RBSE Solutions for Class 12 Home Science Chapter 25 धब्बे छुड़ाना

Rajasthan Board RBSE Class 12 Home Science Chapter 25 धब्बे छुड़ाना

RBSE Class 12 Home Science Chapter 25 पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित में से सही उत्तर चुनें –
(i) वनस्पतिज धब्बे हैं –
(अ) रक्त
(ब) पसीना
(स) दूध
(द) हल्दी
उत्तर:
(द) हल्दी

(ii) औषधि वर्ग का धब्बा है –
(अ) जान्तव वर्ग
(ब) बनस्पतिज वर्ग
(स) खनिज वर्ग
(द) ये सभी
उत्तर:
(स) खनिज वर्ग

(iii) अण्डा का दाग छूट जाता है –
(अ) गर्म पानी व साबुन
(ब) ठण्डे पानी व साबुन
(स) नमक व साबुन
(द) ये सभी
उत्तर:
(ब) ठण्डे पानी व साबुन

(iv) घास वर्ग का धब्बा है –
(अ) वनस्पतिज वर्ग
(ब) खनिज
(स) जान्तव वर्ग
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(द) इनमें से कोई नहीं

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(v) वसा में घुलनशीन धब्बों को छुड़ाने हेतु प्रयोग करते हैं –
(अ) घोलक
(ब) रसायन
(स) अवशोषक
(द) ये सभी
उत्तर:
(स) अवशोषक

प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
1. चिकनाईयुक्त धब्बों को ………… एवं ………… से छुड़ाया जाता है।
2. जान्तव धब्बे की पहचान ………… की जा सकती है।
3. आटा ………… पदार्थ है।
4. ………… क्षारीय प्रतिकर्मक है।
उत्तर:
1. घोलक व अवशोषक
2.  स्पर्श से
3. अवशोषक
4. अमोनिया।

प्रश्न 3.
अवशोषक पदार्थों के नाम लिखिए।
उत्तर:
आटा, मैदा, पावरोटी का चूरा, टेल्कम पाउडर, चॉक का चूर्ण, नमक भीगी पावरोटी आदि। ये चिकनाई युक्त धब्बों को छुड़ाने के काम आते हैं।

प्रश्न 4.
वस्त्र घर लगे धब्बे हटाना अनिवार्य है, क्यों?
उत्तर:
धब्बे या दाग लगने पर वस्त्रों की सुन्दरता, आकर्षण एवं नवीनता कम हो जाती है। ऐसे वस्त्रों का उपयोग नहीं किया जा सकता है। वस्त्र कितना भी सुन्दर हो, लेकिन यदि उस पर धब्बा लगा है तो सभी की निगाहें वस्त्र के स्थान पर धब्बे पर ही ठहरती है। अत: धब्बा छुड़ाना अत्यन्त आवश्यक होता है।

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प्रश्न 5.
अम्लीय एवं क्षारीय प्रतिकर्मक में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:

  • अम्लीय प्रतिकर्मक जैसा कि नाम से प्रतीत होता है अम्लीय स्वभाव के होते हैं, जबकि क्षारीय प्रतिकर्मकों का स्वभाव क्षारीय होता है।
  • अम्लीय प्रतिकर्मकों द्वारा क्षारीय स्वभाव वाले धब्बे छुड़ाये जाते हैं। जैसे फलों के रस के धब्बे ऑक्जैलिक अम्ल से छुड़ाये जाते हैं।
    इसी प्रकार क्षारीय प्रतिकर्मकों द्वारा केवल सूती व लिनिन वस्त्रों के दाग ही छुड़ाये जाते हैं, क्योंकि प्रतिकर्मक रेशों को हानि पहुँचाते हैं यह अम्लीय दागों को छुड़ाने के काम आते हैं; जैसे – कास्टिक सोडा, बोरेक्स, अमोनिया आदि।

प्रश्न 6.
धब्बों का वर्गीकरण लिखिए।
उत्तर:
धब्बों का वर्गीकरण निम्नवत् है –
RBSE Solutions for Class 12 Home Science Chapter 25 धब्बे छुड़ाना-1

प्रश्न 7.
धब्बों को छुड़ाने की मुख्य विधियाँ कौन-सी हैं?
उत्तर:
धब्बों को छुड़ाने की मुख्य विधियाँ निम्न तालिका में दी गयी हैं –
तालिका 25.1: दाग छुड़ाने की सामान्य विधियाँ
RBSE Solutions for Class 12 Home Science Chapter 25 धब्बे छुड़ाना-2

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प्रश्न 8.
विरंजक प्रतिकर्मक से क्या अभिप्राय है? ये कितने प्रकार के हैं ?
उत्तर:
वस्त्रों पर उज्जवलता तथा सफेदी लाने के लिये तथा वस्त्रों के पीलापन को हटाने के लिये विरंजक प्रतिकर्मकों का उपयोग किया जाता है; जैसे-हाइड्रोजन पेरोक्साइड वस्त्रों के लिये उत्तम विरंजक है। यह मृदु प्रकार का विरंजक है। यह सभी वस्त्रों में उपयोग किया जाता है।
विरंजक दो प्रकार के होते हैं –

  • आक्सीकारक प्रतिकर्मक
  • अवकारक प्रतिकर्मक।

सूर्य, प्रकाश, घास तथा नमी प्राकृतिक विरंजक है। विरंजक का प्रयोग दाग धब्बों को छुड़ाने के लिये किया जाता है।

