RBSE Solutions for Class 6 Social Science Chapter 5 मानचित्र

RBSE Solutions for Class 6 Social Science Chapter 5 मानचित्र is part of RBSE Solutions for Class 6 Social Science. Here we have given Rajasthan Board RBSE Class 6 Social Science Chapter 5 मानचित्र.

Board RBSE
Textbook SIERT, Rajasthan
Class Class 6
Subject Social Science
Chapter Chapter 5
Chapter Name मानचित्र
Number of Questions 41
Category RBSE Solutions

Rajasthan Board RBSE Class 6 Social Science Chapter 5 मानचित्र

पाठात गतिविधि-आधारित प्रश्न

क्या आप जानते हैं ?

प्रश्न 1.
ग्लोब क्या है ? इसे क्यों बनाया गया है? (पृष्ठ सं. 36)
उत्तर:
ग्लोब पृथ्वी का प्रतिरूप है। ग्लोब के माध्यम से पृथ्वी की सम्पूर्ण जानकारी एक स्थान पर बैठकर प्राप्त की। जा सकती है। इसलिए इसकी रचना की गयी है।

प्रश्न 2.
ग्लोब पर अक्षांश व देशान्तर रेखाओं की क्या उपयोगिता है ? (पृष्ठ सं. 36)
उत्तर:
ग्लोब पर अक्षांश और देशान्तर रेखाएँ बनायी गयी हैं। ये रेखाएँ प्राकृतिक नहीं, बल्कि काल्पनिक हैं। इन्हें ग्लोब पर किसी स्थान की वास्तविक स्थिति की सही जानकारी ज्ञात करने के लिए बनाया गया है।

प्रश्न 3.
नई दुनिया (अमेरिका) की खोज कब और किसने की ? (पृष्ठ सं. 37)
उत्तर:
नई दुनिया (अमेरिका) की खोज कोलम्बस ने 1492 ई. में की।

प्रश्न 4.
यूरोप से भारत तक के समुद्री मार्ग की खोज कब और किसने की ? (पृष्ठ सं. 37)
उत्तर:
यूरोप से भारत तक के समुद्री मार्ग की खोज वास्को डी गामा ने की। वे 1498 ई. में भारत के केरल राज्य के कालीकट तट पर पहुँचे थे।

प्रश्न 5.
मापक(पैमाना) किसे कहते हैं ? सोदाहरण स्पष्ट कीजिए। (पृष्ठ सं. 38)
उत्तर:
मानचित्र पर दो स्थानों के बीच की दूरी और धरातल पर उन्हीं दो स्थानों के बीच की वास्तविक दूरी के अनुपात को मापक कहते हैं। उदाहरणार्थ-यदि धरातल पर किन्हीं दो स्थानों के बीच की वास्तविक दूरी 10 किमी. है और इसे मानचित्र पर 1 सेमी. द्वारा दिखाया जाता है तो सम्बन्धित मानचित्र का पैमाना 1 सेमी. = 10 किमी. होगा।

आओ करके देखें

प्रश्न 1.
अपने गाँव/विद्यालय/मोहल्ले का पैमाना रहित रेखाचित्र बनाइए। (पृष्ठ सं. 39)
उत्तर:
हमारे मोहल्ले का पैमाना रहित रेखाचित्र निम्नलिखित
RBSE Solutions for Class 6 Social Science Chapter 5 मानचित्र 1

पाठ्यपुस्तक के अभ्यास प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
सही विकल्प को चुनिए

(i) दिशासूचक यन्त्र की सुई हमेशा दर्शाती है –
(क) दक्षिण दिशा
(ख) उत्तर दिशा
(ग) पूर्व दिशा
(घ) पश्चिम दिशा।
उत्तर:
(क) दक्षिण दिशा

(ii) वास्को डी गामा ने किस देश तक आने के लिए समुद्री मार्ग की खोज की ?
(क) भारत
(ख) अमेरिका
(ग) श्रीलंका
(घ) इटली।
उत्तर:
(ख) अमेरिका

