RBSE Solutions for Class 7 Social Science Chapter 4 भूमि

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Board RBSE
Textbook SIERT, Rajasthan
Class Class 7
Subject Social Science
Chapter Chapter 4
Chapter Name भूमि
Number of Questions Solved 37
Category RBSE Solutions

Rajasthan Board RBSE Class 7 Social Science Chapter 4 भूमि

पातुगत प्रश्न एवं उनके उत्तर

आओ करके देखें।

प्रश्न 1.
कहानी के आधार पर अनुपम और लक्ष्मी के गाँव की भूमि के छ: उपयोग हो रहे हैं? बताओ क्या-क्या उपयोग हो रहे हैं ?
(पृष्ठ 32)
उत्तर

  1. कृषि भूमि
  2. बंजर भूमि
  3. वन भूमि
  4. चारागाह
  5. आवास/अधिवास
  6. खेल का मैदान ( सार्वजनिक भूमि ।

प्रश्न 2.
आप जिस गाँव या शहर में रहते हैं, वहाँ की भूमि के विभिन्न उपयोग देखे जा सकते हैं। अपने या किसी भी एक गाँव/शहर का भ्रमण कीजिए और वहाँ के भूमि उपयोग का अध्ययन कीजिए। मुख्य भूमि उपयोग की सूची बनाइए। कुछ भू-उपयोग अनुपम और लक्ष्मी के गाँव जैसे भी हो सकते हैं और कुछ अलग भी। (पृष्ठ 32)
उत्तर
मैं भरतपुर जिले की नगर तहसील के गाँव मॅडिया | में रहता हैं। हमारे गाँव में भूमि उपयोगों की सूची निम्न | प्रकार है-

  1. वनभूमि
  2. कृषि भूमि
  3. बंजर भूमि
  4. चारागाह भूमि
  5. उद्यान भूमि
  6. मानव अधिवास भूमि
  7. क्रीड़ा भूमि
  8. वर्तमान परती भूमि
  9. पुरानी परती भूमि
  10. कृषि योग्य व्यर्थ भूमि
  11. परिवहन से सड़क निर्माण में प्रयुक्त भूमि।

प्रश्न 3.
आपके गाँव/शहर में स्थित सार्वजनिक भूमि का पता लगाकर उसके उपयोग पर टिप्पणी लिखिए। (पृष्ठ 33)
उत्तर
स्वामित्व के आधार पर भूमि को निजी और सार्वजनिक | दो भागों में बाँटा गया है। सार्वजनिक भूमि वह है जिस पर | पूरे समुदाय का अधिकार होता है। बाग बगीचे, खेल का | मैदान, चारागाह, वन, जलीय क्षेत्र आदि सार्वजनिक भूमि हैं। | जिस पर समाज के सभी लोगों का समान अधिकार होता है। चारागाहों पर पशुचारण, वनों से ईंधन की लकड़ी, फल-फूल, | इमारती लकड़ी उपलब्ध होती हैं। इस प्रकार की भूमि का भूमिहीन लोगों के लिए विशेष महत्व होता है।

प्रश्न 4.
पता लगाइए कि आपके क्षेत्र में किस प्रकार की कृषि की जाती है? (पृष्ठ 33)
उत्तर
हमारे क्षेत्र में जीवन निर्वाह कृषि की जाती हैं। इसका मुख्य उद्देश्य परिवार के सदस्यों का पालन-पोषण होता हैं। इस प्रकार की कृषि में आवश्यकता के अनुकूल साग-सब्जियाँ, गेहूँ, तिलहन, ज्वार- बाजरा, दालें आदि की फसलें उगायी जाती हैं। इसमें परम्परागत कृषि उपकरणों का प्रयोग किया जाता है।

प्रश्न 5.
क्या आपके आसपास के क्षेत्र में भूमि का उपयोग खनन, उद्योग, प्राकृतिक या मानव निर्मित जल स्रोत, वन्य जीव अभयारण्य, चारागाह, पर्यटन आदि में हो रहा है? इनके बारे में जानकारी एकत्र कीजिए।
(पृष्ठ 33)
उत्तर
हमारे क्षेत्र में संगमरमर एवं महत्वपूर्ण पत्थरों की चट्टानें हैं। यहाँ खनन उद्योग महत्वपूर्ण है। जल स्रोत के रूप में पुराने राजा-महाराजाओं द्वारा बनाये गये जलस्रोत (कुड़) हैं। गांव के समीप सार्वजनिक चारागाह है।

