RBSE Solutions for Class 12 Home Science Chapter 4 कैरियर एवं वैवाहिक जीवन की तैयारी

Rajasthan Board RBSE Class 12 Home Science Chapter 4 कैरियर एवं वैवाहिक जीवन की तैयारी

RBSE Class 12 Home Science Chapter 4 पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
निम्नलिखित में से सही उत्तर चुनें:
(i) किशोरों के जीवन का सबसे कठिन एवं महत्त्वपूर्ण कार्य है –
(अ) पैसे कमाना
(ब) पढ़ाई करना
(स) कैरियर चुनना
(द) उपरोक्त सभी।
उत्तर:
(स) कैरियर चुनना

(ii) एक बड़े किशोर के दृष्टिकोण होते हैं –
(अ) यथार्थवादी और व्यावहारिक
(ब) आदर्शवादी
(स) आशावादी
(द) उपरोक्त में से कोई नहीं।
उत्तर:
(अ) यथार्थवादी और व्यावहारिक

(iii) किशोर / किशोरियों के कैरियर चुनने में मुख्य भूमिका निभाते हैं –
(अ) माता-पिता
(ब) शिक्षक
(स) विद्यालय एवं समाज
(द) उपरोक्त सभी।
उत्तर:
(द) उपरोक्त सभी।

(iv) यदि पुत्र अपने पिता का कैरियर चुनता है, तो उसे कहते हैं –
(अ) मजबूरी
(ब) वंशानुगतता
(स) छानबीन
(द) उपरोक्त में से कोई नहीं।
उत्तर:
(ब) वंशानुगतता

(v) विदेशों में वैवाहिक तैयारियों के लिए आयोजित की जाती हैं –
(अ) कार्यशालाएँ
(ब) हवन
(स) सम्मेलन
(द) इनमें से कोई नहीं।
उत्तर:
(अ) कार्यशालाएँ

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प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
1. कैरियर का चुनाव आजकल न केवल लड़कों बल्कि …………के लिए भी महत्त्वपूर्ण है।
2. किशोरों के लिए पैसा एकमात्र साधन है जिसका साध्य है …………।
3. उच्च शिक्षित माता-पिता के घर का वातावरण भी बच्चों की शैक्षणिक…………. …………को विकसित करता है।
4. किशोर / किशोरियों को अपनी…………तथा…………को देखकर कैरियर का चुनाव करना चाहिए।
5. किशोरावस्था के समय किशोर व्यवसाय के साथ – साथ स्वयं को एक…………जीवन के लिए भी तैयार कर रहे होते हैं।
6. पुराने जमाने में विवाह सम्बन्ध…………अर्थात बाल्यावस्था में ही हो जाते थे।

उत्तर:
1. लड़कियों
2. स्वतंत्रता
3. रुचियों, दृष्टिकोण
4. रुचि, योग्यता
5. गृहस्थ
6. अल्पवय।

प्रश्न 3.
एक किशोर / किशोरीअपने कैरियर का चयन किस प्रकार करें? समझाइए
उत्तर:
किशोर / किशोरी द्वारा अपने कैरियर का चयन – एक किशोर तथा किशोरी को अपने कैरियर का चयन करते समय निम्नांकित प्रमुख बातों का ध्यान रखना चाहिए –
1. माता – पिता की सलाह (Advice of parents):
कैरियर के चुनाव में माता – पिता की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। अधिकांशतः पुत्र अपने पिता का व्यवसाय ही अपनाते हैं। किशोरों को अपने व्यवसाय चयन के संदर्भ में माता – पिता से आवश्यक सलाह लेनी चाहिए। इससे माता-पिता किशोरों की रुचि के अनुसार उन्हें सहयोगात्मक वातावरण प्रदान करते हैं।

2. व्यावसायिक प्रशिक्षण (Professional training):
किशोरों को व्यवसाय का चयन करते समय व्यावसायिक प्रशिक्षण को महत्त्व देना चाहिए। अपनी अभिरुचियों को देखते हुए किशोरों को ऐसे व्यवसाय का चयन करना चाहिए जिसमें व्यावसायिक प्रशिक्षण की सुविधा हो, क्योंकि प्रशिक्षण द्वारा व्यक्ति की कार्यक्षमता में उत्कृष्टता आ जाती है: जैसे – डॉक्टर, इंजीनियर, नर्स, अध्यापक आदि।