प्रश्न 9.
क्षारीय व अम्लीय प्रतिकर्मक धब्बे छड़ाने के लिये किन-किन वस्त्रों पर और कैसे इस्तेमाल किये जाते हैं ?
उत्तर:
(1) क्षारीय प्रतिकर्मक का प्रयोग केवल सूती व लिनन के वस्त्रों पर ही करना चाहिए क्योंकि इनका स्वभाव क्षारीय होता है। अतः ये जान्तव रेशों को हानि पहुँचाते हैं परन्तु इसका मृदु एवं हल्का तनु घोल जान्तव रेशों से निर्मित वस्त्रों पर भी किया जा सकता है। धोने का सोडा गर्म पानी में डाल कर इसका प्रयोग चिकनाई युक्त एवं अम्लीय धब्बों को हटाने में किया जा सकता है। बोरेक्स भी एक क्षारीय प्रतिकर्मक है। इसका प्रयोग सभी प्रकार के वस्त्रों पर किया जा सकता है। अमोनिया द्वारा जान्तव रेशों के वस्त्रों से चिकनाईयुक्त धब्बे दूर किये जा सकते हैं।

(2) अम्लीय प्रतिकर्मकों का स्वभाव नाम के अनुसार अम्लीय होता हैं। इनका प्रयोग क्षारीय स्वभाव वाले धब्बों को छुड़ाने में किया जाता है। ऑक्जेलिक अम्ल द्वारा वस्त्रों से जंग व फलों के रस के धब्बे छुड़ाये जाते हैं। ऐसे जान्तव रेशों से बने वस्त्रों पर प्रयोग नहीं करना चाहिए। ओलिक अम्ल एक अम्लीय प्रतिकर्मक है इससे केवल सूती वस्त्रों से चिकनाई के दाग हटाये जा सकते हैं। इसका प्रयोग ऊन, सिल्क और रंगीन वस्त्रों पर नहीं करना चाहिए सिरके के अम्ल का प्रयोग रेशमी वस्त्रों पर किया जाता है।

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प्रश्न 10.
धब्बे छुड़ाने के सामान्य नियम कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
धब्बे छुड़ाने के सामान्य नियम निम्नलिखित हैं –

  • जहाँ तक सम्भव हो धब्बे लगने पर तुरन्त ही छुड़ा लेने चाहिए।
  • धब्बों को पहले पहचान लेना चाहिए कि वे किस वर्ग के हैं तथा किस सामग्री की सहायता से छूटेंगे।
  • वस्त्रों की प्रकृति, चुनाव और रचना के अनुकूल ही धब्बे छुड़ाने वाले पदार्थ का चुनाव करना चाहिए।
  • रासायनिक विरंजकों के तनु घोल का ही प्रयोग करना चाहिए।
  • प्रतिकर्मकों का प्रयोग करते समय उन्हें श्वेत, सूती अथवा लिनन के वस्त्र पर फैलाकर उस पर उबलता हुआ जल धब्बायुक्त स्थान पर डालें।
  • वस्त्र पर प्रतिकर्मक को उतनी ही देर रखना चाहिए जब तक धब्बा हट न जाये। धब्बे के छूटते ही प्रतिकर्मक को हटाकर वस्त्र को स्वच्छ जल में खंगालकर साफ कर लेना चाहिए।
  • क्षारीय प्रतिकर्मक का अम्ल से तथा अम्लीय प्रतिकर्मक का क्षार से ऑक्सीकरण कर देना चाहिए।
  • रंगीन, ऊनी तथा रेशमी वस्त्रों पर लगे धब्बे छुड़ाने के लिये प्रतिकर्मक के हल्के घोलों का प्रयोग करना चाहिए।
  • वस्त्रों पर लगे धब्बे छुड़ाने के लिये कई रासायनिक पदार्थों का प्रयोग करना पड़ता है। अतः इस कार्य के लिये खुला स्थान चुनना चाहिए, जिससे रसायनों से निकली वाष्प छुड़ाने वाले पर हानिकारक प्रभाव न डाले।
  • रंगीन वस्त्रों पर लगे दाग-धब्बे छुड़ाने के लिये यह निश्चित कर लेना चाहिए कि वस्त्रों का रंग कच्चा है अथवा पक्का ।
  • विरंजकों का प्रयोग सबसे अन्त में करना चाहिए। ऊनी तथा रेशमी वस्त्रों के लिये केवल हाइड्रोजन परॉक्साइड के हल्के घोल तथा रेयॉन के वस्त्रों के लिये सोडियम परबोरेट का प्रयोग करने के पश्चात् वस्त्र को स्वच्छ पानी में खंगालकर विरंजक को हटा देना चाहिए।
  • ज्वलनशील रासायनिक पदार्थों; जैसे-ऐल्कोहॉल, पेट्रोल, स्प्रिट, बेन्जीन आदि का प्रयोग करते समय आग से बचने के लिये विशेष सावधानी की जरूरत होती है।

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RBSE Class 12 Home Science Chapter 25 अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

RBSE Class 12 Home Science Chapter 25 वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
खनिज वर्ग का धब्बा है –
(अ) हल्दी
(ब) औषधि
(स) मक्खन
(द) शहद।
उत्तर:
(ब) औषधि