प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
(क) ग्लोब ……….. का प्रतिरूप है।
(ख) वास्को डी गामा भारत के …….. राज्य के कालीकट तट पर सन् 1498 मे पहुँचे थे।
(ग) यूरोप में 16वीं सदी में …….. मशीन का आविष्कार हुआ।
(घ) भू-सम्पत्ति मानचित्र साधारणतः ……… के पास होते हैं।
उत्तर:
(क) पृथ्वी
(ख) केरल
(ग) प्रिं
(घ) पटवारी।

प्रश्न 3. ग्लोब और मानचित्र में क्या अन्तर है?
उत्तर:
ग्लोब पृथ्वी का प्रतिरूप है। यह त्रि- आयामी (Three dimensional) होता है जबकि मानचित्र द्वि-आयामी (Two dimensional) होता है।

प्रश्न 4.
मानचित्र कितने प्रकार के होते हैं ? उनमें से किन्हीं दो के बारे में बताइए।
उत्तर:
मानचित्र कई प्रकार के होते हैं। उनमें से कुछ प्रमुख प्रकार इस प्रकार हैं-

  • भौतिक मानचित्र
  • राजनैतिक मानचित्र
  • विषयक मानचित्र
  • भूसम्पत्ति मानचित्र

(i) भौतिक मानचित्र- वे मानचित्र जो धरातल की प्राकृतिक विशेषताओं; जैसे-पर्वत, पठार, मैदान, नदियों एवं महासागरों आदि का निरूपण करते हैं, भौतिक मानचित्र कहलाते हैं।
(ii) राजनैतिक मानचित्र- किसी देश, राज्य, नगर व गाँव तथा अन्य राजनीतिक इकाइयों की सीमाओं को दर्शाने वाले मानचित्रों को राजनैतिक मानचित्र कहा जाता है।

प्रश्न 5.
रेखाचित्र, खाका और मानचित्र में क्या अन्तर है। और उनके उपयोग क्या हैं ? लिखिए।
उत्तर:
रेखाचित्रे, खाकी और मानचित्र, मानचित्र विकास एवं उपयोग की क्रमिक अवस्थाओं के रूप हैं। इनका वर्णन निम्न प्रकार हैरेखाचित्र-कुछ विशिष्ट स्थानों को प्रदर्शित करने के लिए रेखाचित्र बनाये जाते हैं। इनमें किसी मापक, दूरी व दिशाओं का सही निर्धारण नहीं होता है। इनका उपयोग किसी स्थान को निर्दिष्ट करने के लिए कच्चे रेखाचित्र के रूप में किया जाता है।

खाका- इसका उपयोग किसी छोटे क्षेत्र को प्रदर्शित करने के लिए किया जाता है। इस प्रकार किसी छोटे क्षेत्र का बड़े पैमाने पर खींचा गया रेखाचित्र खाका कहलाता है। इसका उपयोग सीमित होता है। जैसे-विद्यालय भवन का खींचा गया खाका जिसमें कमरों की लम्बाई व चौड़ाई भी दर्शाई गयी हो।। मानचित्र-इसका उपयोग बड़े क्षेत्रों को प्रदर्शित करने के लिए किया जाता है। इसमें एक निश्चित पैमाना होता है। इसका उपयोग दूरी, स्थिति, दिशा और किसी वस्तु के वितरण को सही दिखाने के लिए किया जाता है।

प्रश्न 6.
ग्लोब की तुलना में मानचित्रों का उपयोग अधिक क्यों किया जाता है ? समझाइए।
उत्तर:
ग्लोब की तुलना में मानचित्रों को अधिक उपयोग किया जाता है। इसके प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं

  • ग्लोब की अपेक्षा मानचित्र बनाना अधिक आसान है।
  • ग्लोब को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने में कठिनाई होती है जबकि मानचित्र को आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जा सकता है।
  • ग्लोब पर छोटे क्षेत्रों जैसे शहर या गाँव आदि का विवरण नहीं दिखाया जा सकता है जबकि मानचित्र में इन्हें भली-भाँति दर्शाया जा सकता है।

प्रश्न 7.
पैमाना किसे कहते हैं? एक उदाहरण देकर समझाइए।
उत्तर:
मानचित्र पर किन्हीं दो स्थानों के बीच की दूरी और धरातल पर उन्हीं दो स्थानों के बीच की वास्तविक दूरी के अनुपात को मापक या पैमाना कहते हैं। उदाहरणार्थ यदि धरातल पर किन्हीं दो स्थानों के बीच की वास्तविक दूरी 15 किमी. है और उसे मानचित्र पर 1 सेमी. द्वारा दिखाया गया है तो उस मानचित्र का पैमाना 1 सेमी = 15 किमी. होगा।

