RBSE Solutions for Class 6 Hindi Chapter 3 मच्छड़बाबू

RBSE Solutions for Class 6 Hindi Chapter 3 मच्छड़बाबू are part of RBSE Solutions for Class 6 Hindi. Here we have given Rajasthan Board RBSE Class 6 Hindi Chapter 3 मच्छड़बाबू.

Board RBSE
Textbook SIERT, Rajasthan
Class Class 6
Subject Hindi
Chapter Chapter 3
Chapter Name मच्छड़बाबू
Number of Questions Solved 46
Category RBSE Solutions

Rajasthan Board RBSE Class 6 Hindi Chapter 3 मच्छड़बाबू

पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नोत्तर

पाठ से
उच्चारण के लिए
कृपा, श्रीयुत्, दर्शन, प्रणाम, आश्चर्य।
नोट—छात्र-छात्राएँ स्वयं उच्चारण करें।

सोचें और बताएँ
प्रश्न 1.
‘मेरा राग सुरीला है’ किसने किससे कहा?
उत्तर:
‘मेरा राग सुरीला है’ यह बात मच्छड़ ने बालक से कही।

प्रश्न 2.
मच्छड़बाबू के काटने से कौन-सा बुखार हो जाता
उत्तर:
मच्छड़बाबू के काटने से मलेरिया या जूड़ीताप बुखार हो जाता है।

प्रश्न 3.
मच्छड़बाबू का राग सुरीला क्यों है?
उत्तर:
मच्छड़बाबू का राग सुरीला इसलिए है क्योंकि वह रोज खून पीता है।

लिखें
बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1.
मलेरिया होने का कारण है
(क) कुत्ते का काटना
(ख) मधुमक्खी का काटना
(ग) मच्छर का काटना
(घ) ततैया का काटना

प्रश्न 2.
मलेरिया बुखार को किस दूसरे नाम से जाना जाता है
(क) हैजा
(ख) जूड़ीताप
(ग) डेंगू
(घ) प्लैग
उत्तर:
1. (ग)
2. (ख)

अति लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
मच्छड़बाबू कहाँ पैदा होते हैं?
उत्तर:
मच्छड़बाबू नालियों/पानी के गड्ढों में पैदा होते हैं।

प्रश्न 2.
“ओ हो! तब तो आप बड़े परोपकारी हैं।” यह वाक्य किसने कहा?
उत्तर:
“ओ हो! तब तो आप बड़े परोपकारी हैं।” यह वाक्य बालक ने मच्छड़बाबू से कहा।

प्रश्न 3.
मलेरिया होने पर कौन-सी दवाई खाने की बात कही गई है?
उत्तर:
मलेरिया होने पर कुनैन और उससे मिलती-जुलती दवाई खाने की बात कही गई है।

लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
मच्छड़बाबू किस बात का पाठ पढ़ाते हैं और क्यों?
उत्तर:
मच्छड़बाबू सफाई का पाठ पढ़ाते हैं क्योंकि जो लोग घर साफ नहीं रखते हैं या जिनके घर के आस-पास कीचड़ भरे गड्ढे या रुके हुए पानी की नालियाँ होती हैं, उन्हें मच्छड़बाबू सजा देते हैं।

प्रश्न 2.
मच्छड़बाबू किसे सजा देते हैं और कैसे?
उत्तर:
मच्छड़बाबू उन लोगों को सजा देते हैं जो साफ नहीं रहते हैं। सबसे पहले वह उनके कान या नाक में और यदि मुँह खुला मिला तो उसमें घुस जाता है। इससे भी वह नहीं चेतते तो मच्छड़बाबू उन्हें काट लेते हैं।

प्रश्न 3.
मलेरिया बुखार के क्या लक्षण होते हैं?
उत्तर:
मच्छड़बाबू लोगों को काटकर उनके खून में रोग के कीटाणु छोड़ देते हैं। कुछ दिनों के बाद जोर से ठंड लगती है। और तेज बुखार आ जाता है।

