RBSE Solutions for Class 5 Hindi Chapter 7 बालक का स्वप्न

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Board RBSE
Textbook SIERT, Rajasthan
Class Class 5
Subject Hindi
Chapter Chapter 7
Chapter Name बालक का स्वप्न
Number of Questions 32
Category RBSE Solutions

Rajasthan Board RBSE Class 5 Hindi Solutions Chapter 7 बालक का स्वप्न

पाठ का सार- प्रस्तुत पाठ में बताया गया है कि अगर हम कुछ करने के लिए सपने देखें और उन्हें पूरा करने के लिए दृढ़ निश्चय और आत्मविश्वास के साथ कड़ी मेहनत करें तो एक दिन हमारे सपने जरूर पूरे हो सकते हैं। कहानी में बताया गया है कि किस प्रकार एक छोटा बालक एक सेठ के यहाँ नौकरी करते हुए कुछ बनने का सपना देखता है। सेठ के यहाँ से नौकरी से निकाले जाने के बाद वह अपनी पढ़ाई जारी रखते हुए जमींदार के नौकरी करता है। वहाँ से भी निकाल दिए जाने के बाद वह राजा के यहाँ पहले साधारण नौकर और फिर मंत्री के रूप में कार्य करता है।

जब राजा भी उसे जेल, में डाल देता है, तब भी वह अपने निश्चय पर दृढ़ रहता है। आखिर में कई परिस्थितियों से गुजरता हुआ वह एक दिन अपने सपने को उसी रूप में साकार कर लेता है, जिस रूप में उसने देखा था। वह भी एक राज्य का राजा बन जाता है और उस राजा की पुत्री से शादी भी करता है। इस कहानी से संदेश दिया गया है कि कड़ी मेहनत, आत्म-विश्वास और पक्के इरादे से अपने किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।

कठिन-शब्दार्थ- स्वप्न = सपना। चतुर = चालाक। होनहार = काबिल । धुन का पक्का = लगनशील । दृढ़ निश्चयी = पक्के इरादे वाला। अध्ययन = पढ़ाई । सूझ-बूझ = चतुराई । साधारण = सामान्य। अकस्मात् = अचानक। दण्ड = सजा । इन्कार करना = मना करना । कैदखाना = बंदीगृह/जेल । चढ़ाई करना = आक्रमण करना। समस्या = उलझन/परेशानी। कन्या = लड़की । सनसनी फैलना = खबर फैल जाना। प्रशंसा = बड़ाई । मुक्त करना = स्वतंत्र करना/छोड़ देना। अचल संपत्ति = स्थायी संपत्ति । विशाल = बड़ा। प्रात:काल = सुबह के समय। उपस्थित = मौजूद। सज्जित कक्ष = सजा-धजा कमरा। ईष्र्या = जलन । वशीभूत = प्रेरित होकर/ वश में होकर। योजनाबद्ध = योजना अनुसार/सोच-विचार कर। निष्ठा = श्रद्धा/आस्था। कर्म = कार्य । दृश्य = जो दिखाई दे रहा है। अतिरिक्त = अलग/भिन्न।

पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर सोचें और बताएँ

प्रश्न 1.
राजा के प्रश्नों को किसने हल किया ? उत्तर:राजा के प्रश्नों को बंदी मंत्री ने हल किया।

प्रश्न 2.
सेठ ने पहली बार स्वप्न की बात बालक से कंब पूछी ?
उत्तर:
स्वप्न देखने के अगले दिन पहली बार सेठ ने बालक से स्वप्न की बात पूछी।

प्रश्न 3.
राजा ने मंत्री से कितने प्रश्न पूछे ?
उत्तर:
राजा ने मंत्री से तीन प्रश्न पूछे।

प्रश्न 4.
स्वप्न का बालक पर क्या असर हुआ ?
उत्तर:
स्वप्न देखने के बाद बालक दृढ़ निश्चयी होकर अपने लक्ष्य को पाने के लिए मेहनत करने लगा।

लिखें

प्रश्न 1.
सही उत्तर को क्रमाक्षर छाँटकर कोष्ठक में लिखें

(अ) सेठ ने उस लड़के से स्वप्न की बात पुनः पूछी पर वह टाल गया। उस दिन के बाद से ही

(क) बालक छिप गया।।
(ख) बालक भाग गया।
(ग) बालक छिपकर पढ़ने लगा।
(घ) बालक नौकरी छोड़कर चला गया।
उत्तर:
(ग) बालक छिपकर पढने लगा।

(ब) जमींदार ने बालक को बुलाकर कहा

(क) नौकरी छोड़ने को
(ख) काम करने को
(ग) बाजार जाने को ।
(घ) स्वप्न की बात बताने को
उत्तर:
(घ) स्वप्न की बात बताने को।

