RBSE Solutions for Class 8 Social Science Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन

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Board RBSE
Textbook SIERT, Rajasthan
Class Class 8
Subject Social Science
Chapter Chapter 5
Chapter Name खनिज और ऊर्जा संसाधन
Number of Questions Solved 55
Category RBSE Solutions

Rajasthan Board RBSE Class 8 Social Science Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन

पाठगत प्रश्न
(आओ करके देखें)

(पृष्ठ संख्या 37)
प्रश्न 1.
हमारे जीवन में खनिजों के महत्त्व पर पाँच वाक्य लिखिए।
उत्तर:

  1. हमारे घर की अनेक वस्तुएँ खनिजों से बनी हुई होती हैं।
  2. खेतों में फसल उत्पादित करने के औजार खनिजों से बने होते हैं।
  3. उद्योग-धन्धों में औजार एवं मशीनों का निर्माण खनिजों से होता है।
  4. परिवहन के साधनों का विकास खनिजों से ही सम्भव हुआ है।
  5. ऊर्जा खनिजों से परिवहन के साधन, ट्यूबलाइट, गैस चूल्हा आदि चलते हैं।

(पृष्ठ संख्या 38)
प्रश्न 1.
अपने आसपास की ऐसी वस्तुओं की पहचान कर सूची बनाइए जिनका निर्माण किसी खनिज से हुआ हो।
उत्तर:

क्र. वस्तुएँ खनिज
1. गहने सोना, चाँदी, ताँबा आदि।
2. बर्तन लोहा, ऐलुमिनियम, ताँबा, पीतल आदि।
3. बिजली के तार ताँबा, ऐलुमिनियम
4. वाहन लोहा, ताँबा, बॉक्साइट।
5. खेती के औजार लोहा
6. उपकरण, मशीनें लोहा एवं अन्य खनिज

प्रश्न 2.
निम्नलिखित में से धात्विक तथा अधात्विक खनिजों को छाँट कर सूची बनाइएलोहा, अभ्रक, तांबा, सीसा, जिप्सम, संगमरमर, चूना-पत्थर, जस्ता, सोना, घीया पत्थर, चाँदी, ग्रेनाइट, बलुआ पत्थ।
उत्तर:
धात्विक खनिज-लोहा, ताँबा, सीसा, जस्ता, सोना, चाँदी। अधात्विक खनिज-अभ्रक, जिप्सम, संगमरमर, चूनापत्थर, घीया पत्थर, ग्रेनाइट, बलुआ पत्थर

(पृष्ठ संख्या 40)
पाठ्यपुस्तक के पृष्ठ संख्या 40 पर दी गई सारणी संख्या 1 को देखकर बताइए।
प्रश्न 1.
राजस्थान के एकाधिकार वाले खनिज कौनकौनसे हैं?
उत्तर:

  • वोलेस्टोनाइट
  • जस्पर

प्रश्न 2.
राजस्थान में देश के 80 प्रतिशत से अधिक उत्पादन वाले खनिजों के नाम लिखिए।
उत्तर:
राजस्थान में देश के 80 प्रतिशत से अधिक उत्पादन वाले खनिज वोलेस्टोनाइट, जस्पर, जस्ता, फ्लोराइट, जिप्सम, मार्बल, एस्बेस्टस, घीया पत्थर हैं

(पृष्ठ संख्या 44)
प्रश्न 1.
आप अपने दैनिक जीवन में किस-किस रूप में ऊर्जा का उपयोग करते हैं ? ये ऊर्जा हमें कहाँ से प्राप्त होती है?
उत्तर:
वर्तमान में बिना ऊर्जा के जीवन की कल्पना करना सम्भव नहीं है। हम दैनिक जीवन में विभिन्न रूपों में ऊर्जा का उपयोग करते हैं जैसे परिवहन के साधन चलाने हेतु, घर में चूल्हा जलाने हेतु, रोशनी के लिए, घरेलू उपकरणों को चलाने हेतु आदि। यह ऊर्जा हमें ऊर्जा संसाधनों जैसे कोयला, पेट्रोलियम या खनि’ तेल, सौर ऊर्जा, जलविद्युत, पवन ऊर्जा, परमाणु ऊर्जा आदि से प्राप्त होती है।

