RBSE Solutions for Class 9 Science Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण are part of RBSE Solutions for Class 9 Science. Here we have given Rajasthan Board RBSE Class 9 Science Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण
Board | RBSE |
Textbook | SIERT, Rajasthan |
Class | Class 9 |
Subject | Science |
Chapter | Chapter 10 |
Chapter Name | गुरुत्वाकर्षण |
Number of Questions Solved | 89 |
Category | RBSE Solutions |
Rajasthan Board RBSE Class 9 Science Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण
पाठ्य-पुस्तक के उदाहरण
उदाहरण 10. 1.
पृथ्वी का द्रव्यमान लगभग 6 × 1024 kg है तथा चन्द्रमा का द्रव्यमान 7.4 × 1022 kg है यदि पृथ्वी तथा चन्द्रमा के बीच की दूरी 3.84 × 105 km है तो पृथ्वी द्वारा चन्द्रमा पर लगाये गये बल का परिकलन कीजिए।
हल:
उदाहरण 10. 2.
एक 40 kg द्रव्यमान का गोला दूसरे 80 kg द्रव्यमान के गोले द्वारा 0.25 × 10-6 kg-wt के बराबर गुरुत्वाकर्षण बल अनुभव करता है। दोनों गोलों के केन्द्र के मध्य 30 सेमी की दूरी है। यदि गुरुत्वीय त्वरण g = 9.8 m/s2 है तो गुरुत्वाकर्षण नियतांक की गणना कीजिए।
हल:
उदाहरण 10.3.
एक नीम पर बैठे कौए की चोंच से पूड़ी छूटकर 2 सेकेण्ड में नीचे आ जाती है। g = 10 m/s2 का मान लेते हुए निम्न गणना कीजिए
(i) धरती पर टकराते समय पूड़ी का वेग क्या होगा ?
(ii) इन 2 सेकेण्ड के दौरान पूड़ी का औसत वेग कितना होगा ?
(iii) कौए की चोंच धरती से कितनी ऊँचाई पर है ?
हल:
(i) समीकरण, v = u + gr से,
धरती पर टकराते समय पूड़ी का वेग
उदाहरण 10. 4.
एक वस्तु को ऊध्र्वाधर दिशा में ऊपर की ओर फेंका जाता है जिससे वह 10m ऊँचाई तक पहुँचती है, तो निम्न को परिकलन कीजिए
(i) वस्तु कितने वेग से ऊपर फेंकी गई तथा
(ii) वस्तु द्वारा उच्चतम बिन्दु तक पहुँचने में लिया गया समय ?
हल :
पाठ्य-पुस्तक के प्रश्न एवं उनके उत्तर
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1.
न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण का नियम सार्वत्रिक होता है। क्योंकि
(अ) वह सदैव आकर्षण का होता है
(ब) वह सौरमण्डल के सभी सदस्यों व कणों पर लागू होता है।
(स) यह सभी द्रव्यमान पर सभी दूरियों पर लागू होता है। तथा माध्यम से प्रभावित नहीं होता है।
(द) उपरोक्त में से कोई नहीं।
उत्तर:
(स) यह सभी द्रव्यमान पर सभी दूरियों पर लागू होता है। तथा माध्यम से प्रभावित नहीं होता है।
प्रश्न 2.
वस्तु की वृत्ताकार गति के लिए आवश्यक बरन कौन-सा
(अ) गुरूत्वाकर्षण बल
(ब) घर्षण बल
(स) अभिकेन्द्र बल
(द) उपरोक्त में से कोई नहीं।
उत्तर:
(स) अभिकेन्द्र बल
प्रश्न 3.
गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियतांक ; का मान निर्भर करता है
(अ) कणों की प्रकृति पर
(ब) कणों के मध्य उपस्थित माध्यम पर
(स) समय पर
(द) किसी पर निर्भर नहीं करता।
उत्तर:
(द) किसी पर निर्भर नहीं करता।
प्रश्न 4.
पृथ्वी सतह पर किसी व्यक्ति का भार 60N है तो चन्द्रमा की सतह पर व्यक्ति का भार होगा ?
(अ) 60N
(ब) 30N
(स) 20N
(द) 10N.
उत्तर:
(द) 10N.
प्रश्न 5.
m द्रव्यमान के किसी पिण्ड को गहरी खान के तल पर ले जाया जाता है तब
(अ) उसका द्रव्यमान बढ़ता है।
(ब) उसका द्रव्यमान घटता है।
(स) उसका भार घटता है
(द) उसका भार बढ़ता है।
उत्तर:
(स) उसका भार घटता है
प्रश्न 6.
दो द्रव्यमानों के बीच की दूरी दुगुनी करने पर द्रव्यमानों के बीच गुरुत्वाकर्षण बल
(अ) अपरिवर्तित रहेगा
(ब) चौथाई हो जायेगा
(स) आधा रह जायेगा
(द) दुगुना हो जायेगा।
उत्तर:
(ब) चौथाई हो जायेगा
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
किसी उपग्रह को ग्रह के चारों ओर चक्कर लगाने के लिए आवश्यक अभिकेन्द्रीय बल कहाँ से प्राप्त होता है।
उत्तर:
अभिकेन्द्रीय बल ग्रह द्वारा उपग्रह पर लगाये गये गुरुत्वाकर्षण बल से प्राप्त होता है।
प्रश्न 2.
क्या एक कृत्रिम उपग्रह में किसी पिण्ड का गुरुत्वीय द्रव्यमान ज्ञात किया जा सकता है ?
उत्तर:
नहीं, कृत्रिम उपग्रह एक मुक्त रूप से गिरते पिण्ड के समान है।
प्रश्न 3.