प्रश्न 6.
दिए गए चित्र को देखकर बताइए कि कौन-सा गाँव का चित्र है और कौन-सा शहर का? या आपने कैसे पता लगाया? कारण भी बताइए। (पृष्ठ 34)
RBSE Solutions for Class 7 Social Science Chapter 4 भूमि 1
उत्तर
उपर्युक्त दोनों चित्रों में बायीं ओर का चित्र गाँव का है और दाहिनी ओर का शहर का हैं। चिन्न से स्पष्ट है कि गाँव चाले चित्र में अधिवास दूर-दूर हैं जिनके मध्य खाली व कृषि भूमि, वनस्पतियाँ, पगडंडी आदि हैं। जबकि दाहिनी ओर शहर के चित्र में बड़ी-बड़ी इमारतें, मोटर गाड़ियाँ, पक्की सड़कें तथा सघन भूमि उपयोग देखने को मिलता हैं।

प्रश्न 7.
नीचे दी गई सारणी के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए। (पृष्ठ 35)
(1) उन देशों के नाम बताइए जिनमें निम्नलिखित भूमि उपयोग से अधिक है?
RBSE Solutions for Class 7 Social Science Chapter 4 भूमि 2

  1. अन्य उपयोग
  2. चारागाह
  3. वनभूमि
  4. कृषिभूमि

उत्तर

  1. अन्य उपयोग- कनाडा (52 प्रतिशत), आस्ट्रिया (24 प्रतिशत), जापान (19 प्रतिशत)।
  2. चारागाह- आस्ट्रिया (50 प्रतिशत), ब्राजील (20 प्रतिशत )
  3. वनभूमि- जापान (67 प्रतिशत), ब्राजील ( 66 प्रतिशत), कनाडा (39 प्रतिशत )
  4. कृषि भूमि- भारत 60 प्रतिशत), जापान (12 प्रतिशत )

(2) निम्नलिखित देशों के भूमि उपयोग का अध्ययन कर अनुमान लगाइए कि वहाँ कौन-सी आर्थिक क्रियाएँ अधिक होंगी?
उत्तर

  1. भारत- कृषि, वनोद्योग।
  2. ऑस्ट्रिया- पशुपालन, अन्य उपयोग। आवास, परिवहन, नहरें, दुकानें आदि।)
  3. ब्राज़ील- वनोद्योग, पशुपालन आदि।
  4. कनाडा- अन्य उपयोग । अधिवास, परिवहन, हरे, खनन, दुकाने आदि।), वनोद्योग।

प्रश्न 8.
दिए गए आरेख को देखकर भारत में भूमि उपयोग | परिवर्तन के बारे में बताए। (पृष्ठ 36)
उत्तर
RBSE Solutions for Class 7 Social Science Chapter 4 भूमि 3
भारत में वर्ष 1950-51 में कृषि भूमि का प्रतिशत लगभग 67 प्रतिशत था। जो 1970-71 एवं 1990-91 में 60 प्रतिशत तथा 2008-09 में 50 प्रतिशत हो गया । वन भूमि के उपयोग में वृद्धि हुई हैं। 1950-51 में कुल भौगोलिक क्षेत्रफल के लगभग 13 प्रतिशत भाग पर वन भूमि थी जो 1970-71 एवं 1990-91 में क्रमिक वृद्धि के साथ 2008-19 में लगभग 32 प्रतिशत हो गई है। बंजर भूमि 1950-51 में लगभग 13 प्रतिशत थी। जो वर्ष 2008-09 में लगभग 5 प्रतिशत रह गयी है। चारागाह के क्षेत्रफल में क्रमिक विकास हुआ हैं। 1951 5] में लगभग 2 प्रतिशत क्षेत्रफल इसके अन्तर्गत था, जो वर्ष 2008-09 में बड़कर 3 प्रतिशत के लगभग हो गया। अन्य उपयोगों के अन्तर्गत वर्ष 1950-51 में समस्। भौगोलिक क्षेत्रफल का लगभग 25 प्रतिशत भाग सन्निहित था। जो क्रमानुसार वृद्धि के साथ वर्ष 2008-19 में लगभग 8 प्रतिशत हो गया। उपर्युक्त आँकड़े विगत लगभग 60 वर्षों में हुए भूमि उपयोग परिवर्तन के प्रारूप को स्पष्ट करते हैं।