प्रश्न 2.
आपके घर में भोजन पकाने के लिए किस ईंधन का उपयोग किया जाता है? चर्चा कीजिए।
उत्तर:
हमारे घर में भोजन पकाने के लिए एल.पी.जी. (LPG) गैस का उपयोग किया जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकांश लोग प्रायः लकड़ी एवं कोयले का उपयोग ईंधन के रूप में करते हैं। कुछ लोग केरोसिन का भी उपयोग करते हैं।

पाठ्यपुस्तक के प्रश्न

प्रश्न 1.
सही विकल्प को चुनिए
(A) निम्नलिखित में से अधात्विक खनिज है-
(क) संगमरमर
(ख) लोहा
(ग) सोना
(घ) तांबा
उत्तर:
(क) संगमरमर

(B) किस राज्य को ‘खनिजों का अजायबघर’ कहा जाता
(क) झारखण्ड
(ख) उड़ीसा
(ग) राजस्थान
(घ) कर्नाटक
उत्तर:
(ग) राजस्थान

प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
(अ) राजस्थान की प्रमुख जलविद्युत परियोजनाएँ एवं……….. हैं।
(ब) कोयले के चार प्रकारों के नाम 1. ….. 2. ……….. 3. ………….4. ………
(स) किसी भी चलायमान वस्तु को………की आवश्यकता होती है।
(द) खनिज निकालने की प्रक्रिया……. कहलाती है।
उत्तर:
(अ) चम्बल, माही बजाज सागर
(ब) एन्थ्रेसाइट, बिटुमिनस, लिग्नाइट, पीट
(स) ऊर्जा
(द) खनन

प्रश्न 3.
खनिज किसे कहते हैं? उदाहरण सहित इनका वर्गीकरण कीजिए।
उत्तर:
खनिज-खनिज प्राकृतिक रूप से उपलब्ध ऐसी वस्तुएँ हैं जिनकी एक निश्चित आंतरिक तथा रासायनिक संरचना होती है। खनिजों का वर्गीकरण-सामान्यतः खनिजों को निम्न तीन भागों में बाँटा जाता है

  1. धात्विक खनिज-वे खनिज जिनमें मूल रूप से धातु विद्यमान रहती है और जो कठोर होते हैं धात्विक खनिज कहलाते हैं। जैसे-लौह अयस्क, सीसा, जस्ता, टंगस्टन, तांबा, चांदी आदि। धात्विक खनिज भी दो प्रकार के होते हैं-लौह खनिज व अलौह खनिज।
  2. अधात्विक खनिज-इनमें धातु की अंश बिल्कुल नहीं होता है। जैसे – संगमरमर, जिप्सम, रॉक फॉस्फेट, अभ्रक, चूना-पत्थर आदि।
  3. ऊर्जा खनिज-इन खनिजों से हमें ऊर्जा प्राप्त होती है। जैसे-कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस, यूरेनियम आदि।

प्रश्न 4.
परम्परागत एवं गैर-परम्परागत ऊर्जा संसाधनों में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
अथवा
परम्परागत एवं गैर-परम्परागत ऊर्जा संसाधनों में अन्तर उदाहरण सहित स्पष्ट करो।
उत्तर:

परम्परागत ऊर्जा संसाधन गैर-परम्परागत ऊर्जा संसाधन
1. ये ऐसे संसाधन हैं जिनका उपयोग प्राचीन समय से किया जा रहा है। 1. ये ऐसे संसाधन हैं जिनका विकास पिछले कुछ दशकों से हुआ है।
2. इसमें कोयला, खनिज विद्युत आदि आते हैं। 2. इनमें सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, बायोमास, ज्वारीय ऊर्जा, परमाणु ऊर्जा आदि आते हैं।

प्रश्न 5.
खनन की प्रमुख विधियाँ कौन-कौनसी हैं? वर्णन कीजिए।
उत्तर:
खनन की प्रमुख विधियाँ निम्न प्रकार हैं-