प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूति करें

(अध्ययन, अकस्मात्, साधारण नौकर, सूझबूझ)

(क) ……………….. एक दिन वही जमींदार राजा के यहाँ आया।
(ख) उसने अपना ……………….. चालू रखा। वह किसी प्रकार अपनी ……………….. से राजा के यहाँ पर ……………….. हो गया।
उत्तर:
(क) अकस्मात्
(ख) अध्ययन, सूझबूझ, साधारण नौकर।।

प्रश्न 3.
लड़के का स्वभाव कैसा था?
उत्तर:
लड़का चतुर और पक्की लगन व निष्ठा रखने वाला था।

प्रश्न 4.
जमींदार ने बालक से क्या कहा?
उत्तर:
जमींदार ने बालक से कहा, “लड़के या तो तू मुझे अपने स्वप्न की बात बता दे, अन्यथा आज ही मैं तुझे अपने यहाँ से हटा दूंगा।”

प्रश्न 5.
पड़ोसी राजा ने दो घोड़ियों को क्यों भेजा?
उत्तर:
पड़ोसी राजा ने इस राजा और उसके मंत्रियों की चतुराई जानने के लिए दो घोडियों को भेजा।

प्रश्न 6.
राजा ने मंत्री को क्या धमकी दी?
उत्तर:
राजा ने मंत्री को धमकी दी कि या तो वह स्वप्न के बारे में उसे बताएं या फिर दण्ड के लिए तैयार हो जाए।

प्रश्न 7.
राजा मंत्री से अपनी कन्या का विवाह क्यों करना चाहता था?
उत्तर:
मंत्री की सूझबूझ और चतुराई से प्रभावित होकर राजा उससे अपनी कन्या का विवाह करना चाहता था।

प्रश्न 8.
मंत्री को अपनी सूझ-बूझ और चतुराई का क्या लाभ हुआ?
उत्तर:
मंत्री की सूझ-बूझ और चतुराई से प्रभावित होकर पड़ोसी राजा ने अपनी कन्या का विवाह उससे कर दिया तथा अपना आधा राज्य भी उसे दे दिया। इस राजा से भी उसे बहुत सारी चल-अचल संपत्ति प्राप्त हुई।

प्रश्न 9.
मंत्री-राजा ने स्वप्न में क्या दृश्य देखा था?
उत्तर:
मंत्री-राजा ने स्वप्न में देखा था कि वह विशाल महल के सुसज्जित कक्ष में पलंग पर लेटा हुआ था। उसकी पत्नी उसके पास बैठी थी। कई नौकर उनकी सेवा में लगे हुए थे।

प्रश्न 10.
लड़के ने स्वप्न की बात सबको कब बताई?:
उत्तर:.
लड़के ने राजा बनने के बाद सबको अपने स्वप्न की बात बताई । अर्थात् सपना पूरा होने के बाद ही उसने यह बात बताई।

भाषा की बात

प्रश्न 1.
इस प्रकार के शब्द सोचें और लिखें
1. सूझ-बूझ
2. ………….
3. …………..
4…………….
5……………..
उत्तर:
2. आस-पास
3. काम-धाम
4. सुख-दुःख
5. तन-मन

यह भी करें

प्रश्न 1.
कहानी को संवाद में बदलकर अपनी कक्षा में मंचन कीजिए।
उत्तर:
शिक्षक की सहायता से मंचन करें।

प्रश्न 2.
यदि ऐसा सपना आपको आया होता, तो आप किसी को बताते या नहीं; नहीं तो क्यों?
उत्तर:
ऐसा सपना हम तब तक किसी को नहीं बताते, जब तक वह वास्तविक रूप में घटित न हो जाए। सपना पूरा होने के बाद ही हम इस बारे में बताते ।

अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
सेठ के बाद लड़के ने किसके यहाँ नौकरी की?
(अ) राजा के
(ब) जमींदार के
(स) दुकानदार के ।
(द) किसी के नहीं।
उत्तर:
(ब) जमींदार के

प्रश्न 2.
बालक छिपकर क्या करने लगा?
(अ) पढ़ाई
(ब) चोरी ।
(स) जासूसी .
(द) व्यापार
उत्तर:
(अ) पढ़ाई

प्रश्न 3.
मंत्री से नाराज होकर राजा ने उसे कहाँ भिजवा दिया?
(अ) पड़ोसी राज्य में
(ब) जमींदार के
(स) युद्ध लड़ने
(द) कारागार में
उत्तर:
(द) कारागार में

