RBSE Solutions for Class 8 Science Chapter 17 पर्यावरण

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Board RBSE
Textbook SIERT, Rajasthan
Class Class 8
Subject Science
Chapter Chapter 17
Chapter Name पर्यावरण
Number of Questions Solved 54
Category RBSE Solutions

Rajasthan Board RBSE Class 8 Science Chapter 17 पर्यावरण

पाठ्गत प्रश्न

पृष्ठ 179

प्रश्न 1.
नीचे दी गई सारणी में देखी गई वस्तुओं, पेड़पौधों, जीव-जन्तु एवं हुए अनुभवों को भरिए।
उत्तर:
सूची

क्र. सं. देखी गई वस्तुओं के नाम देखे गए पेड़-पौधों एवं जीव-जंतुओं के नाम अनुभव की गई क्रियाओं के नाम
1 मिट्टी पीपल हवा
2 पत्थर धतूरा शोर
3 लकड़ी नीम सर्दी लगना
4 लोहे का टुकड़ा आम गर्मी लगना
5 पेड़ों की पत्तियाँ छिपकली सुहावनापन
6 कचरा कुत्ता नदी की कल कल ध्वनि
7 कागज गाय शान्ति
8 कपड़ा बन्दर पक्षियों की चहचहाअट
9 फल-सब्जियों के छिलके भैंस प्रकृति की
10 सड़े-गले फल बकरी उमस

पाठ्यपुस्तक के प्रश्न

सही विकल्प का चयन कीजिए

प्रश्न 1.
प्राकृतिक पर्यावरण के जैविक घटक हैं-
(अ) पौधे
(ब) पहाड़
(स) मैदान
(द) जल
उत्तर:
(अ) पौधे

प्रश्न 2.
सामान्य भाषा में प्रदूषण का अर्थ हैं-
(अ) अदूषित वातावरण
(ब) दूषित वातावरण
(स) अदूषित व दूषित वातावरण
(द) सुहाना वातावरण
उत्तर:
(ब) दूषित वातावरण

प्रश्न 3.
पर्यावरण को बचाए रखने के लिए पर्यावरणीय जीवनशैली में नहीं हैं-
(अ) सीमित उपयोग
(ब) संयमित उपयोग
(स) सदाचारी उपयोग
(द) असीमित उपयोग
उत्तर:
(द) असीमित उपयोग

प्रश्न 4.
विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है-
(अ) 21 जून
(ब) 05 जून
(स) 2 अक्टूबर
(द) 14 नवम्बर
उत्तर:
(ब) 05 जून

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

प्रश्न 1.
हमारे चारों ओर का परिवेश ही_____ कहलाता हैं।
उत्तर:
पर्यावरण

प्रश्न 2.
भारतीय संस्कृति में बताए गए पंचतत्व____ हैं।
उत्तर:
पृथ्वी, जल, वायु, अग्नि तथा आकाश

प्रश्न 3.
अजैविक घटक में_____ आते हैं।
उत्तर:
सभी निर्जीव

प्रश्न 4.
भू-प्रदूषण से भूमि की उर्वरता व_____ में कमी आई हैं।
उत्तर:
उत्पादकता या उत्पादन क्षमता।

लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
पर्यावरण के प्रकार लिखिये।
उत्तर:
मुख्य रूप से पर्यावरण के दो प्रकार हैं

  1. सामाजिक पर्यावरण-सामाजिक पर्यावरण का मुख्य घटक समाज है।
  2. प्राकृतिक पर्यावरण-जैविक एवं अजैविक कारक प्राकृतिक पर्यावरण के घटक हैं।

प्रश्न 2.
प्रदूषण किसे कहते हैं? इनके प्रकार लिखिए।
उत्तर:
प्रदूषण-पर्यावरण के विभिन्न घटकों में होने वाले अवांछित परिवर्तनों को प्रदूषण कहते हैं। सामान्य भाषा में प्रदूषण का अर्थ है ‘दूषित वातावरण’। प्रदूषण के प्रकार-