प्रश्न 8.
मानचित्रों की प्रमुख विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
मानचित्र की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं

  • मानचित्र में दूरी, दिशा, आकार व आकृति को एक समतल कागज पर प्रदर्शित किया जाता है।
  • मानचित्र में किसी स्थान विशेष की दिशा की शुद्ध जानकारी दी गयी होती है। इसमें एक तीर द्वारा उत्तर दिशा को N लिखकर इंगित किया जाता है। तीर का विपरीत सिरा दक्षिण दिशा को प्रदर्शित करता है।
  • मानचित्र में मापक के आधार पर दो स्थानों के बीच की दूरी ज्ञात की जा सकती है।
  • मानचित्र में पृथ्वी के किसी छोटे से छोटे भाग को दिखाया जा सकता है।
  • मानचित्र सदैव मापक के आधार पर बनाये जाते हैं।
  • मानचित्रों में क्षेत्रीय विशेषताओं को रूढ़िगत चिह्नों द्वारा प्रदर्शित किया जाता है।
  • मानचित्र द्वारा बड़े-से-बड़े क्षेत्र को मापनी के अनुसार लघुकृत करके विश्लेषित किया जा सकता है।

अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

(i) किस भूगोलवेत्ता के मानचित्र में सर्वप्रथम अक्षांश एवं देशान्तर रेखाओं को दिखाया गया था ?
(क) हेकेटियस
(ख) टॉलेमी
(ग) इराटोस्थेनस
(घ) स्टैबो।
उत्तर:
(ख) टॉलेमी

(ii) प्रिंटिंग मशीन का आविष्कार हुआ था
(क) 14वीं शताब्दी में
(ख) 16वीं शताब्दी में
(ग) 15वीं शताब्दी में
(घ) 17वीं शताब्दी में।
उत्तर:
(ख) 16वीं शताब्दी में

(iii) यूरोप से भारत तक के समुद्री रास्ते की खोज की थी
(क) कोलम्बस ने
(ख) मार्कोपोलो ने
(ग) वास्को डी गामा ने
(घ) कैप्टन कुक ने।
उत्तर:
(ग) वास्को डी गामा ने

(iv) उत्तर दिशा की जानकारी प्रदान करने वाला यन्त्र है
(क) दिक्सूचक यन्त्र
(ख) बैरोमीटर
(ग) थर्मामीटर
(घ) लैक्टोमीटर।।
उत्तर:
क) दिक्सूचक यन्त्र

(v) भौतिक मानचित्र में पर्वतों के लिए किस रंग का प्रयोग किया जाता है ?
(क) हरे रंग का
(ख) पीले रंग का
(ग) नीले रंग का
(घ) भूरे रंग का।
(घ) भूरे रंग का।

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

(क) समुद्री यात्राओं के कारण …….. कला का विकास हुआ।
(ख) मानचित्र निर्माण में ……… का उपयोग किया जाता है।
(ग) दिक्सूचक यन्त्र में एक …….. सुई लगी होती है। जो हमेशा उत्तर:दक्षिण दिशा को बताती है।
(घ) जिसमें कुछ मुख्य स्थानों को दर्शाते हैं उसे …….. कहते हैं।
(ङ) किसी छोटे क्षेत्र का बड़े पैमाने पर खींचा गया। रेखाचित्र ……… कहलाता है।
उत्तर:
(क) मानचित्र
(ख) पैमाने
(ग) चुम्बकीय
(घ) रेखाचित्र
(ङ) खाका।

अतिलघूत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
पुरातन काल में बने मानचित्रों में क्या दोष हैं ?
उत्तर:
पुरातन काल में बने मानचित्र केवल रेखाचित्र होते थे जिनमें किसी भू–भाग का वर्णन केवल रेखाचित्रों के माध्यम से होता था तथा इनमें मापनी का अभाव था।’

प्रश्न 2.
अंधकार युग किसे कहा गया?
उत्तर:
ईसा के पश्चात तीसरी शताब्दी से बारहवीं शताब्दी तक के समय को अंधकार युग के नाम से जाना जाता है।