प्रश्न 4.
दो घोड़ियों वाला प्रश्न किसने हल किया?
(अ) राजा ने
(ब) जमींदार ने।
(स) मंत्री ने
(द) धोबी ने
उत्तर:
(स) मंत्री ने

रिक्त स्थान भरो
(राजा, धुन का पक्का, महान, पढ़ाई, स्वप्न, नौकरी)

प्रश्न 1.
उसने अपनी …………….. चालू रखी।
प्रश्न 2.
मंत्री ने …………….. बताने से इंकार कर दिया।
प्रश्न 3.
वह लड़का ……………. और दृढ़ निश्चयी था।
प्रश्न 4.
निष्ठा और लगन से कोई भी व्यक्ति …….. बन सकता है।

उत्तर:
1. पढ़ाई
2. स्वप्न
3. धुन का पक्का
4. महान।

निम्न में से सत्य/असत्य कथन बतलाइये

प्रश्न 1.
रात्रि में सेठ को स्वप्न आया। |
उत्तर:
असत्य

प्रश्न 2.
लड़का धुन का पक्का और दृढ़ निश्चयी था।
उत्तर:
सत्य

प्रश्न 3.
लड़के ने जमींदार को स्वप्न बता दिया।
उत्तर:
असत्य

प्रश्न 4.
राजा ने सारे प्रश्नों के जवाब भेज दिए।
उत्तर:
असत्य

प्रश्न 5.
कर्म, कठोरता, लगन व निष्ठा से कोई भी महान् बन सकता है।
उत्तर:
सत्य

अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
राजा ने मंत्री को कैदखाने में क्यों डाल दिया?
उत्तर:
मंत्री द्वारा अपना स्वप्न बताने से इंकार करने के कारण राजा ने उसे कैदखाने में डाल दिया।

प्रश्न 2.
बंदी मंत्री को रोजाना खाना देने कौन जाता था?
उत्तर:
राजा का नौकर रोजाना बंदी मंत्री को खाना देने जाता था।

प्रश्न 3.
सेठ के यह पूछने पर कि उसने स्वप्न में । क्या देखा था? लड़के ने क्या किया?
उत्तर:
सेठ के ऐसा पूछने पर वह बात को टाल गया।

प्रश्न 4,
मंत्री बनने से पहले वह लड़का राजा के क्या काम करता था?
उत्तर:
मंत्री बनने से पहले वह राजा के साधारण नौकर था।

लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
मस्तिष्क में अच्छे विचार आने पर क्या करना चाहिए?
उत्तर:
मस्तिष्क में अच्छे विचार आने पर उनकी व्यर्थ चर्चा न करते हुए उन्हें योजनाबद्ध तरीके से पूर्ण करने में जुट जाना चाहिए।

प्रश्न 2.
पड़ोसी राजा ने अपनी सेना क्यों हटा ली? उसके बाद फिर क्या किया?
उत्तर:
पड़ोसी राजा के दो-तीन प्रश्नों का सही जवाब देने पर उसने यह सोच कर कि इसे हराना कठिन है, अपनी सेना हटा ली। उसके बाद उसने यह संदेश भिजवाया कि जिसने इन प्रश्नों का सही जवाब दिया है, उसके साथ वह अपनी पुत्री का विवाह करना चाहता है।

प्रश्न 3.
आपके विचार में लड़के ने स्वप्न के बारे में पहले क्यों नहीं बताया था?
उत्तर:
लड़के को यह डर था कि यदि वह पहले स्वप्न के बारे में बता देता तो कोई इसे पूरा नहीं होने देता। उसे आशंका थी कि ईर्ष्या, लोभ या अपमान के वशीभूत कोई उसे मार भी सकता था।

प्रश्न 4.
किस समाचार से राज्य भर में सनसनी फैल गई?
उत्तर:
पड़ोसी राजा ने जब यह संदेशा भिजवाया। कि जिस व्यक्ति ने उसके प्रश्नों के सही उत्तर दिये हैं, उससे वह अपनी कन्या का विवाह कराना चाहता हूँ। इस समाचार से राज्य भर में सनसनी फैल गई और उस बन्दी-मंत्री की चारों ओर प्रशंसा होने लगी।

