RBSE Solutions for Class 7 Sanskrit रञ्जिनी Chapter 12 पर्यावरणचेतना

Rajasthan Board RBSE Class 7 Sanskrit रञ्जिनी Chapter 12 पर्यावरणचेतना

RBSE Class 7 Sanskrit रञ्जिनी Chapter 12 पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
निम्नलिखितपदानाम् उच्चारणं कुरुत-(निम्नलिखित पदों का उच्चारण कीजिए)पृथिव्याकाशः, अनावृष्टिः, मृत्प्रस्तरकाष्ठादीनि, परिलुण्ठितानि, निर्बाधप्रचलनेन, कर्णविस्फोटक ध्वनि:, अनिद्रारोगेण, स्वच्छभारताभियानम्, शिरश्छेदनम्, कारितवन्तः।
उत्तर:
छात्रा: स्वयमेव उच्चारणं कुर्वन्तु।( छात्र स्वयं उच्चारण करें।)

प्रश्न 2.
एकशब्देन उत्तरत- (एक शब्द में उत्तर दीजिए-)
(क) वायवः कान् इतस्ततः नयन्ति? (वायु किनको इधर-उधर ले जाते हैं?)।
(ख) के अनिद्रारोगेण विक्षिप्ता इव सन्ति? (कौन नींद न आने के रोग से विक्षिप्त की तरह हैं?)
(ग) भारतीयसंस्कृतिः कस्य सम्पोषिका अस्ति? ( भारतीय संस्कृति किसकी पालक है?)
(घ) केषां कृते कठोरदण्डव्यवस्था अस्ति? (किसके लिए कठोर दण्ड व्यवस्था है?)
(ङ) केषां रोपणं फलदायकम् अस्ति? (किनको लगाना फलदायक है?)।
उत्तर:
(क) कीटाणून्
(ख) जनाः
(ग) पर्यावरणस्य
(घ) वृक्षच्छेदकानाम्
(ङ) वृक्षानां।

प्रश्न 3.
अधोलिखितानां प्रश्नानाम् उत्तराणि लिखत-(नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर लिखिए-)
(क) पर्यावरणे कानि-कानि तत्वानि सन्ति? (पर्यावरण में कौन-कौन तत्व हैं?)
उत्तर:
पर्यावरणे पृथिवी, आकाशः, वायुः, जलम्, अग्निः इत्येतानि पञ्च तत्वानि सन्ति। (पर्यावरण में पृथ्वी, आकाश, वायु, पानी, अग्नि ये पाँच तत्व है।)

(ख) खेजड़लीग्रामे शमीवृक्षाणां संरक्षणार्थं कियन्त जनाः शिरश्छेदनं कारितवन्तः? (खेजड़ली गाँव में शमी वृक्षों की रक्षा के लिए कितने मनुष्यों ने सिर कटवाया?)
उत्तर:
खेजडली ग्रामे 363 पुरुषाः महिलाश्च शिरोश्छेदनं कारितवन्तः। (खेजड़ली गाँव में 363 पुरुष और महिलाओं ने सिर कटवाया था ।)

(ग) पर्यावरणदिवसः कदा आयोज्यते? (पर्यावरण दिवस कब आयोजित होता है?)
उत्तर:
जूनमासस्य पञ्चमे दिनाङ्के विश्वपर्यावरणदिवसः भवति। (जून महीने की 5 तारीख में विश्व पर्यावरण दिवस होता है।)

(घ) वृक्षरक्षणार्थं स्वप्राणदानस्य घटना कस्मिन् ग्रामे अभवत्? (पेड़ रक्षा के लिए अपने प्राणदान की घटना किस गाँव में हुई थी?) ।
उत्तर:
वृक्षरक्षणार्थं स्वप्राणदानस्य घटना खेजडली ग्रामे अभवत्। (पेड़ों की रक्षा के लिए अपने प्राण-दाने की घटना खेजड़ली गाँव में हुई थी।)