दो द्रव्यमान के बीच की दूरी दुगुनी करने पर द्रव्यमानों के बीच गुरुत्वाकर्षण बल में क्या परिवर्तन सेगा ?
उत्तर:
∴ दूरी दुगुनी करने पर बल एक-चौथाई रह जाएगा।
प्रश्न 4.
एक वस्तु का द्रव्यमान 10 kg है तो उस वस्तु का पृथ्वी की सतह पर भार कितना होगा ?
उत्तर:
पृथ्वी की सतह पर हैं। 9.8 मी./से.
अत: पृथ्वी की सतह पर वस्तु का भार
mg = 10 × 9.8
= 98N
प्रश्न 5.
दो पिण्डों के मध्य गुरुत्वाकर्षण बल का सूत्र लिखिए।
उत्तर:
जहाँ m1 तथा m2 क्रमश: पिण्डों के द्रव्यमान हैं।
d दोनों द्रव्यमानों के बीच दूरी है।
G सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक है।
प्रश्न 6.
बॉल पैग किस सिद्धान्त पर कार्य करता है ?
उत्तर:
बॉल और गुरूत्वीय बल पर कार्य करता है। गुरुत्वीय बल के प्रभाव के कारण स्याही का प्रवाह नीचे की ओर होता है और पृष्ठ तनाव के कारण यह केशिका के रूप में निब से निकलती हैं।
प्रश्न 7.
एक व्यक्ति चन्द्रमा पर अधिक ऊँची छलांग लगा सकता है इसका क्या कारण है ?
उत्तर:
गुरुत्वीय त्वरण का मान अत्यधिक कम होने के कारण व्यक्ति चन्द्रमा पर अधिक ऊँची छलांग लगा सकता
प्रश्न 8.
एक-एक किग्रा के दो पिण्ड परस्पर एक मीटर की दूरी पर हैं तो इनके मध्य गुरुत्वाकर्षण बल का मान लिखिए।
उत्तर:
अतः गुरुत्वाकर्षण बल का मान सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक के बराबर है।
प्रश्न 9.
चन्द्रमा पर पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल लगता है। तो चन्द्रमा पृथ्वी पर क्यों नहीं गिरता ?
उत्तर:
चन्द्रमा पृथ्वी तल पर इसीलिए नहीं गिर पाता; क्योंकि चन्द्रमा पर पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल उसे पृथ्वी तल तक ख़चने के लिए पर्याप्त नहीं है, वह उसे केवल वृत्तीय पथ पर गति कराने के लिए ही पर्याप्त है।
प्रश्न 10.
समुद्र में उत्पन्न ज्वार-भाटे का प्रमुख कारण क्या है ?
उत्तर:
धार-भाटे का प्रमुख कारण चन्द्रमा है। चन्द्रमा और पृथ्वी के बीच आकर्षण बल के कारण, जब चन्द्रमा पृथ्वी के समीप आता है तो ‘वार’ और दूरी बढ़ने पर ‘भाटा’ उत्पन्न होता है।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम लिखिए।
उत्तर:
ब्रह्माण्ड का प्रत्येक कण, दूसरे कण को एक निश्चित बल से आकर्षित करता है। जो उन कणों के द्रव्यमानों के गुणनफल के अनुक्रमानुपाती तथा उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
जहाँ G सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक है।
प्रश्न 2.
पृथ्वी की सतह पर गुरुत्वीय त्वरण g का मान कहाँ सबसे अधिक होता है और क्यों ?
उत्तर:
पृथ्वी की सतह पर गुरुत्वीय त्वरण g का मान ध्रुवों पर सबसे अधिक होता है। इसका कारण यह है कि पृथ्वी पूर्णतः गोल नहीं है, बल्कि यह दोनों सिरों पर कुछ चपटी है।
क्योंकि पृथ्वी की भूमध्यीय त्रिज्या 6400 km तथा ध्रुवीय त्रिज्या 6379 kum है।
प्रश्न 3.
गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियतांक का मान लिखकर इसका मात्रक भी लिखिए।
उत्तर:
गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियतांक (G) का आंकिक मान।
= 6.67 × 10-11 Nm2 kg2
SIL पद्धति में G का मात्रक न्यूटन-मीटर2/किग्रा2 हैं।
प्रश्न 4.
गुरुत्वीय त्वरण किसे कहते हैं ? इसका सूत्र भी लिखिए।
उत्तर:
जब कोई वस्तु ऊपर से मुक्त रूप से छोड़ी जाती है। तो वह पृथ्वी के गुरुत्व बल के कारण पृथ्वी की और गिरने लगती है तथा उसके गिरने का वेग बराबर बता रहता है।
अत: उसकी गति में त्वरण उत्पन्न हो जाता है। इसी त्वरण को ‘पृथ्वी का गुरुत्वीय त्वरण’ कहते हैं।
जहाँ Me पृथ्वी का द्रव्यमान है।
Re पृथ्वी की त्रिज्या है।
G सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक है।
प्रश्न 5.
किसी वस्तु के द्रव्यमान तथा भार में क्या अन्तर है। स्पष्ट कीजिए ?
उत्तर:
द्रव्यमान तथा भार में अन्तर
क्र. सं. | द्रव्यमान | भार |
1. | किसी वस्तु में उपस्थित पदार्थ की मात्रा ही उसका द्रव्यमान होती है। | किसी वस्तु का भार उस बल के बराबर होता है। |जिससे पृथ्वी उस वस्तु को आकर्षित करती है। |
2. | द्रव्यमान का मात्रक किलोग्राम है। | भार का मात्रक न्यूटन या किलोग्राम भार है। |
3. | किसी वस्तु के द्रव्यमान का मान प्रत्येक स्थान पर समान रहता है। | वस्तु का भार (mg) गुरुत्वीय त्वरण g के परिवर्तन के कारण भिन्न-भिन्न स्थानों पर भिन्न-भिन्न होता है। भार सदिश राशि है। |
4. | द्रव्यमान अदिश राशि है। | भार को कमानीदार तुला |
5. | द्रव्यमान को भौतिक तुला से तोला जाता है। | से तोला जाता है। |
प्रश्न 6.