  1. जल प्रदूषण
  2. वायु प्रदूषण
  3. ध्वनि प्रदूषण
  4. भू-प्रदूषण
  5. ताप प्रदूषण
  6. रेडियोधर्मी प्रदूषण
  7. सामाजिक प्रदूषण आदि।

प्रश्न 3.
पर्यावरण को बचाने के लिए आप क्या संकल्प लेंगे? लिखिए।
उत्तर:
पर्यावरण प्रदूषण की समस्याएँ प्रकृति चक्र टूटने से उत्पन्न होती हैं। अतः अपने जीवन के विशेष दिवसों जैसे-जन्म दिवस, त्यौहार, पुण्यतिथि आदि पर वृक्ष लगाने का संकल्प लेकर पर्यावरण संरक्षण में अपना सहयोग देंगे।

प्रश्न 4.
पर्यावरण रक्षा के लिए किन-किन स्तरों पर प्रयास कर सकते हैं? लिखिए।
उत्तर:
हम सभी मिलकर पर्यावरण रक्षा हेतु विभिन्न स्तरों पर प्रयास कर सकते हैं । ये स्तर निम्न प्रकार के हो सकते हैं-

  1. व्यक्तिगत
  2. पारिवारिक
  3. सार्वजनिक
  4. कार्यस्थल
  5. विद्यालय
  6. शासकीय स्तर आदि

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
पर्यावरण व इसके संरक्षण हेतु भारतीय दृष्टिकोण के बारे में समझाइये।
उत्तर:
पर्यावरण और भारतीय दष्टि-हमारी संस्कृति एवं परम्पराओं में पर्यावरण के घटकों का सदैव पूजन किया जाता है। हरे वृक्षों को काटना पाप है। स्नान के बाद पौधों व वृक्ष पर जल चढ़ाते हैं, सूर्य की पूजा की जाती है, जो कि ऊर्जा का सबसे बड़ा स्रोत है। हमारी जीवनशैली ऐसी है जो पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन में सहायक है। भारतीय संस्कृति में भी पर्यावरण संरक्षण पर महत्त्व दिया गया है। मनुष्य का प्रकृति के साथ अटूट सम्बन्ध है।

पृथ्वी, जल, वायु, अग्नि, आकाश को पर्यावरण के प्रमुख घटक माना गया है। हमारा शरीर भी इन्हीं पाँच तत्वों से बना है। पर्यावरण के इन्हीं पाँच तत्वों की सुरक्षा करने से ही हमारा जीवन सुरक्षित रह सकेगा।

हम धरती को मातृवत व जल, नदियाँ, पर्वत, वृक्ष, जलाशयों, वायु को पूजनीय मानकर पर्यावरण संरक्षण की व्यवस्था करते हैं। पेड़-पौधों को जल सींचने की परम्परा आज भी चल रही है। हमारी संस्कृति में जीवों को देवी-देवताओं के वाहन के रूप में प्रमुख स्थान दिया गया है।
अत: इन उदाहरणों से हमारी संस्कृति में प्राणीमात्र के प्रति दया का भाव रखते हुए इनके संरक्षण को प्रमुखता दी गई है।

प्रश्न 2.
पर्यावरण संरक्षण में राजस्थान की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
अथवा
पर्यावरण से आपका क्या तात्पर्य है? पर्यावरण संरक्षण में राजस्थान की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
पर्यावरण-पेड़-पौधों, जीव-जन्तुओं, जल, वायु एवं अन्य पदार्थ जिन्हें हम देख अथवा अनुभव कर सकते हैं, वे सभी मिलकर पर्यावरण का निर्माण करते हैं। इस प्रकार हमारे चारों ओर का परिवेश ही पर्यावरण है।
पर्यावरण संरक्षण में राजस्थान की भूमिका–पर्यावरण संरक्षण के लिए राजस्थान में किये गये प्रयासों के प्रमुख उदाहरण निम्न हैं

  1. जोधपुर जिले के खेजड़ली ग्राम में अमृता देवी का बलिदान।
  2. राजसमन्द जिले के पिपलांत्री ग्राम की किरण निधि संस्था के कार्य।