प्रश्न 9.
आपके शहर या गाँव में भूमि-उपयोग में किस प्रकार का परिवर्तन हो रहा है और क्यों? (पृष्ठ 36)
उत्तर
वर्तमान समय में विगत 60 वर्षों के कालान्तर में भूमि उपयोग में व्यापक परिवर्तन हुआ है। इन वर्षों में भारत में जनसंख्या वृद्धि तीव्र गति से हुई है। स्वतंत्रता के बाद लोगों की सुख-सुविधाएँ बढ़ी है। नगरीकरण का तीव्रगति से विकास हुआ है। मृत्युदर में कमी हुई है, जिसके कारण लोगों का जीवन-स्तर सुधरा है। अधिक सुविधाओं को तलाश में लोगों का गाँवों से नगरों की ओर पलायन हो रहा है। सरकार का ध्यान परम्परागत रूप से पिछड़े लोगों की ओर गया है और उन्हें बेहतर सुविधाएँ प्रदान करने के लिए अनेक प्रयास किये गए हैं। परिणाम यह हुआ कि कृषि भूमि का क्षेत्रफल घट रहा है। नगरों में आबादी बढ़ने से भूमि के अन्य उपयोग में बल्लेत्तरी हुई है। चारागाहों एवं वन क्षेत्रों में वृद्धि हुई है।

पाठ्य पुसतक के प्रश्नोत्तए

प्रश्न 1.
सही विकल्प को चुनिए
(i) पोल्डर किस देश में पाए जाते हैं?
(क) इंग्लैण्ड
(ख) जापान
(ग) नीदरलैण्ड
(घ) मिश्र।
उत्तर
(ग) नीदरलैण्ड

(ii) बहू भूमि जिस पर फलदार वृक्ष उगाये जाते हैं, उसे कहा जाता है
(क) उद्यान भूमि
(ख) चरागाह भूमि
(ग) परती भूमि
(घ) कृषि भूमि।
उत्तर
(क) उद्यान भूमि

प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
(i) पश्चिमी राजस्थान में मरुस्थल के विस्तार को रोकने के लिए………में काजरी’ की स्थापना की गयी है।
(ii) मानव क्रिया-कलापों और बढ़ती जनसंध्या के फलस्वरूप सम्पूर्ण विश्व में ……………. उपयोग में परिवर्तन हुए हैं।
(iii) कृषि योग्य भूमि की गुणवत्ता, उपयोगिता एवं उत्पादकता में कमी आना भूमि ……….कहलाता है।
(iv) भारत का सबसे बड़ा महानगर………… प्रारम्भ में सात द्वीपों पर बसा था।
उत्तर
(i) जोधपुर
(ii) भूमि
(iii) अवनयन
(iv) मुम्बई

प्रश्न 3.
भूमि उपयोग किसे कहूते हैं?
उत्तर
भूमि उपयोग से अभिप्राय कुल भौगोलिक क्षेत्रफल के विभिन्न कार्यों में उपयोग में लाये जाने वाले भू-भाग के प्रकारों से है। सामान्यतया समस्त भौगोलिक क्षेत्रफल को भूमि-उपयोग के विभिन्न खण्डों-वनभूमि, कृषि-भूमि, बंजर भूमि, कृषि योग्य व्यर्थ भूमि, चारागाह, उद्यान भूमि, वर्तमान परती भूमि, पुरानी परती भूमि तथा अन्य कार्यों में प्रयुक्त भूमि के रूप में विभाजित किया जाता हैं।

प्रश्न 4.
गाँवों में किस प्रकार का भूमि उपयोग अधिक मिलता है?और क्यों ?
उत्तर
गाँवों के अधिकांश भू-भाग का उपयोग कृषि, चारागाह वे तालाब के रूप में मिलता है। इसका प्रमुख कारण यह है कि भारत में आज भी अधिकांश जनसंख्या कृषि कार्यों में लगी हुई है। सहायक व्यवसाय के रूप में वहाँ पशुपालन प्रमुख उद्योग हैं। अतएव ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि, चारागाह एवं तालाब के रूप में भूमि उपयोग मिलता है।

