RBSE Solutions for Class 6 Hindi Chapter 11 चंबल की आत्मकथा

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Board RBSE
Textbook SIERT, Rajasthan
Class Class 6
Subject Hindi
Chapter Chapter 11
Chapter Name चंबल की आत्मकथा
Number of Questions Solved 35
Category RBSE Solutions

Rajasthan Board RBSE Class 6 Hindi Chapter 11 चंबल की आत्मकथा

पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नोत्तर

पाठ से
उच्चारण के लिए
विंध्याचल, विभीषिका, सुव्रत, आप्लावित, अक्षुण्ण, कायाकल्प
नोट—छात्र-छात्राएँ स्वयं उच्चारण करें।

सोचें और बताएँ
प्रश्न 1.
यह पाठ किस विधा में लिखा गया है?
उत्तर:
यह पाठ आत्मकथा विधा में लिखा गया है।

प्रश्न 2.
चंबल नदी ने किन-किन नदियों के उपकार का बदला चुकाने की बात कही है?
उत्तर:
चंबल ने बामनी, सीप, मेज़ कुराल, घोड़ा पछाड़, कुन्नू, पार्वती, परवन, आहू, कालीसिंध और बनास नदियों के उपकार का बदला चुकाने की बात कही है।

प्रश्न 3.
नदी किस ऋतु में अहंकारी और अमर्यादित हो जाती है?
उत्तर:
चंबल नदी वर्षा ऋतु में अहंकारी और अमर्यादित हो जाती हैं।

लिखें
बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1.
चंबल नदी का उद्गम स्थान है।
(क) मध्यप्रदेश
(ख) राजस्थान
(ग) उत्तरप्रदेश
(घ) महाराष्ट्र

प्रश्न 2.
चंबल नदी पर बना राजस्थान का सबसे बड़ा बाँध
(क) गाँधी सागर
(ख) राणाप्रताप सागर
(ग) जवाहर सागर
(घ) कोटा बैराज
उत्तर:
1. (क)
2. (ख)

कथन के सामने सत्य या असत्य पर निशान लगाएँ

  1. चंबल को प्राचीनकाल में चर्मण्यवती के नाम से जाना जाता था।
  2. चंबल नदी यमुना नदी में मिल जाती है।
  3. जयपुर चंबल नदी के किनारे बसा हैं।
  4. भैंसरोडगढ़ कोटा जिले में है।

उत्तर:

  1. असत्य
  2. सत्य
  3. असत्य
  4. असत्य

मिलान कीजिए

बाँध जिला जहाँ निर्मित है
1. जवाहर सागर मंदसौर
2. गाँधी सागर कोटा
3. कोटा बैराज चित्तौड़
4. राणाप्रताप सागर बूंदी-कोटा

उत्तर:

बाँध जिला जहाँ निर्मित है
1. जवाहर सागर बूंदी-कोटा
2. गाँधी सागर मंदसौर
3. कोटा बैराज कोटा
4. राणाप्रताप सागर चित्तौड़

अति लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
परमाणु नगरी किसे कहा गया है?
उत्तर:
परमाणु नगरी रावतभाटा को कहा गया है।

प्रश्न 2.
राजस्थान का सबसे बड़ा बाँध कौन-सा है?
उत्तर:
राजस्थान का सबसे बड़ा बाँध राणाप्रताप सागर है।

लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
चंबल नदी से हमें क्या-क्या लाभ हैं?
उत्तर:
चंबल नदी के जल की शीतलता पाकर मुख्यधारा से भटके लोग सात्विक जीवन की ओर लौट आए हैं। आज भी अनेक परिवार चंबल के सान्निध्य में शहर की चकाचौंध से दूर जीवन जी रहे हैं। चंबल नदी के पास रहकर वे आगे बढ़ रहे हैं। बंदूक की जगह उन्होंने अपने हाथों में कलम ले ली है।