1. जोधपुर जिले के खेजड़ली ग्राम में अमृता देवी का बलिदान-तत्कालीन जोधपुर महाराजा को राजकार्य हेतु लकड़ियों की आवश्यकता हुई। इस हेतु खेजड़ली ग्राम का चयन किया गया एवं वहाँ पेड़ों पर कुल्हाड़ी चलाने लगे। जब इसकी सूचना अमृतादेवी एवं गाँव वालों को हुई तो वे वृक्षों को बचाने पहुँचे और अमृतादेवी ने पेड़ों को नहीं काटने की राजा के सैनिकों से प्रार्थना की। किन्तु सैनिक नहीं माने। अन्त में अमृतादेवी अपनी पत्रियों एवं गाँव वालों के साथ पेड़ों से लिपट गई। अमृतादेवी बोली, सिर कट जाए पर पेड़ बच जाए तो भी यह सस्ता सौदा है। वृक्ष बचाने के इस अद्भुत प्रयास में अमृतादेवी, उनकी पुत्रियाँ व ग्रामवासियों सहित 363 लोग बलिदान हो गए। परन्तु जान देकर अमृतादेवी व ग्रामवासियों ने पर्यावरण की रक्षा की।

2. राजसमन्द जिले के पिपलांत्री ग्राम की किरण निधि संस्था-
ने वहाँ पर्यावरण संरक्षण हेतु अभियान चला रखा है। वहाँ पुत्री के जन्म को उत्सव के रूप में मनाकर 111 पौधे लगाये जाते हैं।

अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
पृथ्वी दिवस मनाया जाता है
(अ) 22 अप्रेल को
(ब) 5 जून को
(स) 11 जुलाई को
(द) 1 मई को
उत्तर:
(अ) 22 अप्रेल को

प्रश्न 2.
हमारे चारों ओर का परिवेश क्या कहलाता है?
(अ) घेरा
(ब) पर्यावरण
(स) वलय
(द) मौसम
उत्तर:
(ब) पर्यावरण

प्रश्न 3.
निम्न में से प्राकृतिक पर्यावरण का घटक है
(अ) जैविक घटक
(ब) अजैविक घटक
(स) अ व ब दोनों
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(स) अ व ब दोनों

प्रश्न 4.
निम्न में से अजैविक घटक हैं
(अ) सभी सजीव
(ब) सभी निर्जीव
(स) मनुष्य
(द) पर्वत
उत्तर:
(ब) सभी निर्जीव

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

प्रश्न 1.
हमारे चारों ओर काही_____ ही पर्यावरण (परिवेश/समावेश)
उत्तर:
परिवेश

प्रश्न 2.
सामाजिक पर्यावरण का प्रमुख घटक_____ है। (पर्यावरण/मानव समाज)
उत्तर:
मानव समाज

प्रश्न 3.
प्रकृति चक्र को बनाये रखना ही_____ है। (पर्यावरण संरक्षण/सामाजिक चक्र)
उत्तर:
पर्यावरण संरक्षण

प्रश्न 4.
हमारा शरीर_____ से मिलकर बना है। (पाँच तत्वों/अनेक वस्तुओं)
उत्तर:
पाँच तत्वों

प्रश्न 5.
ऊर्जा का सबसे बड़ा स्रोत_____ है। (सूर्य/चन्द्रमा)
उत्तर:
सूर्य

सही मिलान कीजिएप्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नांकित को सही मिलान कीजिए

कॉलम ‘A’ कॉलम ‘B’
1. उत्पादक A. सूक्ष्म जीव
2. उपभोक्ता B. हरे पेड़-पौधे
3. अपघटक C. भाद्रपद सुदी दशमी
4. किरणनिधि संस्था D. जीव-जन्तु
5. खेजड़ली मेला E. पिपलांत्री

उत्तर:
1. (B)
2. (D)
3. (A)
4. (E)
5. (C)

अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
पर्यावरण किसे कहते हैं ?
उत्तर:
हमारे चारों ओर का परिवेश ही पर्यावरण कहलाता है।

प्रश्न 2.
प्रदूषण किसे कहते हैं?
उत्तर:
जले, मृदा एवं वायु में अवांछित एवं हानिकारक पदार्थों के मिल जाने को प्रदूषण कहते हैं।