प्रश्न 5.
भूमि अवनयन के लिए जिम्मेदार कारकों के नाम लिखिए।
उत्तर
भूमि अवनयन के प्रमुख कारक निम्नलिखित हैं

  1. मृदाअपरदन
  2. मृदा में लवणता की वृद्धि
  3. अत्यधिक खनन
  4. वनों की कटाई
  5. मरुस्थलीकरण
  6. अति पशुचारण
  7. विकासात्मक कार्य
  8. अधिक सिंचाई
  9. नहरी जल का रिसाव
  10. शहरी ठोस कचरा एवं औद्योगिक अपशिष्ट
  11. रासायनिक खाद और कीटनाशकों का अधिक उपयोग आदि।

प्रश्न 6.
भूमि उपयोग के वर्गों में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
भूमि उपयोग को कई वर्गों में विभाजित किया गया हैं। प्रमुख वर्ग निम्नलिखित हैं-

  1. वन भूमि
  2. कृषि भूमि
  3. बंजर भूमि
  4. कृषि योग्य व्यर्थं भूमि
  5. चारागाह भूमि
  6. उद्यान भूमि
  7. वर्तमान परती भूमि
  8. पुरानी परती भूमि तथा
  9. अन्य कार्यों में प्रयुक्त भूमि आदि।

वन भूमि वह विस्तृत भू-भाग है जिस पर प्राकृतिक वनस्पति पाई जाती है। उद्यान भूमि निजी भूमि है जिस पर फरार वृक्ष लगाये जाते हैं। कृषि भूमि पर विभिन्न प्रकार की फसलें उगायी जाती हैं। कृषि योग्य व्यर्थ भूमि को भी कुछ प्रयासों द्वारा कृषि हेतु उपयोग किया जा सकता है। किन्तु कुछ असुविधाओं के कारण वह बेकार पड़ी रहती है और उसका उपयोग कृषि कार्य में नहीं हो रहा है। परती भूमि दो

तरह की होती है-वर्तमान परती भूमि व प्राचीन परती भूमि। दोनों प्रकार की भूमि कृषि योग्य है, इन पर कृषि की जाती हैं किन्तु कुछ कारणों एवं उद्देश्यों के लिए इन पर वर्तमान में कृषि नहीं की जा रही है। बंजर भूमि भौगोलिक परिस्थितियों के कारण कृषि के सर्वथा अयोग्य होती है। चारागाह समतल कृषि योग्य भूमि है, किन्तु क्षेत्रीय माँग के अनुसार उन्हें चारागाहों हेतु छोड़ना अधिक लाभकर हैं। अन्य उपयोगों में मानव अधिवास, परिवहन, नहर, दुकाने, उद्योग आदि को रखा गया है जिनका उपयोग अन्य भु-उपयोगों में भी किया जा सकता है।

प्रश्न 7.
शहर और ग्रामीण भूमि उपयोग में क्या अन्तर है?
उत्तर
शहर और ग्रामीण क्षेत्रों के भूमि उपयोग में पर्याप्त अन्तर होता है। गाँवों की अपेक्षा शहरों में भूमि का मूल्य अधिक होता है। गाँव के अधिकांश भू-भाग का उपयोग कृषि, चारागाह एवं तालाब के रूप में होता है। वहीं नगरों या शहरों में आवासों, कार्यालय, उद्योग, परिवहन एवं उद्यान के रूप में भूमि उपयोग देखने को मिलता है।

प्रश्न 8.
वर्तमान में भूमि संरक्षण क्यों आवश्यक है? यदि हुमने भूमि-संरक्षण नहीं किया तो हमें किन दुष्प्रभावों का सामना करना पड़ेगा?
उत्तर
भूमि अवनयन के फलस्वरूप भूमि की गुणवत्ता, उत्पादकता तथा उपयोगिता कम होती जा रही हैं। इसे बनाए रखने के लिए भूमि का संरक्षण आवश्यक है। सभी जीवों का सम्बन्ध धरातल से ही हैं। उनकी सभी आवश्यकताओं की पूर्ति भूमि से ही होती है। मानव का सम्बन्ध भी आजीवन भूमि से ही बना रहता है इसलिए भूमि संरक्षण आवश्यक हो गया है। बढ़ती हुई जनसंख्या के लिए भोजन, पशुओं के लिए चारा, कृषि आधारित उद्योगों के लिए कच्चा माल सभी | भूमि की गुणवत्ता से ही सम्बन्धित हैं। अतएव भूमि संरक्षण आवश्यक है।