मुक्त पतन से क्या अभिप्राय है ? मुक्त पतन के उदाहरण भी दीजिए।
उत्तर:
मुक्त पतन-जब वस्तुएँ पृथ्वी की ओर गुरुत्वीय आकर्षण बल के कारण गिरती हैं तब उनकी गति मुक्त पतन कहलाती है।
उदाहरण-
- एक गेंद को ऊपर फेंकने पर वह एक निश्चित ऊँचाई तक पहुँचती हैं फिर नीचे गिरने लगती है।
- एक पत्थर को कुछ ऊँचाई से छोड़ने पर वह स्वत: नीचे की ओर गिरने लगता है।
प्रश्न 7.
एक व्यक्ति पृथ्वी के ध्रुव से विषुवत रेखा की ओर आता है उसके भार में क्या परिवर्तन होगा और क्यों ?
उत्तर:
ध्रुव से विषुवत रेखा की ओर आने पर उसके भार में कमी आयेगी क्योंकि ध्रुवों पर g का मान अधिक होता है और विषुवत रेखा पर कम होता है।
प्रश्न 8.
भारहीनता किसे कहते हैं ? भारहीनता के दो रोचक उदाहरण लिखिए।
उत्तर:
भारहीनता-वह अवस्था जब वस्तु का भार शून्य हो जाता है, भारहीनता कहलाती है।
उदाहरण-
- पृथ्वी की कक्षा में अन्तरिक्ष यान में अन्तरिक्ष यात्रियों की भी यही स्थिति होती है। पृथ्वी की कक्षा में गतिशील अन्तरिक्ष यान, अन्तरिक्ष यात्री और तुला समान त्वरण से पृथ्वी की ओर गिरते हैं, और उन पर कोई बल कार्य नहीं करता है। यही कारण है कि अन्तरिक्ष यात्री तैरते हुए भारहीनता की स्थिति में होते हैं, यद्यपि उनका भार शून्य नहीं होता हैं।
- एक कमानीदार तुला को अपने हाथ में पकड़कर उस पर कोई पिण्ड लटकायें तो तुला का संकेतक पिण्ड के भार को प्रदर्शित करता है। अब तुला को नीचे की और छोड़ देने पर हम देखते हैं कि तुला का संकेतक शून्य पर पहुँच जाता है। अर्थात् पिण्ड का भार शून्य प्रदर्शित करता है। इस स्थिति में पिण्ड, तुला पर कोई बल नहीं लगता क्योंकि पृथ्वी पिण्डु को भी उतनी तेजी से खींचती है जितनी तेजी से कमानीदार तुला को, जिससे पिण्ड द्वारा तुला पर शून्य बल लगता है। और पिण्ड का आभासी भार शून्य प्रतीत होता है।
प्रश्न 9.
मुक्त रूप से गिरती हुई वस्तु के लिए गति के तीनों समीकरण लिखिए एवं प्रतीकों का अर्थ भी लिखिए।
उत्तर:
मुक्त रूप से गिरती हुई वस्तु के लिए गति के समीकरण
प्रश्न 10.
किसी वस्तु को u वेग से ऊपर की ओर फेंका जाता है। जिससे वह h ऊँचाई तक जाती है। वस्तु के लिए गति के तीनों समीकरण लिखिए।
उत्तर:
जहाँ v वस्तु की गति का अंतिम वेग है।
प्रश्न 11.
एक अन्तरिक्ष यात्री को भारहीनता के कारण क्या-क्या कठिनाइयाँ होती हैं।
उत्तर:
- अन्तरिक्ष यात्री को भारहीनता के कारण खाना खाने में परेशानी होती है।
- अन्तरिक्ष यात्री गिलास से जल नहीं पी सकता।
- स्प्रिंग तुला पर अपना भार नहीं ज्ञात कर सकता।
- यदि यात्री किसी गेंद को उपग्रह के अन्दर छेड़ दे तो वह नीचे फर्श पर नहीं गिरेगी, ऐसे ही वहीं पर लटकी रहेगी।
प्रश्न 12.
केपलर तथा न्यूटन से पहले प्राचीन भारतीय खगोल वैज्ञानिक कौन थे और इनका गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र में क्या योगदान था ?
उत्तर:
- सर्वप्रथम पाँच सदी में भारतीय खगोलविद् आर्यभट्ट ने ग्रहों की गति को समझने के लिए भूकेन्द्रीय मॉडल दिया।
- बाद में भास्कराचार्य ने न्यूटन व केपलर से लगभग 500 वर्ष पहले सिद्धान्त शिरोमणि के ग्रह गणित खण्ड में पृथ्वी की गुरुत्वशक्ति व ग्रहीय गति की चर्चा की थी। भास्कराचार्य ने पृथ्वी की त्रिज्या तथा परिधि की गणना की।
प्रश्न 13.
कृत्रिम उपग्रह में स्थित वस्तुएँ भारहीनता अवस्था में होती हैं जबकि प्राकृतिक उपग्रह में यह स्थिति नहीं सेती ? कारण स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
प्राकृतिक उपग्रह, जैसेचन्द्रमा, पृथ्वी का एक उपग्रह हैं परन्तु चन्द्रमा पर व्यक्ति भारहीनता का अनुभव नहीं करता क्योंकि चन्द्रमा का द्रव्यमान अधिक है तथा यह व्यक्ति पर गुरुत्व-बल लगाता है (तथा यही चन्द्रमा पर व्यक्ति का भार होता है)। कृत्रिम उपग्रह स्वयं अन्तरिक्ष यात्री पर कोई गुरुत्व बल नहीं लगता।
निबन्धात्मक प्रश्न(Long Answer Type Questions)
प्रश्न 1.