प्रश्न 2.
प्राणिज वर्ग के धब्बे छूट जाते हैं –
(अ) ठण्डे पानी एवं साबुन से
(ब) गर्म पानी एवं साबुन से
(स) नमक एवं साबुन से
(द) ये सभी।
उत्तर:
(अ) ठण्डे पानी एवं साबुन से

प्रश्न 3.
अन्य वर्ग का धब्बा है –
(अ) घी
(ब) दही
(स) अण्डा
(द) झुलसना।
उत्तर:
(द) झुलसना।

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प्रश्न 4.
चिकनाईयुक्त धब्बों को छुड़ाया जाता है –
(अ) साबुन – पानी से
(ब) गर्म पानी एवं साबुन से
(स) वसा घोलक एवं अवशोषक से
(द) ये सभी।
उत्तर:
(स) वसा घोलक एवं अवशोषक से

प्रश्न 5.
चिकनाई घोलक प्रतिकर्मक है –
(अ) पेट्रोल
(ब) एसीटिक अम्ल
(स) ओलिक अम्ल
(द) अमोनिया
उत्तर:
(अ) पेट्रोल

प्रश्न 6.
चिकनाई अवशोषक प्रतिकर्मक है –
(अ) नींबू व नमक
(ब) टेलकम पाउडर
(स) ओलिक अम्ल
(द) तारपीन का तेल
उत्तर:
(ब) टेलकम पाउडर

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
1. स्याही का धब्बा…………वर्ग में आता है।
2. पसीने के धब्बे की पहचान…………की जा सकती है।
3. वनस्पतिज दाग प्रायः…………होते हैं।
4. सोडियम बाई – सल्फाइट द्वारा…………रेशों से वस्त्रों के दाग छुड़ाये जाते हैं।
5. चिकनाई घोलक प्रतिकर्मक महँगे तथा…………होते हैं।
6. रासायनिक पदार्थों का धब्बा छुड़ाते समय उपयोग खुली…………स्थान पर ही करना चाहिए।
उत्तर:
1. खनिज दाग
2. अन्य धब्बे के रूप में
3. अम्लयुक्त
4. जान्तव
5. ज्वलनशील
6. हवादार।

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RBSE Class 12 Home Science Chapter 25 अति लघूत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
धब्बा क्या है?
उत्तर:
‘धब्बा’ वह अनचाहा दाग या चिह्न है जो कि वस्त्रों पर किसी कारणवश बन जाता है।

प्रश्न 2.
प्राणिज धब्बे को छडाने के लिए किस प्रकार के जल का प्रयोग करना चाहिए?
उत्तर:
प्राणिज धब्बों को छुड़ाने के लिए ठंडे जल का प्रयोग करना चाहिए।

प्रश्न 3.
वसा में घुलनशील धब्बों को छडाने में प्रयुक्त दो पदार्थों के नाम लिखिए।
उत्तर:

  • कार्बन टेट्राक्लोराइड
  • बेन्जीन।

प्रश्न 4.
धब्बे छुड़ाने की तीन विधियाँ बताइये।
उत्तर:

  • घोलक विधि
  • रासायनिक विधि
  • अवशोषक विधि।

प्रश्न 5.
विरंजकों के प्रयोग की क्या आवश्यकता होती है? इसके प्रकार भी बताइये।
अथवा
विरंजक पदार्थ कितने प्रकार के होते हैं? नाम लिखिए।
उत्तर:
वस्त्रों पर लगे दाग-धब्बों को छुड़ाने के लिये तथा वस्त्रों पर सफेदी एवं उज्ज्वलता लाने के लिये विरंजकों का प्रयोग किया जाता है। ये दो प्रकार के होते हैं –

  • ऑक्सीकारक प्रतिकर्मक
  • अवकारक प्रतिकर्मक।

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प्रश्न 6.
प्राकृतिक विरंजक कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
सूर्य प्रकाश, घास तथा नमी उत्तम प्राकृतिक विरंजक हैं।

प्रश्न 7.
विरंजकों का प्रयोग क्यों किया जाता है?
उत्तर:
वस्त्रों पर उज्ज्वलता तथा सफेदी लाने एवं पीलापन हटाने के लिये विरंजकों का प्रयोग किया जाता है।

प्रश्न 8.
क्षारीय प्रतिकर्मकों के नाम बताइये।
उत्तर:

  • सुहागा
  • धोने वाला सोडा।

प्रश्न 9.
रेशमी एवं ऊनी वस्त्रों में लगे धब्बों को कैसे छुड़ाया जा सकता है?
उत्तर:
भाप द्वारा ऊनी, रेशमी व रंगीन वस्त्र पर लगे धब्बों को हटाया जाता है। वस्त्र का धब्बा लगा भाग भाप के ऊपर रखने से धब्बा छूट जाता है।

प्रश्न 10.
धब्बे छुड़ाने के कोई तीन नियम लिखिये।
उत्तर:

  • धब्बे पर सदैव कम तथा हल्के विलयन का प्रयोग करना चाहिए।
  • धब्बे छुड़ाने के लिए रुई या ड्रॉपर से विलायक लगाना चाहिए।
  • धब्बे छुड़ाने के लिए तुरन्त ही वस्त्र को धो डालना चाहिए।

