RBSE Solutions for Class 6 Social Science Chapter 10 हमारे बाजार

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Board RBSE
Textbook SIERT, Rajasthan
Class Class 6
Subject Social Science
Chapter Chapter 10
Chapter Name हमारे बाजार
Number of Questions 32
Category RBSE Solutions

Rajasthan Board RBSE Class 6 Social Science Chapter 10 हमारे बाजार

पाठात गतिविधि आधारित प्रश्न

प्रश्न 1.
आपके गाँव या शहर में कहीं-कहीं आज भी वस्तु विनिमय की गतिविधियाँ देखी जा सकती हैं। उनकी एक सूची बनाइए।(पृष्ठ सं. 72)
उत्तर:
गाँवों में आज भी जहाँ बड़े-बड़े काश्तकार निवास करते हैं अथवा जो गाँव शहरों से दूर स्थित हैं उनमें वस्तु विनिमय की प्रथा छोटे स्तर पर देखने को मिलती है। आज भी कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में नाई, धोबी, कुम्हार, लुहार उच्च जातियों के यहाँ से वस्तुओं अथवा सेवाओं के बदले अनाज व अन्य सुविधाएँ प्राप्त करते हैं। वैसे वर्तमान समय में वस्तु-विनिमय की प्रथा लगभग समाप्त-सी हो गयी है।

प्रश्न 2.
विभिन्न प्रकार के बाजारों का उल्लेख करते हुए संक्षेप में उनके बारे में बताइए। (पृष्ठ सं. 73)
उत्तर:
बाजार वह क्षेत्र है जिसमें दुकानदार (विक्रेता) व ग्राहक (क्रेता) एकत्रित होते हैं और अपनी आवश्यकता की वस्तुएँ मुद्रा विनिमय के माध्यम से प्राप्त करते हैं। बाजार के अग्र स्वरूप महत्वपूर्ण हैं

(i) मोहल्ले की दुकानें- ये वे दुकानें हैं जो गाँवों में छोटे स्तर पर ग्राहकों को दैनिक आवश्यकता की वस्तुएँ प्रदान करती हैं। इनका कोई समय व नियम नहीं होता। ये सर्वसुलभ हैं और त्वरित सेवा उपलब्ध कराने का माध्यम हैं।

(ii) साप्ताहिक बाजार- ये बाजार सप्ताह में किसी निश्चित एक दिन अथवा दो दिन लगते हैं। इनका स्थान निश्चित होता है। इन बाजारों में भी दैनिक जीवन की वस्तुएँ अपेक्षाकृत सस्ते दामों में मिल जाती हैं।

(iii) शॉपिंग कॉम्पलेक्सवमॉल- इस प्रकार के काम्पलेक्स व मॉल की सुविधाएँ शहरों में उपलब्ध होती हैं। शॉपिंग कॉम्पलेक्स में एक ही छत के नीचे अनेक वस्तुओं की दुकानें होती हैं। बड़े-बड़े शहरों में बहुमंजिला वातानुकूलित शॉपिंग मॉल मिलते हैं। जिनकी अलग-अलग मंजिलों पर अलग-अलग वस्तुएँ मिलती हैं।

(iv) विशेष बाजार- ऐसे बाजार किसी वस्तु विशेष के लिए ही स्थापित किये जाते हैं। जैसे-कपड़ा बाजार, लोहा बाजार, अनाज बाजार, सब्जी मण्डी आदि।

प्रश्न 3.
खेतों, घरेलू उद्योगों और कारखानों में बनने वाली पाँच-पाँच वस्तुओं की सूची बनाइए। (पृष्ठ सं. 74)
उत्तर:
(i) खेतों में तैयार होने वाली वस्तुएँ-

  • अनाज
  • सब्जियाँ
  • तिलहन
  • दालें एवं
  • गन्ना आदि।

(ii) घरेलु उद्योगों से तैयार वस्तुएँ-

  • बड़ी टोकरियाँ
  • माचिस
  • सामान रखने की छोटी-छोटी सजावटी टोकरियाँ
  • मिट्टी के बर्तन
  • मोमबत्ती आदि।