दो गोलों में प्रत्येक का भार 10 किग्रा है ये एक दूसरे से 50 सेमी. की दूरी पर हैं। इन दोनों के मध्य गुरुत्वाकर्षण बल का मान ज्ञात कीजिए।
हल :
दिया है,
प्रश्न 2.
पृथ्वी की सतह पर स्थित एक 40 kg की वस्तु पर गुरुत्वाकर्षण बल की गणना करो। यदि पृथ्वी की त्रिज्या (R) = 6400 km तथा द्रव्यमान 6 × 1024 kg हो।
उत्तर:
दिया है,
प्रश्न 3.
किसी पत्थर को 20 m/s के प्रारम्भिक वेग से ऊपर की ओर फेंका जाता है। g= 10 m/s2 लेते हुए निम्न की गणना करो
(i) पत्थर द्वारा उच्चतम ऊँचाई तक पहुँचने में लगा समय
(ii) पत्थर द्वारा तय की गई दूरी।
उत्तर:
दिया है,
प्रश्न 4.
यदि चन्द्रमा का द्रव्यमान 0.073 × 1024 kg एवं त्रिज्या 1738 km से तो चन्द्रमा की सतह पर गुरुत्वीय त्वरण ज्ञात करो।
उत्तर:
माना कि चन्द्रमा का द्रव्यमान M तथा त्रिज्या R है। यह मानने पर कि चन्द्रमा का समस्त द्रव्यमान इसके केन्द्र पर संकेन्द्रित है, चन्द्रमा के तल पर गुरुत्वीय त्वरण
प्रश्न 5.
125m ऊंची मीनार से एक पत्थर छोड़ा जाता है तो निम्न की गणना करो
(i) नीचे पहुँचने में लगा समय
(ii) पत्थर का अन्तिम वेग
उत्तर:
दिया है,
प्रश्न 6.
यदि पृथ्वी का व्यास उसके वर्तमान व्यास का आधा हो जाये तो दुव्यमान 1/8 रह जायेगा। इस आधे आकार की पृथ्वी पर g का मान क्या होगा ?
उत्तर:
पृथ्वी के व्यास का आधा होने पर पृथ्वी की त्रिज्या आधी हो जायेगी।
अत: g का मान वर्तमान मान का आधा रह जायेगा।
अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न एवं उनके उत्तर
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1.
निवांत में स्वतन्त्रतापूर्वक गिरते हुए पिण्डों का
(अ) वेग समान होता है
(ब) त्वरण समान होता है।
(स) बल समान होता हैं
(द) जड़त्व समान होता है।
उत्तर:
(ब) त्वरण समान होता है।
प्रश्न 2.
पृथ्वी पर रखी दो वस्तुओं के मध्य गुरुत्वाकर्षण बल F है। यदि उनमें से प्रत्येक का द्रव्यमान 1/4 कर दिया जाय तो गुरुत्वाकर्षण बल होगा
(अ) F
(ब) \(\frac { F } { 16 }\)
(स) \(\frac { F } { 4 }\)
(द) 4F
उत्तर:
(ब) \(\frac { F } { 16 }\)
प्रश्न 3.
सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक G का मात्रक होता है
(अ) न्यूटन/किग्ना
(ब) मीटर/सेकण्ड
(स) न्यूटन मीटर-किग्रा
(द) न्यूटन-मीटर/किग्रा
उत्तर:
(द) न्यूटन-मीटर/किग्रा
प्रश्न 4.
किसी मकान की छत से पिण्ड गिराया जाता है। 50 मीटर गिरने के बाद पिण्ड की चाल होगी
(अ) 9.8 मीटर/सेकण्ड
(ब) 31.30 मीटर/सेकण्ड
(स) 3.13 मीटर/सेकण्ड
(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं।
उत्तर:
(ब) 31.30 मीटर/सेकण्ड
प्रश्न 5.
गुरुत्वीय त्वरण g का मान|
(अ) सभी ग्रहों पर समान होता है।
(ब) पृथ्वी के सभी स्थानों पर समान होता हैं।
(स) ध्रुवों पर अधिक, भूमध्य रेखा पर कम होता हैं।
(द) उपर्युक्त में कोई नहीं।
उत्तर:
(स) ध्रुवों पर अधिक, भूमध्य रेखा पर कम होता हैं।
प्रश्न 6.
ऊर्ध्वाधर ऊपर फेंके गये पिण्ड का महत्तम ऊँचाई पर वेग
(अ) शून्य होता है
(ब) अधिकतम होता है।
(स) न्यूनतम होता हैं
(द) 9.8 मी/सेकण्ड होता है।
उत्तर:
(अ) शून्य होता है
प्रश्न 7.
दो पत्थर 2:3 के अनुपात के वेगों से फेंके जाते हैं। तो उनके द्वारा तय महत्तम ऊंचाइयों का अनुपात होगा
(अ) 2; 3
(ब) 3:2
(स) 9:1
(द) 4:9
उत्तर:
(द) 4:9
प्रश्न 8.
पृथ्वी पर किसी वस्तु का भार 120 किग्रा है तो चन्द्रमा पर उसका भार होगा
(अ) 120 किग्रा
(ब) 60 किग्रा
(स) 20 किग्रा
(द) 10 किग्रा
उत्तर:
(स) 20 किग्रा
प्रश्न 9.