3. कार्यशाला प्रशिक्षण (Workshop training):
व्यवसाय चयन के संदर्भ में अनेक कार्यशालाएँ आयोजित की जाती हैं जिनसे किशोर व्यवसाय चयन से सम्बन्धित अनेक जानकारियाँ तथा अनुभव प्राप्त कर सकते हैं।

4. अभिरुचियाँ तथा वृत्तियाँ (Interests and trends):
किशोरों को अपनी अभिरुचियों तथा वृत्तियों को अपने व्यवसाय चयन में प्राथमिकता देनी चाहिए। किसी के द्वारा थोपे गए मशविरे की तुलना में अपनी स्वयं की रुचि के अनुसार चयन किए गए व्यवसाय से अधिक कुशलता प्राप्त की जा सकती है।

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5. व्यक्तिगत विशेषताएँ (Personal traits):
भिन्न-भिन्न प्रकार के व्यवसायों के लिए भिन्न – भिन्न प्रकार की योग्यताओं, कौशलों तथा अभिवृत्तियों की आवश्यकता होती है। कुछ व्यवसायों में उच्च बौद्धिक क्षमता की आवश्यकता होती है, जबकि कुछ के लिए एकाग्रता तथा सृजनात्मकता की आवश्यकता होती है। अत: किशोर-किशोरियों को सर्वप्रथम भली प्रकार अपनी रुचि तथा योग्यताओं को जाँच-परखकर व्यावसायिक क्षेत्र का चयन करना चाहिए।

6. रोजगार के अवसर (Job opportunities):
किसी भी व्यवसाय का चयन करने से पूर्व किशोर – किशोरियों को भली प्रकार इस बात की जानकारी प्राप्त कर लेनी चाहिए कि उनके पसंदीदा क्षेत्र में रोजगार के पर्याप्त अवसर उपलब्ध हैं। अथवा नहीं। आज की कड़ी प्रतिस्पर्धा के युग में जहाँ एक ओर सरकारी नौकरियाँ दिवास्वप्न मात्र हैं, वहीं दूसरी ओर सूचना प्रौद्योगिकी, जैव प्रौद्योगिकी, पर्यावरण विज्ञान, फोरेंसिक साइन्स इत्यादि में रोजगार के अच्छे अवसर उपलब्ध हैं।

7. प्रतिष्ठा (Prestige):
व्यवसाय चयन से पूर्व उस व्यवसाय की प्रतिष्ठा को भी ध्यान में रखना चाहिए। कभी-कभी किसी व्यवसाय की बाह्य चमक – दमक से आकर्षित होकर किशोर – किशोरी उसे अपना लेते हैं किन्तु बाद में यह चयन उनके लिए नुकसानदायक साबित होता है। यह आवश्यक नहीं है कि किसी व्यवसाय विशेष में प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिष्ठा प्राप्त हो जाए।

8. विद्यालयी सहयोग (School co – operation):
विद्यालयों में व्यवसाय चयन हेतु व्यावसायिक शिक्षण (Professional education), कार्यशालाओं (Workshops) तथा कैरियर सलाह (Career counselling) का आयोजन किया जाता है। किशोरों को विद्यालय की इन सुविधाओं का सहयोग प्राप्त करना चाहिए।

9. आर्थिक लाभ (Economic benefit):
किशोर – किशोरियों को व्यवसाय का चयन करने से पूर्व उससे प्राप्त होने वाले आर्थिक प्रतिफलों को भी ध्यान में रखना चाहिए। कहीं ऐसा न हो कि पैसा खर्च करके जिस व्यवसाय का चयन किया जा रहा है, बाद में उससे अनुकूल आर्थिक प्रतिफल प्राप्त न हो सके।

10. अंतर्राष्ट्रीय वृत्तियाँ (Global trends):
आधुनिक युग में किशोर / किशोरियों को विभिन्न मीडिया माध्यमों के द्वारा देश – विदेश में उभरने तथा पनपने वाले व्यवसाय के नवीन क्षेत्रों के संदर्भ में जानकारी प्राप्त हो सकती है जो उनके व्यवसाय चयन में सहायता प्रदान करती है।.