(iii) कारखानों में बनने वाली वस्तुएँ-

  • खेती की बड़ी मशीनें
  • रासायनिक खाद
  • कपड़े
  • सीमेण्ट
  • इलेक्ट्रॉनिक सामान आदि।

प्रश्न 4.
बैंक अथवा पोस्ट-ऑफिस में बचत खाता खुलवाने की प्रक्रिया क्या है ? (पृष्ठ सं. 75)
उत्तर:
बैंक अथवा पोस्ट- ऑफिस में खाता खुलवाने के लिए एक निश्चित प्रपत्र होता है जिसे लेकर भरना होता है। इसके पश्चात् खाता खोलने वाले की पहचान व पते के प्रमाण के रूप में किसी एक ऐसे व्यक्ति की गवाही कराना आवश्यक होता है जिसका परिचय उस पोस्ट-ऑफिस अथवा बैंक में हो (पूर्व खाता धारक हो) । इसके पश्चात् प्रपत्र में लगने वाले अपने फोटो, परिचय पत्र आदि देकर एक निश्चित रकम जमा करके खाता खोला जा सकता है। वर्तमान समय में जीरो बैलेन्स (न्यूनतम शेष राशि) पर भी खाता खोलने का प्रावधान है।

पाठ्यपुस्तक के अभ्यास प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
सही विकल्प को चुनिए

(i) जो व्यापारी बड़ी मात्रा में सामान खरीदकर छोटे व्यापारियों को बेचते हैं, कहलाते हैं
(अ) थोक व्यापारी
(ब) खुदरा व्यापारी
(स) हाट व्यापारी
(द) इनमें से कोई नहीं।

(ii) हम अपना बचत खाता खुलवा सकते हैं
(अ) बैंक में
(ब) पोस्ट-ऑफिस में
(स) बैंक व पोस्ट-ऑफिस दोनों में
(द) इनमें से किसी में नहीं।
उत्तर:
(i) अ
(ii) स

प्रश्न 2.
निम्नलिखित वाक्यों में रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

(i) साप्ताहिक बाजारों को ………… भी कहते हैं।
(ii) हम ………….. मशीन का प्रयोग करके अपने खाते से धन सरलता से निकाल सकते हैं।
(iii) सभी बैंक …………. के निर्देशन एवं नियन्त्रण में कार्य करते हैं।
उत्तर:
(i) हाट बाजार
(ii) ए. टी. एम. (ऑटोमेटिक टेलर मशीन)
(iii) भारतीय रिजर्व बैंक।

प्रश्न 3.
वस्तु-विनिमय किसे कहते हैं ?
उत्तर:
वस्तु के बदले वस्तु देकर एवं लेकर आवश्यकताओं की पूर्ति करने वाली प्रणाली को वस्तु विनिमय कहते हैं। यह विनिमय की प्रारम्भिक अवस्था थी जब लोगों की आवश्यकताएँ सीमित थीं।

प्रश्न 4.
मुद्रा-विनिमय किसे कहते हैं ?
उत्तर:
मुद्रा के विकास के साथ ही मुद्रा के बदले वस्तुओं के लेन-देन की सुविधापूर्ण प्रणाली प्रचलित हुई जब वस्तु के मूल्य के रूप में वस्तु न देकर मुद्रा दी जाती है तो उसे मुद्रा विनिमय कहते हैं।

प्रश्न 5.
हमें अपनी आवश्यकता की वस्तुएँ कौन-कौन से बाजारों से प्राप्त होती हैं ?
उत्तर:
हमें अपने दैनिक जीवन की आवश्यक वस्तुएँ गाँव व मोहल्ले की दुकानों से प्राप्त हो जाती हैं। साप्ताहिक बाजारों का भी क्षेत्रीय दृष्टिकोण से बड़ा महत्व होता है। इन बाजारों में सामानों की अधिकता होती है और वस्तुएँ। अपेक्षाकृत गाँव व मोहल्ले की दुकानों से अच्छी व सस्ते में मिल जाती हैं।