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
मच्छरों से फैलने वाले रोग कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
मच्छर गंदगी में पैदा होते हैं। नर मच्छर फूलों का रस पीते हैं तथा मादा मच्छर जीव-जंतुओं का खून चूसती हैं। मादा ऐनोफिलिज मच्छर खून चूसने के पश्चात् शरीर में मलेरिया के कीटाणु छोड़ देती है। मादा एडीस मच्छर भी इसी तरह डेंगु फैलाती हैं। मच्छरों के काटने से कई तरह के रोग फैलते हैं; जैसे-मलेरिया, डेंगू, चिकुनगुनिया आदि । मलेरिया होने पर ठंड से तेज बुखार आ जाता है और इंसान अपने हाथ-पैर नहीं हिला पाता है। डेंगू बुखार होने पर मनुय के शरीर में रक्त कोशिकाएँ कम हो जाती हैं और इंसान का बचना मुश्किल हो जाता है। इसी तरह चिकुनगुनिया बुखार होने पर मनुष्य के हाथ-पैरों में बहुत दर्द होता है और टेढ़े-मेढ़े भी हो जाते हैं।

प्रश्न 2.
मच्छरों से बचने के उपायों के बारे में विस्तार से लिखिए।
उत्तर:
मच्छरों से बचने के निम्नलिखित उपाय हैं

  1. अपने घर की और घर के आस-पास की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
  2. नालियों और गड्ढों में पानी जमा नहीं होना चाहिए।
  3. जमे हुए पानी में डी.डी. टी. या मिट्टी के तेल आदि का छिड़काव समय-समय पर करना चाहिए।
  4. बच्चों को पूरी बाँहों के कपड़े पहनाने चाहिए।
  5. बच्चों को मलेरिया, डेंगू, चिकुनगुनिया आदि के टीके लगवाने चाहिए।
  6. मच्छर भगाने वाली क्रीम और बत्ती का प्रयोग करना चाहिए।
  7. रात को सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करना चाहिए।
  8. मच्छर द्वारा काटे जाने से बुखार होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। उपर्युक्त उपाय करने से मच्छरों से बचाव संभव है।

भाषा की बात
1. सुर शब्द में ‘ईला’ जुड़ने पर सुरीला शब्द बनता है।
प्रश्न.
आप भी निम्नलिखित शब्दों में ‘ईला’ जोड़कर देखो कि नए शब्द क्या बनते हैं- जहर, हठ, नशा, रंग, चमक
उत्तर:
जहरीला, हठीला, नशीला, रंगीला, चमकीला।

2. जो शब्दांश किसी शब्द के अंत में जुड़कर उसके अर्थ में परिवर्तन कर दे या नया शब्द बना दे, उसे प्रत्यय कहते हैं। निम्नलिखित प्रत्यय लगाकर तीन-तीन शब्द बनाओता, ई, ईय

  1. ता + मानव-ता = मानवता, समान + ता = समानता, व्याकुल + व्याकुलता
  2. ई-चाची + ई = चाची, दादा + ई = दादी, नाना + ई = नानी।
  3. ईय- भारत + ईय = भारतीय, दर्शन + ईय = दर्शनीय, प्रार्थना + ईय = प्रार्थनीय।

आपने कक्षा पाँच में ‘र’ के विभिन्न रूपों के बारे में पढ़ा था; जैसे- प्रश्न, राम, धर्म, राष्ट्र।

हिंदी भाषा में ‘र’ निम्न रूपों में लिखा जाता है
‘र’ व्यंजन के रूप में (स्वर सहित) अपने मूल रूप में आता है।
‘र’ व्यंजन के पहले आता है तो जहाँ उच्चरित होता है उसके आगे वाले वर्ण के ऊपर ‘आता है-जैसे-कर्म, वर्ण। यदि हलंत व्यंजन के बाद ‘र’ आता है तो ‘,’ रूप में लिखा जाता है; जैसे-प्रकाश, भ्रम। ‘र’ यदि , ठ, ड, ढ के बाद प्रयुक्त होता है तो उसके हलंत के साथ जुड़कर टू, डु आदि रूप में लिखा जाता है; जैसे-ट्रक, राष्ट्र, ड्रम आदि।

