RBSE Solutions for Class 7 Science Chapter 17 कचरा प्रबन्धन

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Board RBSE
Textbook SIERT, Rajasthan
Class Class 7
Subject Science
Chapter Chapter 17
Chapter Name कचरा प्रबन्धन
Number of Questions Solved 58
Category RBSE Solutions

Rajasthan Board RBSE Class 7 Science Chapter 17 कचरा प्रबन्धन

पाठ्य पुस्तक के प्रश्नोत्तर

सही विकल्प का चयन कीजिए

प्रश्न 1.
निम्नलिखित में से किसके नष्ट होने की अवधि अधिक
(अ) केले का छिलका
(ब) लकड़ी का टुकड़ा
(स) प्लास्टिक की थैली
(द) अखबार की थैली (कागज की थैली)
उत्तर:
(स) प्लास्टिक की थैली

प्रश्न 2.
अपशिष्ट को खुले में फेंक देने से होता है
(अ) मृदा प्रदूषण
(ब) जल प्रदूषण
(स) वायु प्रदूषण
(द) ये सभी
उत्तर:
(द) ये सभी

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

1. जैविक अपशिष्ट जीवाणु की सहायता से कम समय में ………. हो जाते हैं।
2. हम दैनिक कार्यों के दौरान जो अनावश्यक वस्तुएँ फेंक देते हैं वे …………. हैं।
3. अपशिष्ट पदार्थों को ठोस, ………… व …………. के रूप में विभाजित किया जा सकता है।
4. प्लास्टिक से बनी अनावश्यक वस्तुओं का लम्बे समय तक ………… नहीं होती है।
उत्तर:
1. अपघटित
2. कचरा
3. द्रव, गैस
4. विघटन।

लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
रद्दी कागज को पुनः उपयोगी किस प्रकार बनाया जा सकता है ?
उत्तर:
रद्दी कागज को पुनः चक्रण द्वारा पुनः उपयोगी कागज में परिवर्तित किया जा सकता है। रद्दी के कागज का पुन: चक्रण कागज की फैक्ट्रियों में किया जाता है तथा पुनः चक्रण से प्राप्त कागज का पुनः विविध प्रकार से उपयोग किया जाता है।

प्रश्न 2.
पॉलीथीन या प्लास्टिक के कारण पर्यावरण को होने वाली हानियाँ बताइए।
उत्तर:
पॉलीथीन तथा प्लास्टिक अजैव निम्नीकरणीय अपशिष्ट हैं तथा कई वर्षों में भी अपघटित नहीं होते हैं। ये प्रदूषक पर्यावरण की सुन्दरता नष्ट करते हैं तथा पर्यावरण को प्रदूषित करते हैं। पशुओं द्वारा कचरे के साथ-साथ कभी-कभी पॉलीथीन की थैलियाँ खा लेने से उनकी असमय मृत्यु हो जाती है। नालों के निकास द्वार पर पॉलीथीन हँसने से नाले अवरुद्ध हो जाते हैं तथा शहर में जगह-जगह जल भराव हो जाता है। जल भराव के कारण मच्छर तथा अनेक हानिकारक सूक्ष्म जीव पनपकर मानव समुदाय को रोगी बनाते हैं।

प्रश्न 3.
अपशिष्ट पदार्थ हमारे स्वास्थ्य को किस प्रकार प्रभावित करते हैं ?
उत्तर:
अपशिष्ट पदार्थों के कारण हम विभिन्न रोगों; जैसे-अस्थमा, डेंगू, वायरल बुखार, दस्त, मलेरिया, हैजा आदि से संक्रमित हो जाते हैं, क्योंकि इनके रोगकारक अपशिष्ट पदार्थों में पनपते हैं। अतः हमें यह स्मरण रखना चाहिए कि कचरा (अपशिष्ट पदार्थों) का निपटान व्यवस्थित रूप से किया जाये।