प्रश्न 3.
सामाजिक पर्यावरण से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
सामाजिक पर्यावरण, सामाजिक सम्बन्धों की अन्तक्रिया से प्रकट होता हैं। आपसी सद्व्यवहार एवं सकारात्मक सोच स्वस्थ सामाजिक पर्यावरण के लिए आवश्यक है।

प्रश्न 4.
सामाजिक पर्यावरण का मुख्य घटक क्या है?
उत्तर:
सामाजिक पर्यावरण का मुख्य घटक मानव समाज है।

प्रश्न 5.
प्राकृतिक पर्यावरण से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
हमारे आसपास के परिवेश में पाए जाने वाले पेड़-पौधे, जीव-जन्तु, वायु, जल, मृदा आदि मिलकर प्राकृतिक पर्यावरण का निर्माण करते हैं। जैविक एवं अजैविक इसके दो घटक होते हैं।

प्रश्न 6.
प्राकृतिक पर्यावरण के कितने घटक होते हैं?
उत्तर:
प्राकृतिक पर्यावरण के दो घटक होते हैं-

  1. जैविक घटक
  2. अजैविक घटक।

प्रश्न 7.
अपघटक किन्हें कहते हैं ?
उत्तर:
सूक्ष्म जीवों को अपघटक कहा जाता है।

प्रश्न 8.
हमारी (देश की) अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार क्या है।?
उत्तर:
हमारे देश की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार कृषि है।

प्रश्न 9.
जैविक खाद क्या होती हैं?
उत्तर:
फल-सब्जियों के छिलके, सड़े-गले फल, सूखी पत्तियाँ, टूटी शाखाओं इत्यादि से तैयार की जाने वाली खाद जैविक खाद कहलाती है।

प्रश्न 10.
हमारे शरीर का निर्माण करने वाले पाँच तत्वों के नाम बताओ।
उत्तर:
पृथ्वी, जल, वायु, अग्नि, आकाश हमारे शरीर को निर्माण करने वाले पंचतत्व हैं।

लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
पर्यावरण क्या है? पर्यावरण के प्रकार बताइए।
उत्तर:
हमारे चारों ओर का परिवेश ही पर्यावरण कहलाता है। पर्यावरण सजीव मात्र के अस्तित्व का आधार हैं। मुख्य रूप से पर्यावरण के दो प्रकार हैं

  1. सामाजिक पर्यावरण
  2. प्राकृतिक पर्यावरण।

प्रश्न 2.
पर्यावरण के प्रकारों को एक चार्ट द्वारा प्रदर्शित कीजिए।
उत्तर:

RBSE Solutions for Class 8 Science Chapter 17 पर्यावरण 1

प्रश्न 3.
अजैविक घटक से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
इसमें सभी निर्जीव घटकों को शामिल किया जाता है। जैसे जलवायवीय घटक (वर्षा, हिमपात, ओलापात, ओस, आर्द्रता, पवन, तापमान, प्रकाश आदि), स्थलाकृतिक एवं मृदीय घटक इसके अन्तर्गत आते हैं।

प्रश्न 4.
जैविक घटक से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
जैविक घटक के अन्तर्गत सभी सजीव घटकों को-शामिल किया जाता है। जैसे-सभी प्रकार की वनस्पति (हरे पेड़-पौधे), जीव-जन्तु एवं सूक्ष्म जीव जैविक घटक हैं। हरे पेड़-पौधे उत्पादक, जीव-जन्तु उपभोक्ता एवं सूक्ष्मजीव अपघटक कहलाते हैं।

प्रश्न 5.
सामाजिक पर्यावरण हेतु आवश्यक स्थितियाँ बताइए।
उत्तर:
आपसी सद्भाव, भाईचारा, सामंजस्य, अच्छे पड़ौसी का धर्म, एक-दूसरे के सुख-दु:ख में काम आना, धैर्य, सार्वजनिक सम्पत्ति की सुरक्षा, स्नेह, सकारात्मक सोच आदि महत्त्वपूर्ण कारक सामाजिक पर्यावरण हेतु, आवश्यक स्थितियाँ हैं।