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प्रश्न 4.
विद्यालय एवं माता – पिता किशोरों के कैरियर चुनाव को किस तरह प्रभावित करते हैं ?
उत्तर:
I. किशोरों के कैरियर चुनाव पर विद्यालय का प्रभाव (Effect of school on adolescent’s career selection):
किशोरों के कैरियर चुनाव पर विद्यालय का महत्त्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है, जिसे हम निम्न बिन्दुओं में समझ सकते हैं –

  • किशोरों के कैरियर के चुनाव में विद्यालय से प्राप्त होने वाले अच्छे-बुरे अनुभवों का प्रभाव पड़ता है।
  • विद्यालय का वातावरण शिक्षक बच्चों की रुचियों, क्षमताओं, व्यक्तिगत विशेषताओं को परख कर उनका विकास तथा दृढ़ इच्छाशक्ति उत्पन्न कर उज्ज्वल भविष्य निर्माण में सहायक होता है।
  • कुछ विद्यालयों में छात्रों को व्यवसाय चयन में मदद करने हेतु व्यावसायिक शिक्षण (Professional education) तथा कार्यशालाओं (Workshops) का आयोजन किया जाता है। यही व्यावसायिक प्रशिक्षण सही कैरियर चुनने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  • किसी – किसी विद्यालय में कैरियर सलाहकार (Career counsellors) नियुक्त होते हैं जो छात्र – छात्राओं को उनकी रुचियों, अभिवृत्तियों व क्षमताओं से अवगत कराकर उन्हें उपयुक्त कैरियर चुनने में मार्गदर्शन करते हैं।

II. किशोरों के कैरियर चुनाव पर माता – पिता का प्रभाव (Effect of parents on adolescent’s career selection):
माता – पिता का बच्चों के कैरियर चुनाव पर महत्त्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है, जो निम्न प्रकार है –

  •  अधिकांशतः यह प्रभाव वंशानुगत होता है तथा किशोर अपने माता – पिता के व्यवसाय का ही चयन करते हैं।
  • माता – पिता द्वारा बच्चों के पालन – पोषण में दिया गया सहयोगात्मक वातावरण; जैसे – बच्चों की रुचियों को जानकर उन्हें प्रोत्साहित करना, खेल अथवा व्यावसायिक प्रशिक्षण उनमें किसी व्यवसाय विशेष के प्रति रुचि जाग्रत करता है।
  • माता – पिता का समाज में प्रतिष्ठित व्यवसाय उदाहरणार्थ – सरकारी अधिकारी, प्रिंसीपल, प्रतिष्ठित व्यवसायी इत्यादि किशोरों के लिए आदर्श स्थापित करता है।
  • जो माता – पिता उच्च शिक्षित होते हैं उनके घर के वातावरण द्वारा भी किशोरों में शैक्षणिक रुचियों तथा दृष्टिकोण का विकास होता है।

प्रश्न 5.
स्वयं का कौशल, योग्यता एवं अभिवृत्ति कैरियर चुनने में किस प्रकार मदद करते हैं ?
उत्तर:
स्वयं का कौशल, योग्यता तथा अभिवृत्ति द्वारा कैरियर चुनाव में मदद:
सभी व्यवसायों के लिए समान कौशल, योग्यता तथा अभिवृत्ति की आवश्यकता नहीं होती अपितु प्रत्येक व्यवसाय के लिए भिन्न-भिन्न कौशल, योग्यता तथा अभिवृत्तियों की आवश्यकता होती है। कुछ व्यवसायों के लिए एकाग्रता तथा सृजनात्मकता आवश्यक है: जैसे – चित्रकारी, मूर्तिकला, नृत्य आदि। वहीं दूसरी ओर कुछ व्यवसायों में सफलता अर्जित करने हेतु उच्च बौद्धिक क्षमता अपरिहार्य है; जैसे – वकालत, शिक्षण, चिकित्सा आदि।