चन्द्रमा पर गुरुत्वीय त्वरण का मान होता है
(अ) 9.8 m/s2
(ब) 1.57 rnm/s2
(स) 6.67 m/s2
(द) 0.98 Im/s2
उत्तर:
(ब) 1.57 rnm/s2
प्रश्न 10.
समद में उठने वाले ज्वार का कारण है
(अ) चन्द्रमा का पृथ्वी पर लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल
(ब) सूर्य का पृथ्वी पर लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल
(स) शुक्र का पृथ्वी पर लगे वाला गुरुत्वाकर्षण बल
(द) पृथ्वी के स्वयं के वायुमण्डल का प्रभाव।
उत्तर:
(अ) चन्द्रमा का पृथ्वी पर लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल
सुमेलन सम्बन्धित प्रश्न
निम्न को सुमेलित कीजिए
उत्तर:
1 – (e),
2 – (c),
3 – (b),
4 – (d),
5 – (a).
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
क्या स्थिरांक; का मान प्रत्येक स्थान के लिए समान रहता है ?
उत्तर:
हाँ, यह एक सार्वत्रिक नियतांक है। अत: G का मान प्रत्येक स्थान के लिए समान रहता है।
प्रश्न 2.
60 किग्रा द्रव्यमान के किसी मनुष्य का चन्द्रमा पर दुव्यमान क्या होगा ?
उत्तर:
60 किग्रा ही होगा क्योंकि द्रव्यमान सदैव समान रहता है।
प्रश्न 3.
1 किग्रा भार कितने न्यूटन के बराबर है ?
उत्तर:
किग्रा भार = 9.8 न्युटन।
प्रश्न 4.
पृथ्वी पर किसी पिण्ड का भार ज्ञात करते समय हम सूर्य के गुरुत्वाकर्षण बल को क्यों नहीं लेते ?
उत्तर:
क्योंकि किसी पिण्ड का भार उस बल के तुल्य होता है जो उस पर पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल के कारण आरोपित होता है।
प्रश्न 5.
ग्रह अपने कक्ष में क्यों घूमते हैं ?
उत्तर:
ग्रह अपने कक्ष में सूर्य के गुरुत्वाकर्षण के कारण घूमते हैं।
प्रश्न 6.
पृथ्वी की सतह पर किसी वस्तु का भार 10 किग्रा है। इसका भार कितना होगा यदि इसे पृथ्वी के केन्द्र पर ले जायें ?
उत्तर:
शून्य, क्योंकि पृथ्वी के केन्द्र पर गुरुत्वीय त्वरण (g) का मान शून्य होता है।
प्रश्न 7.
वस्तुओं का पृथ्वी की ओर मुक्त रूप से गिरना किस बल के कारण होता है?
उत्तर:
पृथ्वी के गुरुत्व बल के कारण।
प्रश्न 8.
यदि दो भिन्न-भिन्न द्रव्यमान की वस्तुओं को एक ऊँचाई से एक साथ मुक्त रूप से गिराया जाए तो वे एक ही साथ पृथ्वी पर पहुंचेंगी या अलग-अलग समय पर?
उत्तर:
एक ही साथ।
प्रश्न 9.
किन्हीं दो वस्तुओं के बीच अन्य कोई द्रव्य रखा जाए तो उनके बीच लगने वाला गुरुत्व बल समान रहता है। या बदल जाता है।
उत्तर:
गुरुत्व बल का मान समान रहता है।
प्रश्न 10.
‘g’ च G में क्या सम्बन्ध है ?
उत्तर:
\(g = G \frac { M } { R ^ { 2 } }\)
प्रश्न 11.
पृथ्वी तल से ऊपर जाने पर है के मान पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर:
पृथ्वी तल से ऊपर जाने पर g का मान घटता है।
प्रश्न 12.
क्या गुरुत्वीय त्वरण एक सदिश राशि है अथवा अदिश ? इसका S.I. मात्रक लिखिए।
उत्तर:
यह एक सदिश राशि है जिसकी दिशा सदैव पृथ्वी के केन्द्र की और होती है। इसका S.I. मात्रक मीटर/सेकण्ड हैं।
प्रश्न 13.
किसी वस्तु पर लगा गुरुत्व बल किस दिशा में कार्य करता है?
उत्तर:
वस्तु से पृथ्वी के केन्द्र को मिलाने वाली रेखा के अनुदिश कार्य करता है।
प्रश्न 14.
एक ही ऊँचाई से एक पत्थर का टुकड़ा तथा एक कागज का टुकड़ा गिराने पर वे एक साथ पृथ्वी पर क्यों नहीं आते ?
उत्तर:
वायु के घर्षण के कारण।
प्रश्न 15.
उस वैज्ञानिक का नाम बताइए जिसने सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक का मान ज्ञात किया था?
उत्तर:
हैनरी कैवेन्डिश।
प्रश्न 16.
पृथ्वी पर सूर्य का गुरुत्वाकर्षण बल लगता है, फिर पृथ्वी, सूर्य में क्यों नहीं गिर जाती ?
उत्तर:
पृथ्वी एक स्थायी कक्षा में है तथा सूर्य का गुरुत्वाकर्षण बल इसके वेग को दिशा के लम्बवत् हैं।
प्रश्न 17.
भारहीनता की अवस्था में प्रतिक्रिया बल कितना होता है ?
उत्तर:
शून्य।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
किसी वस्तु का चन्द्रमा पर भार पृथ्वी पर इसके भार का 1/6 गुना क्यों होता है ?