(ङ) भारतसर्वकारः पर्यावरणसंरक्षणार्थं कानि अभियानानि चालयति? (भारत सरकार ने पर्यावरण की रक्षा के लिए कौन-से अभियान चलाये हैं?) ।
उत्तर:
भारतसर्वकारः पर्यावरणरक्षणार्थं स्वच्छ भारताभियानम् । निर्मलगङ्गायोजनां च चालयति। (भारत सरकार ने पर्यावरण की रक्षा के लिए स्वच्छ भारत अभियान और निर्मल गङ्गा । योजना चलायी है।)

प्रश्न 4.
कोष्ठकेभ्यः उचितपदानि चित्वा वाक्यानि पूरयत-(कोष्ठक से उचित पद चुनकर वाक्यों को पूरा कीजिए-)
(क) वाहनानां धूमः यन्त्रागारेभ्यः निर्गच्छत् वायुश्च …………… दूषयति।     (जलमण्डलम्, वायुमण्डलम्)
(ख) वृक्षाणां रक्षणार्थं आलिङ्गनान्दोलनम् ……… अभवत्।               (उत्तराखण्डे, उत्तरप्रदेशे)
(ग) जूनमासस्य पञ्चमे दिनाङ्के ……………… भवति ।            (विश्वपर्यावरण दिवसः, जलदिवस:)
(घ) पर्यावरणे ……….. तत्वानि सन्ति।                                (पञ्च, सप्त)
(ङ) प्रसिद्धखेजडलीग्रामः …………. समीपे वर्तते।         (जयपुरस्य, जोधपुरस्य)
उत्तर:
(क) वायुमण्डलम्
(ख) उत्तराखण्डे
(ग) विश्वपर्यावरण दिवसः
(घ) पञ्च
(ङ) जोधपुरस्य।

प्रश्न 5.
उदाहरणानुसार पदानां विभक्तिं वचनं च लिखत(उदाहरण के अनुसार पदों के विभक्ति और वचन लिखिए-)
उत्तर:

RBSE Solutions for Class 7 Sanskrit रञ्जिनी Chapter 12 पर्यावरणचेतना 3

प्रश्न 6.
उचित विलोमपदानि योजयित्वा स्वाभ्यास पुस्तिकायां लिखत-(उचित विलोम पदों को जोड़कर अपनी अभ्यास पुस्तिका में लिखिए-)
(क) शुक्लपक्षः तत्र
(ख) दूषितम् अनावश्यकम्।
(ग) तादृशी कृष्णपक्षः
(घ) अत्र नाशनम्
(ङ) रक्षणम् निर्मलम्
(च) आवश्यकम् एतादृशी
उत्तर:
शब्द                       विलोम
(क) शुक्लपक्षः           कृष्णपक्षः
(ख) दूषितम्                निर्मलम्
(ग) तादृशी                 एतादृशी
(घ) अत्र                       तत्र
(ङ) रक्षणम्                  नाशनम्।
(च) आवश्यकम्           अनावश्यकम् ।

प्रश्न 7.
भिन्नवर्गस्य पदं चिनुत-(अलग वर्ग का पद चुनिए-)
यथा-कोकिला, चटका, लता, शुका लता
(क) फलम्, पत्रम्, पुष्पम्, मित्रम् । …….
(ख) भोजनम्, जलम्, वार्तापत्रम्, दुग्धम् । ……..
(ग) शिक्षिका, अध्यापिका, लेखिका, अभ्यासपुस्तिका ……..
(घ) आकाशः, चन्द्रः, मेघः, कर्णः । ………
उत्तर:
(क) मित्रम्
(ख) वार्तापत्रम्
(ग) अभ्यास पुस्तिका
(घ) कर्णः।

प्रश्न 8.
निम्नाङ्कितपदेभ्यः उपसर्ग चिनुत-(निम्नाङ्कित पदों से उपसर्ग चुनिए-)
उत्तर:

RBSE Solutions for Class 7 Sanskrit रञ्जिनी Chapter 12 पर्यावरणचेतना 2

प्रश्न 9.
सत्यकथनस्य पुरतः
‘आम्”असत्य कथनस्य च पुरतः ‘न” इति लिखत-(सही कथन के सामने ‘हाँ” और असत्य के सामने ‘‘न” इस प्रकार लिखिए)
(क) प्रतिवर्षे जूनमासस्य सप्तमे दिनाङ्के “विश्वपर्यावरणदिवसः” आचर्यते ।                               (   )
(ख) उत्तराखण्डे सुन्दरलालबहुगुणस्य नेतृत्वे वृक्षाणां रक्षणार्थम् “आलिङ्गनान्दोलनम्” चालितम् । (   )
(ग) खेजडलीघटना वृक्षरक्षणार्थं जयपुरनगरस्य समीपे अभवत् ।                                            (   )
(घ) भारतीया संस्कृति: पर्यावरणस्य सम्पोषिका अस्ति।                                                         (   )
उत्तर:
(क) न
(ख) आम्
(ग) न
(घ) आम्।

योग्यता-विस्तारः

हिन्दी अर्थ-वृक्षों के महत्व के विषय में पुराणों में भी कहा गया है। दस कुओं के समान बावड़ी और दस बावड़ी के समान एक सरोवर, दस सरोवर के समान एक बेटी और दस बेटों के समान एक पेड़ होता है। वृक्षों का लगाना फलदायक है, ऐसा महाभारत में भी लिखा हुआ है-“वृक्षों का काटना पाप है, वृक्षों का लगाना हितकारी है।”
सन्धिं जानीत्-स्वरसन्धेः एकः भेदः यण सन्धिः अस्ति। यण अर्थात् य् व् र् ल् । य् व् र् ल् इति चत्वारः यणादेशाः सन्तिः ।
एते कदा कस्य च स्थाने भवन्ति इति तालिकया जानीम्।
इ+भिन्न स्वरः (अ, उ, ऋ, ल, ए, ऐ, ओ, औ) य्
उ+भिन्न स्वरः (अ, इ, ऋ, लु, ए, ऐ, ओ, औ) व्
ऋ+भिन्न: स्वरः (अ, इ, उ, लु, ए, ऐ, ओ, औ) र्
लु+भिन्नः स्वरः (अ, इ, उ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ) ल्
यथा-
प्रति + अयः = प्रत्ययः
परि + आवरणम् = पर्यावरणम्
सु + आगतम् = स्वागतम्
पितृ + आज्ञा = पित्राज्ञा
लू + आकृतिः = लाकृतिः

RBSE Class 7 Sanskrit रञ्जिनी Chapter 12 अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

RBSE Class 7 Sanskrit रञ्जिनी Chapter 12  वस्तुनिष्ठप्रश्न 

प्रश्न 1.
पादपाना संरक्षणं कः करोति
(क) जनाः
(ख) अजो
(ग) व्याघ्रः
(घ) अश्वः
प्रश्न 2.
आलिङ्गनान्दोलनं कुत्र चलत्?
(क) राजस्थाने
(ख) उत्तरप्रदेशे
(ग) उत्तराखण्डे
(घ) हिमाचलप्रदेशे।
उत्तर:
1. (क)
2. (ग)।

RBSE Class 7 Sanskrit रञ्जिनी Chapter 12 लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
(क) अस्मान् परितः यत् आवरणं किम् कथ्यते?
उत्तर:
अस्मान् परितः यत् आवरणं तत् पर्यावरणं कथ्यते ।

(ख) पर्यावरणं केन प्रदूषितं भवति?
उत्तर:
पर्यावरणं तत्वानां दूषणेन प्रदूषितं भवति ।

(ग) अस्माकं किं दायित्वम् अस्ति?
उत्तर:
अस्माकं दायित्व प्रदूषणानि तत्वानि निवारयितुं प्रयास करवाम

(घ) पर्यावरणस्य का सम्पोषिका अस्ति?
उत्तर:
भारतीय संस्कृति: पर्यावरणस्य सम्पोषिका अस्ति।