किशोरों की व्यवसाय विशेष में सर्वोच्च कार्यक्षमता का प्रदर्शन तभी हो सकता है। जब उनकी उस कार्य विशेष में कौशल, योग्यता, रुचि तथा अभिवृत्ति होगी, अत: किशोर एवं किशोरियों को अपने कैरियर का चुनाव करने से पूर्व अपने स्वयं के कौशल, योग्यता तथा अभिवृत्ति को भली – प्रकार से जाँच – परख लेना चाहिए। किशोरों को व्यवसाय चयन में कैरियर काउन्सलर की सलाह भी (उपलब्ध होने पर) अवश्य लेनी चाहिए।

प्रश्न 6.
आधुनिक युग के माता-पिता एवं किशोरों में विवाह सम्बन्धी विचारधाराओं में क्या परिवर्तन आए हैं ? समझाइये।
उत्तर:
आधुनिक युग के माता – पिता एवं किशोरों में विवाह सम्बन्धी विचारधाराओं में आये परिवर्तन:
आज के आधुनिक युग में जहाँ हर चीज परिवर्तनशील है वहाँ विवाह सम्बन्धी मानदण्डों तथा विचारों में भी परिवर्तन आए हैं। आज के माता – पिता, किशोर – किशोरियों को विवाह पूर्व अच्छी शिक्षा – दीक्षा दिलवाकर उन्हें स्वयं में समर्थ तथा सक्षम बनाने का प्रयास करते हैं। किशोरों में लैंगिक परिपक्वता आ जाने के पश्चात् माता – पिता अथवा बड़े – बुजुर्ग यह प्रयत्न करते हैं कि किशोर लैंगिक रुचियों से ध्यान हटाकर स्वयं का व्यक्तित्व निर्माण करें तथा भली प्रकार शिक्षा का अर्जन करें जिससे वह किसी व्यवसाय विशेष में भली. प्रकार स्थापित होकर अपने स्वनिर्णय ले सकें।

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दूसरी ओर किशोरों की विवाह सम्बन्धी विचारधाराओं में भी परिवर्तन आया है। आज के किशोरों के लिए विवाह से अधिक धन अर्जन महत्त्वपूर्ण हो गया है। आज के किशोरों को विवाह बंधन प्रतीत होता है। आजकल विवाह बड़ी उम्र में होते हैं जिसके परिणामस्वरूप उच्च शिक्षित तथा आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर युवतियाँ विवाहोपरांत आसानीपूर्वक दूसरे परिवार में सामंजस्य स्थापित नहीं कर पाती हैं। विदेशों में आजकल वैवाहिक तैयारियों हेतु कार्यशालाएँ आयोजित की जाती हैं जहाँ भावी जीवन की सफलता हेतु प्रशिक्षण दिया जाता है।

RBSE Class 12 Home Science Chapter 4 अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

RBSE Class 12 Home Science Chapter 4 वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
प्राचीन समय में किशोर के लिये कैरियर का चुनाव –
(अ) आसान होता था
(ब) कठिन होता था।
(स) सामान्य स्थिति में होता था
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ब) कठिन होता था।

प्रश्न 2.
तरुण किशोर का दृष्टिकोण होता है –
(अ) आदर्शवादी
(ब) यथार्थवादी
(स) व्यावहारिक
(द) रूढ़िवादी
उत्तर:
(स) व्यावहारिक

प्रश्न 3.
शिक्षा के विषय चुनने का ज्ञान किशोर को होता है –
(अ) 8 – 10 वर्ष की उम्र में
(ब) 11 – 12 वर्ष की उम्र में
(स) 14 – 16 वर्ष की उम्र में
(द) 16 – 18 वर्ष की उम्र में
उत्तर:
(ब) 11 – 12 वर्ष की उम्र में

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प्रश्न 4.
बच्चों के लिये कैरियर के चुनाव में मुख्य भूमिका होती है –
(अ) विद्यालयों की
(ब) सामाजिक संस्थाओं की
(स) माता – पिता की
(द) व्यक्तिगत इच्छाओं की
उत्तर:
(द) व्यक्तिगत इच्छाओं की

प्रश्न 5.
अधिक मेहनत या व्यावसायिक कौशल की आवश्यकता होती है –
(अ) इंजीनियर को
(ब) मजदूर को
(स) क्लर्क को
(द) अध्यापक को
उत्तर:
(द) अध्यापक को