प्रश्न 6.
पर्यावरण की आदर्श अवस्था क्या है?
उत्तर:
पर्यावरण के सभी घटकों का सन्तुलित रूप में रहना ही पर्यावरण की आदर्श अवस्था कहलाती है। इनमें किसी एक घटक की असंतुलन की स्थिति भी समस्त जीवजगत को प्रभावित करती है, जिससे पर्यावरण प्रदूषण की परिस्थितियाँ बनती हैं।

प्रश्न 7.
प्रदूषण के प्रमुख प्रकारों के नाम लिखिए।
उत्तर:
प्रमुख प्रदूषण निम्न प्रकार हैं

  1. जल प्रदूषण
  2. वायु प्रदूषण
  3. ध्वनि प्रदूषण
  4. भू-प्रदूषण
  5. ताप प्रदूषण
  6. सामाजिक प्रदूषण
  7. रेडियोधर्मी/आणविक प्रदूषण आदि।

प्रश्न 8.
भू-प्रदूषण या मृदा प्रदूषण से क्या अभिप्राय
उत्तर:
मृदा में होने वाले प्रदूषण द्वारा उसकी उपजाऊ क्षमता में कमी आना मृदा प्रदूषण कहलाता है। आँधी, बाढ़, अविवेकपूर्ण तरीके से खेती, प्राकृतिक संसाधनों के अतिदोहन एवं प्रदूषण के कारण भूमि की उर्वरता तथा उत्पादन क्षमता में कमी आई है। कीट, जीवाणु एवं कवक नाशकों, रासायनिक उर्वरकों के उपयोग से कृषि उत्पादन तो बढ़ा है, लेकिन भूमि की उर्वरा शक्ति क्षीण होती जा रही है। ये सभी परिस्थितियाँ भू-प्रदूषण या मृदा प्रदूषण का विस्तार कर रही हैं।

प्रश्न 9.
पर्यावरण संरक्षण किसे कहते हैं?
उत्तर:
पर्यावरण संरक्षण–प्राकृतिक पर्यावरण के जैविक व अजैविक घटक एवं सामाजिक पर्यावरण परस्पर एक-दूसरे पर आश्रित हैं। इन दोनों का एक-दूसरे पर आश्रित होना ही प्रकृति चक्र का आधार है।
अतः प्रकृति चक्र को सुरक्षित रूप से संरक्षित रखना ही पर्यावरण संरक्षण कहलाता है।

प्रश्न 10.
विश्व पर्यावरण दिवस कब मनाया जाता है ? पर्यावरण दिवस मनाने के उद्देश्य क्या हैं?
उत्तर:
विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून को प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है। विश्व पर्यावरण दिवस को विश्वभर में मनाये जाने का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण हेतु जनचेतना जागृत कर सभी सजीवों के जीवन निर्वहन को सुरक्षित करना है।

प्रश्न 11.
पर्यावरण संरक्षण हेतु राजस्थान में किये गये किन्हीं दो महत्त्वपूर्ण कार्यों/प्रयासों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
पर्यावरण संरक्षण हेतु राजस्थान में किये गये। प्रमुख प्रयास

  1. जोधपुर जिले के खेजड़ली ग्राम में अमृतादेवी व ग्रामवासियों का बलिदान।
  2. राजसमन्द जिले के पिपलांत्री ग्राम की किरण निधि संस्था के कार्य (वर्तमान में भी)।

प्रश्न 12.
पर्यावरण संरक्षण हेतु हमें किस प्रकार की जीवनशैली अपनानी चाहिए? संक्षिप्त में बताइए।
उत्तर:
पर्यावरण संरक्षण हेतु हमारी जीवनशैली पर्यावरण मित्र जैसी अपनानी चाहिए। साथ ही हम पर्यावरण बचाए रखने हेतु निम्न कार्य भी कर सकते हैं।

  1. सुरक्षित भविष्य हेतु प्राकृतिक संसाधन का सीमित, संयमित एवं सदाचार से उपयोग करें।
  2. जैव अपघटनीय उत्पादों का अधिकतम उपयोग करें।
  3. उपयोग में लिए गए पदार्थों का पुन:चक्रण कर पर्यावरण को संरक्षित रखें।