पाठ-परिचय
पर्यावरण के प्रति ज्ञान और जागरूकता वर्तमान समय की बड़ी आवश्यकता है। हानिकारक तत्वों से पर्यावरण की रक्षा के उपायों को इस पाठ में बताया गया है।

मूल अंश, शब्दार्थ, अनुवाद एवं प्रश्नोत्तर

(1) भौतिकपर्यावरणे प्रकृत्या प्रदत्तं प्राणतत्वं रक्षाकवचं च वर्तते। जीवमात्रस्य विकासाय पर्यावरणशुद्धिः आवश्यकी वर्तते। अस्मान् परितः यत् आवरणम् तत् पर्यावरणम्। पर्यावरणे पृथिवी, आकाशः, वायुः, जलम्, अग्निः इत्येतानि पञ्चतत्वानि सन्ति। एतेषां तत्वानां दूषणेन पर्यावरण प्रदूषितं भवेत्येव। सम्प्रति न केवलं भारते अपितु समस्ते भूमण्डले प्राकृतिकम् असन्तुलनं समुत्पन्नम्। कुत्रचिद् अनावृष्टिः कुत्रचित् अल्पवृष्टिः अतिवृष्टिः च भवति साम्प्रतम्। जनानाम् आवश्यकतापूर्तये उद्योगाना, राजमार्गाणां जलबन्धानां रेलामार्गाणां सञ्चारसाधनानां च विस्तारः अपेक्षितः अत: स्वार्थवशात् मानवेन प्रकृतिकोषात् मृत्तिक-प्रस्तर-धातु-काष्ठादीनि परिलुण्ठितानि। यदि इत्थमेव प्रदूषणेन तापवृद्धिः भवेत् तर्छवश्यमेव ध्रुवक्षेत्रे हिमगलनेन जलप्रलयः भविष्यति।

शब्दार्था:-रक्षणोपायान् = रक्षा के उपायों को। ज्ञास्यामः = जानेंगे। प्रकृत्या = प्रकृति के द्वारा। परितः = चारों ओर। दुषणेन = दुषित होने से। सम्प्रति = अब। असन्तुलनं = असमानता। समुत्पन्नम् = उत्पन्न हुई है। अनावृष्टिः = वर्षा न होना। साम्प्रतम् = अब। उद्योगानां = कारखानों का। राजमार्गाणां = सड़कों का। प्रकृतिकोषात् = प्रकृति के खजाने से। प्रदूषितम् = अशुद्ध। परिलुण्ठितानि = लूटे गये। इत्यमेव = इस प्रकार ही।

हिन्दी अनुवाद-प्रकृति द्वारा दिये गये प्राणतत्व भौतिक पर्यावरण में रक्षा कवच है। जीव मात्र के विकास के लिए पर्यावरण शुद्ध आवश्यक है। हमारे चारों ओर जो वातावरण है वह पर्यावरण है। पर्यावरण में पृथ्वी, आकाश, वायु, जल, अग्नि ये पाँच तत्व हैं। इन तत्वों के अशुद्ध होने से पर्यावरण अशुद्ध होता ही है। अब केवल भारत में नहीं अपितु सम्पूर्ण संसार में प्राकृतिक असमानता उत्पन्न हो गयी है। कहीं वर्षा न होना, कह थोड़ी वर्षा होना और अब कहीं अधिक वर्षा होती है। मनुष्यों की आवश्यकता की पूर्ति के लिये कारखानों, सड़कों, बाँधों, रेलमार्गों और सञ्चार के साधनों का बढ़ना (विस्तार करना) आवश्यक है। इसलिए स्वार्थवश मनुष्य के द्वारा प्रकृति के खजाने से मिट्टी-पत्थर, धातु, लकड़ी आदि को लूटा गया है। यदि इसी प्रकार प्रदूषण से ताप-वृद्धि होती रही तो अवश्य ही ध्रुव क्षेत्र में बर्फ गलने से जलप्रलय होगी।