प्रश्न 6.
उच्च भौतिक क्षमता वाला व्यवसाय है –
(अ) चिकित्सा
(ब) मूर्तिकारी
(स) खेल
(द) चित्रकारी
उत्तर:
(ब) मूर्तिकारी

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
1. एक तरुण किशोर के लिये अपने…………व्यवसाय का चयन करना वाकई बहुत कठिन कार्य होता है।
2. आजकल कैरियर या व्यवसाय का…………न केवल लड़कों बल्कि लड़कियों के लिये भी उतना ही महत्त्वपूर्ण
3. कुछ विद्यालियों में…………के चयन के लिये व्यावसायिक शिक्षण दिया जाता है।
4. सभी किशोर उच्च…………वाले लोकप्रिय व्यवसाय ही चुनना चाहते हैं।
5. किशोरावस्था ही वह समय है, जब तरुण किशोर / किशोरी एक…………युवा बनने को तत्पर है।
6. किशोरवस्था के प्रारम्भ में जीवन साथी का चुनाव आकर्षण, पहनावे व…………से प्रभावित होता है।

उत्तर:
1. कैरियर
2. चुनाव
3. व्यवसाय
4. प्रतिष्ठा
5. भावी
6. चकाचौंध

RBSE Class 12 Home Science Chapter 4 अति लघूत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
एक तरुण किशोर के लिए कैरियर का चुनाव कठिन कार्य क्यों है ?
उत्तर:
एक तरुण किशोर के लिए कैरियर का चुनाव कठिन कार्य है क्योंकि वह अपने मूल्यों, रुचियों, व्यवसाय के लिए उपलब्ध अवसरों तथा अपनी योग्यताओं में तारतम्य स्थापित नहीं कर पाता।

प्रश्न 2.
माता-पिता की किशोरों के कैरियर चुनाव में क्या भूमिका है ?
उत्तर:
माता – पिता द्वारा दिया गया सहयोगात्मक के वातावरण किशोरों की रुचियों तथा व्यावसायिक प्रशिक्षण को प्रोत्साहित करता है जिससे किशोरों में व्यवसाय विशेष के प्रति रुचि जाग्रत होती है।

प्रश्न 3.
सामाजिक – आर्थिक स्तर का किशोरों के कैरियर पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर:
घर – परिवार व पारिवारिक सदस्यों, माता-पिता के व्यवसाय, परिवार के नियम इत्यादि का किशोरों के कैरियर पर सीधा प्रभाव पड़ता है।

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प्रश्न 4.
किशोर के जीवन का सबसे कठिन एवं महत्त्वपूर्ण कार्य क्या है ?
उत्तर:
किशोर के जीवन का सबसे कठिन एवं। महत्त्वपूर्ण कार्य कैरियर चुनना है।

प्रश्न 5.
कैरियर का चुनाव किन – किनके लिए महत्त्वपूर्ण है ?
उत्तर:
कैरियर से अभिप्राय जीवन की चुनौतियों को स्वीकार करते हुए विविध सामाजिक – आर्थिक उत्तरदायित्वों का निर्वाह कर उपलब्धियों को प्राप्त करना है। अतः आजकल कैरियर या व्यवसाय का चुनाव न केवल लड़कों बल्कि लड़कियों के लिए भी उतना ही महत्त्वपूर्ण है।

प्रश्न 6.
पूर्वकिशोरावस्था में जीवनवृत्ति में रुचि का उद्देश्य क्या होता है ?
उत्तर:
स्वतन्त्रता प्राप्त करना।

प्रश्न 7.
विद्यालयों में छात्र – छात्राओं को इनकी रुचियों, अभिवृत्ति व क्षमताओं से अवगत कराकर सही कैरियर चुनने के लिए मार्गदर्शन का काम कौन करते हैं ?
उत्तर:
कैरियर सलाहकार।

प्रश्न 8.
बचपन से ही कुछ व्यवसाय किशोरों के मन – मस्तिष्क पर पुरुषोचित या स्त्रियोचित की अमिट छाप किस कारण छोड़ते हैं ?
उत्तर:
सामाजिक अपेक्षाओं के अभावों के कारण।