प्रश्न 2.
बाँध क्यों बनाए जाते हैं?
उत्तर:
बाँध बनने से बहुत लाभ हैं। बाँध बनाकर नदी का। पानी खेती में सिंचाई के लिए प्रयोग में लाया जाता है जिससे खेती लहलहाती है। नदियों का पानी बाँध के द्वारा शुद्धिकरण करके पीने योग्य बनाया जाता है और लोगों की प्यास बुझायी जाती है। बाँध के द्वारा बाढ़ को भी रोका जाता है और पानी से बिजली बनाकर घरों में रोशनी की जाती है।

प्रश्न 3.
नदियों को प्रदूषित होने से बचाने के लिए क्या करना चाहिए?
उत्तर:
नदियों को प्रदूषित होने से बचाने के लिए उसमें कूड़ा-कचरा नहीं डालना चाहिए। उसमें नहाना और कपड़े नहीं धोने चाहिए। जानवरों को नदियों में नहीं नहलाना चाहिए। कल-कारखानों के अपशिष्ट पदार्थ, शहर के गंदे नालों, मृत जानवरों के शव इनमें नहीं फेंकने चाहिए।

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
चंबल नदी हमारे किस व्यवहार से दुखी है? अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
चंबल नदी हमारे अनेक व्यवहार से दुखी है। बरसात के दिनों में जब पूरे क्षेत्र का पानी उमड़ पड़ता है तो वह थोड़ी-सी अहंकारी और अमर्यादित हो जाती है। उसका यह वेग बाढ़ का रूप धारण कर लेता है। इसके लिए उसे दोषी ठहराने से पूर्व हम मनुष्यों को अपनी गलतियों के बारे में भी सोचना चाहिए। पेड़ों की अंधाधुंध कटाई व अवैध खनन ने। भी उसे उग्र किया है। खतरे के निशान से ऊपर होते ही हमको सावधान हो जाना चाहिए। जब उसका वेग प्रचंड होता है तो दुखांतिका घट जाती है। इससे चंबल नदी को बहुत दुःख होता है। हमारी सजगता उसे इस कलंक से बचा सकती है।

प्रश्न 2.
चंबल नदी के किनारे कौन-कौन से दर्शनीय स्थल बने हुए हैं?
उत्तर:
चंबल नदी के किनारे केशोरायपाटन में केशव जी व मुनि सुव्रतनाथ का मंदिर तथा अजीज मक्की साहब की दरगाह देखने योग्य स्थान हैं। इसके अलावा चंबल नदी पालीधाम व रामेश्वरधाम तीर्थ से होकर भी निकलती है। पालीधाम में झरैल के बालाजी व रामेश्वरधाम में चतुर्भुजनाथ जी का आशीर्वाद चंबल नदी को मिला है। सवाईमाधोपुर का रामेश्वरधाम त्रिवेणी सीप व बनास के अथाह का परिचायक है। चंबल नदी के किनारे धौलपुर जिले में कुदिन्ना गाँव में बाबू महाराज के थान की घंटियों से मन शक्ति से भर जाता है। धौलपुर में चंबल सफारी में नौका विहार करते पर्यटक चंबल के खौफनाक जीवन पर सरसता व आनंद लेते

प्रश्न 3.
चंबल नदी राजस्थान के किन-किन जिलों में होकर निकलती है?
उत्तर:
चंबल नदी राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले के चौरासीगढ़ में प्रवेश करती है। चित्तौड़गढ़ जिले की भैंसरोड़गढ़ तहसील में चंबल पर जल राणाप्रताप नाम का बाँध बना है जो राजस्थान का सबसे बड़ा बाँध है। भैंसरोडगढ़ किला राजस्थान का ‘बैल्लोर’ कहलाता है। चंबल नदी राजस्थान के छ: जिलों से होकर गुजरती है। ये जिले हैं-चित्तौड़गढ़, बूंदी, कोटा, सवाईमाधोपुर, करौली व धौलपुर। चंबल नदी के लिए कोटा में उद्यान बनाया गया है। कोटा में ही चंबल पर कोटा बैराज नाम का बाँध बना हुआ है।

