूरी तक डाली गयी है। पुन: इसे नूनमती से बरौनी तक बढ़ाया गया। बरौनी से कानपुर-बरौनी-हल्दिया कार्य सन् 1966 में पूरा हो गया। लाकवा-रुद्रसागर सन् 1968 में पूरा हुआ। मॉरीग्राम राजबन्ध पाइपलाइन डाली गई।

2. गुजरात की पाइप लाइनें:
गुजरात में निम्नलिखित तेल पाइपलाइनें डाली गई हैं –

  • अंकलेश्वर-कोयली तेल पाइप लाइने।
  • कलोल-साबरमती तेल पाइप लाइन।
  • नवगाँव-कलोल-कोयली तेल पाइप लाइन।
  • केम्बे धवरन गैस पाइप लाइन।
  • अंकलेश्वर-बड़ौदा गैस पाइपलाइन।
  • कोयली-अहमदाबाद पाइप लाइन। इसके अलावा कुछ स्थानीय महत्त्व की पाइप लाइनें भी बिछाई गई हैं।

3. सलाया-कोयली-मथुरा पाइप लाइन:
यह कच्छ की खाड़ी के समीप स्थित सलाया से मथुरा तक बिछाई गई है। यह बम्बई हाई से एवं आयातित तेल को मथुरा रिफाइनरी तक पहुँचाती है। साफ तेल जालंधर ले जाकर कोयली पाइपलाइन से जोड़ दिया जाता है।

4. बम्बई हाई-मुम्बई-अंकलेश्वर-कोयली पाइप लाइन:
बम्बई हाई से मुम्बई तट तक तेल तथा गैस लाने के लिए दो अलग-अलग पाइप लाइनें बिछाई गई हैं, जिनमें प्रत्येक की लम्बाई 210 किमी है।

5. भारतीय गैस प्राधिकरण लिमिटेड 14,400 किमी लम्बी पाइप लाइनों का संचालन करता है।

6. जीरा-विजयपुरा-जगदीशपुरा पाइपलाइन:
यह विश्व की सबसे लम्बी भूमिगत पाइपलाइन है। यह 1750 किमी लम्बी है। इस पाइपलाइन द्वारा उत्तर प्रदेश के 4, मध्यप्रदेश व राजस्थान के एक-एक उर्वरक कारखाने तथा ओरैया (उत्तरप्रदेश) अन्ता (राजस्थान) तथा कावस (गुजरात) ताप विद्युत गृहों को गैस पहुँचाई जाती है।

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