प्रश्न 11.
हल्दी का धब्बा किस प्रकार छुड़ाया जाता
उत्तर:
हल्दी का ताजा धब्बा वाशिंग सोडे से साफ किया जा सकता है। पुराना दाग स्प्रिट, ब्लीचिंग पाउडर या हाइड्रोक्लोरिक एसिड के घोल से साफ कर सकते हैं।

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प्रश्न 12.
अमोनियम कार्बोनेट का प्रयोग धुलाई में कब किया जाता है?
उत्तर:
यह एक मृदु क्षारीय प्रतिकर्मक है। इसका उपयोग बोरेक्स के स्थान पर किया जाता है। नये गर्म कपड़ों पर प्रथम बार धुलाई में इसका प्रयोग किया जाता है।

प्रश्न 13.
जान्तव तन्तुओं पर से धब्बे छुड़ाने के लिए किस क्षार का प्रयोग किया जाता है?
उत्तर:
जान्तव तन्तुओं पर से धब्बे छुड़ाने के लिए अमोनिया का प्रयोग किया जाता है

प्रश्न 14.
पसीने के धब्बे के लिए किस घोल का प्रयोग किया जाता है?
उत्तर:
पसीने के धब्बे के लिए हल्के अमोनिया के घोल या जैवेल वाटर का प्रयोग किया जा जाता है।

RBSE Class 12 Home Science Chapter 25 लघूत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
वस्त्र पर धब्बे की पहचान आप किस प्रकार करेंगे ?
उत्तर:
वस्त्र पर धब्बे की पहचान निम्न तीन प्रकार से की जा सकती है –

  • धब्बे को देखकर (जैसे – स्याही का नीला, कॉफी, चाय का भूरा तथा हल्दी का पीला धब्बा)
  • गंध सूंघकर (जैसे – पेंट, पसीना, इत्र, बूट पालिश आदि का धब्बा)
  • छूकर (जैसे – दूध, चाशनी, अण्डे का धब्बा)।

प्रश्न 2.
घुलनशील धब्बे किस प्रकार छडाये जाते हैं?
उत्तर:
घुलनशील धब्बों को छुड़ाने के लिए घुलनशील पदार्थों का प्रयोग किया जाता है। धब्बे वाले भाग को एक ब्लाटिंग पेपर के ऊपर रखकर रुई से धब्बे वाले स्थान पर घोलक उचित प्रकार से मल देना चाहिए। ये घोलक पेट्रोल, बेंजीन, मिट्टी का तेल व कार्बन ट्रेटाक्लोराइड हो सकते हैं।

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प्रश्न 3.
चिकनाई के धब्बों को किस प्रकार दूर किया जा सकता है?
उत्तर:
चिकनाई अवशोषक सूखे पाउडर के रूप में होते हैं जो वस्त्रों पर लगे चिकनाई के धब्बों को अवशोषित कर उन्हें दूर कर देते हैं। चिकनाई अवशोषक विभिन्न प्रकार के होते हैं, जैसे – टेलकम पाउडर, आटे का चोकर, ब्रैड का चूरा, मैदा, आटा, नमक आदि।

प्रश्न 4.
रासायनिक विधि में कौन-कौन से प्रतिकर्मकों का प्रयोग किया जाता है? इस विधि से किस प्रकार के धब्बे छुड़ाये जा सकते हैं?
उत्तर:
रासायनिक विधि:
रासायनिक विधि में प्रमुख प्रतिकर्मक नीबू का रस, साल्ट ऑफ सोरेल, सोडियम परबोरेट, जैवेल वाटर, ऑक्जैलिक एसिड तथा सुहागा आदि आते हैं। रासायनिक विधि से उन्हीं दाग – धब्बों को छुड़ाया जाता है जो सरलता से नहीं छूटते हैं। धब्बों को स्पंज विधि और घोल में डुबोकर भी छुड़ाया जाता है। धब्बे छुड़ाने के लिये रासायनिक तत्वों का प्रयोग करने के उपरान्त वस्त्र को भली प्रकार साफ जल से धो लेना चाहिए।

प्रश्न 5.
धब्बे छुड़ाने की रासायनिक विधि लिखिये।
उत्तर:
कुछ धब्बे रासायनिक पदार्थों द्वारा छुड़ाये जाते हैं। ये रासायनिक पदार्थ निम्न हैं –
ऑक्जैलिक एसिड, जैवेल वाटर, बोरेक्स, नीबू का रस, सुहागा, मैथाइलेटेड स्प्रिट, अमोनिया आदि। इन पदार्थों में से कोई एक धब्बे पर लगाया जाता है। उसके बाद वस्त्र को ठण्डे पानी से धो दिया जाता है।

प्रश्न 6.
ऑक्सीकारक तथा अवकारक विरंजकों (प्रतिकर्मकों) के नाम बताइये।
उत्तर:
ऑक्सीकारक विरंजक (प्रतिकर्मक) अग्रलिखित होते हैं –

  • सूर्य प्रकाश, घास तथा नमी।
  • पोटैशियम परमैंगनेट।
  • हाइड्रोजन परॉक्साइड।
  • सोडियम हाइपोक्लोराइड आदि।
  • सोडियम परबोरेट।

अवकारक विरंजक (प्रतिकर्मक) इस प्रकार हैं-

  • सोडियम हाइड्रो – सल्फाइड
  • सोडियम बाईसल्फाइड।

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प्रश्न 7.
‘सोडियम हाइपोक्लोराइट’ को तैयार करने की विधि लिखिये।
उत्तर:
इसे जैवेल वाटर भी कहा जाता है। इसको बनाने के लिए निम्नलिखित सामग्री का प्रयोग किया जाता है –