प्रश्न.
आप भी ‘र’ के रूप वाले तीन-तीन शब्द लिखिए।
उत्तर:
व्यंजन के पहले-गर्म, शर्म, धर्म।
व्यंजन के बाद-क्रम, श्रम, प्रकार।
स्वर रहित द्, ठ, ड, ढ के बाद-ट्रेन, ड्रेन, ट्रक।

पाठ से आगे
प्रश्न 1.
आपके घरों में मच्छरों से बचने के लिए और क्या-क्या उपाय करते हैं? लिखिए।
उत्तर:
हम अपने घरों में मच्छरों से बचने के लिए घर की स्वच्छता का विशेष ध्यान रखते हैं। घर के कूलर के पानी में कीटाणुनाशक दवा का छिड़काव करते हैं। घर का पानी ढककर रखते हैं। घर में फिनायल आदि का पोंछा लगाते हैं। घर के सभी सदस्यों को मच्छर भगाने वाली क्रीम लगाते हैं। और पूरी बाँह के कपड़े पहनते हैं। रात को सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करना चाहिए।

प्रश्न 2.
गंदगी से मच्छर अधिक पैदा होते हैं। गंदगी से अन्य कौन कौनसी बीमारियाँ होती हैं? जानकारी करके लिखिए।
उत्तर:
गंदगी से अनेक बीमारियाँ उत्पन्न होती हैं। गंदगी में मक्खी-मच्छर आदि रहते हैं वहीं उड़कर हमारे खाने-पीने की चीजों पर बैठ जाते हैं। जिससे हैजा, टायफाइड, उल्टी, दस्त आदि बीमारियाँ पैदा हो जाती हैं। इसी तरह दूषित पानी पीने से पीलिया आदि बीमारी हो जाती है।

यह भी करें
प्रश्न 1.
मलेरिया एक विशेष मच्छर के काटने से होता है। उस मच्छर का नाम पता कीजिए।
उत्तर:
मलेरिया मादा एनोफिलिज नामक मच्छर के काटने से होता है।

प्रश्न 2.
मलेरिया व डेंगू जैसी बीमारियों के लिए परंपरागत इलाज के बारे में पता कीजिए।
उत्तर:
मलेरिया व डेंगू जैसी बीमारियों के इलाज में पेट साफ रखा जाता है। देशी जड़ी-बूटियाँ गिलोय, लौंग, कालीमिर्च आदि का काढ़ा पिलाया जाता है। कुनैन और उससे मिलती-जुलती दवाइयों का सेवन किया जाता है और डॉक्टर से परामर्श लिया जाता है।

प्रश्न 3.
भारत सरकार व राज्य सरकार द्वारा ‘स्वच्छता अभियान चलाया गया है, उसके बारे में अपने शिक्षकों से जानकारी प्राप्त कीजिए।
उत्तर:
हमारे देश के प्रधानमंत्री और राज्य के मुख्यमंत्री द्वारा ‘स्वच्छता अभियान की शुरुआत की गयी। इसमें जनता से अपील की गयी है कि प्रत्येक भारतवासी को अपने घर तथा घर के आस-पास की सफाई का विशेष ध्यान रखना है और जो लोग सफाई की समझ नहीं रखते हैं उसे सफाई के प्रति जागरूक करना ही ‘स्वच्छता अभियान’ का उद्देश्य है। तभी तो हमारा भारत बनेगा-स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत।

अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

बहुविकल्पीय
प्रश्न 1.
लोगों को बीमार करने के लिए मच्छर क्या करता है
(क) पीटता
(ख) काटता
(ग) फेंकता
(घ) कान मरोड़ता।