♦ अवबोध के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
एकपदेन उत्तरत
(क) पर्यावरणं प्रति का आवश्यकता अस्ति?
(ख) अस्मान् परितः यत् आवरणं तत् किं कथ्यते?
(ग) जीवमात्रस्य विकासाय का आवश्यकी वर्तते?
(घ) तत्वानां दूषणेन किं प्रदूषितं भवति?
उत्तर:
(क) जागरुकता,
(ख) पर्यावरणम्,
(ग) पर्यावरणशुद्धिः
(घ) पर्यावरण।

प्रश्न 2.
पूर्णवाक्येन उत्तरत
(क) पर्यावरण प्रकृत्या प्रदत्तं किम् अस्ति?
उत्तर:
पर्यावरणे प्रकृत्या प्रदत्तं प्राणतत्वम् अस्ति।

(ख) पर्यावरणशुद्धिः कथम् आवश्यकी वर्तते?
उत्तर:
जीवमात्रस्य विकासाय पर्यावरणशुद्धिः आवश्यकी वर्तते।

(2) भूमि-जल-वायु-ध्वनि प्रदूषणानि चिन्तनीयानि। वायवः कीटाणून इतस्ततः नयन्ति, वायो: अभावेन न जीवधारिण: जीवन्ति। कीटनाशकानां वर्धमानेन प्रयोगेण पृथिव्याः अत्रफलादीनि प्रदूषितानि जातानि। महानगरेषु वाहनानां निर्बाधिप्रचलनेन, ध्वनिप्रसारयन्त्रद्वारा विज्ञापनेन, नुतनयन्त्रण नादेन च कर्णस्फोटकध्वनिः अहोरात्रम् उत्पद्यते। तेन मानवस्य मनसः शान्तिः विलुप्ता। जनाः अनिद्रारोगेण विक्षिप्ता: इव सन्ति। नदीतडागनिर्झरेषु अवशिष्टवस्तूनाम् आवाञ्छितवस्तूनां च क्षेपणेन जलं प्रदूषितं भवति। वाहनानां धूमः यन्त्रागारेभ्यः निर्गच्छद् वायुः च वायुमण्डलं दूषयति। अतः अस्माकं सर्वेषां दायित्वम् अस्ति यत् यानि कान्यपि प्रदूषणानि जायमानानि सन्ति, तानि निवारयितुं प्रयास करवाम्। प्रदूषणानि न भवेयुः तथा उपायान् अपि चिन्तयाम्।

शब्दार्था:-चायवः = वायु। इतस्ततः = इधर- उधर। जीवन्ति = जीवित रहते हैं। वर्धमानेन = बढ़ने से। निर्बाध प्रचलनेन = बिना रुके चलने से। नादेन = आवाज से। कर्णस्फोटक ध्वनिः = कानफोड़ आवाज। अहोरात्रम् = दिनरात। उत्पद्यते = उत्पन्न होता है। विलुप्ता = लुप्त हो गयी है (छिन गयी है)। अवशिष्टवस्तूनाम् = बची हुई वस्तुएँ। क्षेपणेन = फेंकने से। दूषयति = अशुद्ध होता है।

हिन्दी अनुवाद-भूमि, जल, वायु, आवाज के प्रदूषण चिन्तनीय हैं। हवाएँ कीटाणुओं को इधर-उधर ले जाती हैं, वायु के बिना प्राणी जीवित नहीं रह सकते। कीटनाशक दवाओं के बढ़ते प्रयोग से पृथ्वी के अन्न, फल आदि अशुद्ध हो जाते हैं। महानगरों में वाहनों के लगातार चलने से, ध्वनि विस्तारक यन्त्र द्वारा विज्ञापन से और नवीन यन्त्रों की आवाज से कान फोड़ आवाज रात-दिन उत्पन्न होती रहती है। उससे मनुष्य के मैन की शान्ति लुप्त हो गयी है। मनुष्य अनिद्रा रोग से विक्षिप्त जैसे हैं। नदी, तालाब, झरनों में बची हुई अनुपयुक्त वस्तुओं के फेंकने से पानी अशुद्ध होता है। वाहनों का धुआँ और यन्त्रों के भण्डार से निकला हुआ वायु वायुमण्डल को अशुद्ध करता है। इसलिए हम सबका दायित्व है कि जिनसे भी प्रदूषण उत्पन्न होते हैं, उनको दूर करने के लिए प्रयत्न करें। प्रदूषण नहीं होने चाहिए इसलिए उपायों को भी सोचें।