उत्तर:
चन्द्रमा का द्रव्यमान, पृथ्वी के द्रव्यमान की तुलना में काफी कम है, इस कारण चन्द्रमा की सतह पर गुरुत्वीय त्वरण का मान, पृथ्वी पर गुरुत्वीय त्वरण के मान का 1/6 होता है। अब चूंकि किसी स्थान पर किसी वस्तु का भार, उस स्थान पर गुरूत्वीय त्वरण के समानुपाती होता है। अत: चन्द्रमा पर किसी वस्तु का भार पृथ्वी पर उसके भार का 16 गुना होता है।
प्रश्न 2.
‘यदि दो वस्तुओं के बीच की दूरी को आधा कर दिया जाए तो उनके बीच गुरुत्वाकर्षण बल किस प्रकार बदलेगा?
उत्तर:
अत: दूरी को आधा करने पर गुरुत्वाकर्षण बल चार गुना हो जाएगा।
प्रश्न 3.
यदि चन्द्रमा, पृथ्वी को आकर्षित करता है तो पृथ्वी, चन्द्रमा की ओर गति क्यों नहीं करती है ?
उत्तर:
चन्द्रमा और पृथ्वी दोनों एक-दूसरे पर समान परिमाण का आकर्षण बल लगाते हैं, परन्तु चन्द्रमा का द्रव्यमान पृथ्वी के द्रव्यमान की तुलना में बहुत कम होने के कारण, समान बल होने पर भी चन्द्रमा को पृथ्वी की और त्वरण, पृथ्वी के चन्द्रमा की ओर त्वरण से बहुत अधिक है। इसीलिए चन्द्रमा, पृथ्वी के चारों और गति करता है, पृथ्वी, चन्द्रमा की और गति करती प्रतीत नहीं होती।
प्रश्न 4.
गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम के क्या महत्व
उत्तर:
गुरुत्वाकर्षण के सार्वत्रिक नियम का महत्व-यह नियम अनेक ऐसी परिघटनाओं की व्याख्या करता है, जो प्राचीनकाल में असम्बद्ध मानी जाती थीं; जैसे
- इस नियम द्वारा सूर्य के चारों ओर ग्रहों की गति की व्याख्या की जाती है।
- इस नियम द्वारा पृथ्वी के चारों और चन्द्रमा की गति को व्याख्या की जाती है।
- इस नियम द्वारा वस्तुओं के पृथ्वी की ओर गिरने की व्याख्या की जाती है।
- इस नियम द्वारा समुद्र में आने वाले ज्वार-भाटा की व्याख्या की जाती है।
पृथ्वी की कक्षा में कृत्रिम उपग्रह स्थापित करना, चन्द्रमा तथा अन्य ग्रहों तक खोजी यान भेजना तथा अन्तरिक्ष स्टेशन स्थापित करना आदि इस नियम का ज्ञान प्राप्त होने के बाद ही सम्भव हो पाया है।
प्रश्न 5.
मुक्त पतन का त्वरण क्या है ?
उत्तर:
मुक्त पतन का त्वरण-किसी ऊँची मीनार की छत से छोड़ी गई किसी वस्तु को पृथ्वी की ओर त्वरण, मुक्त पतन का चरण कहलाता है, जिसे हु से प्रदर्शित करते हैं। पृथ्वी तल पर मुक्त पतन के त्वरण का मान 9.8 मीटर/सेकण्डू
प्रश्न 6.
एक व्यक्ति A अपने मित्र के निर्देश पर ध्रुवों पर कुछ ग्राम सोना खरीदता है। वह इस सोने को विषुवत् वृत्त पर अपने मित्र को देता है। क्या उसका मित्र इस खरीदे हुए सोने के भार से सन्तुष्ट होगा ? यदि नहीं, तो क्यों ?
उत्तर:
मित्र सोने के भार से सन्तुष्ट नहीं होगा। इसका कारण यह है कि विषुवत् वृत्त पर तोलने पर सोने का भार, ध्रुवों पर उसके भार की तुलना में कम होगा (g के मान में कमी के कारण)।
प्रश्न 7.
एक कागज की शीट, उसी प्रकार की शीट को मोड़कर बनाई गई गेंद से धीमी क्यों गिरती है?
उत्तर:
ऐसा वायु के प्रतिरोध के कारण होता है। वायु कागज की शीट पर, गेंद की अपेक्षा अधिक प्रतिरोध लगाती है। अत: कागज़ की शीट, गेंद की तुलना में धीमी गिरती है।
प्रश्न 8.
यदि पृथ्वी अपने अक्ष के परितः घूमना बन्द कर दे तो ‘g’ के मान पर क्या प्रभाव पड़ेगा ? क्या यह प्रभाव सभी स्थानों पर एक-जैसा होगा ?
उत्तर:
ध्रुवों को छोड़कर सभी स्थानों पर ४ का मान बढ़ जायेगा। g के मान में वृद्धि विभिन्न स्थानों पर भिन्न-भिन्न होगी; विषुवत रेखा पर सबसे अधिक होगी। प्रश्न 9. चन्द्रयात्री चन्द्रमा पर उतरने से पहले अपनी पीठ पर भारी वजन बाँध लेते हैं। कारण बताइए। उत्तर- चन्द्रमा पर ‘g’ का मान कम होता है। अत: चन्द्रतल पर उतरने के लिए चन्द्रयात्री पीठ पर भारी वजन बाँधकर द्रव्यमान बढ़ा लेते हैं ताकि हैं के मान में बढ़ोत्तरी हो।
प्रश्न 10.