प्रश्न 13.
पर्यावरण संरक्षण हेतु कौन-कौनसे जनचेतना कार्यक्रम संचालित किये जा सकते हैं?
उत्तर:

  1. रैलियाँ निकालकर जनचेतना जागृत करना।
  2. पोस्टर, स्लोगन, प्रतियोगिता, नाटकों, गोष्ठियों का आयोजन करना।
  3. जन सहभागिता कार्यक्रम, वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित करना।

प्रश्न 14.
जब कभी भी आप सफेद कपड़े पहनकर भीड़ भरी जगहों पर जाते हैं तो आपके सफेद कपड़ों पर क्या प्रभाव पड़ता हैं?
उत्तर:
यातायात के साधनों से निकलने वाले धुएँ एवं भीड़ के कारण एवं अन्य गंदगी के प्रदूषण के कारण सफेद कपड़े मैले एवं धब्बेदार हो जाते हैं।

प्रश्न 15.
पर्यावरण रक्षा के लिए विभिन्न स्तरों पर किये जाने वाले प्रयासों का रेखाचित्र बनाइए।
अथवा
पर्यावरण रक्षा के लिए विभिन्न स्तरों का चित्र बनाइए तथा पर्यावरण संरक्षण हेतु भारतीय दृष्टिकोण को वर्णित कीजिए।
उत्तर:
RBSE Solutions for Class 8 Science Chapter 17 पर्यावरण 2

पर्यावरण संरक्षण हेतु भारतीय दृष्टिकोण-
पर्यावरण और भारतीय दष्टि-हमारी संस्कृति एवं परम्पराओं में पर्यावरण के घटकों का सदैव पूजन किया जाता है। हरे वृक्षों को काटना पाप है। स्नान के बाद पौधों व वृक्ष पर जल चढ़ाते हैं, सूर्य की पूजा की जाती है, जो कि ऊर्जा का सबसे बड़ा स्रोत है। हमारी जीवनशैली ऐसी है जो पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन में सहायक है। भारतीय संस्कृति में भी पर्यावरण संरक्षण पर महत्त्व दिया गया है। मनुष्य का प्रकृति के साथ अटूट सम्बन्ध है।

पृथ्वी, जल, वायु, अग्नि, आकाश को पर्यावरण के प्रमुख घटक माना गया है। हमारा शरीर भी इन्हीं पाँच तत्वों से बना है। पर्यावरण के इन्हीं पाँच तत्वों की सुरक्षा करने से ही हमारा जीवन सुरक्षित रह सकेगा।
हम धरती को मातृवत व जल, नदियाँ, पर्वत, वृक्ष, जलाशयों, वायु को पूजनीय मानकर पर्यावरण संरक्षण की व्यवस्था करते हैं। पेड़-पौधों को जल सींचने की परम्परा आज भी चल रही है। हमारी संस्कृति में जीवों को देवी-देवताओं के वाहन के रूप में प्रमुख स्थान दिया गया है।

अत:
इन उदाहरणों से हमारी संस्कृति में प्राणीमात्र के प्रति दया का भाव रखते हुए इनके संरक्षण को प्रमुखता दी गई है।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
पर्यावरण के प्रकारों का विस्तार से वर्णन कीजिए।
उत्तर:
मुख्य रूप से पर्यावरण के दो प्रकार हैं

  1. सामाजिक पर्यावरण
  2. प्राकृतिक पर्यावरण।

1. सामाजिक पर्यावरण-सामाजिक पर्यावरण, सामाजिक सम्बन्धों की अन्तक्रिया से प्रकट होता है। आपसी सद्भाव, अच्छे पड़ौसी का धर्म, एक-दूसरे के काम आना, धैर्य, सार्वजनिक सम्पत्ति की सुरक्षा, बड़ों के प्रति सम्मान, स्नेह, सकारात्मक सोच आदि महत्त्वपूर्ण कारक स्वस्थ सामाजिक पर्यावरण के लिए आवश्यक