भूमि संरक्षण न करने के दुष्प्रभाव- भूमि संरक्षण न करने से निम्न दुष्प्रभावों का सामना करना पड़ सकता है

  1. भूमि की गुणवत्ता समाप्त हो जाएगी
  2. भूमि की उत्पादकता एवं उपयोगिता में कमी आएगी।
  3. वर्तमान में तीव्रगति से बढ़ती जनसंख्या के लिए पर्याप्त भोजन उपलब्ध नहीं हो सकेगा
  4. पशुओं के लिए चारे की समस्या का सामना करना पड़ेगा।
  5. वन क्षेत्रों में कमी आएगी जिसका विपरीत प्रभाव पर्यावरण पर पड़ेगा।
  6. धरातल पर निवास करने वाले जीव-जन्तुओं एवं वन्य जीवों पर प्रदूषित भूमि | का दुष्प्रभाव पड़ेगा।
  7. कृषि आधारित उद्योगों के लिए कच्चा माल भूमि से ही प्राप्त होता है। भूमि अवनयने के फलस्वरुप इनका उत्पादन कम हो जाएगा और इन उद्योगों पर इसका बुरा प्रभाव पड़ेगा।

अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न1.
भारतीय ग्रन्थों में निम्न में से किसे माता कहा गया है?
(क) जल
(ख) वायु
(ग) अग्नि
(घ) भूमि
उत्तर
(घ) भूमि

प्रश्न 2.
खनन, वन एवं पशुचारण किस क्षेत्र की विशेषता है?
(क) ग्रामीण क्षेत्र
(ख) नगरीय क्षेत्र
(ग) पहाड़ी क्षेत्र
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर
(ग) पहाड़ी क्षेत्र

प्रश्न 3.
निम्न में कौन सी भूमि को बंजर भूमि में रखा जा सकता
(क) ऊँचे पर्वत
(ख) पथरीली भूमि
(ग) दलदली भूमि
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर
(घ) उपर्युक्त सभी

प्रश्न 4.
व्यापारिक कृषि के लिए एक महत्त्वपूर्ण देश है
(क) भारत
(ख) कनाड़ा
(ग) अर्जेप्राइना
(घ) ऑस्ट्रेलिया
उत्तर
(ख) कनाड़ा

प्रश्न 5.
इन्दिरा गांधी नहर से राजस्थान का कौन सा भाग प्रभावित हुआ है।
(क) पश्चिमी
(ख) उत्तरी
(ग) दक्षिणी
(घ) पूर्वी।
उत्तर
(क) पश्चिमी

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
(i) रासायनिक खाद एवं कीटनाशक दवाइयों के उपयोग से कालान्तर में भूमि की …….. में कमी होती जाती है।
(ii) सार्वजनिक भूमि पर पूरे…………. का अधिकार होता है।
(iii) किसी क्षेत्र का …………. मुख्यत: वहाँ किए जाने वाले आर्थिक क्रिया-कलापों पर निर्भर करता है।
(iv) भूमि अवनयन प्राकृतिक व ……………. दोनों कारणों से होता है।
उत्तर
(i) गुणवत्ता
(ii) समुदाय
(iii) भूमि उपयोग,
(iv) मानवीय। 

अति लघूत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
‘जननी जन्मभूमि स्वर्गादपि गरीयसी’ से क्या तात्पर्य
उत्तर
यह भारतीय धर्मग्रन्थों में उल्लिखित सूक्ति है जिसका अर्थ हैं-“माता और जन्मभूमि स्वर्ग से भी श्रेष्ठ हैं।”

प्रश्न 2.
मृदा की गुणवत्ता को किस प्रकार बढ़ाया जा सकता है?
उत्तर
जैविक खादों के अधिकतम उपयोग, दलहनी फसलों के उत्पादन एवं फसल चक्र को अपनाकर मृदा की गुणवत्ता को बढ़ाया जा सकता है।