♦ अवबोध के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
एकपदेन उत्तरत
(क) वायवः कीटाणून् कुन्न नयन्ति?
(ख) वायोः अभावेन के न जीवन्ति?
(ग) ध्वनिप्रदूषणेन कस्य मनसः शान्तिः विलुप्ता?
(घ) जना: केन रोगेण विक्षिप्ताः इव सन्ति?
उत्तर:
(क) इतस्ततः,
(ख) जीवधारिणः,
(ग) मानवस्य,
(घ) अनिद्रा।

प्रश्न 2.
पूर्णवाक्येन उत्तरत
(क) कीटनाशकानां प्रयोगेण के प्रभवन्ति?
(ख) अस्माकं दायित्वं किम् अस्ति?
उत्तर:
(क) कीटनाशकानां प्रयोगेण अन्नफलादीनि प्रभवन्ति।
(ख) प्रदूषणानि निवारयितुं प्रयास करवाम।

(3) भारतीयसंस्कृति: पर्यावरणस्य सम्पोषिका अस्ति। पादपानां संरक्षणम् अस्माकं परम्परा वर्तते। पूर्वजानां सुशिक्षायाः कारणादेव जोधपुरस्य समीपे खेजड़ली ग्रामे अमृतादेव्या: नेतृत्वे शमवृिक्षाणां संरक्षणार्थ 363 पुरुषाः महिलाश्च स्वप्राणरक्षणस्य चिन्ताम् अकृत्वा शिरोश्छेदनं कारितवन्तः। विश्वेऽस्मिन् वृक्षरक्षणार्थ स्वप्राणदानस्य इयम् विश्वस्य अद्वितीयघटना अस्ति। उत्तराखण्डे सुन्दरलालबहुगुणस्य नेतृत्वे वृक्षाणां रक्षार्थम् आलिङ्गनान्दोलनं (चिपको-आन्दोलन) सञ्चालितम् प्रत्ये कस्मिन् वर्षे जूनमासस्य पञ्चमे दिनाङ्क ‘विश्वपर्यावरणदिवस:’ आचर्यते। भारतसर्वकार : पर्यावरण संरक्षणाय एव ‘स्वच्छभारताभियानम्’ ‘निर्मलगङ्गायोजना’ च सञ्चालयति। पर्यावरणप्रदषणस्य निरोधाय जना: यत्र तत्र मलमूत्रप्रक्षेपणं न कृत्वा प्रत्येकस्मिन् गृहे शौचालयस्य निर्माण कारयेयुः। बालका: युवकाः कृषका: युवत्यः च विद्यालयेषु, उद्यानेषु, गृहोद्यानेषु क्षेत्रेष्वाधिक्येन वृक्षारोपणं कुर्युः। वृक्षच्छेदकानां कृते कठोरदण्डव्यवस्था भवेत्। महानगरेषु मध्ये-मध्ये सघनानां हरितानाम् उद्यानानां विकासेन वायुप्रदूषणं न्यूनं कर्तुं शक्यते।