प्रश्न 9.
तरुण-किशोर का दृष्टिकोण किस प्रकार का होता है?
उत्तर:
तरुण-किशोर का दृष्टिकोण आदर्शवादी होता

प्रश्न 10.
किन व्यवसायों में कला निपुणता की आवश्यकता होती है?
उत्तर:
चित्रकारी व्यवसाय में कला निपुणता की आवश्यकता होती है।।

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प्रश्न 11.
विविध व्यवसायों के लिये आकर्षित करने व प्रेरित करने में वर्तमान में किसकी मुख्य भूमिका है?
उत्तर:
आधुनिक युग में किशोर – किशोरियों को व्यवसाय के लिये आकर्षित करने व प्रेरित करने में मीडिया जैसे टेलीविजन, इन्टरनेट आदि का महत्त्व प्रमुख है।

प्रश्न 12.
किशोरावस्था के प्रारम्भ में जीवन साथी का चुनाव किससे प्रभावित होता है?
उत्तर:
किशोरावस्था के प्रारम्भ में जीवन साथी का चुनाव आकर्षण, पहनावे तथा चकाचौंध से प्रभावित होता है।

प्रश्न 13.
किसी भी व्यवसाय में सफलता व प्रतिष्ठा किस प्रकार मिलती है?
उत्तर:
किसी भी व्यवसाय में सफलता एवं प्रतिष्ठा पाने के लिये क्षेत्र विशेष में रुचि होना या उसके अनुरूप योग्यता का होना आवश्यक होता है।

प्रश्न 14.
बड़े होते किशोरों से माता – पिता की क्या अपेक्षा होती हैं?
उत्तर:
बड़े होते किशोरों से यह उम्मीद की जाती है। कि वे व्यवसाय प्राप्त कर अपनी जीविकोपार्जन की व्यवस्था करें जिससे उनका विवाह किया जा सके।

RBSE Class 12 Home Science Chapter 4 लघूत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
किशोरों द्वारा किसी व्यवसाय विशेष का चयन करने से पूर्व उसमें रोजगार के अवसरों की उपलब्धता की जानकारी होना क्यों आवश्यक है?
उत्तर:
किसी भी व्यवसाय / कैरियर के चुनाव में सम्बन्धित क्षेत्र में रुचि तथा योग्यताओं का होना ही पर्याप्त नहीं है। अपितु उस व्यवसाय विशेष में प्रतिष्ठा तथा सफलता प्राप्त करने के लिए यह भी अत्यन्त आवश्यक है कि उस क्षेत्र में रोजगार के पर्याप्त अवसर उपलब्ध हों। उदाहरणार्थ, कुछ समय पहले 10वीं -12वीं भी उच्च शिक्षा मानी जाती थी तथा सरलता से रोजगार प्राप्त हो जाता था किन्तु आज के समय में जहाँ तीव्र प्रतिस्पर्धा है वहाँ एक ओर सरकारी नौकरी दिवास्वप्न के समान प्रतीत होती है वहीं दूसरी ओर सूचना प्रौद्योगिकी, जैव प्रौद्योगिकी, फोरेन्सिक साइंस तथा पर्यावरण विज्ञान ने रोजगार के अनेक अवसर बाजार में उपलब्ध कराये हैं।

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प्रश्न 2.
सामाजिक – आर्थिक स्तर का रोजगार पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर:
प्रत्येक व्यक्ति की यह कामना होती है कि उसका उठना – बैठना अपने समान अथवा अपने से उच्च सामाजिक-आर्थिक स्तर के व्यक्तियों के मध्य हो तथा वह उसके लिए प्रयत्न भी करता है। किशोरों के रोजगार को घर – परिवार, पारिवारिक सदस्य, माता – पिता का व्यवसाय, परिवार के नियम – कायदे बहुत अधिक प्रभावित करते हैं।

किशोर का यह प्रयास होता है कि वह अपने माता – पिता से उच्च स्थान प्राप्त करे तथा उसी दिशा में वह प्रयासरत भी रहता है। यथा – एक क्लर्क का पुत्र / पुत्री जनरल मैनेजर बनने का प्रयास करता है, विद्यालयी शिक्षक का पुत्र / पुत्री का प्रयास होता है। कि वे किसी विद्यालय के प्रधानाचार्य अथवा कॉलेज शिक्षक बनें।

