RBSE Solutions for Class 6 Sanskrit Chapter 14 आम्लं द्राक्षाफलम् is part of RBSE Solutions for Class 6 Sanskrit. Here we have given Rajasthan Board RBSE Class 6 Sanskrit Chapter 14 आम्लं द्राक्षाफलम्.
Board | RBSE |
Textbook | SIERT, Rajasthan |
Class | Class 6 |
Subject | Sanskrit |
Chapter | Chapter 14 |
Chapter Name | आम्लं द्राक्षाफलम् |
Number of Questions | 18 |
Category | RBSE Solutions |
Rajasthan Board RBSE Class 6 Sanskrit Chapter 14 आम्लं द्राक्षाफलम्
पाठ्य पुस्तक के प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
उच्चारणं कुरुत-(उच्चारण कीजिए-) शृगालः बुभुक्षया इतोऽपि श्रान्तः खिन्नः द्राक्षालताम् अनुक्षणम् उत्पतति।
उत्तर:
छात्राः स्वयमेव शिक्षकस्य साहाय्येन उच्चारणं कुर्वन्तु (छात्रगण स्वयं ही शिक्षक की सहायता से उच्चारण करें।)
प्रश्न 2.
एकपदेन उत्तरत-(एक शब्द में उत्तर दीजिए-)
(क) शृगालः कुत्र गच्छति ? (सियार कहाँ जाता है ?)
(ख) कः श्रान्तः जायते ? (कौन थक जाता है ?)
(ग) शृगालः किं पश्यति? (सियार क्या देखती है ?)
(घ) कीदृशं द्राक्षाफलम् ? (अंगूर कैसा है ?)
उत्तर:
(क) वनं
(ख) शृगालः
(ग) द्राक्षाफलम्
(घ) आम्लं
प्रश्न 3.
एकवाक्येन उत्तरत-(एक वाक्य में उत्तर दीजिए-)
(क) शृगालः कथं वनं गच्छति ? (सियार क्यों वन को जाता हैं?)
(ख) खिन्नो भूत्वा शृगालः कुत्र-कुत्र पश्यति ? (दुःखी होकर सियार कहाँ-कहाँ देखता है ?)
(ग) लतासु फलम् कुत्र दृश्यते ? (बेलों पर फल कहाँ दिखायी देता है ?)
(घ) किं कथयित्वा शृगालः पलायते ? (क्या कहकर सियार भाग जाता है।)
उत्तर:
(क) शृगालः पिपासया बुभुक्षया च वनं गच्छति (शृगाल भूख और प्यास से वन को जाता है।)
(ख) खिन्नो भूत्वा शृगालः परितः पश्यति। (दु:खी होकर सियार चारों ओर देखता है।)
(ग) लतासु फलम् उपरि उपरि दृश्यते। (बेलों पर फल बहुत ऊपर दिखायी देता है।)
(घ) द्राक्षाफलम् आम्लं इति कथयित्वा शृगालः पलायते। ” (अंगूर खट्टा है, ऐसा कहकर सियार भाग जाता है।)
प्रश्न 4.
रिक्तस्थानानि पूरयत-(खाली स्थानों को पूरा कीजिए)
(क) पिपासया’…………..च सः वनं गच्छति।
(ख) श्रान्तः जायते,…………‘जायते।
(ग) स्वेदः जायते तस्य……………”जायते।
(घ) अनुक्षणं तन्मुखे……………. “जायते।
उत्तर:
(क) बुभुक्षया
(ख) खिन्नः
(ग) श्रमः
(घ) रसः
प्रश्न 5.
अव्ययपदानां प्रयोगेण वाक्यनिर्माणं कुरुतयथा-
(क) वामतः -.बालिका वामतः चलति।
उत्तर:
ख) दक्षिणतः – रामः दक्षिणतः गच्छति।।
(ग) उपरि — बालकः वृक्षे उपरि पश्यति।
(घ) तत्र । – गीता तत्र न गमिष्यति।
(ङ) इतः – इतः ततः वने शृगालः भ्रमति।
प्रश्न 6.
परस्परं सुमेलयत-(आपस में मिलान कीजिए-)
उत्तर:
प्रश्न 7.
क्रियापदानां रूपाणि लिखत
उत्तर:
एकवचनम् द्विवचनम् बहुवचनम्
योग्यता-विस्तार
इस पाठ में आपने गीत के माध्यम से कथा का आनन्द प्राप्त किया। गीत में वहाँ, और, क्या, इधर, भी आदि शब्द भी बीच-बीच में हैं। ये अव्यय शब्द हैं। जिन शब्दों के सातों विभक्तियों, तीनों लिंगों और तीनों वचनों में रूप समान होते हैं, वे अव्यय शब्द होते हैं।
आइए प्रमुख अव्यय शब्दों के विषय जानें
अव्यय हिन्दी अर्थ वाक्यप्रयोगः
बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1.
शृगालः कुत्र गच्छति ?
(क) वनं
(ख) वृक्षं।
(ग) गुफां।
(घ) कूपं
उत्तर:
(क) वनं
प्रश्न 2.
कः द्राक्षाफलं पश्यति ?