प्रश्न 3.
उपयोग के आधार पर कृषि के प्रकार बताइए।
उत्तर
उपयोग के आधार पर कृषि को दो भागों में बांटा गया हैं-
(1) जीवन-निर्वाह कृषि,
(2) व्यापारिक कृषि।

प्रश्न 4.
स्वामित्व के आधार पर भूमि को कितने भागों में बाँटा गया है?
उत्तर
स्वामित्र के आधार पर भूमि को दो भागों में बाँटा गया है
(1) निजी भूमि व
(2) सार्वजनिक भूमि।।

प्रश्न 5.
सार्वजनिक भूमि का क्या महत्व है?
उत्तर
चारागाहों पर पशुपालन तथा वनों से ईधन को लकड़ी, फल-फूल, इमारती लकड़ी आदि उपलब्ध होने से इनका स्थानीय भूमिहीन लोगों के लिए विशेष महत्व है।

प्रश्न 6.
धरातलीय विभिन्नताओं का प्रभाव जनसंख्या पर किस प्रकार पड़ता हैं?
उत्तर
धरातलीय विभिन्नताओं का प्रभाव जनसंख्या के कम या अधिक होने के रूप में पड़ता है।

प्रश्न 7.
पशुपालन की दृष्टि से महत्वपूर्ण देशों के नाम बताइए।
उत्तर
अर्जेण्टीना, न्यूजीलैण्ड, ऑस्ट्रेलिया, डेनमार्क, भारत | आदि देशों की अर्थव्यवस्था में पशुपालन का महत्वपूर्ण योगदान

लघूत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
भूमि संरक्षण के लिए क्या उपाय किए जाने चाहिए?
उत्तर
भूमि संरक्षण वर्तमान समय के लिए अति महत्वपूर्ण मुद्दा है। इसके लिए निम्न उपाय किए जा सकते हैं-

  1. मृदा अपरदन को कम करना
  2. अवैधानिक खनन व स्थानान्तरित कृषि पर रोक लगाना।
  3. वृक्षारोपण करना
  4. मरुस्थलोकरण को रोकना
  5. अति पशुचारण पर रोक।
  6. नहरों के रिसाव को कम करना।
  7. औद्योगिक अपशिष्ट तथा शहरी औस अपशिष्ट का उचित निपटान करना।
  8. कृषि में अधिकाधिक जैविक खाद का उपयोग।
  9. जनजागरूकता फैलाना आदि।

प्रश्न 2.
भूमि उपयोग में परिवर्तन से क्या आशय है? सोदाहरण स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
धरातल का क्षेत्रफल सीमित है उसमें परिवर्तन नहीं किया जा सकता। जब किसी कार्य विशेष में भूमि उपयोग बढ़ता है तो दूसरे कार्य का भूमि उपयोग कम हो जाता है। | इसे ही भूमि उपयोग में परिवर्तन कहा जाता है।
उदाहरणार्थ

  1. वनों को काटकर कृषि एवं चारागाहों का | विकास करना।
  2. पहाड़ों को काटकर रास्ते बनाना।
  3. दलदलों को सुखाकर कृषि क्षेत्र को बद्मना।
  4. समुद्र के तटवर्ती उथले क्षेत्रों में भराव करके नगरों का विकास | और कृषि करना।
  5. खनन कार्य करना आदि।

प्रश्न 3.
समय एवं स्थान के अनुसार भूमि-उपयोग में परिवर्तन होता है? सोदाहरण स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
समय एवं स्थान की परिस्थितियों के अनुसार व्यक्ति व समाज की आवश्यकताएँ बदलती हैं, अतएव भूमिउपयोग में भी परिवर्तन होता है।
उदाहरणार्थ

  1. पश्चिमी राजस्थान में इन्दिरा गांधी नहर से मरुस्थली भूमि उपयोग में व्यापक परिवर्तन हुआ है। जो भूमि पहले बेकार पड़ी थी आज उसका उपयोग कृषि, उद्योग, नहर, परिवहन, खनन, सौर एवं पवन ऊर्जा संयन्त्र लगाने में किया जा रहा है।
  2. विश्व में कुछ दलदली भाग को सुखाकर उसे आवास व अन्य उपयोगों में लिया जा रहा है।