  1. विवृत खनन – जब खनिज सतह के पास ही मिल जाता है, तो उसे निकालने के लिए केवल ऊपरी परत को हटाना पड़ता है। इसे विवृत खनन कहते हैं।
  2. कूपकी खनन – कुछ गहराई में स्थित खनिजों को निकालने हेतु कूपक बनाए जाते हैं। इसे कूपकी खनन कहते हैं।
  3. प्रवेधन – प्राकृतिक गैस तथा पेट्रोल अत्यधिक गहराई। पर मिलते हैं। इन्हें निकालने हेतु गहन कूपों की खुदाई की जाती है। इसे प्रवेधन या ड्रिलिंग कहते हैं।
  4. आखनन – कुछ खनिज जैसे मिट्टी आदि सतह पर ही प्राप्त किए जा सकते हैं, तो उसे आखनन कहते हैं।

प्रश्न 6.
राजस्थान को खनिजों को अजायबघर क्यों कहा जाता है? राजस्थान की खनिज सम्पदा के सन्दर्भ में संक्षिप्त लेख लिखिए।
उत्तर:
राजस्थान खनिजों का अजायबघर – अपनी विशिष्ट भूगर्भिक संरचना के कारण राजस्थान में अनेक प्रकार के खनिज पाये जाते हैं। अनेक प्रकार के खनिज पाये जाने के कारण राजस्थान को खनिजों का अजायबघर कहा जाता खनिज सम्पदा-खनिज भंडारों की दृष्टि से राजस्थान भारत में झारखण्ड के बाद दूसरा स्थान रखता है। राजस्थान में अनेक प्रकार के खनिज पाए जाते हैं। धात्विक खनिजों की दृष्टि से राजस्थान में मुख्यतः सीसा-जस्ता, चाँदी, तांबा तथा टंगस्टन का उत्पादन होता है।

वहीं प्रमुख अधात्विक खनिजों में रॉक फास्फेट, खड़िया मिट्टी, चूना पत्थर, घीया पत्थर, क्ले, एस्बेस्टस, फेल्सपार, सिलिका, क्वार्ट्ज तथा वोलेस्टोनाइट हैं। इसके अतिरिक्त सजावटी पत्थर जैसे कोटा स्टोन, संगमरमर तथा बलुआ पत्थर भी उत्पादित होता है। वोलेस्टोनाइट तथा जस्पर के उत्पादन में राजस्थान भारत में एकाधिकार रखता है। इसके अलावा यहाँ जस्ता, फ्लोराइट, जिप्सम (खरिया मिट्टी), मार्बल, एस्बेस्टस, घीया पत्थर एवं सीसा का उत्पादन देश के कुल उत्पादन के 80% से भी अधिक होता है।

प्रश्न 7.
ऊर्जा संसाधन किसे कहते हैं? राजस्थान के प्रमुख ऊर्जा संसाधनों को उदाहरण सहित समझाइए।
उत्तर:
ऊर्जा संसाधन – वे संसाधन जिनसे हमें ऊर्जा या शक्ति की प्राप्ति होती है, उन्हें ऊर्जा या शक्ति संसाधन कहते राजस्थान के प्रमुख ऊर्जा संसाधन निम्न प्रकार हैं-
1. कोयला – यह ऊर्जा का परम्परागत स्रोत है। राजस्थान में सर्वश्रेष्ठ किस्म का लिग्नाइट पाया जाता है, जिसका खनन बीकानेर के बरसिंहसर एवं पलाना और बाड़मेर के जालीपा, कपुरडी एवं गिरल से किया जाता है।

2. पेट्रोलियम या खनिज तेल – राजस्थान में खनिज तेल तथा पेट्रोलियम जैसलमेर में घोटारु, तनोट, मनोहारी टिब्बा; बाड़मेर में मंगला, सरस्वती ऑइल फील्ड आदि स्थानों पर तथा बीकानेर, जालौर जिलों में अवसादी चट्टानों में पाया जाता है। इसके साथ प्राकृतिक गैस भी पाई जाती है जिसका उपयोग ईंधन के रूप में किया जाता है।

3. जलविद्युत – यह एक अच्छा प्रदूषण रहित ऊर्जा संसाधन है। राजस्थान की प्रमुख जलविद्युत परियोजनाएँ चम्बल एवं माही बजाज सागर हैं। साथ ही छोटे-बड़े कई बाँधों से जलविद्युत का उत्पादन किया जाता है।