प्रश्न 4.
घरेलू कचरे को अलग-अलग डिब्बों में एकत्रित करने से क्या लाभ है ?
उत्तर:
घरेलू कचरे को उसकी प्रकृति के अनुसार जैव निम्नीकरणीय व अजैवनिम्नीकरणीय अपशिष्टों के रूप में वर्गीकृत करके अलग-अलग डिब्बों में एकत्रित किया जा सकता है तथा इनका उचित निस्तारण किया जा सकता है। उदाहरणार्थ-घरेलू कचरे में उपस्थित फल-सब्जी के छिलकों, मल-गोबर, पेड़-पौधों की पत्तियाँ, सड़ी-गली वस्तुओं से खाद प्राप्त की जाती है जिसका प्रयोग हम खेतों में कर सकते हैं। अतः घरेलू कचरे का निस्तारण भी हो जाता है। तथा हमें उपयोगी पदार्थ भी प्राप्त हो जाते हैं।

प्रश्न 5.
पुनः चक्रण विधि द्वारा किन-किन अपशिष्ट पदार्थों का निपटान किया जाता है ?
उत्तर:
पुनः चक्रण विधि द्वारा प्लास्टिक एवं काँच की अपशिष्ट सामग्री का निपटान किया जाता है। इनका फैक्ट्रियों में पुनः चक्रण करके उपयोगी वस्तुओं का निर्माण किया जाता है। पुनः चक्रण के समय इनमें कुछ रंग प्रदान करने वाले अभिकर्मक मिला दिए जाते हैं। विशेष रूप से ऐसी सामग्री का उपयोग खाद्य सामग्री के संरक्षण हेतु बैग, पैकिंग बोरी, डिब्बा आदि में किया जाता है।

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
घर के कचरे का प्रबन्धन कैसे किया जा सकता है ? विस्तार से समझाइए।
उत्तर:
घर के कचरे का प्रबन्धन करने के लिए तीन डिब्बे रखे जाने चाहिए-एक हरा डिब्बा जिसमें पत्ते, फल एवं सब्जी के छिलके, खराब भोजन सामग्री आदि जैविक अपशिष्ट एकत्र करें। दूसरा डिब्बा नीला जिसमें अपशिष्ट सामग्री; जैसे-प्लास्टिक की सामग्री, काँच के टुकड़े व चीनी के बर्तन एकत्र करें। तीसरा काला डिब्बा, जिसमें विषैले पदार्थ, दवाइयों के अपशिष्ट, बैटरी सेल, अनुपयोगी दवाई, पेण्ट, तेल, सीरिंज, सौन्दर्य प्रसाधन सामग्री को एकत्रित करें। उपर्युक्त विधि के अनुसार कचरे का प्रबन्धन करके उनका समुचित निस्तारण किया जा सकता है।

प्रश्न 2.
जैविक अपशिष्ट पदार्थ व अजैविक अपशिष्ट पदार्थ में क्या अन्तर है ? उदाहरण द्वारा स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
(i) जैविक अपशिष्ट पदार्थ- ये अपशिष्ट पदार्थ जीवधारियों से प्राप्त होते हैं तथा जीवाणुओं द्वारा अपघटित होकर खाद बनाते हैं। ये पदार्थ जल्दी अपघटित होकर एवं सड़कर मृदा में लि जाते हैं। जैसे-पेड़-पौधों की पत्तियाँ, फल-सब्जी के छिलके, माँस, रद्दी कागज, कपड़ा, मल, गोबर आदि ऐसे पदार्थ जैव निम्नीकरणीय अपशिष्ट पदार्थ कहलाते हैं।

(ii) अजैविक अपशिष्ट पदार्थ- ये अपशिष्ट पदार्थ सामान्यतः मनुष्य द्वारा उद्योगों में निर्मित पदार्थ होते हैं। ये अपशिष्ट जीवाणुओं द्वारा अपघटित नहीं होकर मृदा में नहीं मिलते हैं। एवं चारों ओर पर्यावरणीय प्रदूषण उत्पन्न करते हैं।
उदाहरणार्थ- पेण्ट, काँच, धातु के टुकड़े, प्लास्टिक की वस्तुएँ आदि ऐसे पदार्थ अजैव निम्नीकरणीय अपशिष्ट पदार्थ कहलाते हैं।