भाषा की बात
‘प्रदूषित’ शब्द प्र + दूषित शब्द से बना है।
कुछ शब्दांश शब्द के प्रारंभ में जुड़कर नया शब्द बनाते हैं, उन्हें उपसर्ग कहते हैं, जैसे प्रदूषित शब्द में ‘प्र’ उपसर्ग हैं। पाठ में ‘प्र’ उपसर्ग से बने शब्द छाँटए।
आप भी ‘हार’ शब्द में निम्न उपसर्ग जोड़कर शब्द बनाएँप्र, वि, उप, आ। ‘सु’ उपसर्ग लगाकर तीन शब्द बनाएँ। उत्तर-प्रताप, प्रचंड, प्रियतम, प्रवाह प्रहार, विहार, उपहार, आहार सुयोग, सुगम, सुयश।

पाठ से आगे
प्रश्न 1.
चंबल नदी ने अपने जीवन के बारे में बताया है। आप भी अपने जीवन के बारे में लिखें और कक्षा में सुनाएँ।
उत्तर:
छात्र अपनी आत्मकथा लिखकर कक्षा में सुनाएँ।

यह भी करें
प्रश्न 1.
आपके गाँव या शहर के पास कौन-सी नदी बहती है? यह भी जानें कि इस नदी के पानी का उपयोग किस प्रकार किया जाता है? इस नदी को प्रदूषण से बचाने के लिए आप क्या करेंगे?
उत्तर:
हमारे शहर में यमुना नदी बहती है। इसके कई उपयोग हैं। इसके पानी से औद्योगिक इकाइयों व खेतों में सिंचाई के लिए पानी मिलता हैं और इसके जल का रोज-रोज उपयोग कर कई मनुष्य व पशु-पक्षी अपना जीवन व्यतीत करते हैं। लेकिन अब यह गंदी होती जा रही है। इसको और प्रदूषण से बचाने के लिए हमें इसकी साफ-सफाई का ध्यान रखना चाहिए, आसपास कूड़ा-कचरा नहीं फेंकना चाहिए और पशुओं को नदी में नहलाना भी नहीं चाहिए। इसमें गंदी नालियों और सीवेज का पानी नहीं जाने देना चाहिए और इसके घाटों पर कपड़े आदि नहीं धोने चाहिए जिससे नदी प्रदूषित न हो सके।

प्रश्न 2.
पानी सीमित है। कई स्थानों पर आपने जल की बरबादी देखी होगी। आप इसे रोकने के लिए क्या-क्या उपाय सोचते हैं?
उत्तर:
पानी मनुष्य के जीवन में अमूल्य है। इसके बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है। पानी की एक-एक बूंद कीमती है, इसे बर्बाद नहीं करना चाहिए। कई जगह पर पानी के नल खुले रहते हैं, हमें ऐसे नलों को तुरंत बंद कर देना चाहिए। पानी बेकार में फैलाना नहीं चाहिए, सोच-समझकर ही पानी का प्रयोग करना चाहिए। सड़कों पर अक्सर पानी की पाइप लाइन टूटी रहती है और पानी फैलता रहता है। नगर पालिका को तुरंत पाइप लाइन सही करानी चाहिए। बरसात के पानी को भी इकट्ठा करके रखना चाहिए।

विश्व में उपलब्ध जल का 91 प्रतिशत भाग महासागरों में है, जो पीने के योग्य नहीं है। नदियाँ सतही जल का अच्छा स्रोत हैं। राजस्थान सहित पूरे देश में पेयजल को सुरक्षित करने के लिए नदियों को प्रदूषण से बचाना बहुत आवश्यक है। ‘जल है तो कल है’ जल संरक्षण आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है। अपने आसपास के कुएँ, तालाब व नदियों की सुरक्षा करके तथा लोगों को जागरूक करके आप भी इस कार्य में योगदान कर सकते

अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1.
चंबल नदी का घर कहाँ पर स्थित है
(क) हिमालय पर्वत पर
(ख) विंध्याचल पर्वत पर
(ग) अरावली पर्वत पर
(घ) नीलगिरि पर्वत पर

प्रश्न 2.
मध्यप्रदेश के किस जिले में चंबल की घेराबंदी की गयी
(क) मंदसौर
(ख) इंदौर
(ग) बैल्लौर
(घ) चित्तौड़