4. सौर ऊर्जा – यह नव्यकरणीय ऊर्जा संसाधन है जो कभी समाप्त नहीं हो सकता है। पश्चिमी राजस्थान में आसमान प्रायः साफ रहता है तथा सूर्य की किरणें अधिकांश महीनों में उपलब्ध रहती हैं अतः यहाँ सौर ऊर्जा विकास की अच्छी सम्भावनाएँ हैं।

5. पवन ऊर्जा – इसमें पवन चक्कियों को चलाकर विद्युत उत्पादित की जाती है। राज्य में पश्चिमी राजस्थान में पवन चक्कियाँ स्थापित की गयी हैं साथ ही जैसलमेर व प्रतापगढ़ में पवन ऊर्जा के विकास की प्रबल संभावनाएँ हैं।

6. परमाणु ऊर्जा – यूरेनियम तथा थोरियम रेडियो सक्रिय खनिज हैं। भारत में यूरेनियम प्रमुख रूप से झारखण्ड तथा राजस्थान में पाया जाता है। अतः यहाँ परमाणु ऊर्जा विकास की भी सम्भावनाएँ हैं। राजस्थान में कोटा के निकट रावतभाटा में एक परमाणु ऊर्जा संयन्त्र स्थापित है।

अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न

बहुविकल्पात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित में से अधात्विक खनिज समूह की पहचान कीजिए
(अ) लोहा, अभ्रक, मैंगनीज
(ब) संगमरमर, जिप्सम, अभ्रक
(स) जिप्सम, मैंगनीज, सीसा
(द) ताँबा, सोना, चाँदी
उत्तर:
(ब) संगमरमर, जिप्सम, अभ्रक

प्रश्न 2.
निम्न में कौनसा ऊर्जा खनिज नहीं है
(अ) यूरेनियम
(ब) अभ्रक
(स) थोरियम
(द) कोयला
उत्तर:
(ब) अभ्रक

प्रश्न 3.
किन खनिजों के उत्पादन में राजस्थान भारत में एकाधिकार रखता है?
(अ) वोलेस्टोनाइट व जस्पर
(ब) सोना व चाँदी
(स) ताँबा व जस्ता
(द) अभ्रक व मार्बल
उत्तर:
(अ) वोलेस्टोनाइट व जस्पर

प्रश्न 4.
राजस्थान में मिलने वाला कोयला है-
(अ) एन्थेसाइट
(ब) बिटुमिनस
(स) लिग्नाइट
(द) पीट
उत्तर:
(स) लिग्नाइट

प्रश्न 5.
निम्न में से खनिज तेल उत्पादक कौनसा स्थान जैसलमेर में नहीं है-
(अ) मंगला
(ब) घोटारू
(स) तनोट
(द) मनीहारी टिब्बा
उत्तर:
(अ) मंगला

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

  1. बॉक्साइट से……… प्राप्त किया जाता है। (हैमेटाइट/एल्यूमिनियम)
  2. झारखण्ड के बाद भारत में सर्वाधिक खनिजों का भण्डार….में पाया जाता है। (मध्यप्रदेश/राजस्थान)
  3. राजस्थान के प्रमुख तापीय ऊर्जा संयन्त्र ……….. तथा….में स्थित हैं। (कोटा/जयपुर; सूरतगढ़/बीकानेर)
  4. पवन ऊर्जा एक ……..ऊर्जा स्रोत है। (नव्यकरणीय/अनव्यकरणीय)
  5. खनिज तथा अवयवों के मिश्रण को ………. कहते हैं। (अयस्क/धातु)

उत्तर:

  1. एल्यूमिनियम
  2. राजस्थान
  3. कोटा, सूरतगढ़
  4. नव्यकरणीय
  5. अयस्क

निम्न वाक्यों में से सत्य/असत्य कथन छाँटिए :