प्रश्न 3.
अजैविक पदार्थों के निपटान की कौन-कौन सी विधियाँ हैं ? समझाइए।
उत्तर:
अजैविक अपशिष्ट पदार्थों के निस्तारण की निम्न विधियाँ हैं

(1) उपयोग की मात्रा कम करना (Reduce)- अनुपयोगी पदार्थों की मात्रा कम करना; जैसे-टूटा टिन का डिब्बा, प्लास्टिक की बोतल, डिब्बा, टूटी मटकी आदि अनुपयोगी सामग्री का उपयोग छोटे-छोटे फूल, सब्जी के पौधे लगाकर घरेलू उपयोग में ले सकते हैं। ऐसी अन्य सामग्री को कचरे से अलग करने से अनुपयोगी सामग्री की मात्रा कम की जा सकती है।

(2) पुनः उपयोग में लेना (Reuse)- घरेलू अनुपयोगी सामग्री में से ऐसी सामग्री को पृथक् करें जिनको पुनः उपयोग में लिया जा सकता है; जैसे-बैटरी, धातु के बर्तन, लोहे की छड़े, टूटे डिब्बे, काँच की बोतल, जूट की सामग्री आदि को दूसरे घरेलू कार्यों हेतु उपयोग में लिया जा सकता है।

(3) पुनः चक्रण (Recycle)- प्लास्टिक एवं काँच की अपशिष्ट सामग्री को अनुपयोगी सामग्री से अलग कर इनको फैक्ट्रियों में पुनः चक्रण के लिए भेज दिया जाता है। तथा इनसे उपयोगी वस्तुएँ बनायी जाती हैं। पुनः चक्रण के समय इनमें कुछ रंग प्रदान करने के लिए अभिकर्मक मिला दिए जाते हैं। विशेष रूप से ऐसी सामग्री का उपयोग खाद्य सामग्री के संरक्षण हेतु बैग, पैकिंग बोरी, डिब्बा आदि बनाने में किया जाता है।

प्रश्न 4.
जैविक अपशिष्ट पदार्थों के निपटान की कौन-कौन सी विधियाँ हैं ? समझाइए।
उत्तर:
जैविक अपशिष्ट पदार्थों के निपटान की निम्न विधियाँ हैं

1. कम्पोस्टिंग- इस विधि द्वारा जैव निम्नीकरणीय अपशिष्ट पदार्थों; जैसे-फल-सब्जी के छिलकों, मल-गोबर, पेड़-पौधों की पत्तियाँ, घास-फूस, सड़ी-गली वस्तुओं का निस्तारण करके खाद बनायी जाती है। इस प्रकार की सामग्री को एक गड़े में डाल देते हैं। गड़ा किसी छायादार कोने में बनाया जाता है तत्पश्चात् इस गड्डे को इस प्रकार हँकते हैं कि उसमें नमी बनी रहे और हवा मिलती रहे। कुछ समय बाद यह सामग्री जीवाणु द्वारा अपघटित होकर खाद में बदल जाती है। जिसका उपयोग खेतों में कर सकते हैं, इसे कम्पोस्ट कहते हैं। गोबर गैस प्लाण्ट में प्रयुक्त गाय व भैंस का गोबर कुछ समय बाद खाद में बदल जाता है तथा इससे ईंधन गैस प्राप्त होती है।

2. वर्मी कम्पोस्टिंग- इस विधि में जैविक अपशिष्ट पदार्थों में लाल केंचुए (Red Earthworm) मिलाते हैं। ये केंचुए कार्बनिक पदार्थ खाते हैं। इनसे निकलने वाला अपशिष्ट पदार्थ उच्च गुणवत्ता युक्त खाद होता है जिसे वर्मी कम्पोस्ट खाद कहते हैं। यह प्रक्रिया वर्मी कम्पोस्टिंग कहलाती है।

3. लैंडफिलिंग- इस विधि में ठोस अपशिष्ट पदार्थ को शहर या कस्बे के बाहर गड़े में एकत्रित करके मिट्टी की परत से ढंक देते हैं। कुछ समय बाद ये अपशिष्ट अपघटित हो जाते हैं।