(क) वानरः
(ख) उष्ट्रः
(ग) शृगालः
(घ) अजा
उत्तर:
(ग) शृगालः
लघु उत्तरीय प्रश्न
(क) परितः कः पश्यति ?
(ख) शृगालः लतासु उपरि कि पश्यति ?
(ग) कः पुनः पुनः उत्पतति ?
(घ) द्राक्षाफलं कीदृशम् अस्ति ?
उत्तर:
(क) शृगालः परितः पश्यति।
(ख) शृगालः लतासु उपरि द्राक्षाफलम् पश्यति।
(ग) शृगालः पुनः पुनः उत्पतति ।
(घ) द्राक्षाफलम्
आम्लम् अस्ति। के लघु उत्तरीय प्रश्न
(क) शृगालः कुत्र गच्छति ?
(ख) वने शृगालः कः लभते?
(ग) परितः कः पश्यति ?
(घ) द्राक्षालतां कः पश्यति ?
(ङ) कस्य फलम् आम्लं अस्ति?
उत्तर:
(क) शृगालः वनं गच्छति।
(ख) वने शृगालः किमपि न लभते
(ग) शृगालः परितः पश्यति।
(घ) शृगालः द्राक्षालतां पश्यति।
(ङ) द्राक्षाफलम् अम्लं अस्ति।
अधोलिखितानां पद्यांशं पठित्वा यथा निर्देशं प्रश्नान् उत्तरत्
1. एकः शृगालः
एकः शृगालः वनं गच्छति।
पिपासा, तस्य बुभुक्षा
पिपासया बुभुक्षया च सः वनं गच्छति
सः वनं गच्छति, सः वनं गच्छति।
प्रश्न 1.
एकपदेन उत्तरत
(क) कः वनं गच्छति ?
(ख) बुभुक्षा कः अस्ति?
(ग) शृगालः कुत्र गच्छति ?
(घ) पिपासया पीड़ितः कः अस्ति ?
उत्तर:
(क) शृगालः
(ख) शृगालः
(ग) वनं
(घ) शृगालः
प्रश्न 2.
पूर्णवाक्येन उत्तरत
(क) शृगालः कुत्र गच्छति ?
(ख) शृगालः कीदृशः अस्ति ?
उत्तर:
(क) शृगालः वनं गच्छति।
(ख) शृगालः पिपासया च बुभुक्षया पीड़ितः अस्ति।
2. तत्र गच्छति, किमपि न लभते
इतोऽपि गच्छति, किमपि न लभते
श्रान्तः जायते, खिन्नः जायते
किं च करोति ? सः किं च करोति ?
प्रश्न 1.
एकपदेन उत्तरत
(क) वनं कः गच्छति ?
(ख) कः किमपि न लभते ?
(ग) इतोऽपि कुत्र गच्छति सः ?
(घ) खिन्नः क अस्ति ?
उत्तर:
(क) शृगालः
(ख) शृगालः
(ग) वनं
(घ) शृगालः
प्रश्न 2.
पूर्णवाक्येन उत्तरत
(क) वने शृगालः कः लभते?
(ख) शृगालः कीदृशः अस्ति ?
उत्तर:
(क) वने शृगालः किमपि न लभते
(ख) शृगाल श्रान्तः खिन्न च अस्ति
3. वामतः पश्यति, दक्षिणतः पश्यति
अग्रतः पश्यति, पृष्ठतः पश्यति
स्वेदः जायते, तृषा जायते।
तस्य स्वेदः जायते, तृषा जायते
किं च पश्यति ? सः किं च पश्यति ?
प्रश्न 1.
एकपदेन उत्तरत
(क) कः वामतः पश्यति ?
(ख) सः किं पश्यति ?
(ग) कः तृषा जायते ?
(घ) पृष्ठतः कः पश्यति ?
उत्तर:
(क) शृगालः
(ख) जलम्
(ग) शृगालः
(घ) शृगालः
प्रश्न 2.
पूर्णवाक्येन उत्तरत
(क) परितः कः पश्यति ?
(ख) कस्य स्वेदः जायते ?
उत्तर:
(क) शृगालः परितः पश्यति।
(ख) शृगालस्य स्वेदः जायते।
निबंधात्मक प्रश्नप्रश्न
‘आम्लं द्राक्षाफलम्’ इति पाठस्य सारः हिन्दी भाषायं लिखत।
उत्तर:
प्रस्तुत कविता में एक भूखे-प्यासे सियार की कहानी है। एक सियार था। वह भूख और प्यास से परेशान होकर जंगल में जाता है। वह जंगल में इधर-उधर घूमता है। लेकिन उसे खाने के लिए कुछ दिखाई नहीं देता है। अचानक उसे अंगूर की बेल दिखाई देती है। सियार अंगूर की बेलों पर अंगूर देखता है तो उसके मुँह में पानी आ जाता है। सियार अंगूर पाने के लिए उछलता है क्योंकि अंगूर की बेल ऊँचाई पर थी। वह बार-बार उछलता है। बहुत प्रयत्न करता है। किन्तु अंगूर नहीं ले पाता। थककर वह चूर हो गया और वह यह कहते हुए वहाँ से चला गया कि अंगूर खट्टे हैं।
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