  1. अधात्विक खनिज वे होते हैं जिनमें धातु का अंश पाया जाता है।
  2. राजस्थान में सर्वश्रेष्ठ किस्म का लिग्नाइट पाया जाता है।
  3. भारत में खनिज तेल सर्वप्रथम असम में खोजा गया था।
  4. जैसलमेर व प्रतापगढ़ में पवन ऊर्जा के विकास की प्रबल सम्भावना है।
  5. राजस्थान में जयपुर के निकट रावतभाटा में एक परमाणु ऊर्जा संयन्त्र स्थापित है।

उत्तर:

  1. असत्य
  2. सत्य
  3. सत्य
  4. सत्य
  5. असत्य

निम्न को सुमेलित कीजिए

खनिज प्रमुख जिला
1. चाँदी (अ) जालौर
2. टंगस्टन (ब) बीकानेर
3. ग्रेनाइट (स) उदयपुर
4. लिग्नाइट (द) जोधपुर
5. बलुआ पत्थर (य) नागौर

उत्तर:
1. (स)
2. (य)
3. (अ)
4. (ब)
5. (द)

अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
आपके घरों में भोजन पकाने हेतु उपयोग में लिए जा रहे दो ईंधनों के नाम लिखिए।
उत्तर:

  • केरोसिन
  • एलपीजी गैस

प्रश्न 2.
ऊर्जा के साधन के रूप में प्रयोग में लिये जाने वाले कोई दो परम्परागत संसाधनों का नाम लिखिए।
उत्तर:

  • कोयला
  • खनिज तेल

प्रश्न 3.
राजस्थान को खनिजों का अजायबघर क्यों कहा जाता है?
उत्तर:
राजस्थान में कई प्रकार के खनिज पाये जाते हैं। इतने अधिक प्रकार के खनिज पाये जाने के कारण ही राजस्थान को खनिजों का अजायबघर कहा जाता है।

प्रश्न 4.
लौह धातु के किन्हीं तीन अयस्कों के नाम लिखिए।
उत्तर:

  • हैमेटाइट
  • मैग्नेटाइट
  • सिडेराइट

प्रश्न 5.
ऊर्जा खनिज से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
जिन खनिजों से हमें ऊर्जा की प्राप्ति होती है, वे ऊर्जा खनिज कहलाते हैं।

प्रश्न 6.
किन्हीं तीन अलौह धात्विक खनिजों के नाम लिखिए।
उत्तर:

  • सोना
  • चांदी
  • तांबा

प्रश्न 7.
खनन किसे कहते हैं?
उत्तर:
खनिज निकालने की सामान्य प्रक्रिया खनन कहलाती है।

प्रश्न 8.
राजस्थान के प्रमुख तापीय ऊर्जा संयन्त्र कहाँ स्थित हैं?
उत्तर:
राजस्थान के प्रमुख तापीय ऊर्जा संयन्त्र कोटा तथा सूरतगढ़ में स्थित हैं।

प्रश्न 9.
राजस्थान की प्रमुख जलविद्युत परियोजनाएँ कौनसी हैं?
उत्तर:
राजस्थान की प्रमुख जलविद्युत परियोजनाएँ चम्बल एवं माही बजाज सागर हैं।

प्रश्न 10.
राजस्थान के कौनसे जिले पवन ऊर्जा के विकास हेतु उपयुक्त हैं? नाम लिखिए।
उत्तर:
राजस्थान में जैसलमेर व प्रतापगढ़ में पवन ऊर्जा के विकास की प्रबल संभावना है।

प्रश्न 11.
किन्हीं दो रेडियो सक्रिय खनिजों के नाम लिखिए।
उत्तर:

  • यूरेनियम
  • थोरियम

प्रश्न 12.
बहुत गहराई में स्थित खनिजों को कैसे निकाला जाता है?
उत्तर:
बहुत गहराई में स्थित खनिजों को खुदाई करके गहरे कूपों से निकाला जाता है।

प्रश्न 13.
विवृत्त खनन किसे कहते हैं?
उत्तर:
जब खनिजों को निकालने के लिए केवल सतह की ऊपरी परत को हटाना पड़ता है तो इसे विवृत्त खनन कहते हैं।

प्रश्न 14.
कूपकी खनन किसे कहते हैं?
उत्तर:
गहराई में स्थित खनिजों तक पहुँचने के लिए कूपों का सहारा लेना पड़ता है। इसे कूपकी खनन कहते हैं।