प्रश्न 2.
मलेरिया बुखार आने पर क्या खाना चाहिए
(क) खाना
(ख) चाट
(ग) कुनैन
(घ) मिठाई

प्रश्न 3.
घर के आस-पास नाली में क्या डालना चाहिए
(क) पाउडर
(ख) क्रीम
(ग) डी.डी.टी.
(घ) इत्र।

प्रश्न 4.
मच्छर की सबसे बड़ी शत्रु कौन है
(क) मक्खियाँ
(ख) मच्छरदानी
(ग) इंसान
(घ) बिल्ली
उत्तर:
1. (ख)
2. (ग)
3. (ग)
4, (ख)

रिक्त स्थान पूर्ति..

  1. नालियों और ………. में पानी जमा नहीं होना चाहिए।
  2. रात को सोते समय ………. को प्रयोग करना चाहिए।
  3. बच्चों को मलेरिया, डेंगू, चिकुनगुनिया आदि के …….. लगवाने चाहिए।
  4. मच्छरदानी मच्छर की ……………. है।

उत्तर:

  1. गड्ढों
  2. मच्छरदानी
  3. टीके
  4. शत्रु।

अति लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
मच्छड़बाबू ने अपने और कौन-से दो नाम बताये
उत्तर:
मच्छड़बाबू ने अपने नाम नालीप्रसाद और गड्ढाचंद बताये हैं।

प्रश्न 2.
मच्छर कहाँ पैदा होते हैं?
उत्तर:
मच्छर कीचड़ भरे गड्ढे व रुके हुए पानी की नालियों में पैदा होते हैं।

प्रश्न 3.
मच्छर बड़े-बड़े पहलवानों को भी कैसे चित्त करता है?
उत्तर:
मच्छर बड़े-बड़े पहलवानों को काटकर उनमें कीटाणु छोड़ देता है, जिससे वे चित्त हो जाते हैं।

प्रश्न 4.
नालियों और गड्ढों के रुके हुए पानी में किस चीज का छिड़काव करना चाहिए?
उत्तर:
नालियों और गड्ढों के रुके हुए पानी में डी.डी.टी. और अन्य कीटाणुनाशक दवाओं का छिड़काव करना चाहिए।

लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
मच्छर अपना राग सुरीला होने का क्या कारण बताता है?
उत्तर:
मच्छर अपना राग सुरीला होने का कारण खून बताता है। जिसे पीकर उसे अपने पंख फड़फड़ाने की शक्ति मिलती है। जिससे वह भन-भन की आवाज निकालता है।

प्रश्न 2.
मच्छर के आस-पास होने से लोगों पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर:
मच्छर के आस-पास होने से लोगों में बीमारी होने का भय बना रहता है और वे अपने घर और घर के आस-पास की जगह की साफ-सफाई रखने के लिए अधिक जागरूक हो जाते हैं।

प्रश्न 3.
बालक मच्छर से मलेरिया के अलावा और किस से बचाव का उपाय पूछता है?
उत्तर:
बालक मच्छर से कहता है कि मलेरिया या जूड़ीताप होने पर वह भी कुनैन या उससे मिलती-जुलती दवाएँ खाएगा। लेकिन साथ ही साथ वह मच्छर से उससे बचने का उपाय भी पूछता है।

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
सरकार द्वारा मच्छरों को भगाने के क्या उपाय किये जाते हैं?
उत्तर:
सरकार द्वारा समय-समय पर मलिन बस्तियों में सफाई अभियान चलाया जाता है और वहाँ की गंदगी साफ की जाती है, जिससे मच्छर न पनपने पायें । सरकार और सामाजिक संस्थाएँ जन जागरण अभियान चलाकर लोगों को सफाई के लिए जागरूक करते हैं, ताकि वह स्वच्छता पर विशेष ध्यान दें और मच्छरों से बचाव हो सके। सरकार नालियों और गड्ढों की भी सफाई आदि समय-समय पर कराती रहती है जिससे गंदे पानी में मच्छर न पनपने पायें। सरकार अखबारों और टेलीविजन विज्ञापन के द्वारा भी लोगों को मच्छरों से बचाव के लिए जागरूक करती हैं। सरकार द्वारा हर गली और मोहल्ले में फागिंग भी करायी जाती है जिससे मच्छर मर जाते हैं।