पाठगत प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
पौधे सूख जाते हैं तो उनका क्या होता है ? (पृष्ठ 176)
उत्तर:
पौधों के कुछ सूखे भाग पृथ्वी पर गिरकर जीवाणुओं की क्रियाओं द्वारा विघटित होकर ह्युमस में बदल जाते हैं। ह्यूमस मृदा को उपजाऊ बनाती है। पौधों के कुछ सूखे भागों का प्रयोग घरेलू ईंधन के रूप में कर लिया जाता है।

प्रश्न 2.
आपके घरों का गन्दा पानी कहाँ जाता है ?
उत्तर:
हमारे घरों का गन्दा पानी नालियों द्वारा जलाशयों एवं गन्दे नालों, नदियों में जाता है।

प्रश्न 3.
प्लास्टिक की सामग्री जिसे हम फेंक देते हैं उसका क्या होता है ?
उत्तर:
प्लास्टिक की सामग्री अजैव निम्नीकरणीय अपशिष्ट है जो जीवाणुओं की क्रिया से अपघटित नहीं होती है तथा गम्भीर पर्यावरणीय प्रदूषण उत्पन्न करती है।

प्रश्न 4.
पंचायत, नगर निगम, जिला परिषद आदि द्वारा जगह-जगह कचरा पात्र रखे जाते हैं। उस संग्रहित कचरे को कहाँ ले जाया जाता है तथा इसका क्या करते हैं ?
उत्तर:
कचरे को कचरा प्रबन्धन स्थल तक ले जाया जाता है तथा उसका व्यवस्थित निस्तारण किया जाता है।

प्रश्न 1.
विद्यालय, गाँवों में घर-घर, बाजार एवं सड़कों के किनारे सार्वजनिक स्थानों पर स्वच्छ एवं सुरक्षित शौचालय बनाए जाते हैं ? इनकी आवश्यकता क्यों है ? (पृष्ठ 178)
उत्तर:
शौचालयों द्वारा मानव मल-मूत्र का व्यवस्थित निस्तारण किया जाता है। ऐसा न होने पर लोग खुले में शौच जाते हैं। वाहित मल इधर-उधर बिखरा पड़ा रहता है या बहता रहता है इससे पर्यावरण प्रदूषित होता है तथा मनुष्यों में अनेक संक्रामक रोग हो जाते हैं।

प्रश्न 2.
खुले में शौच करने से क्या हानि है ?
उत्तर:
खुले में शौच करने से पर्यावरणीय प्रदूषण उत्पन्न होता है तथा मनुष्यों में संक्रामक रोग फैलते हैं।

प्रश्न 3. खुले में शौच वाले स्थलों पर रहने वाले प्राणियों के स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर:
खुले में शौच वाले स्थलों पर अत्यन्त गन्दगी तथा दुर्गन्ध का वातावरण होता है तथा यहाँ मक्खी, मच्छर अत्यधिक संख्या में पनपते हैं तथा रोग उत्पन्न करते हैं। जिससे वहाँ रहने वाले प्राणियों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

क्रियाकलाप

गतिविधि-1: (पृष्ठ 172)

प्रश्न 1.
कचरा किसे कहते हैं ?
उत्तर:
हम अपने दैनिक कार्यों के फलस्वरूप जो पदार्थ अनावश्यक एवं अनुपयोगी होते हैं, उन्हें फेंक देते हैं। ये अनावश्यक (अनुपयोगी) पदार्थ कचरा कहलाते हैं।

गतिविधि-2: (पृष्ठ 173)

प्रश्न 1.
सार्वजनिक स्थान के कचरे का प्रमुख घटक क्या है?
उत्तर:
प्लास्टिक तथा पॉलीथीन।

प्रश्न 2.
अस्पताल के कचरे का सुरक्षित निस्तारण क्यों आवश्यक है ?
उत्तर:
अस्पताल के कचरे के सुरक्षित निस्तारण से स्वस्थ व्यक्तियों के रोगों से संक्रमित होने की सम्भावना समाप्त हो जाती है।

गतिविधि-3: (पृष्ठ 177)