शॉपिंग काम्पलेक्स व मॉल ऐसे बाजार हैं जहाँ हर तरह के आवश्यक सामान एक ही छत के नीचे मिल जाते हैं। किन्तु यहाँ प्राप्त होने वाले सामान स्थानीय बाजारों की अपेक्षा महँगे हो सकते हैं। इसके अलावा विशेष बाजारों का भी बड़ा महत्व है किन्तु यहाँ सामान्यतया सामान कम मात्रा में नहीं मिल पाता विशेष बाजार चयन एवं भाव की दृष्टि से सस्ते पड़ते हैं।

प्रश्न 6.
व्यापारी मुख्य रूप से कितने प्रकार के होते हैं ?
उत्तर:
वे मध्यस्थ जो वस्तु के उत्पादक और वस्तु के उपभोक्ता के बीच में होते हैं, उन्हें व्यापारी कहा जाता है। व्यापारी निम्न दो प्रकार के होते हैं

(i) थोक व्यापारी- जो व्यापारी उत्पादकों से बड़ी मात्रा में सामान खरीदते हैं और फिर उसे छोटे-छोटे व्यापारियों तक पहुँचाते हैं, उन्हें थोक व्यापारी कहा जाता है।
(ii) फुटकर व्यापारी या खुदरा व्यापारी- खुदरा या फुटकर व्यापारी का सम्बन्ध सीधे उपभोक्ताओं से होता है। यह उपभोक्ताओं को अपना सामान बेचता है। इस प्रकार का व्यापारी गाँव/मोहल्लों, साप्ताहिक बाजारों व शॉपिंग कॉम्पलेक्स में अपना माल बेचता है।

प्रश्न 7.
हम बैंक में किस तरह के खाते खोल सकते हैं ?
उत्तर:
हम बैंक में कई तरह के खाते खोल सकते हैं। जैसे-बचत खाता, चालू खाता, स्थायी जमा खाता, आवर्ती जमा खाता आदि।

प्रश्न 8.
बैंक हमारे लिए किस प्रकार से उपयोगी होते हैं ?
उत्तर:
वर्तमान समय में बैंकिंग प्रणाली बड़ी महत्वपूर्ण और उपयोगी है। बैंकों का प्रमुख कार्य व्यक्तियों व संस्थाओं से नकद जमाएँ स्वीकार करना और जरूरतमन्द व्यक्तियों और संस्थाओं को ऋण उपलब्ध कराना है। बैंक हमारे लिए निम्न प्रकार से उपयोगी हैं

  • बैंकिंग प्रणाली से धन का लेन-देन आसान और सुरक्षित हो गया है।
  • बड़ी से बड़ी रकम का भुगतान व स्थानान्तरण चेक, ड्राफ्ट व इण्टरनेट बैंकिंग से किया जा सकता है।
  • बैंक में हमारा धन सुरक्षित रहता है और उस पर ब्याज भी मिलता है।
  • बैंक रोजगार स्थापित करने के इच्छुक लोगों, उद्योगों और व्यावसायिक संस्थाओं को पैसे उधार भी देता है।
  • वर्तमान समय में हम ए. टी. एम. द्वारा मुद्रा की जब और जहाँ कहीं भी जरूरत हो, तुरन्त निकाल सकते हैं। संक्षेप में आज जनसामान्य के जीवन में बैंकिंग प्रणाली की उपयोगिता बढ़ती जा रही है।

अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

(i) आधुनिक युग किसका युग है ?
(अ) पशुओं का
(ब) मशीनों का
(स) जल का
(द) वनों का
उत्तर :
(ब) मशीनों का

(ii) साप्ताहिक बाजारों में सामान कुछ सस्ते मिल जाते हैं, क्योंकि
(अ) दुकानदारों में प्रतियोगिता होती है।
(ब) मोल-तोल करके भाव कम करवाये जा सकते हैं।
(स) दुकानों का किराया, बिजली बिल आदि नहीं देना होता
(द) उपर्युक्त सभी।
उत्तर :
(द) उपर्युक्त सभी।

(iii) बहुमंजिला इमारतों में एक ही छत के नीचे किस प्रकार के बाजार मिलते हैं ?
(अ) मोहल्ले की दुकानें
(ब) हाट बाजार
(स) शॉपिंग मॉल
(द) विशेष बाजार
उत्तर :
(स) शॉपिंग मॉल