2. प्राकृतिक पर्यावरण-
हमारे आसपास के परिवेश में पाए जाने वाले पेड़-पौधे, जीव-जन्तु, वायु, जल, मृदा, जलवायु आदि मिलकर प्राकृतिक पर्यावरण का निर्माण करते हैं। प्राकृतिक पर्यावरण दो घटकों से मिलकर बनता है

  • जैविक घटक
  • अजैविक घटक

जैविक घटक-जैविक घटक के अन्तर्गत सभी प्रकार की वनस्पति (हरे पेड़-पौधे), सभी जीव-जन्तु एवं सूक्ष्मजीव आते हैं। इसमें हरे पेड़-पौधे उत्पादक, जीवजन्तु उपभोक्ता एवं सूक्ष्मजीव अपघटक कहलाते हैं।

अजैविक घटक-
अजैविक घटकों में सभी निर्जीव घटकों को शामिल किया जाता है। जैसेजलवायवीय घटक (वर्षा, हिमपात, ओलापात, ओस, आर्द्रता, पवन, तापमान, प्रकाश), स्थलाकृतिक एवं मृदीय घटक अजैविक घटकों के अन्तर्गत आते हैं।

प्रश्न 2.
पर्यावरण संरक्षण हेतु राजस्थान के प्रयासों में किरण निधि संस्था के करणीय कार्य बताइए।
उत्तर:
पर्यावरण संरक्षण में राजस्थान की अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका है, जैसे-खेजड़ली का बलिदान, किरण निधि संस्था द्वारा किये जा रहे कार्य आदि।

पर्यावरण संरक्षण हेतु किरण निधि संस्था के प्रयास-

राजसमंद जिले के पिपलांत्री ग्राम की किरण निधि संस्था द्वारा पर्यावरण संरक्षण हेतु अभियान चलाकर कई प्रकार के प्रयास/कार्य अनवरत रूप से जारी हैं। इस ग्राम में पुत्री के जन्म को एक बड़े उत्सव के रूप में मनाया जाता है तथा इस दिन ग्रामवासियों द्वारा एक सौ ग्यारह पौधे लगाये जाते हैं। ग्रामवासियों द्वारा इन लगाये गये पौधों के संरक्षण हेतु रक्षाबन्धन के त्यौहार पर इन पौधों के रक्षासूत्र बाँधकर इनकी सुरक्षा हेतु संकल्प लिया जाता है। यह वृक्ष रक्षण द्वारा पर्यावरण संरक्षण का अनूठा एवं एक सफल प्रयोगात्मक प्रयास है।

प्रश्न 3.
हमारी संस्कृति एवं परम्पराओं में पर्यावरण के घटकों को सदैव पूजनीय मानकर संरक्षित किया गया है। कैसे? विभिन्न उदाहरणों द्वारा समझाइए।
उत्तर:
हमारी संस्कृति एवं परम्पराओं में पर्यावरण के घटकों का सदैव पूजन किया जाता है। हमारी जीवनशैली ही इस प्रकार की है कि जो पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन में सहायक हैं। भारतीय संस्कृति में भी पर्यावरण संरक्षण पर महत्त्व दिया गया है। मनुष्य का प्रकृति के साथ अटूट सम्बन्ध हैं।

पृथ्वी, जल, वायु, अग्नि, आकाश को पर्यावरण के प्रमुख घटक माना गया है। हमारा शरीर भी इन पाँच तत्वों से मिलकर बना है। पर्यावरण के इन्हीं पंच तत्वों की सुरक्षा करने से ही हमारा जीवन सुरक्षित रह सकेगा।

हमारी संस्कृति एवं परम्पराओं में पर्यावरण के घटकों को निम्न प्रकार से पूजनीय मानकर संरक्षित किया गया है