प्रश्न 1.
आप कबाड़ी की दुकान पर जाकर उनका अवलोकन कीजिए कि कबाड़ी उन अनुपयोगी सामग्री का क्या करते
उत्तर:
कबाड़ी अनुपयोगी सामग्री में से विभिन्न प्रकार की सामग्री अलग करते हैं। उदाहरणार्थ-लोहा, ताँबा, ऐल्युमीनियम, अखबार, गत्ता, नोटबुक, किताब, इलेक्ट्रॉनिक तार, प्लास्टिक की सामग्री को अलग-अलग करते हैं।

प्रश्न 2.
कबाड़ी इस सामग्री को कहाँ पहुँचाता है या किसको बेचता है ?
उत्तर:
कबाड़ी अनुपयोगी सामग्री से विभिन्न प्रकार की सामग्री को अलग-अलग कर पुनः चक्रण हेतु सम्बन्धित फैक्ट्रियों को भेज देता है, जिससे यह अनुपयोगी सामग्री पुनः । चक्रित होकर विभिन्न उत्पादों के रूप में प्राप्त हो जाती है।

प्रश्न 3.
पुनः चक्रण क्या है ?
उत्तर:
अनुपयोगी सामग्री को पुनः उपयोगी सामग्री में परिवर्तित करना पुनः चक्रण कहलाता है।

प्रश्न 4.
पुनः चक्रण किन अपशिष्टों के निस्तारण के लिए उपयोगी विधि है ?
उत्तर:
पुनः चक्रण ठोस अपशिष्टों के निस्तारण के लिए उपयोगी विधि है।

क्रियात्मक कार्य

प्रश्न 1.
पॉलीथीन की थैलियों को पशुओं के स्वास्थ्य पर प्रभाव पर शोध प्रायोजना कीजिए।
संकेत-
वर्तमान युग में पॉलीथीन की थैलियाँ अत्यधिक प्रचलन में है तथा हमारे पर्यावरण एवं जीव-जन्तुओं को खतरनाक स्थिति तक नुकसान पहुँचा रही हैं। पॉलीथीन अजैव निम्नीकरणीय होती हैं अर्थात् लम्बे समयान्तराल में भी जीवाणुओं की क्रिया से भी ये अपघटित नहीं होती हैं। पशु कचरे के साथ-साथ कभी-कभी पॉलीथीन की थैलियाँ खा लेते हैं

जिससे उनके पाचन तन्त्र पर बुरा प्रभाव पड़ता है क्योंकि पशुओं के पाचक एन्जाइम इन पर कोई प्रभाव नहीं डालते हैं। अन्ततः पशुओं के शरीर में इनका संग्रहण होने पर उनकी असमय मृत्यु हो जाती है। आप अपने अध्यापक की सहायता से पॉलीथीन की थैलियों का पशुओं के स्वास्थ्य पर प्रभाव पर शोध प्रायोजना कीजिए तथा विभिन्न पशुओं पर पॉलीथीन के दुष्प्रभावों का व्यापक सर्वेक्षण कीजिए।

प्रश्न 2.
पॉलीथीन की थैलियों का मृदा की जल अवशोषण क्षमता पर प्रभाव पर शोध प्रायोजना कीजिए।
संकेत-
पॉलीथीन की थैलियाँ मृदा की जल अवशोषण की क्षमता घटा देती हैं जिससे पेड़-पौधों को पर्याप्त मात्रा में जल उपलब्ध नहीं हो पाता है। इसके परिणामस्वरूप, पेड़-पौधों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। अपने अध्यापक की सहायता से पॉलीथीन की थैलियों का मृदा की जल अवशोषण क्षमता पर प्रभाव पर शोध प्रायोजना कीजिए तथा सर्वेक्षण कर निष्कर्ष निष्पादित कीजिए।

अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
जैव निम्नीकरणीय अपशिष्ट है
(अ) पेड़-पौधों की पत्तियाँ
(ब) फल-सब्जी के छिलके
(स) मल-गोबर
(द) ये सभी
उत्तर:
(द) ये सभी

प्रश्न 2.
अजैव निम्नीकरणीय अपशिष्ट है|
(अ) पेण्ट
(ब) काँच
(स) धातु के टुकड़े
(द) ये सभी
उत्तर:
(द) ये सभी