प्रश्न 3.
महाद्वीप व महासागरों के ज्ञान को बढ़ाने में किन लोगों का मुख्य योगदान रहा।
उत्तर:
मुख्यत: मार्कोपोलो, कोलम्बस, वास्को-डी-गामा, मैगलेन व कैप्टन कुक का मुख्य योगदान रहा।

प्रश्न 4.
दिशा सूचक यंत्र (कम्पास) क्या है?
उत्तर:
दिशा सूचक यंत्र के द्वारा दिशा ज्ञात की जाती है। इसमें एक चुम्बकीय सूई लगी होती है जो हमेशा उत्तर:दक्षिण दिशा को बताती है।

प्रश्न 5.
रेखाचित्र क्या है ?
उत्तर:
रेखाचित्र के माध्यम से किसी विशिष्ट स्थान को दर्शाया जाता है जैसे किसी के घर का रास्ता बताने के लिए। इसमें पैमाने का उपयोग नहीं होता।

प्रश्न 6.
परंपरागत मान्यता वाले चिह्न क्या कहलाते हैं?
उत्तर:
परंपरागत मान्यता वाले चिह्न रूढ़ चिह्न कहलाते हैं।

प्रश्न 7.
विषयक मानचित्र किसे कहते हैं ?
उत्तर:
किसी वस्तु विशेष को प्रदर्शित करने वाला मानचित्र, विषयक मानचित्र कहलाता है। प्रश्न 8. केडस्ट्रल क्या है ? उत्तर:भू-सम्पत्ति मानचित्र को केडस्ट्रल मानचित्र कहते हैं।

लघूत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
प्रारम्भ में रेखाचित्र व खाका बनाने की शुरुआत कैसे हुई ?
उत्तर:
जब मनुष्य व्यापार व अन्य कारणों से अपने परिवेश और देश से बाहर जाने लगा तो उसे, निम्न कारणों से रेखाचित्र व खाका बनाने की आवश्यकता महसूस हुई |

  • सही रास्ता व स्थान की जानकारी हेतु ।
  • उचित मार्ग का ही अनुसरण करने हेतु ।
  • उचित रास्ता दूसरों को बता सकने हेतु ।

प्रश्न 2.
हेकेटियस के मानचित्र की कुछ विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
हेकेटियस ने अपना मानचित्र ईसा पूर्व पाँचवीं या छठी शताब्दी में बनाया था जिसमें भूमध्य सागर के आसपास का क्षेत्र दिखाया गया था। इसमें पृथ्वी को वृत्त के रूप में माना गया जिसके केन्द्र में ग्रीस को दिखाया गया था। इस समय संसार को केवल-यूरोप, एशिया तथा अफ्रीका महाद्वीपों के रूप में बाँटा गया था। एशिया की जानकारी केवल सिन्धु नदी के पश्चिम तक ही थी।

प्रश्न 3.
भौगोलिक दिशाओं के बारे में संक्षेप में बताइए।
उत्तर:
दिशा ज्ञात करने के लिए दिक्सूचक (कम्पास) यन्त्र का उपयोग किया जाता है जो चुम्बकीय सूई के माध्यम से उत्तर:दक्षिण दिशा की जानकारी प्रदान करता है। प्रमुख रूप से दिशाएँ चार होती हैं-उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम। इन चारों दिशाओं के मध्य चार और दिशाएँ होती हैं जिन्हें क्रमशः

  • उत्तर:पूर्व (उत्तर एवं पूर्व दिशा के | मध्य)
  • दक्षिण-पूर्व (दक्षिण एवं पूर्व दिशा के मध्य)
  • दक्षिण-पश्चिम (दक्षिण एवं पश्चिम दिशा के मध्य) तथा
  • उत्तर:पश्चिम (उत्तर एवं पश्चिम दिशा के मध्य) कहते हैं।