(iv) वस्तु विशेष के लिए अलग-अलग लगने वाले बाजारों को कहते हैं
(अ) साप्ताहिक बाजार
(ब) शॉपिंग कॉम्पलेक्स
(स) शॉपिंग मॉल
(द) विशेष बाजार
उत्तर :
(ब) शॉपिंग कॉम्पलेक्स

(v) निम्नलिखित में से किस खाते पर ब्याज नहीं मिलता?
(अ) बचत खाता
(ब) चालू खाता
(स) स्थायी जमा खाता
(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं।
उत्तर :
(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं।

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

(क) मुद्रा के विकास के साथ ही ………. के बदले वस्तुओं के लेने-देने की सुविधापूर्ण प्रणाली प्रचलित हुई।
(ख) मोहल्ले की दुकानें कई अर्थों में बहुत ………..‘होती हैं।
(ग) सूचना प्रौद्योगिकी ने बैंकिंग सेवाओं को ………….. किया है।
(घ) अपने पासवर्ड …………………………… किसी भी व्यक्ति को नहीं बताएँ।
उत्तर:
(क) मुद्रा
(ख) उपयोगी
(ग) सर्वसुलभ
(घ) पिन नम्बर ।

अतिलघूत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
वस्तु विनिमय क्या है?
उत्तर:
वस्तु के बदले वस्तु देकर एक-दूसरे की आवश्यकताएँ पूरी करना वस्तु विनिमय कहलाता है।

प्रश्न 2.
साप्ताहिक बाजार किसे कहते हैं?
उत्तर:
सप्ताह में किसी निश्चित दिन लगने वाले बाजार को साप्ताहिक बाजार कहते हैं।

प्रश्न 3.
थोक व्यापारी कौन होते हैं?
उत्तर:
बड़ी मात्रा में माल खरीदकर छोटे-छोटे व्यापारियों को बेचने वाले थोक व्यापारी कहलाते हैं।

प्रश्न 4.
A.T.M. मशीन का पूरा नाम लिखिए।
उत्तर:
ऑटोमेटिक टेलर मशीन।

प्रश्न 5.
मुद्रा विनिमय किसे कहते हैं?
उत्तर:
मुद्रा द्वारा वस्तुओं के आदान-प्रदान को मुद्रा विनिमय कहते हैं।

प्रश्न 6.
जनसंख्या वृद्धि से आप क्या समझते हैं? लिखिए।
उत्तर:
किसी निश्चित समयावधि में जनसंख्या में होने वाला धनात्मक परिवर्तन जनसंख्या वृद्धि कहलाता है।

प्रश्न 7.
लघु उद्योग क्या है?
उत्तर:
एक छोटा उद्योग जिसमें लगभग 20 व्यक्ति काम करते हों।

प्रश्न 8.
कुटीर उद्योग से क्या आशय है?
उत्तर:
घरेलू उद्योग जो परिवार के सदस्यों के सहयोग से चलता है, कुटीर उद्योग कहलाता है।

लघूत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
आधुनिक युग में वस्तु विनिमय प्रणाली सार्थक क्यों नहीं है ?
उत्तर:
आधुनिक युग में वस्तु विनिमय प्रणाली सार्थक नहीं है क्योंकि आज के मशीनी युग में आवश्यकता की हजारों वस्तुएँ तैयार हो रही हैं। वर्तमान में विदेशी वस्तुओं के उपयोग में भी लोगों की रुचि बढ़ती जा रही है। अतएव आज वस्तु विनिमय प्रणाली सार्थक नहीं है।

प्रश्न 2.
मोहल्ले की दुकानें महत्वपूर्ण क्यों हैं ?
उत्तर:
मोहल्ले की दुकानों से हम अपने दैनिक जीवन की वस्तुएँ प्राप्त करते हैं। इन दुकानों का महत्व इसलिए अधिक है क्योंकि ये हमारे घरों के समीप होती हैं। अतः इनसे कभी भी और किसी भी दिन सामान खरीद सकते हैं।