प्रश्न 3.
उद्योगों से निकलने वाले अवशिष्ट होते हैं
(अ) ठोस अपशिष्ट
(ब) द्रव अपशिष्ट
(स) गैस अपशिष्ट
(द) ये सभी
उत्तर:
(द) ये सभी

प्रश्न 4.
जैव निम्नीकरणीय अपशिष्टों के निस्तारण की विधि नहीं है-
(अ) पुनः चक्रण
(ब) कम्पोस्टिंग
(स) वर्मी कम्पोस्टिंग
(द) लेंड फिलिंग
उत्तर:
(अ) पुनः चक्रण

प्रश्न 5.
किस पदार्थ का पुनः चक्रण संभव नहीं है ?
(अ) कागज
(ब) प्लास्टिक
(स) लकड़ी
(द) धातुएँ
उत्तर:
(स) लकड़ी

रिक्त स्थान

1. कचरा मानव की ………. एवं सामाजिक क्रियाकलापों
का परिणाम है।
2. प्लास्टिक तथा पॉलीथीन ………. अपशिष्ट हैं।
3. जैव निम्नीकरणीय अपशिष्ट पदार्थ अपघटित होकर ……… में बदलते हैं।
4. कचरा के व्यवस्थित रूप से निपटान करने की प्रक्रिया ………… कहलाती है।
उत्तर:
1. प्राकृतिक
2. अजैव निम्नीकरणीय
3. ह्यूमस
4. कचरा प्रबन्धन

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
वग किसे कहते हैं ?
उत्तर:
हम अपने दैनिक कार्यों के फलस्वरूप जो पदार्थ अनावश्यक एवं अनुपयोगी होते हैं उसे फेंक देते हैं। इन अनुपयोगी (अनावश्यक) पदार्थ को कचरा कहते हैं।

प्रश्न 2.
अपशिष्ट पदार्थ कितने प्रकार के होते हैं ?
उत्तर:
(i) जैव निम्नीकरणीय अपशिष्ट पदार्थ
(ii) अजैव निम्नीकरणीय अपशिष्ट पदार्थ।

प्रश्न 3.
किन्हीं चार जैव निम्नीकरणीय अपशिष्ट पदार्थों के नाम लिखिए।
उत्तर:
(i) पेड़-पौधों की पत्तियाँ
(ii) फल-सब्जी के छिलके
(iii) रद्दी कागज
(iv) कपड़ा।

प्रश्न 4.
किन्हीं चार जैव अनिम्नीकरणीय अपशिष्ट पदार्थों के नाम लिखिए।
उत्तर:
(i) पेण्ट
(ii) काँच
(iii) धातु के टुकड़े
(iv) प्लास्टिक तथा पॉलीथीन।

प्रश्न 5.
भौतिक अवस्थाओं के आधार पर अपशिष्ट पदार्थों को कितने भागों में वर्गीकृत किया जाता है ?
उत्तर:
(i) ठोस अपशिष्ट पदार्थ
(ii) द्रव अपशिष्ट पदार्थ
(iii) गैस अपशिष्ट पदार्थ।

प्रश्न 6.
ठोस अपशिष्ट पदार्थों के कुछ उदाहरण लिखिए।
उत्तर:
(i) प्लास्टिक
(ii) काँच के टुकड़े
(iii) सिरिंज के टुकड़े।

प्रश्न 7.
द्रव अपशिष्ट पदार्थों के कुछ उदाहरण लिखिए।
उत्तर:
गन्दा पानी, तेल, पेण्ट, वाहित मल आदि।

प्रश्न 8.
गैसीय अपशिष्ट पदार्थ क्या होते हैं ?
उत्तर:
वाहनों, औद्योगिक फैक्ट्रियों तथा कारखानों से निकलने वाला धुआँ, गैसीय अपशिष्ट पदार्थ होते हैं।

प्रश्न 9.
पॉलीथीन पशुओं को किस प्रकार प्रभावित करती है?
उत्तर:
पशुओं द्वारा कचरे के साथ-साथ कभी पॉलीथीन की थैलियाँ खा लेने से उनकी असमय मृत्यु हो जाती है।