 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न 

प्रश्न
भूमि अवनयन क्या हैं? विश्व में भूमि अवनयन की स्थिति को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
भूमि अवनयन से आशय-उपजाऊ भूमि की गुणवत्ता, उपयोगिता एवं उत्पादकता में कमी हो जाना भूमि अवनयन कहलाता है। भूमि अवनयन में प्राकृतिक कारकों के साथ-साथ मानवीय कारकों की भूमिका ज्यादा महत्वपूर्ण है। मानवीय | कायों से होने वाला भूमि अवनयन आज विश्व स्तर पर चिन्ता का विषय हैं। आज विश्व का अधिकांश भाग मानव | द्वारा भूमि के अविवेकपूर्ण उपयोग एवं अधिकाधिक दोहन के कारण भूमि अवनयन की समस्या से जूझ रहा है। भूमि | अवनयन का दुष्प्रभाव कृषि, वनस्पति एवं मानव विकास पर पड़ रहा है। विश्व मानचित्र के आधार पर मृदा अवयन की स्थिति को निम्न प्रकार से स्पष्ट किया जा सकता है।
RBSE Solutions for Class 7 Social Science Chapter 4 भूमि 4
(1) गम्भीर भूमि अवनयन से ग्रसित क्षेत्र– एशिया महाद्वीप में चीन का अधिकांश मध्य दक्षिणी भाग, उत्तरी एवं दक्षिणी कोरिया, वियतनाम, हिन्देशिया, म्यांमार, भारत का अधिकांश भाग, अरब का कुछ भाग, यूरोप महाद्वीप का दक्षिणी, मध्य एवं पूर्वी भाग, अफ्रीका महाद्वीप में सहारा के दक्षिण-पश्चिम के कुछ भाग, दक्षिण अफ्रीका तथा मेडागास्कर द्वीप, संयुक्त राज्य अमेरिका का झीलों वाला क्षेत्र, मध्य अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका में मध्य एण्डीज क्षेत्र तथा ब्राजील का दक्षिणी भाग भूमि अवनयन की दृष्टि से गम्भीर स्थिति वाले क्षेत्र

(2) चिंतनीय स्थिति वाले क्षेत्र- इस प्रकार के क्षेत्र के अन्तर्गत एशिया महाद्वीप में चीन का तटीय एवं पश्चिमी भाग, मध्य दक्षिणी भाग, जावा, सुमात्रा, ऑस्ट्रेलिया को अधिकांश भाग, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, उत्तरी पश्चिम | यूरोप, सहारा के उत्तर अफ्रीका महाद्वीप, मध्य अफ्रीका के दक्षिण एवं समस्त पूर्वी भाग, गिनीतट, दक्षिण अमेरिका का अधिकांश भाग तथा संयुक्त राज्य अमेरिका के अधिकांश भाग आते हैं।

(3) स्थिर स्थिति वाले क्षेत्र- इसके अन्तर्गत साइबेरिया का अधिकांश भाग, कमचटका प्रायद्वीप, मंगोलिया, पूर्वी भारत, उत्तरी यूरोप का सागर तटीय भाग, मध्य अफ्रीका, कालाहारी मरुस्थल के पश्चिम का क्षेत्र, उत्तरी अमेरिका में कनाड़ा, अलास्का प्रायद्वीप तथा उत्तर के छोटे-छोटे द्वीप, दक्षिण अमेरिका में ब्राजील एवं एएडीज के मध्य का कुछ भाग तथा दक्षिणी आस्ट्रेलिया का कुछ भाग शामिल है।

(4) वनस्पति रहित क्षेत्र- विश्व के अधिकांश मरुस्थली भाग | इसके अन्तर्गत आते हैं। एशिया महाद्वीप में मंगोलिया, लोयस का भाग, उत्तरी ऑस्ट्रेलिया का दक्षिणी भाग, सहारा मरुस्थल, दक्षिणी अरब का कुछ भाग, मैक्सिको का दक्षिणी क्षेत्र तथा | ग्रीनलैण्डू का अधिकांश भाग इसके अन्तर्गत आते हैं।

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