प्रश्न 15.
राजस्थान में संगमरमर की खानें किन-किन जिलों में हैं?
उत्तर:
राजस्थान में नागौर, राजसमंद, उदयपुर, जयपुर, बाँसवाड़ा तथा चित्तौड़गढ़ में संगमरमर की खाने हैं।

प्रश्न 16.
राजस्थान के किन जिलों में टंगस्टनं मिलता है?
उत्तर:
राजस्थान के नागौर और सिरोही जिलों में टंगस्टन मिलता है।

प्रश्न 17.
राजस्थान में चाँदी की खाने कहाँ मिलती हैं?
उत्तर:
राजस्थान में उदयपुर, राजसमंद, भीलवाड़ा में चाँदी की खानें मिलती हैं।

प्रश्न 18.
ग्रेनाइट राजस्थान में किन जिलों में मिलता है?
उत्तर:
ग्रेनाइट राजस्थान में जालौर, जैसलमेर, पाली, सिरोही, आदि जिलों में मिलता है।

प्रश्न 19.
राजस्थान में ताँबा किन जिलों में पाया जाता है?
उत्तर:
राजस्थान में ताँबा झुंझुनूं, सीकर, अलवर एवं डूंगरपुर जिलों में पाया जाता है।

प्रश्न 20.
धात्विक, अधात्विक एवं ऊर्जा खनिजों के दो-दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
धात्विक खनिज – सीसा-जस्ता, ताँबा अधात्विक खनिज-अभ्रक, जिप्सम ऊर्जा खनिज-कोयला, यूरेनियम।

प्रश्न 21.
खनिज निष्कर्षण की विधियों को चार्ट द्वारा दर्शाइए।
उत्तर:
खनिज निष्कर्षण की विधियाँ
RBSE Solutions for Class 8 Social Science Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन 1

प्रश्न 22.
आप अपने घर पर सौर ऊर्जा का उपयोग करने के लिए किन साधनों का प्रयोग करेंगे?
उत्तर:
हम अपने घर पर सौर ऊर्जा का उपयोग करने के लिए सौर कूकर, सौर तापक आदि साधनों का उपयोग करेंगे।

प्रश्न 23.
आप अपने दैनिक जीवन में किस-किस रूप में सौर ऊर्जा का उपयोग करते हैं?
उत्तर:
हम अपने दैनिक जीवन में सौर ऊर्जा का उपयोग विद्युत प्राप्त करने, सौर कुकर व सौर तापक आदि के रूप में करते हैं।

लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
नव्यकरणीय तथा अनव्यकरणीय ऊर्जा संसाधनों में क्या अंतर है?
उत्तर:

अनव्यकरणीय संसाधन नव्यकरणीय संसाधन
1. ये ऊर्जा के वे स्रोत हैं, जिनका एक बार खत्म होने की दशा में पुनः विकास संभव नहीं है। 1. ये ऊर्जा के वे स्रोत हैं, जो प्रकृति से अक्षुण्ण मात्रा में प्राप्त होते हैं तथा जिनका पुनः नवीनीकरण किया जा सकता है।
2. इनमें कोयला, पेट्रोल, खनिज तेल, प्राकृतिक गैस, यूरोनियम, थोरियम आदि आते हैं। 2. इनमें जलविद्युत, पवन ऊर्जा, सौर ऊर्जा, बायो गैस, बायोमास, ज्वारीय ऊर्जा आदि आते हैं।
3. इनके उपयोग से प्रदूषण फैलता है। 3. इनके उपयोग से प्रदूषण बिल्कुल नहीं फैलता।

प्रश्न 2.
खनिज तथा खनिज संसाधनों में अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
खनिज प्राकृतिक रूप से उपलब्ध ऐसी वस्तुएँ हैं। जिनकी एक निश्चित आंतरिक तथा रासायनिक संरचना होती है, जबकि संसाधन से अभिप्राय उन वस्तुओं से है। जिनके विषय में मनुष्य को न केवल जानकारी हो परन्तु मानव जाति के लिए उन वस्तुओं की उपयोगिता भी हो। जैसे – जब तक हमारे पास अणुओं को विखंडित कर उनसे ऊर्जा प्राप्त करने की कोई तकनीक नहीं थी, तब तक यूरेनियम व थोरियम केवल खनिज ही थे, खनिजे संसाधन नहीं।