प्रश्न 4.
विभिन्न भू-भागों को दर्शाने में रंगों की क्या भूमिका है ?
उत्तर:
परम्परागत चिह्नों की भाँति रंगों का उपयोग भी विभिन्न भू-भागों को दर्शाने में किया जाता है। सामान्यतः नदी, नाले, समुद्र आदि जलाशयों को नीले रंग से, पर्वतों को भूरे रंग से, पठारों को पीले रंग से तथा मैदानों को हरे रंग से दर्शाया जाता है। इन रंगों का ज्ञान होने पर हम सहज एवं स्वाभाविक रूप से किसी भी क्षेत्र की भौतिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक व पर्यावरणीय दशाओं को जान सकते हैं।

प्रश्न 5. खाके (खाका) की मुख्य विशेषता बताइए।
उत्तर:
खाके की मुख्य विशेषताएँ निम्न हैं

  • यह छोटे क्षेत्र का बड़े पैमाने पर र्वीचा गया रेखाचित्र होता है।
  • इसे बनाने में अधिक समय नहीं लगता है।
  •  इसमें पैमानी 1 सेमी. = 1 मीटर या इससे कुछ ही अधिक होता है।
  • इसका सीमित उपयोग होता है।
  • इसमें सम्बन्धित क्षेत्र की अधिक जानकारी दर्शायी जाती है।

प्रश्न 6.
भौतिक एवं राजनीतिक मानचित्रों की तुलना कीजिए।
उत्तर:
भौतिक व राजनीतिक मानचित्रों की तुलना निम्नानुसार है।

भौतिक मानचित्र राजनीतिक मानचित्र
(i) इन मानचित्रों में पृथ्वी या भूभाग के भौतिक स्वरूप की जानकारी दी जाती है। (i) इन मानचित्रों में क्षेत्रों के राजनीतिक स्वरूप की जानकारी दी जाती है।
(ii) इनमें प्राकृतिक आकृतियों के रूप में पर्वत, पठार एवं मैदानों के साथ नदियों व महासागरों को दर्शाया जाता है। (ii) इनमें राजनीतिक स्वरूपों के रूप में देश, नगर, शहर, गाँव व विश्व के देशों व राज्यों की सीमाओं को दर्शाया जाता है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
रूढ़िगत (परम्परागत) चिह्न क्या हैं ? प्रमुख रूढ़िगत चिन्हों को दर्शाइए।
उत्तर:
मानचित्र पर विभिन्न विशेषताओं को दर्शाने के लिए रूढ़िगत चिन्हों का उपयोग किया जाता है। इनसे किसी क्षेत्र की विस्तृत जानकारी प्राप्त हो जाती है। इन चिह्नों का निर्माण अन्तर्राष्ट्रीय मान्यता के आधार पर किया जाता है। अतएव इनका लाभ विश्व स्तर पर होता है। यदि हम किसी देश की भाषा को नहीं भी जानते तो इन चिन्हों के माध्यम से उस देश के मानचित्र का अध्ययन कर सकते हैं। प्रमुख परम्परागत चिह्न निम्न रूप में दर्शनीय
RBSE Solutions for Class 6 Social Science Chapter 5 मानचित्र 2

प्रश्न 2.
मानचित्रों के महत्व को संक्षेप में बताइए।
उत्तर:
मानचित्र विश्व या उसके किसी भू-भाग का द्विआयामी चित्रण है। मानचित्र ग्लोब का प्रतिरूप नहीं हो सकता। मानचित्र में आकृति, आकार और दिशा में परिवर्तन आने की सम्भावना रहती है। उदाहरणार्थ ग्लोब में विषुवत् रेखा से ध्रुवों की ओर अक्षांश रेखाओं की लम्बाई कम होती। | जाती है किन्तु मानचित्रों में उसी अनुपात में परिवर्तन सम्भव नहीं हो पाता।

उच्च अंक्षाशों में स्थित देशों के आकार और आकृति में भी ग्लोब की अपेक्षा मानचित्र में अन्तर आ जाता है। उपर्युक्त असुविधाओं के बावजूद मानचित्र ग्लोब की अपेक्षा उपयोग की दृष्टि से अधिक महत्वपूर्ण है। इसे एक स्थान से दूसरे स्थान पर आसानी से ले जाया जा सकता है। इसमें छोटे गाँवों एवं शहरों को भी आसानी से दिखाया जा सकता है। इसके साथ ही आवश्यकता के अनुसार अलग-अलग प्रकार के मानचित्र बनाकर विभिन्न प्रकार की जानकारियाँ प्राप्त की जा सकती हैं।

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