पृथ्वी की परिक्रमा करने वाले कृत्रिम उपग्रह में बैठे यात्री को ‘भारहीनता’ का अनुभव होता है। कारण स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
कोई भी मनुष्य अपना भार तब अनुभव करता है। जबकि वह तल जिस पर मनुष्य खड़ा है उस पर प्रतिक्रिया बल लगाये। चूँकि अन्तरिक्ष यात्री को त्वरण तथा पृथ्वी की परिक्रमा करने वाले कृत्रिम उपग्रह का त्वरण बराबर है। (प्रत्येक गुरुत्वीय त्वरण g के बराबर है), अत: यात्री का उपग्रह के सापेक्ष त्वरण शून्य है। अत: उपग्रह के सापेक्ष यात्री भारहीन है।
प्रश्न 11.
गुरुत्वीय बल के व्यावहारिक उपयोग बताइए।
उत्तर:
- जब कोई वस्तु ऊपर की ओर फेंकी जाती है तो वह गुरुत्वीय बल के कारण ही लौटकर पृथ्वी पर वापस आती हैं।
- गुरुत्वीय बल के कारण ही हम पृथ्वी पर खड़े रह सकते
- गुरुत्वीय बल ही कृत्रिम उपग्रहों को चक्कर लगाने के लिए आवश्यक अभिकेन्द्रकीय बल प्रदान करता है।
- पृथ्वी पर वायुमण्डल की उपस्थिति भी गुरुत्वीय बल के कारण ही हैं।
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
नीचे की ओर गिरती हुई और ऊपर की ओर फेंकी गयी वस्तुओं के लिए ॥, “, g और h में सम्बन्ध लिखिए।
उत्तर:
(1) यदि कोई वस्तु प्रारम्भिक वैग 4 से नीचे गिर रही है, तब । सेकण्ड पश्चात् अन्तिम वैग ।
v = u + gt ………….. (1)
t सैकण्ड पश्चात् तय की गयी दूरी h = ut + \(\frac { 1 } { 2 } g t ^ { 2 }\) ………………… (2)
v, u व h में सम्बन्ध \(v ^ { 2 } = u ^ { 2 } + 2 g h\) ………………….. (3)
(2) यदि कोई वस्तु विराम अवस्था से नीचे गिर रही है तब प्रारम्भिक वेग u =0
t सेकण्ड पश्चात् अन्तिम वेग v = gt …………………. (1)
t सेकण्ड पश्चात् तय की गयी दूरी \(h = \frac { 1 } { 2 } g t ^ { 2 }\) …………………….. (2)
v, u व h में सम्बन्ध \(v ^ { 2 } = 2 g h\) ………………………… (3)
(3) जब कोई वस्तु प्रारम्भिक वेग u से ऊपर जा रहीं हैं, तब गुरुत्वीय त्वरण (g) ऋणात्मक होगा क्योंकि वस्तु के वेग की दिशा ऊपर की ओर है और गुरुत्वीय त्वरण की दिशा नीचे की ओर। इस स्थिति में g के स्थान पर – g रखते हैं।
t सेकण्ड पश्चात् अन्तिम वेग v = u – gt ………………………….. (1)
t सेकण्ड पश्चात् तय की गयी दूरी h = ut – \(\frac { 1 } { 2 } g t ^ { 2 }\) …………………………….. (2)
v, u व h में सम्बन्ध \(v ^ { 2 } = u ^ { 2 } – 2 g h\) …………………………… (3)
प्रश्न 2.
क्या न्यूटन का गति का तीसरा नियम और गुरुत्वाकर्षण का नियम एक-दूसरे के विरोधी हैं। एक पत्थर और पृथ्वी की स्थिति के अनुसर इसका स्पष्टीकरण दीजिए।
उत्तर:
न्यूटन के गति के तीसरे नियम के अनुसार, “यदि एक वस्तु दूसरी वस्तु पर बल लगाती है तो दूसरी वस्तु भी पहली वस्तु पर बराबर एवं विपरीत दिशा में बल लगाती है। इसे क्रिया-प्रतिक्रिया नियम भी कहते हैं।”
न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण के नियम के अनुसार, “ब्रह्माण्ड का प्रत्येक द्रव्यमान (पिण्ड), दूसरे द्रव्यमान (पिण्ड) को अपनी और आकर्षित करता है।”
एक पत्थर और पृथ्वी की स्थिति के अनुसार स्वतन्त्रतापूर्वक गिरते हुए पत्थर को पृथ्वी अपने केन्द्र की ओर खचती है। न्यूटन के गति के तीसरे नियम के अनुसार पत्थर भी पृथ्वी को अपनी ओर खींचता है। पत्थर द्वारा पृथ्वी पर लगा गुरुत्व बल
\(\mathrm { F } = m \times a\)
पत्थर का द्रव्यमान कम होने के कारण उसमें 9.8 मीटर/सेकण्ड का त्वरण उत्पन्न होता है परन्तु पृथ्वी का द्रव्यमान 6 × 1024 किग्रा होने से उत्पन्न त्वरण 1-65 × 10-24 मटर/सेकण्ड होता है, जो कि अत्यधिक कम है इस कारण इसका अनुभव ही नहीं होता।
अत: न्यूटन का गति का तीसरा नियम तथा गुरुत्वाकर्षण का नियम एक-दूसरे के विरोधी नहीं हैं।
प्रश्न 3.
अन्तरिक्ष में फेंका गया प्रक्षेप्य लगातार पृथ्वी के चारों ओर क्यों घूमता है ?