प्रश्न 3.
चित्तौड़गढ़ जिले में कहाँ चंबल नदी ने राजस्थान की पवित्र भूमि का स्पर्श किया
(क) रामगढ़
(ख) शक्तिगढ़
(ग) चौरासीगढ़
(घ) रायगढ़

प्रश्न 4.
चंबल सफारी में पर्यटक क्या करते हैं?
(क) पूजा
(ख) नौका विहार
(ग) खेलते
(घ) चढ़ाई
उत्तर:
1. (ख)
2. (क)
3. (ग)
4. (ख)

रिक्त स्थान पूर्ति…..
(निर्जनता, दुर्गम, खौफनाक, सजगता कायाकल्प)

  1. मैं यहाँ से निकली तो यह नहीं सोचा था कि रास्ता इतना …………. होगा।
  2. मैदान और घाटी की …………. का भान नहीं था।
  3. गरजती बंदूकों की …………. जिंदगियों ने मुझे घेरा।

उत्तर:

  1. दुर्गम
  2. निर्जनता
  3. खौफनाक

अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
चंबल नदी के पिता कौन हैं?
उत्तर:
चंबल नदी के पिता विंध्याचल पर्वत हैं।

प्रश्न 2.
चौरासीगढ़ में चंबल ने किस राज्य की पवित्र भूमि का स्पर्श किया?
उत्तर:
चौरासीगढ़ में चंबल ने राजस्थान की पवित्र भूमि का स्पर्श किया।

प्रश्न 3.
बंदूक की जगह क्या देखकर चंबल को खुशी होती है?
उत्तर:
बंदूक की जगह कलम देखकर चंबल को खुशी होती है।

प्रश्न 4.
किसकी सूखी धारा चंबल को विचलित करती
उत्तर:
अपनी सहेली नदियों की सूखी धारा चंबल नदी को विचलित करती है।

लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
चंबल नदी को अपने पिता विंध्याचल की क्या सीख याद आ गयी?
उत्तर:
सबसे पहले जब चंबल नदी की घेराबंदी की गयी तो चंबल को लगा कि उसका कर्तव्य पूरा हो गया, तभी चंबल को अपने पिता की सीख याद आ गयी कि चलते ही रहना चाहिए, यहीं अपना कर्म है। हमेशा चलते रहना और कहीं नहीं रुकना यही कर्मशील होने का मंत्र है।

प्रश्न 2.
किसको पाकर चंबले अपना घर छोड़ने का दर्द भूल गई?
उत्तर:
चंबल नदी अपने मित्रों को पाकर अपना घर छोड़ने का दर्द भूल गई। चंबल नदी के मित्रों में छः जिले आते हैं, जो चित्तौड़गढ़, बूंदी, कोटा, सवाईमाधोपुर, करौली व धौलपुर हैं। चंबल को अनेक सहेलियों ने अकूत जल का उपहार देकर मालामाल कर दिया।

प्रश्न 3.
चंबल को रहीम क्यों याद आए?
उत्तर:
कोटा बैराज में कैद होने के बाद चंबल दुखी हुई। लेकिन जब उसने देखा कि उसके कैद होने से लोगों का जीवन खुशहाल हो रहा है तो उसे रहीम याद आए। उन्होंने कहा था कि पेड़ अपना फल स्वयं नहीं खाता है और तालाब अपना पानी स्वयं नहीं पीता इसी तरह दूसरों के हित के लिए सज्जन पुरुष संपत्ति अर्जित करते हैं।

प्रश्न 4.
चंबल नदी का गला क्यों भर आता है?
उत्तर:
आज भी अनेक गाँवों की सूखी धरती व प्यासे लोगों को देखकर चंबल का गला भर आता है। वह चाहती हैं कि सवाई माधोपुर व भरतपुर जिलों के अलावा करौली व धौलपुर जिलों में भी लिफ्ट योजना द्वारा उसके जल से हरियाली आ जाए तो वह इसे अपने जीवन की सार्थकता मानेगी।