  • उबलता जल                        2 पिण्ट
  • धोने वाला सोड                     1 पौण्ड
  • ठण्डा जल                           4 पिण्ट
  • क्लोराइड ऑफ लाइम           आधा पौण्ड

प्रश्न 8.
अम्लीय प्रतिकर्मक के नाम बताइये।
उत्तर:

  • ऐसीटिक एसिड
  • साल्ट ऑफ लेमन
  • ओलिक अम्ल
  • ऑक्जैलिक अम्ल।

प्रश्न 9.
धब्बों के चार वर्गों के नाम बताइये।
उत्तर:

  • जान्तव वर्ग – दूध, अण्डा, मांस आदि।
  • वानस्पतिक वर्ग – कोको, चाय, मधु, फल आदि।
  • खनिज पदार्थ – स्याही, जंग, दवाई आदि।
  • पसीने के धब्बे-इस वर्ग में केवल पसीने के दाग – धब्बे आते हैं।

प्रश्न 10.
किसी अज्ञात धब्बे को किस प्रकार छुड़ाया जा सकता है?
उत्तर:
किसी अज्ञात धब्बे को छुड़ाने के लिए सर्वप्रथम कम हानिकारक पदार्थों का प्रयोग करना चाहिए, तत्पश्चात् –

  • ठण्डे पानी में भिगोकर धब्बे को छुड़ाना।
  • गर्म जल में भिगोकर धब्बे को छुड़ाना।
  • खुली वायु में ब्लीच करना।
  • एल्केलाइन घोल का प्रयोग करना।
  • एसिड घोल का प्रयोग करना।

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प्रश्न 11.
अवकारक विरंजक पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
अवकारक विरंजक:
ये विरंजक धब्बों पर से ऑक्सीजन हटा देते हैं। इस कारण विघटित होकर धब्बे साफ हो जाते हैं। इनका प्रयोग प्राणिज रेशों से निर्मित वस्त्रों के धब्बे छुड़ाने के लिये किया जाता है। यह निम्न प्रकार के होते हैं – सोडियम बाइसल्फाइट, सोडियम हाइड्रोसल्फाइट।

प्रश्न 12.
धब्बों के विभिन्न वर्गों के नाम एवं दो-दो उदाहरण बताइये।
उत्तर:

  • जांतव वर्ग                                 – दूध, अण्डा।
  • वानस्पतिक                               – वर्ग चाय, कोको।
  • खनिज वर्ग                                – स्याही, जंग।
  • चिकनाई वर्ग                             – पेण्ट, घी, तेल।
  • रंग वर्ग                                     – क्षारीय एवं आम्लिक दोनों वर्गों के दाग-धब्बे।
  • घास वर्ग                                   – घास के धब्बे क्लोरोफिल की उपस्थिति के कारण अलग वर्ग में आते हैं।
  • पसीने के धब्बे                           – इस वर्ग में केवल पसीने के धब्बे आते हैं।

प्रश्न 13.
अवकारक प्रतिकर्मक कौन-कौन से होते हैं? उनका वर्णन कीजिये।
उत्तर:
वानस्पतिक तन्तुओं के अतिरिक्त अन्य तन्तुओं से बने वस्त्रों को विरंजित करने के लिये अवकारक प्रतिकर्मकों का प्रयोग किया जाता है। यह दो प्रकार का होता है –

  1. सोडियम हाइड्रोसल्फाइट
  2. सोडियम बाईसल्फाइट।

(1) सोडियम हाइड्रोसल्फाइट:
सोडियम हाइड्रोसल्फाइट एक प्रमुख अवकारक प्रतिकर्मक है। यह पाउडर के रूप में प्राप्त होता है एवं निर्जलीय रहता है। यह प्रतिकर्मक लिनन तथा रेशम के वस्त्रों के लिये भी उपयुक्त होता है, क्योंकि इन वस्त्रों पर सोडियम हाइपोक्लोराइट प्रयोग नहीं कर सकते हैं। इन प्रतिकर्मकों को ठण्डे या गर्म जल में घोल सकते हैं। इनका प्रयोग करने से धब्बे के समस्त संगठित तत्व अलग हो जाते हैं और धब्बा वस्त्र पर से हट जाता है। काम पूर्ण हो जाने के बाद कपड़े को साबुन तथा पानी से अच्छी तरह से धो लेना चाहिए।

(2) सोडियम बाईसल्फाइट:
यह एक मृदु अवकारक विरंजक है। इस विरंजक से सल्फर डाइऑक्साइड उत्पन्न होता है जो धब्बे से ऑक्सीजन अवशोषित करके उसका अपचयन कर देता है। सोडियम बाईसल्फाइट एक पिण्ट में दो बड़े चम्मच के अनुपात में उपयोग में लाने चाहिए। रसायन का प्रयोग करने के बाद वस्त्र को भली प्रकार स्वच्छ जल में खंगाल लेना चाहिए।

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प्रश्न 14.
रासायनिक प्रतिकारकों को कितने भागों में बाँटा जा सकता है?
उत्तर:
रासायनिक प्रतिकारकों को दो भागों में बाँटा जा सकता है –