उत्तर:
पृथ्वी के समान्तर फेंके गये पिण्ट्रों को प्रक्षेप्य कहते हैं। पृथ्वी गोलाकार है, जैसे-जैसे प्रक्षेप्य की प्रारम्भिक चाल बढ़ती जाती है, वैसे-वैसे प्रक्षेप्य-पथ भी पृथ्वी की ओर और अधिक वक्र होता जाता है। पृथ्वी के स्वयं गोल होने के कारण उसकी सतह भी प्रक्षेप्य से दूर हटती जाती है अर्थात् पृथ्वी की सतह पर पहुँचने के लिए उसे और अधिक दूरी तय करनी पड़ती है। यदि प्रारम्भिक चाल का मान एक निश्चित मान से अधिक हो जाए तो प्रक्षेप्य लगातार गिरता जायेगा, परन्तु पृथ्वी की सतह पर कभी नहीं पहुँच पायेगा। इस स्थिति में प्रत्येक समय-अन्तराल में प्रक्षेप्य ऊध्वधरत; नीचे की और कुछ दूर गिरता जाता है, परन्तु पृथ्वी की सतह पर नहीं पहुँच पाता क्योंकि वक्र होने के कारण पृथ्वी की सतह उससे दूर हो जाती है। ऐसा प्रक्षेप्य लगातार पृथ्वी के चारों ओर घूमता रहेगा अर्थात् वह पृथ्वी की परिक्रमा करता रहेगा।
आंकिक प्रश्न
प्रश्न 1.
किसी कक्षा में बैठे दो छात्रों के मध्य कितना आकर्षण बल लगेगा यदि इनके द्रव्यमान क्रमशः 20 किग्रा, 30 किग्रा हैं तथा इनके मध्य की दूरी 2 मीटर
हल:
प्रश्नानुसार m1 = 20 किग्रा, m2 = 30 किग्ना, d = 2 मीटर G – 6.7 × 10-11 न्यूटन-मीटर/किग्रा, F = ?
प्रश्न 2.
यदि पृथ्वी की त्रिज्या 6.38 × 106 मीटर तथा गुरुत्वाकर्षण नियतांक = 6.67 × 10-11 न्यूटन-मी2/किग्रा2 तथा g = 9.8 मीटर/सेकण्ड2 हो तो पृथ्वी के द्रव्यमान की गणना कीजिए।
हल:
प्रश्न 3.
एक पिण्ड को ऊध्वथरतः ऊपर की ओर किसे वेग से फेंकें कि वह 150 मीटर ऊँचाई तक जाये। (g=9.8 मीटर/सेकण्ड)
हल:
प्रश्नानुसार,
प्रश्न 4.
किसी व्यक्ति का पृथ्वी पर द्रव्यमान 60 किग्रा है। इसका चन्द्रमा पर भार तथा द्रव्यमान कितना झेगा ? जबकि चन्द्रमा पर गुरुत्वीय त्वरण, पृथ्वी पर गुरुत्वीय त्वरण g का \(\frac { 1 } { 6 }\) है।
हल:
प्रश्नानुसार,
चन्द्रमा पर गुरुत्वीय त्वरण
= पृथ्वी पर गुरुत्वीय त्वरण × \(\frac { 1 } { 6 }\)
= 9.8 × \(\frac { 1 } { 6 }\) = 1.63 मीटर/सेकण्ड2
∴ चन्द्रमा पर व्यक्ति का भार (W)= द्रव्यमान (m) × गुरूत्वीय त्वरण (g)
= 60 × 1.63 = 97.8 किग्रा. भार
∴ द्रव्यमान प्रत्येक स्थान पर नियत रहता है।
अत: चन्द्रमा पर व्यक्ति का द्रव्यमान = 60 किग्रा,
प्रश्न 5.
दो वस्तुएँ क्रमशः h1 व h2 ऊँचाई से एक साथ गिराई जाती हैं। सिद्ध कीजिए कि उनके पृथ्वी पर पहुँचने के समय में \(\sqrt { \frac { h _ { 1 } } { h _ { 2 } } }\) का अनुपात होगा।
हल:
दोनों वस्तुएँ एक साथ गिरायी जाती हैं। अत: उनके प्रारम्भिक वेग शून्य होंगे। यदि उनके पृथ्वी पर पहुँचने के समय t1 व t2 हों तो
प्रश्न 6.
चन्द्रमा की सतह पर गुरुत्वीय बल, पृथ्वी की सतह पर गुरुत्वीय बल की अपेक्षा 1/6 गुना है। एक 10 किग्रा द्रव्यमान की वस्तु का चन्द्रमा पर तथा पृथ्वी पर न्यूटन में भार कितना होगा?
हल:
दिया है वस्तु का द्रव्यमाने m = 10 किग्रा,
पृथ्वी पर गुरुत्वीय चरण में 9.8 मीटर/सेकण्ड2
अतः पृथ्वी पर वस्तु का भार – 98 न्यूटन
तथा चन्द्रमा पर वस्तु का भार = 16.33 न्यूटन।
प्रश्न 7.
19.6 मीटर ऊँची मीनार की चोटी से एक पत्थर छोड़ा जाता है। पृथ्वी पर पहुँचने से पहले उसका अन्तिम वेग ज्ञात कीजिए।
हल:
दिया है मीनार की ऊंचाई h = 19.6 मीटर
पत्यर धोड़ते समय वेग v = 0
अतः पृथ्वी से टकराने से पहले अन्तिम वेग = 19.6 मीटर/सेकण्डू।
प्रश्न 8.
पृथ्वी तथा सूर्य के बीच गुरुत्वाकर्षण बल का परिकलन कीजिए। दिया है, पृथ्वी का द्रव्यमान – 6 × 1024 किग्रा, सूर्य का द्रव्यमान = 2 × 1030 किग्रा दोनों के बीच औसत दूरी = 1.5 × 1011 मीटर है।
हल:
We hope the given RBSE Solutions for Class 9 Science Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण will help you. If you have any query regarding Rajasthan Board RBSE Class 9 Science Chapter 10 गुरुत्वाकर्षण, drop a comment below and we will get back to you at the earliest.