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
चंबल नदी जब अपने घर से निकली तो उसके साथ क्या-क्या घटित हुआ?
उत्तर:
चंबल नदी जब विंध्याचल पर्वत की जनापाव पहाड़ी यानि अपने घर से निकली तो उसने यह नहीं सोचा था कि उसका रास्ता इतना कठिन होगा। उसे नहीं पता था कि वह कितने गाँव और शहरों से होकर निकलेगी। चंबल की छोटी-सी धार सरसराती हुई निकल पड़ी। पहाड़ों के कठिन जीवन का तो उसे अनुभव था परंतु मैदान व घाटी की निर्जनता का उसे पता नहीं था। लोगों का प्यार और स्नेह उसे मिलता गया और वह बढ़ती चली गयी। किसी की उसके घरघराते प्रवाह को देखकर सिट्टी-पिट्टी गुम हो गयी तो कोई अभावों की दुनिया में आशा की एक किरण के रूप में उसे देख रहा था, लेकिन मंदसौर जिले में सर्वप्रथम चंबल की घेराबंदी कर दी गयी। उसका नाम गांधीसागर बाँध रखा गया।

प्रश्न 2.
चंबल नदी को चंबल मैया’ का दर्जा किस प्रकार मिला?
उत्तर:
चंबल नदी कहती है कि राजस्थान व मध्य प्रदेश के बीच 250 किलोमीटर की सीमा में मुझे जो प्यार व स्नेह मिला उसे मैं भुला नहीं सकती। मुझे ‘चंबल मैया’ कहा जाता है। मैं माँ का दर्जा पाकर धन्य हो गई। मैं अपनी संतति के लिए सब कुछ देने को तैयार हूँ। लिफ्ट लगाकर मेरा जल कहीं भी ले जाओ, बाँध बनाकर बिजली बनाओ या उद्योग, खेती और उद्यानों को सिंचित करो। परंतु मां के अस्तित्व के लिए एक विनती है कि कल-कारखानों के अपशिष्ट पदार्थ, शहर के गंदे नाले, मृत जानवरों के शव आदि मुझमें मत फेंको। इनसे मेरा दम घुटता है। मेरी सखियाँ भी इसी बीमारी से दम तोड़ रही हैं।

कठिन शब्दार्थ

दुर्गम = कठिन। सरसराती = लहराती। अनुभव = जानकारी। निर्जनता = सुनसान। भान = ज्ञान। घरघराते = आँवर। घेराबंदी = सेतु बाँधना, बाँध। इतिश्री = कार्य संपूर्ण हो जाना। चरैवेति = चलते रहना। सतत = निरंतर। शुभंकर = मूल मंत्र। पवित्र = शुद्ध, पावन। भूमि = जमीन। स्पर्श = छूना। भरकाओं = भयंकर। डाँग = सुनसान। जमात = समूह। कुतूहल = आश्चर्य। सात्विक = सादा, निर्मल। क्रोड = निकट, सान्निध्य। सुगम = सरल। दुर्ग = किला। फूली नहीं समायी = बहुत खुश हुई। अक्षुण्ण = कभी नष्ट न होने वाला। अकृत = असीमित। विचलित = परेशान। सदानीरा = सदैव जल से युक्त। सरस = अच्छा। उद्यान = बगीचा। कायाकल्प = परिवर्तन। विभीषिका = कहर। आशीष = आशीर्वाद। परिचायक = परिचय देने वाला। आप्लावित = भर उठता है। पर्यटक = भ्रमण करने वाले। खौफनाक = डरावना। सार्थकता = अर्थपूर्ण। अहंकारी = घमंडी। अमर्यादित = मर्यादा से परे। वेग = तेज धारा। धारण = धरना। अवैध = कानून से परे। उग्र = भयंकर। प्रचंड = बहुत तेज। दुखांतिक = दुर्घटना। पीड़ा = दु:ख। सजगता = सावधान, सतर्कता। कलंक = दोष। संतति = संतान। अस्तित्व = आधार। कृतज्ञ = आभारी होना। निर्मल = स्वच्छ। चकाचौंध = आश्चर्यचकित होना। सुलभ = आसानी से उपलब्ध होना। नित्यवाहिनी = रोजाना बहने वाली। अथाह = जिसकी कोई थाह न हो। आकर्षण = लुभाना अपनी ओर खींचना। मुख्य धारा = उद्देश्य।

गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या एवं अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर

(1)
मैं चंबल हूँ। विंध्याचल पर्वत की जनापाव पहाड़ी मेरा घर है। यह स्थान मध्यप्रदेश के इंदौर जिले में मऊ के पास है। मैं यहाँ से निकली तो यह नहीं सोचा था कि रास्ता इतना दुर्गम होगा। कितने गाँव-शहर मेरे अपने होंगे। मैं छोटी-सी धार सरसराती निकल पड़ी। पहाड़ों के कठिन जीवन का थोड़ा अनुभव था, लेकिन मैदान व घाटी की निर्जनता का भान नहीं था। लोगों का प्यार और स्नेह मिलता गया, मैं बढ़ती गई।
प्रसंग—प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य-पुस्तक के ‘चंबल की आत्मकथा’ नामक पाठ से लिया गया है। इन पंक्तियों में चंबल नदी ने अपने उद्गम स्थल के बारे में बताया है।
व्याख्या/भावार्थ—चंबल नदी अपना परिचय देते हुए कहती है कि मध्यप्रदेश के इंदौर जिले में मऊ के पास विंध्याचल पर्वत की जनापाव पहाड़ी मेरा घर हैं। अपने घर से निकलते वक्त मैंने यह नहीं सोचा था कि मेरा रास्ता इतना कठिन होगा | और कितने शहर और गाँव मेरे अपने हो जायेंगे अर्थात् मैं उनके बीच से बहती हुई चली जाऊँगी। पहाड़ों के कठिन जीवन की तो जानकारी थी परंतु मैदान व घाटी के सुनसानपन से अनजान थी। लोगों के प्यार और स्नेह के साथ मैं बढ़ती चली गयी।

प्रश्न 1.
चंबल का घर कहाँ है?
उत्तर:
चंबल का घर विंध्याचल पर्वत की जनापाव पहाड़ी पर है।

प्रश्न 2.
घर से निकलते वक्त चंबल ने क्या नहीं सोचा था?
उत्तर:
घर से निकलते वक्त चंबल ने यह नहीं सोचा था, कि रास्ता इतना कठिन होगा।

प्रश्न 3.
चंबल को किसका अनुभव था?
उत्तर:
चंबल को पहाड़ों के कठिन जीवन का अनुभव था।

प्रश्न 4.
क्या मिलने चंबल बढ़ती गई?
उत्तर:
लोगों के प्यार और स्नेह के मिलने से चंबल बढ़ती गई।

(2)
मुख्य धारा से भटके जन मेरी शीतलता पाकर सात्विक जीवन में लौटे। आज भी अनेक परिवार मेरी क्रोड़ में शहर की चकाचौंध से दूर जीवन जी रहे हैं। मैं अपनी वीरानी के बीच उन्हें बढ़ते देखना चाहती हूँ। बंदूक की जगह कलम देखकर मुझे खुशी होती है। मैंने अपने मार्ग में ऊबड़-खाबड़ धरातल, टेढ़े-मेढ़े रास्तों से कभी भय नहीं खाया। धैर्य नहीं छेड़ा। युग बदला, शासन बदला, पुल बने, मार्ग सुगम हुए।
प्रसंग—प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक के ‘चंबल की आत्मकथा’ नामक पाठ से लिया गया है। इन पंक्तियों में चंबल ने अपने निकट रहने वाले परिवारों के बारे में बताया है।
व्याख्या/भावार्थ—इन पंक्तियों में चंबल कह रही है कि उद्देश्य से भटके हुए लोग मेरी ठंडक पाकर सादा जीवन में लौट आए हैं। आज भी अनेक परिवार मेरे सान्निध्य में शहर की दिखावटी जिंदगी से दूर खुशहाल जीवन जी रहे हैं। मैं खामोश रहते हुए उन्हें आगे बढ़ते हुए देखना चाहती हैं। जिन हाथों में बंदूक होती थी वहाँ कलम देखकर मुझे खुशी होती है। मैं अपने रास्ते में आये ऊबड़-खाबड़ जमीन और टेढ़े-मेढे रास्तों से कभी नहीं डरी। मैंने अपना सब्र नहीं खोया । समय बदला, शासन बदला, पुल बन गये और रास्ता सरल होता चला गया।