  1. क्षारीय प्रतिकारक
  2. अम्लीय प्रतिकारक।

(1) क्षारीय प्रतिकारक – क्षारीय प्रतिकारकों को निम्नलिखित भागों में विभाजित किया जा सकता है –

  • धोने वाला सोडा
  • बोरेक्स
  • अमोनिया
  • अमोनिया कार्बोनेट।

(2) अम्लीय प्रतिकारक – अम्लीय प्रतिकारक निम्न प्रकार के होते हैं –

  • ऐसीटिक एसिड
  • ऑक्जेलिक एसिड
  • सॉल्ट ऑफ लेमन
  • ओलिक एसिड आदि।

प्रश्न 15.
संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये –
(1) ओलिक एसिड
(2) बोरेक्स
(3) ऑक्जैलिक एसिड
(4) धोने वाला सोडा।
उत्तर:
(1) ओलिक एसिड:
ओलिक एसिड का प्रयोग सूती वस्त्रों के तेल या चिकनाई के दाग – धब्बे छुड़ाने के लिये किया जाता है। यह अम्लीय प्रतिकर्मक होता है। यह एक तरह का वसीय अम्ल है, जिसका साबुन बनाने में प्रयोग किया जाता है। इसका प्रयोग सूती तथा लिनन के वस्त्रों पर लगे दाग-धब्बों को छुड़ाने के लिये किया जाता है।

(2) बोरेक्स:
बोरेक्स की प्रकृति क्षारीय होती है। समस्त प्रकार के वस्त्रों पर इसका प्रयोग किया जा सकता है। यह एसिड का उदासीनीकरण कर देता है। इसको स्टार्च में मिला देने से वस्त्र चमकदार हो जाते हैं।

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(3) ऑक्जैलिक एसिड:
इसका प्रयोग स्याही, जंग, फूलों के पुराने, पक्के धब्बों के छुड़ाने में किया जाता है। इसका ऊनी, रेशमी तथा रंगीन वस्त्रों पर प्रयोग हानिकारक होता है।

(4) धोने वाला सोडा:
धोने वाला सोडा क्षारीय प्रतिकारक पाउडर के रूप में मिलता है। यह गर्म जल में सरलता से घुल जाता है तथा जल की कठोरता को भी दूर करता है। इसके द्वारा चिकनाई का पायसीकरण होता है और धब्बा छूट जाता है। धोने वाले सोडे से वानस्पतिक धब्बे तथा झुलसने के धब्बे सरलता से छूट जाते हैं।

प्रश्न 16.
निम्नलिखित धब्बों को कैसे छुड़ाओगे?
(1) ग्रीस या तेल का धब्बा,
(2) स्याही का धब्बा।

उत्तर:
(1) ग्रीस या तेल का धब्बा-ग्रीस या तेल के धब्बे को निम्न प्रकार से छुड़ाया जा सकता है –

  • गर्म पानी तथा साबुन से धोकर।
  • पेट्रोल आदि का प्रयोग करके।
  • जिन वस्त्रों को धोना नहीं है उन पर अवशोषक पदार्थ रखकर, कुछ देर तक छोड़कर ब्रुश से झाड़ देना चाहिए।
  • धब्बे के दोनों ओर ब्लॉटिंग पेपर रखकर खूब गर्म इस्त्री से दबाकर।

(2) स्याही का धब्बा:
स्याही के दाग – धब्बों को निम्न प्रकार से छुड़ाया जा सकता है –

  • धब्बे को आधा घण्टे तक दूध या दही में डालकर रखने के बाद साफ करें।
  • धब्बे पर एक पर्त नमक की बिछाकर, नीबू का रस निचोड़कर धूप में रखने पर धब्बा छूट जाता है।
  • कच्चे टमाटर को काटकर उसके रस से धब्बे को धोने से धब्बा छूट जाता है।

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RBSE Class 12 Home Science Chapter 25 निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
धब्बे छुड़ाने की विभिन्न विधियों का वर्णन कीजिये।
उत्तर:
धब्बे छुड़ाने की विधियाँ-धब्बे छुड़ाने की निम्न विधियाँ हैं –
(1) घोलक विधि
(2) रासायनिक विधि
(3) अवशोषक विधि।

(1) घोलक विधि:
घोलक विधि का प्रयोग विशेष रूप से धब्बे छुड़ाने के लिये किया जाता है। घोलक विधि का प्रयोग करने से पहले कपड़े से धूल झाड़ देनी चाहिए। इसके बाद एक समतल मेज पर तौलिया या ब्लॉटिंग पेपर फैलाकर धब्बे वाले कपड़े को उस पर फैलाकर उल्टा रख देना चाहिए। स्पंज करने तथा मलने का स्थान गोलाकार अंकित करें। इस प्रकार धब्बा ब्लाटिंग पेपर से तौलिए पर आ जायेगा। इसमें निम्नलिखित घोलक पदार्थों को प्रयोग में लाया जाता है – पेट्रोल, कार्बन ट्रेटाक्लोराइड, बेन्जीन, कैरोसीन, तारपीन का तेल आदि।