प्रश्न 10.
कचरा प्रबन्धन किसे कहते हैं ?
उत्तर:
कचरे का व्यवस्थित रूप से निपटान करने की प्रक्रिया को कचरा प्रबन्धन (Waste management) कहते हैं।

लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
कचरे का वर्गीकरण किस आधार पर किया जाता है?
उत्तर:
कचरे में कुछ सामग्री ऐसी होती है जिनका पुनः उपयोग किया जा सकता है, जबकि कुछ सामग्री ऐसी होती है जिनका पुन: उपयोग नहीं किया जा सकता है। इस आधार पर कचरे को जैव निम्नीकरणीय तथा अजैव निम्नीकरणीय वर्गों में वर्गीकृत किया जाता है।

प्रश्न 2.
क्या अपशिष्ट सामग्री का अपघटन समान समय में हो सकता है ?
उत्तर:
नहीं, भिन्न-भिन्न प्रकार की अपशिष्ट सामग्री के अपघटन का समय भी भिन्न-भिन्न होता है। कुछ सामग्री 10 दिन, कुछ 4-5 महीनों में, कुछ 4-5 वर्षों में, कुछ 500 वर्षों में और विभिन्न प्रकार के प्लास्टिक लाखों वर्षों में अपघटित होते हैं।

प्रश्न 3.
पर्यावरण प्रदूषण का प्रमुख कारण क्या है ?
उत्तर:
वर्तमान में पर्यावरण संरक्षण के प्रति हमारा प्रेम व । लगाव कम हो गया है। हम प्राकृतिक रूप से उपयोग की | जाने वाली वस्तुओं के स्थान पर मानव निर्मित वस्तुओं का अत्यधिक उपयोग करने लगे हैं जिससे पर्यावरण की सुन्दरता नष्ट होने के साथ-साथ पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है।

प्रश्न 4.
कम्पोस्ट किसे कहते हैं ? इसे किस प्रकार तैयार किया जाता है ?
उत्तर:
जैव अपशिष्टों; जैसे-फल-सब्जी के छिलकों, मल, गोबर, पेड़-पौधों की पत्तियों, घास-फूस, सड़ी-गली वस्तुओं आदि से बनी खाद कम्पोस्ट कहलाती है। जैव अपशिष्टों को छायादार स्थान पर गड्ढे में डालकर इसे बनाया जाता है।

प्रश्न 5.
वर्मी कम्पोटिंग किसे कहते हैं ?
उत्तर:
जैव अपशिष्टों में लाल केंचुए (Red Earthwarm) मिलाने पर वे कार्बनिक पदार्थों का भक्षण करते हैं तथा इनसे निकलने वाला अपशिष्ट पदार्थ उच्च गुणवत्ता युक्त खाद होता है जिसे वर्मी कम्पोस्ट कहते हैं। यह प्रक्रिया वर्मी कम्पोस्टिग कहलाती है।

प्रश्न 6.
अपशिष्ट पदार्थों के निस्तारण में 3R क्या है ?
उत्तर:
अपशिष्ट पदार्थों के निस्तारण की विधियाँ 3R कहलाती हैं। इनका अभिप्राय निम्नवत् है

  • उपयोग की मात्रा कम करना (Reduce)
  • पुन: उपयोग में लेना (Reuse)
  • पुनः चक्रण (Recycle)

प्रश्न 7.
स्वच्छ भारत अभियान का लक्ष्य क्या है ?
उत्तर:
खुले में शौच के कारण गन्दगी फैलती है, दुर्गन्ध आती है तथा पर्यावरण प्रदूषित होता है। साथ ही विभिन्न संक्रामक रोग फैलते हैं। इस समस्या को दूर करने के लिए स्वच्छ भारत अभियान के तहत विद्यालयों में, गाँवों में, घर-घर में; जैसे-बाजार एवं सड़कों के किनारे सार्वजनिक स्थानों पर स्वच्छ एवं सुरक्षित शौचालय बनाये जा रहे हैं।