प्रश्न 3.
आयु में परिपक्वता के साथ किशोरों के जीवन-साथी के चुनाव सम्बन्धी विचारों में क्या परिवर्तन आता है?
उत्तर:
यौन परिपक्वता की प्राप्ति के साथ ही किशोरों के मन में विचार उत्पन्न होने लगते हैं कि वे अब बड़े हो गए हैं। इन विकासात्मक परिवर्तनों के साथ किशोरों में विपरीत लिंग के प्रति आकर्षण बढ़ने लगता है तथा आरम्भ में किशोर भावी जीवन – साथी को लेकर रंग-बिरंगे सपने देखते हैं। किशोरावस्था के आरम्भ में जीवनसाथी के चयन सम्बन्धी विचार आकर्षण, पहनावे तथा चकाचौंध से प्रभावित होते हैं।

आयु की परिपक्वता के साथ – साथ आकर्षण वाला पक्ष समाप्त होने लगता है तथा किशोर अपने जीवनसाथी के संदर्भ में गंभीरतापूर्वक विचार करते हैं। किशोर ऐसी लड़कियों को पसंद करते हैं जो सुरुचिपूर्ण होने के साथ-साथ उनकी अभिलाषाओं, आकांक्षाओं, आवश्यकताओं तथा सामाजिक – आर्थिक रूप से सुदृढ़ हों। वहीं किशोरियों को पौरुष युक्त, साफ – सुथरे, धीर – गंभीर, परिहास की वृत्ति वाले आर्थिक रूप से सक्षम लड़के पसंद होते हैं।

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प्रश्न 1.
किशोरों के व्यावसायिक चयन को प्रभावित करने वाले कारक क्या हैं?
उत्तर:
किशोरों के व्यवसाय चयन पर निम्नलिखित कारकों को प्रभाव पड़ता है –

  1. माता – पिता – माता – पिता की विचारधारा तथा उनका किशोरों को दिया गया विशिष्ट प्रशिक्षण किशोरों के व्यवसाय चयन को प्रभावित करता है।
  2. विद्यालयी वातावरण तथा सुविधाएँ-विद्यालय जिस प्रकार की सुविधाएँ तथा वातावरण किशोरों को उपलब्ध कराता है उनका प्रभाव उनके व्यवसाय चयन पर पड़ता है।
  3. व्यक्तिगत विशेषताएँ – व्यक्ति की अपनी स्वयं की अभिरुचियाँ तथा व्यक्तिगत विशेषताएँ उसके व्यवसाय चयन को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करती हैं।
  4. सामाजिक – आर्थिक स्तर – किशोरों के रोजगार चयन में उनके माता – पिता तथा परिवार के अन्य सदस्यों के सामाजिक-आर्थिक स्तर का विशेष महत्त्व है।
  5. सामाजिक अपेक्षाएँ – किशोरों की व्यवसाय चयन की प्रक्रिया पर सामाजिक अपेक्षाओं का भी प्रभाव पड़ता है।
  6. मीडिया एवं अन्तर्राष्ट्रीय वृत्ति-आधुनिक युग में किशोरकिशोरियों को व्यवसाय चयन में मीडिया एवं अन्तर्राष्ट्रीय वृत्तियाँ अच्छी प्रेरणा प्रदान कर रही हैं।
  7. रोजगार के अवसर – किशोरों के पसंदीदा व्यवसाय में रोजगार के पर्याप्त अवसरों की उपलब्धता को भी प्रभाव उनके कैरियर के चुनाव पर पड़ता है।
  8. प्रतिष्ठा – किसी विशिष्ट कार्य – क्षेत्र में उपलब्ध होने वाली प्रतिष्ठा का भी किशोरों द्वारा व्यवसाय को चुनने में विशेष महत्त्व है। इस प्रकार स्पष्ट है कि माता – पिता, शिक्षक, विद्यालय आदि का किशोर / किशोरियों के व्यवसाय चयन पर गहरा प्रभाव पड़ता है।

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