(2) रासायनिक विधि:
जो दाग-धब्बे सरलता से नहीं छूटते हैं, उन्हें रासायनिक विधि का प्रयोग करके छुड़ाया जाता है। सुहागा, ऑक्जैलिक एसिड, जैवेल वाटर, सोडियम परबोरेट, बोरेक्स, साल्ट ऑफ सोरेल तथा नीबू का रस प्रमुख रासायनिक घोलक पदार्थ हैं। इन रसायनों के प्रयोग से कपड़ा ब्लीच हो जाता है। जैवेल वाटर तथा अन्य शक्तिशाली रसायनों का प्रयोग सफेद सूती वस्त्रों पर ही करना चाहिए। धब्बों को स्पंज विधि तथा घोल में डुबोकर भी छुड़ाया जा सकता है। रसायनों का प्रयोग करने के बाद उसे साफ पानी से धोना चाहिए।
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(3) अवशोषक विधि-कुछ वस्त्र ऐसे भी होते हैं जिनको पानी से नहीं धोया जा सकता है। इन वस्त्रों पर लगे दाग-धब्बों को अवशोषक विधि द्वारा छुड़ाया जा सकता है। इस विधि से धब्बे छुड़ाने के लिये टैलकम पाउडर, खड़िया, मैदा, नमक, फुलर अर्थ, चॉक आदि का प्रयोग किया जाता है। धब्बे छुड़ाने के लिये अवशोषक पदार्थ को धब्बे वाले स्थान पर लगाकर कुछ देर के लिये छोड़ दिया जाता है। इसके बाद ब्रुश से झाड़कर पाउडर को अलग कर दिया जाता है।

यदि दाग-धब्बा पूर्ण रूप से नहीं निकले तो दोबारा पाउडर लगाना चाहिए। इस विधि को अच्छी तरह से करने के लिये धब्बे के नीचे ब्लाटिंग पेपर रखकर तथा धब्बे के ऊपर पाउडर लगाकर उसके ऊपर एक और ब्लाटिंग पेपर रखकर गर्म इस्तरी से प्रेस करना चाहिए। ताप से चिकनाई पिघल जाती है तथा दोनों तरफ का ब्लाटिंग पेपर चिकनाई को अवशोषित कर लेता है। अवशोषक पदार्थ का पेस्ट बनाकर भी धब्बे पर लगाया जा सकता है। सूख जाने पर ब्रश से झाड़ देना चाहिए।

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प्रश्न 2.
रक्त, चाय, चिकनाई तथा फफूंदी के लगे धब्बों को (प्रायोगिक के अनुसार) छुड़ाने की विधि बताइये।
उत्तर:
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प्रश्न 3.
विभिन्न प्रकार के धब्बों को छुड़ाने हेतु प्रयोग किये जाने वाले विरंजक पदार्थों का वर्णन कीजिये।
अथवा
विरंजक से क्या अभिप्राय है? विभिन्न प्रकार के विरंजकों के बारे में विस्तार से लिखिए।
उत्तर:
वस्त्रों के पीलेपन को दूर करने, उन पर उज्ज्वलता लाने तथा दाग-धब्बों को छुड़ाने के लिये विरंजकों का प्रयोग किया जाता है। विरंजक दो प्रकार के होते हैं –

  1. ऑक्सीकारक प्रतिकर्मक
  2. अवकारक प्रतिकर्मक।

(1) ऑक्सीकारक प्रतिकर्मक-ऑक्सीकारक प्रतिकर्मक में ऑक्सीजन मुख्य मुख्य तत्व के रूप में उपस्थित रहती है। यह विरंजक वस्त्र के सम्पर्क में आने पर इसका ऑक्सीजन तत्व स्वतन्त्र होकर दाग-धब्बों से निकलकर रंगविहीन यौगिक में बदल जाता है। ऑक्सीकारक विरंजक निम्न प्रकार के होते हैं –

(i) सूर्य का प्रकाशं, घास तथा नमी:
सूर्य का प्रकाश एक प्राकृतिक तथा उत्तम विरंजक है। घास भी विरंजक का कार्य करती है। घास पर वस्त्र डालने से ऊपर से धूप पड़ती है और नीचे घास की नमी से ऑक्सीजन परिमुक्त होती है जो एक विरंजक का कार्य करती है।

(ii) हाइड्रोजन परॉक्साइड:
हाइड्रोजन परॉक्साइड भी एक मृदु विरंजक है। इस विरंजक का प्रयोग ऊनी, रेशमी तथा रेयन के वस्त्रों पर किया जा सकता है। इसका प्रयोग करने के बाद कपड़े को तुरन्त स्वच्छ जल में खंगाल लेना चाहिए। इस विरंजक को लकड़ी के पात्र में ही प्रयोग करना चाहिए।

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(iii) सोडियम परबोरेट:
इस विरंजक को बोरेक्स, कास्टिक सोडे और हाइड्रोजन परॉक्साइड को मिलाकर बनाया जाता है। इसका अधिकतर प्रयोग सूती तथा लिनन के वस्त्रों पर किया जाता है। ऊनी तथा रेशमी वस्त्रों के प्रयोग के लिये इसमें कुछ मात्रा में ऐसीटिक एसिड भी मिलाया जाता है।

(iv) पोटेशियम परमैंगनेट:
इसका प्रयोग जान्तव तथा वानस्पतिक तन्तुओं से बने वस्त्रों के रंग, पसीने, फफूंदी, मार्किंग इंक, स्याही आदि धब्बों पर किया जाता है। इस रसायन का प्रयोग करने के बाद वस्त्रों पर उत्पन्न भूरेपन को दूर करने के लिए हाइड्रोजन परॉक्साइड अथवा ऑक्जैलिक एसिड के घोल का प्रयोग किया जाता है।