कठिन शब्दार्थ

वेश = पहनावा। सुरीले = मीठे स्वर चाला। सौभाग्य = अच्छा भाग्य। कृपा = दया। दास = नौकर। दर्शन = दिखायी देना, देखना। परोपकारी = भला करने वाला। सजा = दंड। महाशय = बड़ा व्यक्ति। निश्चय = वास्तव, अवश्य, सचमुच। उपकार = भला। प्रणाम = नमस्कार। बल = शक्ति। पछाड़ = हराना। दाँव = चाल चलना। चित = धराशायी करना, निर्बल करना। आश्चर्य = हैरानी। रोग = बीमारी। कीटाणु = रोग पैदा करने वाले छोटे-छोटे जीव। जूड़ीताप = ठंड लगकर कपकपी के साथ आने वाला बुखार। उपाय = तरकीब। डर से काँपना = भयभीत होना। दवाइयाँ = रोग दूर करने की औषधि। स्वच्छता = साफ-सफाई। डी.डी. टी. = रोग के कीटाणु मारने की दवा। मच्छरदानी = जालीदार कपड़े से बना जिसमें मच्छर नहीं घुस पाते। धमकाना = डाँटना। चेतते = जागरूक। चालाक = चतुर। शत्रु = दुश्मन। गुस्सा = क्रोध।

गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या एवं अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर

(1)
बालक : आप कौन हैं? आपका राग तो बड़ा सरीला है।
मच्छड़ : मेरा राग सुरीला है। क्यों न होगा मेरा राग सुरीला? क्या तुम जानते नहीं कि मैं हर रोज कितना खून पीता हूँ।
बालक : क्या कहा! आप हर रोज खून पीते हैं, क्या इसीलिए आपका राग सुरीला है?
मच्छड़ : हाँ! मुझे ऐसा लगता है कि तुम मुझे पहचानते नहीं हो।
बालक : हाँ भाई, आज तक तो मुझे तुमसे मिलने का सौभाग्य नहीं मिला।
मच्छड़ : मुझे लोग मच्छड़बाबू कहकर पुकारते हैं। मैं नालियों और पानी के गड्ढों में पैदा होता हैं। इसीलिए मुझे आप नालीप्रसाद या गड्ढाचंद भी कह सकते हैं।
बालक : ओ हो ! तो आप श्री नालीप्रसादजी, गड्ढाचंदजी या मच्छड़बाबूजी हैं। बड़ी कृपा की आपने जो इस दास को दर्शन दिए।
मच्छड़ : (हँसते हुए) हैं हैं हैं……अजी इसमें कृपा की कौन-सी बात है? कृपा करना तो मेरा धंधा ही है। मैं तो ऐसी कृपा रोज बहुतों पर करता हूँ।

प्रसंग—प्रस्तुत गद्य पंक्तियाँ हमारी पाठ्य-पुस्तक में संकलित पाठ ‘मच्छड़ बाबू’ से ली गयी हैं। इसके लेखक बलदेव प्रसाद हैं। इन पंक्तियों में एक मच्छर द्वारा एक बालक को अपना परिचय देते हुए दर्शाया गया है।
व्याख्या/भावार्थ—लेखक कहते हैं कि भन-भन की आवाज सुनकर बालक पूछता है कि आपका परिचय क्या है? आप बहुत मीठा गाते हैं। तो मच्छर ने कहा, कि तुम्हें मेरा राग मीठा लगा है और हो भी क्यों न? तुम्हें पता है मैं हर रोज बहुत सारा खून पी जाता हूँ। बालक बहुत आश्चर्य से पूछता है कि आप रोज खून पीते हो और इसीलिए आप इतना मीठा गाते हो तो मच्छर ने जवाब दिया–हाँ! मैं इसीलिए मीठा गाता हैं। क्या तुम मुझे पहचानते हो? तो बालक ने कहा नहीं, क्योंकि मेरे आज तक इतने अच्छे भाग्य नहीं रहे कि मैं आपसे मिल सकें। मच्छर ने अपना परिचय देते हुए कहा कि मुझे सब लोग मच्छड़बाबू कहकर बुलाते हैं। मैं नालियों और गड्ढे के पानी में पैदा होता हैं। इसीलिए मेरे दूसरे नाम नालीप्रसाद या गड्ढाचंद भी हैं। बालक ने उत्साहित होकर कहा कि आप श्री नालीप्रसाद, गड्ढाचंदजी और मच्छड़बाबूजी हैं। आपने मेरे ऊपर बहुत दया की जो आप मुझे दिखायी दे गये।