शब्दार्था:-पादपनि = पेड़ों के। कारणादेव कारण से ही। नेतृत्वे = नेतृत्व में। संरक्षणार्थ = रक्षा के लिए। सञ्चालयति = चल रही है। सम्पोषिका ॥ पालन करने वाली, वर्तते = है, सुशिक्षायाः = सुशिक्षा के, समीपे = पास में, ग्रामे के गाँव में, स्वप्राणरक्षणस्य = अपने प्राणों की रक्षा की, अकृत्वा = न करके, कारितवन्तः = करवाया, विश्वेऽस्मिन् = इस संसार में, वृक्षरक्षणार्थ = वृक्षों की रक्षा के लिए, स्वप्राणदानस्य = अपने प्राण देने की, विश्वस्य = विश्व की, नेतृत्वे = नेतृत्व में, सञ्चालितम् = चलाया गया, आचर्यते = मनाया जाता है, निरोधाय = रोकने के लिए। यत्र तत्र = यहाँ वहाँ, प्रक्षेपणं न कृत्वा = न फेंककर, गृहं = घर में, विद्यालयेषु = विद्यालयों में, उद्यानेषु = बगीचों में, आधिक्येन = अधिक से अधिक, कुर्युः = करें, भवेत् = होवे, कारयेयुः = कराना चाहिए। वृक्षच्छेदेकानां = पेड़ों को काटने वालों के। कृते = लिए। विकासेन = विकास से। न्यूनं = कम्। कर्तुं = करने के लिए। शक्यते = सकते हैं।

हिन्दी अनुवाद- भारतीय संस्कृति पर्यावरण का पालन करने वाली है। पौधों का संरक्षण हमारी परम्परा है। पूर्वजों की सुशिक्षा के कारण ही जोधपुर के पास में खेजड़ली गाँव में अमृता देवी के नेतृत्व में शमी वृक्षों की रक्षा के लिए 363 पुरुष और महिलाओं ने अपने प्राणों की चिन्ता न करके सिर कटवाया। इस संसार में वृक्षों की रक्षा के लिए अपने प्राण दान की यह विश्व की अद्वितीय घटना है। उत्तराखण्ड में सुन्दरलाल बहाणा के नेतृत्व में पेड़ों की रक्षा के लिए चिपको-आन्दोलन चलाया गया। प्रत्येक वर्ष में जून महीने की पाँचव तारीख में विश्व पर्यावरण दिवस’ मनाया जाता है। भारत सरकार पर्यावरण की रक्षा के लिए ‘स्वच्छ भारत अभियान’ और निर्मल गङ्गा योजना चला रही है। पर्यावरण प्रदूषण के रोकने के लिए मनुष्यों को यहाँ-वहाँ मलमूत्र न फेंककर प्रत्येक घर में शौचालय का निर्माण कराना चाहिए। बालक, युवक, किसान और युवतियों को विद्यालय में, बगीचों में, घर के बगीचों में, खेतों में अधिक से अधिक वृक्ष लगाना चाहिये। वृक्षों के काटने वालों के लिए कर दण्ड देने की व्यवस्था होनी चाहिए। बड़े नगरों में बीच-बीच में घने हरे बगीचों के विकास से वायुप्रदुषण को कम कर सकते हैं।

प्रश्न 1.
एकपदेन उत्तरत
(क) भारतीय संस्कृतिः कस्य सम्पोषिका अस्ति?
(ख) कस्मिन् ग्रामे शिरोच्छेदनं कारितवन्तः?
(ग) उत्तराखण्डे कस्य नेतृत्वे आन्दोलनं सञ्चालितम्?
(घ) जनाः स्वगृहेषु कस्य निर्माण कारयेयुः?
उत्तर:
(क) पर्यावरणस्य,
(ख) खेजड़लीग्रामे,
(ग) सुन्दर लाल बहुगुणस्य,
(घ) शौचालयस्य।

प्रश्न 2.
पूर्णवाक्येन उत्तरत
(क) विश्वे अद्वितीया घटना का अस्ति?
उत्तर:
वृक्षरक्षणार्थं स्वप्राणदानस्य विश्वस्य अद्वितीय घटना अस्ति।

(ख) प्रत्येक वर्षे कस्य मासे ‘विश्वपर्यावरणदिवसः’ आचर्यते?
उत्तर:
प्रत्येक वर्षे जूनमासस्य पञ्चमे दिनाङ्क विश्वपर्यावरणदिवस: आचर्यते।

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