प्रश्न 3.
‘हमें नव्यकरणीय ऊर्जा संसाधनों पर अधिक बल देना चाहिए। क्यों ?
उत्तर:
नव्यकरणीय ऊर्जा संसाधन वे संसाधन हैं जो प्रकृति में अक्षुण्ण मात्रा में प्राप्त हैं तथा इनका पुनः नवीनीकरण किया जा सकता है, जैसे सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, जलविद्युत, बायोगैस आदि। हमें इन ऊर्जा संसाधनों पर अधिक बल देना चाहिए क्योंकि एक तो ये समाप्त नहीं होते हैं दूसरा इनसे प्रदूषण बिल्कुल नहीं फैलता है अत: इनका प्रकृति एवं मानव पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है।

प्रश्न 4.
धात्विक खनिज से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
वे खनिज जिनमें मूल रूप से धातु विद्यमान रहती है। और जो कठोर होते हैं, धात्विक खनिज कहलाते हैं। सामान्यतः ये खनिज हमें अन्य अवयवों या तत्त्वों के साथ मिश्रित रूप से मिलते हैं, जिनमें से हमें इन धातुओं को रासायनिक क्रिया द्वारा अलग करना पड़ता है। धात्विक खनिज दो प्रकार के होते हैं – लौह खनिज, जैसे-लौह अयस्क, मैंगनीज आदि तथा अलौह खनिज, जैसे-सोना, चांदी, ताँबा आदि।

प्रश्न 5.
ऊर्जा के परम्परागत स्रोत कोयला पर संक्षिप्त लेख लिखिए।
उत्तर:
कोयला – कोयला ऊर्जा का परम्परागत स्रोत है। यह चार प्रकार का होता है-एन्थ्रेसाइट, बिटुमिनस, लिग्नाइट तथा पीट। इनमें एन्थ्रेसाइट सर्वश्रेष्ठ गुणवत्ता वाला कोयला होता है, इसमें 80% से अधिक कार्बन होता है तथा यह कम धुआं छोड़ता है। राजस्थान में सर्वश्रेष्ठ किस्म का लिग्नाइट कोयला मिलता है, जिसका उपयोग विद्युत ऊर्जा तैयार करने में होता है। बीकानेर में बरसिंहसर एवं पलाना और बाड़मेर में जालीपा, कपूरड़ी एवं गिरल में लिग्नाइट निकाला जाता है।

प्रश्न 6.
सौर ऊर्जा पर संक्षिप्त लेख लिखिए।
उत्तर:
सौर ऊर्जा – सौर ऊर्जा, ऊर्जा का एक अपरम्परागत स्रोत है। ऐसे स्थानों पर जहाँ सूर्य की रोशनी तथा ऊष्मा प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होती है वहाँ सौर ऊर्जा का उपयोग विद्युत निर्माण में भी किया जा सकता है, मुख्यतः भारत जैसे उष्णकटिबंधीय देश में जहाँ सूर्य की किरणें वर्षपर्यन्त मिलती हैं। बिजली के अलावा इसका उपयोग सौर कुकर, सौर तापक आदि के रूप में भी किया जा सकता है। पश्चिमी राजस्थान, जहाँ आसमान हमेशा साफ रहता है। तथा सूर्य की किरणें वर्षभर उपलब्ध रहती हैं, सौर ऊज के विकास की अच्छी संभावना है। यहाँ कई सौर ऊजा आधारित पावर प्लांट स्थापित किए जा रहे हैं ।

प्रश्न 7.
किसी भी क्षेत्र का औद्योगिक विकास वहाँ पाये जाने वाले खनिज तथा ऊर्जा संसाधनों पर निर्भर करता है। स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
किसी भी क्षेत्र का औद्योगिक विकास उहाँ पाये। जाने वाले खनिज तथा ऊर्जा संसाधनों पर निर्भर करता है। खनिज तथा खनन क्रियाएँ न केवल रोजगार के अवसर पैदा करती हैं, बल्कि वे उद्योगों के लिए कच्चा माल उपलब्ध कराके औद्योगिक पृष्ठभूमि को भी सहारा देती हैं। दूसरी तरफ ऊर्जा की निश्चित उपलब्धता विकास के रथ को गति देने में सहायता करती है। ऊर्जा की तो प्रत्येक उद्योग को आवश्यकता होती है। अत: खनिज तथा ऊर्जा संसाधनों पर औद्योगिक विकास पूर्णतः निर्भर करता है