प्रश्न 1.
बालक ने मच्छर से क्या पूछा?
उत्तर:
बालक ने मच्छर से पूछा कि आप कौन हैं? आपका राग तो बड़ा सुरीला है।

प्रश्न 2.
मच्छर ने अपना राग सुरीला होने का क्या कारण बताया?
उत्तर:
मच्छर ने अपना राग सुरीला होने का कारण मनुष्यों का खून पीना बताया।

प्रश्न 3.
क्या बालक मच्छर को पहचानता था?
उत्तर:
नहीं, बालक मच्छर को नहीं पहचानता था, क्योंकि इससे पहले वह मच्छर से नहीं मिला था।

प्रश्न 4.
मच्छर ने अपने और क्या-क्या नाम बताए?
उत्तर:
मच्छर ने अपने नाम मच्छड़बाबू, श्री नालीप्रसाद और गड्ढाचंद बताए।

(2)
मच्छड़ : सुनो, मलेरिया या जूड़ीताप होने पर कुनैन और उससे मिलती-जुलती दवाइयाँ खानी चाहिए। पेट साफ रखना चाहिए।
बालक : अच्छा-अच्छा! मैं जुड़ीताप से छुटकारा पाने के लिए कुनैन और उससे मिलती-जुलती देवाइयाँ भी खाऊँगा। पेट भी साफ रखेंगा (पेट और पीठ पर हाथ रखता है) साथ ही साथ, आपसे बचने का उपाय भी बता दीजिए।
मच्छड़ : (हँसता है) तुम बहुत चालाक हो। अच्छा बताता हैं। मुझसे बचने का उपाय है-घर में स्वच्छता रखना। घर के आस-पास जो नाली और गड्ढे हों, उनमें डी.डी.टी. डालना या कोई ऐसी दवाई छिड़कना, जिससे कीटाणु मर जाते हैं।

प्रसंग—प्रस्तुत गद्य खंड हमारी पाठ्य-पुस्तक में संकलित ‘मछड़ बाबू’ नामक पाठ से लिया गया है। इसके लेखक बलदेव प्रसाद हैं। इन पंक्तियों में बालक बातों ही बातों में मलेरिया से बचाव की दवाइयाँ मच्छर से पूछता है।
व्याख्या/भावार्थ—बालक मच्छर से पूछता है, कि अच्छा आप बताइये कि मलेरिया बुखार होने पर उसे ठीक करने के लिए कौन-सी दवाइयाँ खायी जाती हैं? तो मच्छर उसे बताता है कि मलेरिया होने पर कुनैन और उसी की तरह अन्य दवाइयाँ खानी चाहिए और पेट साफ रखना चाहिए। बालक कहता है कि ठीक है, मैं बुखार से छुटकारा पाने के लिए कुनैन और उसी की तरह अन्य दवाइयों का सेवन करूंगा और अपना पेट भी साफ रखेंगा, लेकिन साथ में आप अपने से बचने का उपाय भी बता दीजिए। मच्छर हँसते हुए कहता है कि तुम बहुत चतुर बच्चे हो। चलो मैं तुम्हें अपने से बचने का उपाय बताता हूँ। सबसे पहले तो घर की साफ-सफाई अच्छी तरह से करनी चाहिए। घर के आस पास की नालियों और गड्ढों में भरे हुए पानी में डी.डी.टी. या अन्य दवाइयों का छिड़काव करना चाहिए जिससे रोग पैदा करने वाले जीव मर जाएँ।