प्रश्न 5.
चतुर बालक ने किस-किस की नौकरी की?
उत्तर:
चतुर बालक ने पहले एक सेठ की नौकरी की। वहाँ से निकलकर एक जमींदार के यहाँ नौकरी की। फिर एक राजा के यहाँ साधारण नौकर रहा और धीरे धीरे उन्नति करता हुआ मन्त्री बन गया। इसके बाद वह अपनी चतुराई से राजा बन गया था।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
बालक का स्वप्न’ पाठ से क्या शिक्षा मिलती है?
उत्तर:
‘बालक का स्वप्न’ कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि मन में जो विचार आयें, सुनहरे भविष्य को लेकर जो सपने आयें, उनकी लोगों के सामने व्यर्थ चर्चा नहीं करनी चाहिए, बल्कि उन्हें पूरा करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से जुट जाना चाहिए। इसके लिए काम करने की लगेन, कठोरता या दृढ़ता, आत्मविश्वास और कठिन मेहनत की जरूरत पड़ती है। इन्हें अपनाकर सपने पूरे करने में लग जाना चाहिए। ऐसा करने से ही व्यक्ति लक्ष्य को प्राप्त कर महान् बन सकता है।

पठित गद्यांश निम्नलिखित गद्यांशों को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए

(1)
किसी सेठ के यहाँ एक लड़का नौकरी करता था। एक रात्रि स्वप्न में वह चिल्ला उठा, “अहो, मेरा भाग्य” सेठ ने यह सुन बालक को जगाकर पूछा, “अरे, क्यों चिल्ला रहा था?” वह लड़का कहने लगा, “यों ही, कोई खास बात नहीं।” अगले दिन सेठ ने उस लड़के से स्वप्न की बात पुनः पूछी, पर वह टाल गया। उस दिन से बालक छिपकर पढ़ने लगा। एक दिन सेठ ने कहा, ”सुन रे लड़के, आज या तो तू स्वप्न की बात बता दे या मेरे यहाँ काम करना बंद कर दे!” लड़का चतुर था, होनहार था। उसने नौकरी छोड़ दी। उसने पढ़ाई चालू रखी।

प्रश्न 1.
इस गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक लिखिए।
उत्तर:
‘बालक का स्वप्न’।

प्रश्न 2.
लड़का किसके यहाँ नौकरी करता था?
उत्तर:
लड़का किसी सेठ के यहाँ नौकरी करता था।

प्रश्न 3.
लड़के ने नौकरी क्यों छोड़ी? ।
उत्तर:
सेठ ने लड़के से कहा कि या तो वह अपने स्वप्न की बात सेठ को बताये अथवा उसके यहाँ काम करना बन्द कर दे। अतः लड़के ने स्वप्न की बात न बताकर नौकरी छोड़ दी।

प्रश्न 4.
‘दिवस’ शब्द का विलोम शब्द गद्यांश में से हूँढ़कर लिखिए।
उत्तर:
‘रात्रि’

(2)
कुछ दिन बाद एक दिन प्रात:काल इस मंत्रीराजा ने दोनों राजाओं, जमींदार तथा सेठ सभी को अपने यहाँ आमंत्रित किया। जब वे सब वहाँ उपस्थित हुए। तो उस समय यह मंत्रीराजा पलंग पर महल के विशाल एवं सुसज्जित कक्ष में लेटे थे। उनकी पत्नी उनके पास बैठी थी। इसके अतिरिक्त अन्य कई नौकर भी इनकी सेवा में जुटे थे। चारों व्यक्ति भी उसके आस-पास बैठे थे। सच है, अपने मस्तिष्क में जो विचार आएँ, उनकी व्यर्थ चर्चा न करते हुए, उन्हें योजनाबद्ध तरीके से पूर्ण करने में जुट जाना चाहिए। कर्म, कठोरता, लगन और निष्ठा से कोई भी व्यक्ति महान् बन सकता है।

प्रश्न 1.
इस गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक लिखिए।
उत्तर:
गद्यांश का शीर्षक है ‘साकार स्वप्न’।

प्रश्न 2.
मंत्रीराजा के कक्ष का दृश्य कैसा था?
उत्तर:
प्रात:काल के समय मंत्री-राजा महल के सुसज्जित कक्ष में पलंग पर लेटे हुए थे। उनकी पत्नी उनके पास बैठी थी। दोनों राजा, जमींदार और सेठ भी वहाँ बैठे थे। कई नौकर सेवा में जुटे हुए थे।

प्रश्न 3.
कोई भी व्यक्ति महान् कब बन सकता है?
उत्तर:
मस्तिष्क में जो भी सकारात्मक विचार आए उसकी व्यर्थ चर्चा न करते हुए, उसे योजनाबद्ध तरीके से पूर्ण करने में जुट जाना चाहिए। इस प्रकार कर्म, कठोर श्रम, लगन और निष्ठा से कोई भी व्यक्ति महान् बन सकता है।

प्रश्न 4.
गद्यांश में आए शब्द ‘नौकर’ को लिंग बदलकर लिखिए।
उत्तर:
नौकरानी।

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