प्रश्न 3.
बैंकिंग के सन्दर्भ में सूचना प्रौद्योगिकी किस प्रकार हानिकारक है ?
उत्तर:
इसमें कोई सन्देह नहीं है कि सूचना प्रौद्योगिकी ने बैंकिंग सुविधाओं को सर्वसुलभ बनाया है किन्तु इस तकनीक का दुरुपयोग करके लोग खाता-धारकों को ठग लेते हैं। अतएव इण्टरनेट बैंकिंग और ए. टी. एम. का उपयोग सावधानी पूर्वक किया जाना चाहिए।

प्रश्न 4.
वस्तु विनिमय प्रणाली को सोदाहरण स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
प्राचीनकाल में वस्तु के बदले वस्तु का ही लेन-देन होता था। इस प्रकार की प्रक्रिया वस्तु विनिमय कहलाती थी। जैसे-किसानों द्वारा अनाज के बदले अपनी आवश्यक वस्तुएँ प्राप्त करना, अनाज के बदले कपड़े लेना, लुहार से औजार लेना, कुम्हार से अनाज के बदले बर्तन लेना, बर्तन बेचने वाले से कपड़ों के बदले बर्तन लेना, नमक के बदले में चारा या अन्न लेना आदि।

प्रश्न 5.
मुद्रा विनिमय की आवश्यकता क्यों महसूस
उत्तर:
समय के साथ लोगों की आवश्यकताएँ बढ़ने लगीं। नई-नई वस्तुओं का उत्पादन होने लगा। उत्पादन की नई-नई तकनीकों का विकास हुआ। जनसंख्या वृद्धि के साथ वस्तुओं का उत्पादन भी बढ़ने लगा। कृषि एवं परम्परागत वस्तुओं का उत्पादन बढ़ने लगा और लघु तथा कुटीर उद्योगों के विकास से उत्पादन में वृद्धि हुई। फलस्वरूप वस्तु विनिमय प्रणाली द्वारा सभी वस्तुएँ प्राप्त करना असम्भव होने लगा। मुद्रा का विकास हुआ और वस्तु के बदले मुद्रा द्वारा भुगतान होने लगा। फलस्वरूप मुद्रा विनिमय प्रचलन में आया।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
मोहल्ले की दुकानों व साप्ताहिक बाजार में अन्तर बताइये।
उत्तर:
मोहल्ले की दुकानें गाँवों में व मोहल्ले में स्थायी रूप से मिलती हैं जबकि साप्ताहिक बाजार गाँव अथवा मोहल्ले में अथवा इसके समीप किसी स्थान विशेष पर सप्ताह में एक या दो दिन अस्थायी रूप से लगते हैं। इन दोनों में प्रमुख अन्तर निम्न हैं

मोहल्ले की दुकानें साप्ताहिक बाजार
(i) यहाँ दुकानें लगभग स्थायी होती हैं। (i) यहाँ दुकानें अस्थायी स्थायी होती हैं।
(ii) यहाँ वस्तुओं का चयन सीमित होता है। (ii) यहाँ वस्तुओं का चयन क्षेत्र विस्तृत होता है।
(iii) यहाँ सामान खरीदनों अपेक्षाकृत महँगो पड़ता है। (iii) यहाँ सामान खरीदनों सस्ता पड़ता है।
(iv) यहाँ से सामान कभी भी और किसी भी दिन खरीदा जा सकता है। (iv) यहाँ से सामान एक निश्चित समय में ही

खरीदा जा सकता है।

प्रश्न 2. बैंकिंग क्षेत्र में भारतीय रिजर्व बैंक की भूमिका का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
भारतीय रिजर्व बैंक भारत के सभी बैंकों का निर्देशन करने के साथ-साथ इन सभी पर नियन्त्रण रखता है। यह धन के लेन-देन हेतु बैंकों को अधिकृत करता है। भारतीय रिजर्व बैंक के द्वारा ही समय-समय पर विभिन्न प्रकार के ऋणों व उनसे सम्बन्धी अदायगी व ब्याज दरों का निर्धारण भी किया जाता है। विदेशी मुद्रा के संग्रहण के साथ-साथ ।

देश में मुद्रा के नवीन प्रारूपों का संचालन भी यही करता है। समय-समय पर मुद्रा का मुद्रण भी इसी के द्वारा किया जाता है। वृर्तमान में इसके द्वारा विभिन्न योजनाओं के माध्यम से लोगों को बैंकों से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है।

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