प्रश्न 1.
मलेरिया होने पर मच्छर ने कौन-सी दवाइयाँ बताय?
उत्तर:
मलेरिया होने पर मच्छर ने कुनैन और उससे मिलती-जुलती दवाइयाँ खाने को बताय और पेट साफ रखना चाहिए।

प्रश्न 2.
बालक मच्छर से क्या पूछता है?
उत्तर:
बालक मच्छर से उससे बचने का उपाय पूछता है।

प्रश्न 3.
मच्छर ने बालक से हँसते हुए क्या कहा?
उत्तर:
मच्छर ने बालक से हँसते हुए कहा कि तुम बहुत चालाक हो।

प्रश्न 4.
मच्छर से बचने के क्या उपाय हैं?
उत्तर:
मच्छर से बचने के लिए घर में स्वच्छता रखनी चाहिए और घर के आस पास के नाली, गड्ढों में डी. टी. टी. तथा कोई ऐसी दवाई छिड़कनी चाहिए जिससे मच्छर मर जाएँ।

(3)
बालक : मच्छरदानी से आपको क्या संबंध है?
मच्छड़: ओफ-ओ। मच्छरदानी मेरी शत्रु है, समझे। उसे लगाकर जो लोग सोते हैं उनका खून मैं नहीं पी सकता। उन्हें मैं पछाड़ नहीं सकता। तुमने मच्छरदानी का नाम लेकर मुझे | गुस्सा दिलाया है…हाँ।
बालक : (कान पकड़कर और गालों पर मारते हुए) भूल हुई। (जाते-जाते) अब मैं चलता हूँ। मुझे आपसे डर लगता है लेकिन मच्छड़बाबू! आज से मैं मच्छरदानी लगा कर सोऊँगा।

प्रसंग—प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक में संकलित पाठ ‘मच्छडुबाबू’ से ली गयी हैं। इसके लेखक बलदेव प्रसाद हैं। इन पंक्तियों में मच्छर अपनी शत्रु मच्छरदानी के विषय में बालक को बताता है।
व्याख्या/भावार्थ—बालक मच्छर से मच्छरदानी और उसके संबंध के बारे में पूछता है तो मच्छर बताता है कि मच्छरदानी मेरी सबसे बड़ी दुश्मन है, क्योंकि जो लोग उसे लगाकर | सोते हैं तो मैं उनका खून नहीं पी सकता। उन्हें बीमार भी नहीं कर सकता। मुझे तो मच्छरदानी के नाम से ही गुस्सा आ जाता है। बालक अपने कान पकड़कर और गालों पर थप्पड़ | मारकर मच्छर से माफी माँगता है और जाते-जाते मच्छर से कहकर जाता है कि आज से मैं मच्छरदानी लगाकर ही सोऊँगा।

प्रश्न 1.
बालक ने किसका नाम लिया, जिससे मच्छर को गुस्सा आ गया?
उत्तर:
मच्छरदानी।

प्रश्न 2.
मच्छरदानी किसकी शत्रु है?
उत्तर:
मच्छरदानी मच्छर की शत्रु है।

प्रश्न 3.
मच्छरदानी लगाकर सोने से क्या लाभ है?
उत्तर:
मच्छरदानी लगाकर सोने से मच्छर लोगों का खून नहीं पी सकता और उन्हें पछाड़ नहीं सकता है।

प्रश्न 4.
जाते-जाते बालक ने मच्छर से क्या कहा?
उत्तर:
जाते-जाते बालक ने मच्छर से कहा कि आज में वह भी मच्छरदानी लगाकर सोएगा।

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