प्रश्न 1.
मुख्यधारा से भटके लोग सात्विक जीवन में कैसे लौटे?
उत्तर:
मुख्यधारा से भटके लोग चंबल की शीतलता पाकर सात्विक जीवन में लौटे।

प्रश्न 2.
अनेक परिवार किससे दूर रहकर चंबल के निकट रह रहे हैं?
उत्तर:
अनेक परिवार शहर की चकाचौंध से दूर रहकर चंबल के निकट रह रहे हैं।

प्रश्न 3.
चंबल किसके बीच उन्हें बढ़ते देखना चाहती है?
उत्तर:
चंबल अपनी वीरानी के बीच उन्हें बढ़ते देखना चाहती

प्रश्न 4.
चंबल ने अपने मार्ग में किससे भय नहीं खाया?
उत्तर:
चंबल ने अपने मार्ग में ऊबड़-खाबड़ और टेढ़े-मेढ़े रास्तों से कभी भय नहीं खाया।

(3)
परन्तु माँ के अस्तित्व के लिए एक विनती है कि कल-कारखानों के अपशिष्ट पदार्थ, शहर के गंदे नाले, मृत जानवरों के शव आदि मुझमें मत फेंको। इनसे मेरा दम घुटता है। मेरी सखियाँ इसी बीमारी से दम तोड़ रही हैं। शास्त्रों में कहा गया है कि जो धर्म की रक्षा करते हैं धर्म उनकी रक्षा करता है। आप मेरी रक्षा करेंगे तो मैं आपकी रक्षा करूंगी। उपकार करोगे तो उससे मैं सदैव कृतज्ञ रहूँगी।
प्रसंग—प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक के ‘चंबल की आत्मकथा’ नामक पाठ से लिया गया है। इन पंक्तियों में चंबल अपने अस्तित्व के लिए लोगों से प्रार्थना करती है।
व्याख्या/भावार्थ—चंबल नदी विनती करती हुई कहती है कि मेरा अस्तित्व बचाने के लिए मैं सबसे प्रार्थना करती हैं। कि कल-कारखानों के अपशिष्ट पदार्थ, शहर के गंदे नालों का पानी, मृत जानवरों के शव आदि मुझमें मत फेंको। इनसे मेरा पानी दूषित होता है। मेरी तरह और नदियाँ (सखियाँ) भी इसी तरह प्रदूषित हो रही हैं। शास्त्रों में कहा गया है कि जो धर्म की रक्षा करता है धर्म उसकी रक्षा करता है। आप मेरी रक्षा करेंगे तो मैं आपकी रक्षा करूंगी। मेरे ऊपर उपकार करोगे तो उससे मैं सदैव ऋणी रहेंगी।

प्रश्न 1.
चंबले क्या विनती करती है?
उत्तर:
चंबल विनती करती है कि कल-कारखानों के अपशिष्ट पदार्थ, शहर के गंदे नाले, मृत जानवरों के शव मुझमें मत फेंको।

प्रश्न 2.
मेरी सखियाँ इसी बीमारी से दम तोड़ रही हैं? इसे पंक्ति में सखियाँ कौन हैं?
उत्तर:
इस पंक्ति में सखियाँ अन्य नदियों के बारे में कहा गया है।

प्रश्न 3.
शास्त्रों में क्या कहा गया है?
उत्तर:
शास्त्रों में कहा गया है कि जो धर्म की रक्षा करते हैं, धर्म उनकी रक्षा करता है।

प्रश्न 4.
उपकार करने पर चंबल सदैव क्या रहने को कहती
उत्तर:
उपकार करने पर चंबल सदैव कृतज्ञ रहने को कहती

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