प्रश्न 8.
पवन चक्की का रेखाचित्र बनाते हुए बताइए कि राजस्थान में पवन ऊर्जा का उत्पादन किन-किन जिलों में हो रहा है?
उत्तर:
RBSE Solutions for Class 8 Social Science Chapter 5 खनिज और ऊर्जा संसाधन 2
रेखाचित्र पवन चक्की
राजस्थान में पवन ऊर्जा का उत्पादन जैसलमेर एवं प्रतापगढ़ जिलों में हो रहा है।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
ऊर्जा के परम्परागत स्रोत खनिज तेल का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
खनिज तेल – यह ऊर्जा का एक प्रमुरव्र परम्परागत स्रोत है। इसका उपयोग परिवहन के साधन तथा ऊज उत्पादन में किया जाता है। लालटेन या स्टोव में जलता मंगला, सरस्वती ऑइल फील्ड आदि स्थानों पर तथा बीकानेर ।केरोसिन भी पेट्रोलियम या खनिज तेल के प्रक्रमण से बनता वे जालौर जिलों में पाया जाता है क्योंकि यहाँ अवसादी है। यह अत्यन्त बहुमूल्य खनिज है और हर जगह नहीं चट्टानें पायी जाती हैं। पेट्रोलियम के साथ-साथ प्राकृतिक मिलता। भारत में सर्वप्रथम खनिज तेल असम के डिग्बोई गैस भी पाई जाती है, जिसका उपयोग ईंधन के रूप में ।में खोजा गया था। वर्तमान में भारत का प्रमुख तेल उत्पादक किया जाता है। केन्द्र बॉम्बे हाई है जो अरब सागर में स्थित है।

प्रश्न 2.
राजस्थान में पाये जाने वाले प्रमुख धात्विक राजस्थान में खनिज तेल पश्चिमी भाग में जैसलमेर में एवं अधात्विक खनिजों की उनके जिलों सहित सूची घोटारू, तनोट, मनोहारी टिब्बा आदि स्थानों पर; बाड़मेर में बनाइए।
उत्तर:
राजस्थान के प्रमुख धात्विक एवं अधात्विक खनिज सम्बन्धित जिलों सहित

सम्बन्धित का नाम सम्बन्धित प्रमुख जिले
खनिज का नाम
सीसा-जस्ता भीलवाड़ा, उदयपुर, राजसमंद
ताँबा अयस्क झुंझुनूं, सीकर, अलवर, डूंगरपुर
लोह अयस्क जयपुर, झंझुनू, उदयपुर, भीलवाड़ा
टंगस्टन नागौर, सिरोही
चाँदी भीलवाड़ा, उदयपुर, राजसमंद
अधात्विक खनिज
रॉक फॉस्फेट उदयपुर, जैसलमेर, जयपुर
चूना पत्थर चित्तौड़गढ़, सिरोही, नागौर, कोटा, बूंदी, जैसलमेर
अभ्रक भीलवाड़ा, अजमेर, उदयपुर, जयपुर
जिप्सम बीकानेर, जैसलमेर, नागौर, बाड़मेर
घीया पत्थर उदयपुर, भीलवाड़ा, डूंगरपुर, दौसा
वोलेस्ट्रोनाइट सिरोही, अजमेर, उदयपुर, पाली
लिग्नाइट (कोयला) बीकानेर, बाड़मेर, नागौर
संगमरमर राजसमंद, नागौर, उदयपुर, जयपुर, बाँसवाड़ा
ग्रेनाइट जालोर, जैसलमेर, पाली, सिरोही
बलुआ पत्थर जोधपुर, बूंदी, भीलवाड़ा, धौलपुर, कोटा, चित्तौड़गढ़

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