प्रश्न 8.
पॉलीथीन जनित समस्याओं को चार्ट रूप में प्रदर्शित कीजिए।
उत्तर:
RBSE Solutions for Class 7 Science Chapter 17 कचरा प्रबन्धन 1
प्रश्न 9.
कचरा (अवशिष्ट) के निस्तारण के लिए हमें दैनिक जीवन में क्या उपाय करने चाहिए ?
उत्तर:
(i) हमें उपयोगी सामग्री को पुनः प्रयोग करने का प्रयत्न करना चाहिए।
(ii) कचरा सदैव कूड़ेदान में डालना चाहिए।
(iii) यदि कोई व्यक्ति कूड़ेदान में कूड़ा नहीं डाले तो उसे ऐसा करने के लिए समझाना चाहिए।

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
कचरा (अपशिष्ट) क्या है ? इन्हें कितने वर्गों में वर्गीकृत किया जाता है ? कचरा निस्तारण की विभिन्न विधियों के नाम लिखिए।
उत्तर:
कचरा (अपशिष्ट)- हम अपने दैनिक कार्यों के फलस्वरूप जो पदार्थ अनावश्यक एवं अनुपयोगी होते हैं, उसे फेंक देते हैं। ये अनुपयोगी (अनावश्यक) पदार्थ कचरा कहलाता है। कचरा (अपशिष्ट पदार्थ के प्रकारकचरे (अपशिष्ट पदार्थों) को दो भागों में वर्गीकृत किया जाता है

(i) जैव निम्नीकरणीय अपशिष्ट पदार्थ (Biodegradable waste Materials)- ये अपशिष्ट पदार्थ जीवाणुओं द्वारा अपघटित होकर खाद बनाते हैं। उदाहरणार्थ-पेड़-पौधों की पत्तियाँ, फल-सब्जी के छिलके, माँस, रद्दी कागज, कपड़ा, मल-गोबर आदि।

(ii) अजैव निम्नीकरणीय अपशिष्ट पदार्थ (Nonbiodegradabe waste Materials)- वे अपशिष्ट पदार्थ, जो जीवाणुओं द्वारा अपघटित नहीं होते तथा पर्यावरणीय | प्रदूषण उत्पन्न करते हैं, अजैव निम्नीकरणीय अपशिष्ट पदार्थ कहलाते हैं। उदाहरणार्थ-पेन्ट, काँच, धातु के टुकड़े, प्लास्टिक की वस्तुएँ आदि।
कचरा निस्तारण की विधियाँ

1. जैव निम्नीकरणीय अपशिष्ट पदार्थों के निस्तारण की विधियाँ

  • कम्पोस्टिंग
  • वर्मी कम्पोस्टिंग
  • लेंड फिलिंग।

2. अजैव निम्नीकरणीय अपशिष्ट पदार्थों के निस्तारण की विधियाँ

  • उपयोग की मात्रा कम करना (Reduce)
  • पुन: उपयोग में लेना (Reuse)
  • पुनः चक्रण (Recyle)।

प्रश्न 2.
वाहित मल क्या है ? अनुपचारित वाहित मल को नदियों अथवा समुद्र में विसर्जित करना हानिकारक क्यों है, समझाइए।
उत्तर:
वाहित मल अपशिष्ट जल होता है, जो कि घरों, उद्योगों, अस्पतलों आदि द्वारा उपयोग के बाद प्रवाहित होता है। तेज वर्षा के समय गलियों, सड़कों तथा छतों से बहकर आने वाला वर्षा जल भी इसमें शामिल है जो अपने साथ हानिकारक पदार्थों को भी बहा ले जाता है। वाहित मल घुले हुए तथा निलम्बित अपद्रव्य युक्त जल होता है। ये अपद्रव्य संदूषक कहलाते हैं।

इस प्रकार वाहित मल एक जटिल मिश्रण होता है, जिसमें निलम्बित ठोस, कार्बनिक और अकार्बनिक अशुद्धियाँ, पोषक तत्व, मृतजीवी और रोगवाहक जीवाणु और अन्य सूक्ष्मजीव होते हैं। यही कारण है कि वाहित मल को नदियों
अथवा समुद्र में विसर्जित करना हानिकारक होता है।

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