  1. हरे वृक्षों को काटना एवं रात को पेड़ों को हाथ लगाना पाप माना गया है।
  2. स्नान के बाद कई पौधों/वृक्षों (पीपल/तुलसी) को आज भी सींचा जाता है।
  3. सूर्य ऊर्जा का सबसे बड़ा प्राकृतिक स्रोत है, इसकी पूजा भी की जाती है।
  4. हम धरती को माता एवं जल, नदियाँ, पर्वत, वृक्ष, जलाशयों, वायु को पूजनीय मानकर इनकी पूजा करते हैं।
  5. अनाज, मसालों, दालों आदि की सुरक्षा हेतु हम आज भी प्राकृतिक संसाधनों का प्रयोग करते हैं जिससे इन कीटों जीवों को कोई नुकसान नहीं पहुँचे। जैसे-अनाज में नीम की पत्तियाँ रखना, चींटियों का प्रवेश रोकने के लिए हल्दी की रेखा बनाना।
  6. हमारी संस्कृति में जीवों को देवी-देवताओं के वाहन के रूप में स्थान देकर उन्हें संरक्षित किया गया है।
  7. नागपंचमी के दिन नाग की पूजा, बच्छ बारस के दिन गाय-बछड़े की पूजा, श्राद्ध पक्ष में कौए व गाय को भोजन, गाय का गऊ ग्रास, चींटियों को आटा, तिल आदि, पक्षियों को दाना डालना, कुत्ते को रोटी खिलाना, मछलियों को आटे की गोली खिलाना आदि कार्यों द्वारा आध्यात्मिक रूप से इन्हें संरक्षित किया गया है।
  8. अलग-अलग त्यौहारों पर अलग-अलग तरह के व्यंजन व तरकारियाँ बनाना भी सब्जियों व अनाज के बीजों का संरक्षण करने के भाव को दृढ़ता प्रदान करता है जिससे ये विलुप्त नहीं हों। पीपल, वटवृक्ष, आँवला, तुलसी आदि की पूजा की जाती है।
  9. इन सभी प्रकार के उदाहरणों से पता चलता है कि हमारी संस्कृति में पेड़-पौधों, जन्तुओं के प्रति पूजा, दया आदि का भाव रखते हुए इनके संरक्षण को प्रमुखता दी गई है।

प्रश्न 4.
पर्यावरणीय जीवनशैली के व्यावहारिक पक्ष को समझाइए।
उत्तर:
पर्यावरणीय जीवनशैली के व्यावहारिक पक्ष

  1. बिजली और पानी का कम से कम उपयोग करना चाहिए। ऊँची छतों व रोशनदान युक्त मकान बनाकर तथा पांच सितारा गुणवत्ता चिह्न अंकित विद्युत उपकरणों का उपयोग करना चाहिए। CFL व LED बल्बों, ट्यूबलाइट का उपयोग करना चाहिए। नहाने व कपड़े धोने के पश्चात् जल को उपचारित कर पेड़-पौधों हेतु प्रयोग में लेना चाहिए।
  2. पर्यावरण को क्षति पहुँचाने वाली वस्तुओं का यथासंभव उपयोग नहीं करना चाहिए।
  3. प्राकृतिक संसाधनों का संयमित एवं आवश्यकता अनुरूप ही प्रयोग करना चाहिए। बहुत से पदार्थ और संसाधन ऐसे हैं जिनका पूर्ण उपयोग करने से पर्यावरण की रक्षा होती है। कागज, कपड़ा, जल, थाली में परोसा हुआ भोजन आदि का पूर्ण उपयोग आवश्यक है।
  4. जैविक कचरे, यथा-सब्जियों के छिलके, सड़े गले फल, सूखी पत्तियाँ, टूटी शाखाओं इत्यादि से जैविक खाद तैयार की जा सकती है।
  5. ‘5 जून’ को विश्व पर्यावरण दिवस तथा ’22 अप्रैल’ को पृथ्वी दिवस मनाया जाता है। इनका मुख्य उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण हेतु जन-चेतना जागृत करना है। जिसके लिये हम निम्नलिखित गतिविधियाँ अपना सकते है
    • रैलियाँ निकालकर जन चेतना जागृत करना।
    • पोस्टर, स्लोगन प्रतियोगिता, नाटकों एवं गोष्ठियों का आयोजन करना।
    • सार्वजनिक क्षेत्रों में बड़े उल्लास, उमंग, उत्साह से जन भागीदारी द्वारा सामूहिक वृक्षारोपण के कार्यक्रम आयोजित करना, आदि।

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