(v) सोडियम हाइपो:
क्लोराइड-यह एक शक्तिशाली विरंजक है। इसको बनाने के लिये निम्नलिखित सामग्री का . प्रयोग किया जाता है –

  • उबलता जल               – 2 पिण्ट
  • धोने वाला सोडा           – 1 पौण्ड
  • ठण्डा जल                  – 4 पिण्ट
  • क्लोराइड ऑफ लाइम – आधा पौण्ड

(2) अवकारक प्रतिकर्मक:
वानस्पतिक तन्तुओं के अलावा अन्य सभी तन्तुओं के वस्त्रों को विरंजित करने के लिये अवकारक विरंजक प्रयोग में लाये जाते हैं। ये निम्नलिखित होते हैं –

(i) सोडियम हाइड्रो:
सल्फाइड – यह अवकारक पाउडर के रूप में तथा निर्जलीय स्थिति में रहता है। यह रेशमी तथा ऊनी वस्त्रों के लिये उपयुक्त होता है। इस विरंजक को धब्बे पर लगाने से ऑक्सीजन तथा अन्य सभी तत्व अलग हो जाने से धब्बा वरत्र पर से हट जाता है।

(ii) सोडियम बाइसल्फाइड:
सोडियम बाइसल्फाइड एक कोमल अवकारक विरंजक है। इसमें से सल्फर डाइऑक्साइड उत्पन्न होता है जो धब्बे से ऑक्सीजन अवशोषित करके उसको अपचयन कर देता है। इसका उपयोग करने के लिये एक पिण्ट दो बड़े चम्मच के अनुपात में इसका प्रयोग करना चाहिए। प्रयोग के पश्चात् वस्त्र को साफ पानी में भली प्रकार खंगाल लेना चाहिए।

RBSE Class 12 Home Science Chapter 25 प्रयोगात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
धब्बे छुड़ाने की विधियाँ
उत्तर:
विभिन्न प्रकार के धब्बों को पहचान कर, उनके वर्ग को और उनकी प्रकृति को जानकर उपयुक्त विधि से धब्बों को वस्त्रों से सावनधानीपूर्वक हटाना चाहिए। धब्बों को छुड़ाने में शीघ्रता नहीं करनी चाहिये बल्कि धैर्य के साथ हटाने चाहिये। शीघ्रता करने और आधे-अधूरे ज्ञान के कारण वस्त्र के खराब होने की सम्भावना रहती है। धब्बे छुड़ाने की प्रक्रिया में वस्त्र की प्रकृति, बनावट एवं रंग का ध्यान रखना चाहिए। ऐसे विरंजकों का प्रयोग न करें, जिससे वस्त्रों का रंग और वस्त्र खराब हो जाये। यहाँ पर धब्बों को छुड़ाने की विधि दी जा रही है। इनकी सहायता से इन धब्बों को छुड़ाकर प्रायोगिक पुस्तिका में लिखें।

प्रतिकर्मकों के तनु घोल बनाने की विधियाँ:
सामान्य तौर पर अधिकांश धब्बे साबनु – पानी के उपयोग से छूट जाते हैं परन्तु कुछ धब्बों को छुड़ाने के लिये अवशोषकों, घोलकों, रसायनों एवं प्रतिकर्मक का उपयोग करना पड़ता है। इन रसायनों का प्रयोग वस्त्रों को हानि पहुँचा सकता है। अत: इनके तनु घोल बना कर प्रयोग करना चाहिये। इन्हें बनाने की विधियाँ निम्न हैं –

निर्देश-एक पिण्ट = 20 औन्स
(1) सोडियम हाइपोक्लोराइट:
एक भाग गर्म पानी में एक भाग सोडियम हाइपोक्लोराइट मिलाकर तनु घोल तैयार करें।

(2) सोडियम परबोरेट:
एक चाय का चम्मच सोडियम परबोरेट को एक पिण्ट गर्म पानी में मिलाकर घोल बनायें।

(3) हाइड्रोजन परॉक्साइड:
छ: भाग ठण्डा पानी और एक भाग हाइड्रोजन परॉक्साइड को मिलाकर घोल तैयार करें।

(4) सोडियम हाइड्रोसल्फाइट:
2 पिण्ट पानी में 1 / 2 oz सोडियम होइड्रोसल्फाइट को मिलायें।

(5) वाशिंग सोडा:
एक चाय का चम्मच वाशिंग सोडा को एक पिण्ट पानी में घोलकर तैयार करें।

(6) बोरेक्स:
एक बड़ा चम्मच बोरेक्स को एक पिण्ट गर्म पानी में मिलायें।

(7) ऑक्जेलिक एसिड:
एक बड़े चम्मच ऑक्जेलिक एसिड को एक पिण्ट पानी में मिला कर लकड़ी के पात्र में रखें।
तालिका 2.5 : विभिन्न धब्बों को छुड़ाने की विधियाँ
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RBSE Solutions for Class 12 Home Science Chapter 25 धब्बे छुड़ाना

धब्बे छुड़ाने के उपरान्त निम्न तालिका को पूरा करें
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इसी प्रकार अन्य दागों को छुड़ाने हेतु सभी रिक्तियों को पूर्ण करें।

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