RBSE Class 12 Political Science Notes Chapter 26 आतंकवाद, राजनीति का अपराधीकरण, भ्रष्टाचार

Rajasthan Board RBSE Class 12 Political Science Notes Chapter 26 आतंकवाद, राजनीति का अपराधीकरण, भ्रष्टाचार

आतंकवाद:

  • आतंकवाद मूलतः एक विखंडनकारी प्रवृत्ति है जिसका अन्य विखंडनकारी प्रवृत्तियों के साथ गहरा सम्बन्ध है।
  • आतंकवाद कोई नवीन राजनीतिक अवधारणा नहीं है, किन्तु यह किसी-न-किसी रूप में प्राचीन काल से लेकर अब तक सभी राजनीतिक व्यवस्थाओं में विद्यमान रही है।
  • आतंकवाद, सांप्रदायिकता और पृथक्तावाद एक-दूसरे से अभिन्न रूप से जुड़े हुए हैं।
  • भारत आतंकवाद से सर्वाधिक प्रभावित होने वाले देशों में से एक है।
  • विश्व में इस्लामिक आतंकवाद आज सबसे गम्भीर समस्या के रूप में हमारे समक्ष उपस्थित है।

आतंकवाद का अर्थ:

  • Terror (आतंक) का लैटिन भाषा में अर्थ है To make Tremble किसी को भय से कपकपाने या डराने को मजबूर करना।
  • आतंकवाद एक मनोवैज्ञानिक हमला है। इसका लक्ष्य मनोवैज्ञानिक परिणाम प्राप्त करना होता है।
  • जब एक व्यक्ति या समूह अपनी उचित माँगों की पूर्ति के लिए शांतिपूर्वक व अहिंसात्मक ढंग से सकारात्मक प्रयास करता है तो उसे आंदोलन कहा जाता है।
  • व्यक्ति या व्यक्ति समूह जब अपनी अनुचित माँगों की पूर्ति के लिए व्यापक स्तर पर हिंसा व अशांति पर आधारित नकारात्मक प्रयत्न करता है तो उसे आतंकवाद कहा जाता है।
  • आतंकवाद को आमतौर पर धार्मिक, जातीय, क्षेत्रीय, नस्लीय आधार पर समर्थन मिलता है, किन्तु यह अलोकतान्त्रिक होने के कारण व्यापक स्तर पर लोकतान्त्रिक व्यवस्थाओं में समर्थन प्राप्त करने में असफल रहता है।
  • आधुनिक युग में तथाकथित अधिनायकवादी शासन का मूल आधार भय ही है।
  • आतंकवादियों का मुख्य लक्ष्य वर्तमान या विधिसंगत शासन को बलपूर्वक हटाकर कर सत्ता हथियाना होता है।
  • शीतयुद्ध की समाप्ति के पश्चात् विश्व के लिए आतंकवाद सबसे बड़ा खतरा बन गया है।
  • व्यवहार में आतंकवाद कई बार गरीब का शक्तिशाली के विरुद्ध हथियार बन जाता है तो कभी धर्म की सत्ता व धर्म की रक्षा का हथियार।

आतंकवाद का इतिहास:

  • मानव सभ्यता के सम्पूर्ण इतिहास में शक्ति को प्राप्त करने के लिए आतंक का बार-बार प्रयोग हुआ है।
  • सम्पूर्ण इतिहास में निरंकुश समाजों में आतंक का प्रयोग लोगों को मजबूरन दासत्व व अधीनता स्वीकार करवाने के लिए हथियार के रूप में प्रयोग होता रहा है।
  • मंगोलों तथा तैमूर लंग ने केवल आतंक या भय का प्रयोग कर बड़े-बड़े साम्राज्यों को घुटने टेकने को मजबूर कर दिया था।
  • प्रथम शताब्दी के यहूदी उग्रपंथियों से लेकर 11वीं से 13वीं शताब्दियों के “इस्माइली एसेसिन” हत्यारों को इस श्रेणी में गिना जा सकता है।
  • मानव इतिहास के प्रत्येक काल में आतंकवाद का धर्म से सम्बन्ध बना ही रहा है।
  • आधुनिक युग में आतंकवाद ने गुरिल्ला युद्ध को भी पीछे छोड़ दिया है।

आतंकवाद का वैश्विक परिदृश्य:

  • संयुक्त राज्य अमेरिका ने पहले तालिबान जैसे आतंकवादी संगठन को योद्धा या जन मुक्ति दाता कहा। बाद में 9/11 की घटना के बाद इसका कट्टर दुश्मन बन गया।
  • अमेरिका ने तालिबान रूपी दैत्य को पूर्व सोवियत संघ के विरोध में उत्पन्न किया, किन्तु दो दशक बाद ही वह दैत्य उसके विरुद्ध हो गया।
  • स्वयं संयुक्त राज्य अमेरिका ने 9/11 के बाद युद्ध को नया नाम आतंकवाद के खिलाफ कार्यवाही देकर इराक और अफगानिस्तान की संप्रभुता पर हमला किया।
  • संयुक्त राज्य अमेरिका और उसके सहयोगियों का मानना है कि किसी भी किस्म के विध्वंसक हथियार रखना और उसके जरिए हिंसक कार्यवाही करना आतंकवाद है। इसी दृष्टिकोण से आतंकी संगठनों और उनको पनाह देने वाले राष्ट्रों को चिह्नित किया जा रहा है।
  • आतंकवाद केवल हिंसा की तकनीक नहीं है, यह सिर्फ जान से मार देने की या आतंकित कर देने की कला नहीं है, अपितु एक विचारधारा है।
  • आतंकवाद अब कोई स्थानीय समस्या नहीं रहा है। इसके प्रभाव को सीमा में नहीं बाँधा जा सकता। इसका मौजूदा वैविध्यपूर्ण रूप इसे पूरी तरह विश्वव्यापी ढाँचागत संरचना बनाता है।
  • तालिबान, अलकायदा, लिट्टे, आई.एस.आई.एस., खालिस्तान कमांडो फोर्स, ओर्दैन, रोबर्ती द आब्यूस्सोन फलांगा आदि दर्जनों आतंकी संगठनों के बहर्राष्ट्रीय कम्पनियों से सम्बन्ध रहे हैं। यह कम्पनियाँ दो प्रकार की हैं नशीले पदार्थों की तस्करी करने वाली व दूसरी हथियारों का निर्माण करने वाली।
  • आतंकवाद की यह रणनीति रही है कि हिंसा के माध्यम से सुनियोजित ढंग से आम जनता में दहशत पैदा की जाए। सत्ता की प्रतिक्रियाओं लाभ उठाया जाए तथा अपनी माँगों को उभारा जाए।

धर्मान्धता और आतंकवाद:

  • आतंकवाद की धर्म से सम्बद्धता मानने की प्रवृति काफी दिनों से विवाद का एक विषय रही है।
  • आतंकवादियों में किसी एक गुट विशेष के प्रति समर्पण का भाव नहीं होकर एक समुदाय विशेष के प्रति समर्पण का भाव होता है तथा समुदाय के प्रति प्रतिबद्धता इस्लामिक आतंकवाद की मुख्य प्रवृत्ति है।
  • पंथ या अल्लाह के नाम पर आत्म बलिदान और असीमित बर्बरता, ब्लैकमेलिंग, जबरन धन वसूली और निर्मम नृशंस हत्याएँ करना से आतंकवाद की विशेषता बन गई है।

आतंकवाद की प्रकृति:
आतंकवाद के मुख्य रूप से तीन पात्र होते हैं-

  • आतंकवादी गुट
  • विरोधी गुट
  • सरकार। अन्य जनता,

अन्य देशों की सरकारें एवं आतंकवादी गुट इसके दर्शक होते हैं।

भारत में आतंकवाद:

  • भारत में पिछली सदी के दो दशकों के.सिक्ख आतंकवाद, जम्मू और कश्मीर का इस्लामिक आतंकवाद, वर्तमान में विभिन्न भारतीय राज्यों में सक्रिय नक्सलवाद और उत्तर-पूर्व के विभिन्न राज्यों के उग्रवाद को आतंकवाद की परिभाषा में सम्मिलित किया जा सकता है।
  • भारत के जम्मू और कश्मीर राज्य में कई स्थानीय आतंकी संगठनों के अतिरिक्त अन्य पाकिस्तान समर्थित एवं प्रशिक्षित विदेशी आतंकी संगठन भी सक्रिय हैं।
  • भारत में वर्ष 2016 तक कुल 38 आतंकवादी संगठनों को अनधिकृत गतिविधि (निवारक) अधिनियम (यूएपीए) के तहत प्रतिबन्धित किया जा चुका है।
  • भारत में सक्रिय आतंकवादी संगठनों की प्रकृति एक समान नहीं है।
  • भारत में उत्तर-पूर्वी राज्यों, विशेषतया सीमावर्ती राज्यों, जम्मू-कश्मीर, असम, पंजाब, आन्ध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखण्ड, उड़ीसा, बिहार, बंगाल व महाराष्ट्र आदि में आतंकवादी गुट सक्रिय हैं।
  • कश्मीर में आतंकवादी गुटों को धार्मिक कारणों से अधिक जनाधार प्राप्त है।
  • पंजाब व जम्मू-कश्मीर दोनों जगह आतंकवाद ने धार्मिक कट्टरवाद का सहारा लिया है।
  • पंजाब में आतंकवादियों ने हत्या के लिए निर्दोष नागरिकों को अपना निशाना बनाया वहीं कश्मीर में आतंकवादियों ने सेना व अन्य सुरक्षा बलों को नुकसान पहुँचाना अपना लक्ष्य बनाया हुआ है।
  • भारत में प्रमुख आतंकवादी घटना 12 मार्च, 1993 को बम्बई में हुई, जिसमें किए गए बम विस्फोटों में 317 निर्दोष लोगों की मृत्यु हुई। इस विध्वंसकारी घटना में अपराधी और तस्कर गिरोहों, मुस्लिम कट्टरपंथियों और विदेशी एजेंसियों की भूमिका थी। मूलतः यह एक आतंकवादी कार्यवाही थी।
  • झारखण्ड, बिहार, उड़ीसा, मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ के नक्सली आतंकी गिरोहों की आतंकवादी कार्यवाहियों का स्वरूप पृथक्तावादी गिरोहों की कार्यवाहियों से भिन्न होता है।

भारत के आतंकवाद व नक्सलवाद से प्रभावित राज्य:

  • भारत के आतंकवाद व नक्सलवाद से प्रभावित राज्य हैं-जम्मू और कश्मीर, पंजाब, असम, मेघालय, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, मणिपुर, नागालैण्ड, आन्ध्रप्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक आदि।

आतंकवादियों की सामाजिक पृष्ठभूमि:

  • भारत में आतंकवादी गतिविधियों में सम्मिलित व्यक्तियों की सामाजिक पृष्ठभूमि अलग-अलग रही है। इनमें उच्च व मध्यम वर्ग के युवा व धर्मान्ध गरीब वर्ग के विभ्रमित युवा सम्मिलित होते हैं।

आतंकवादी कार्यवाही के लक्ष्य:

  • आतंकवादी कार्यवाही के प्रमुख लक्ष्य देश के प्रमुख केन्द्र व संस्थानों पर हमला करना, आतंक व हिंसा की कार्यवाहियों की जिम्मेदारी लेना तथा सत्ता से लाभ प्राप्त करना है।

आतंकवाद के मनोवैज्ञानिक तत्व:

  • आतंकवाद अपरिहार्य रूप से एक ऐसी रणनीति है जो मनोवैज्ञानिक प्रभाव पर आधारित होती है। इस रणनीति के तहत आतंकवादी दर्शकों को प्रभावित करती है।

आतंकवाद और मीडिया कवरेज:

  • अत्यधिक मीडिया कवरेज से आतंकवाद फलता-फूलता है। आतंकवाद और मीडिया माध्यमों का जटिल सम्बन्ध है और संश्लिष्ट प्रक्रिया से यह सम्बन्ध विकसित होता है।
  • सामान्य रूप से आतंकवादी संगठनों की कार्यवाही के दो उद्देश्य होते हैं-
    • हिंसा के माध्यम से जनसंचार के माध्यमों का ध्यान आकर्षित करना
    • भय और आतंक का माहौल उत्पन्न करना।
  • इन दोनों तरीकों से आतंकवादी अपनी मांगों को पूरा कराने के लिए सरकार पर दबाव डालते हैं।

आतंकवादी घटना के अत्यधिक मीडिया कवरेज के दुष्प्रभाव:

  • अत्यधिक मीडिया कवरेज विभिन्न आतंकवादी संगठनों के निर्माण हेतु उत्प्रेरित करता है इससे प्रशासन की कार्यकुशलता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
  • ये आतंकवादी गुटों के लिए सहज रूप से अपनी राजनीतिक माँगां के लिए मंच प्रदान करते हैं।

राजनीति का अपराधीकरण:

  • भारतीय राजनीति का अपराधीकरण एक ऐसी परिघटना है जिसने भारतीय लोकतन्त्र को दिशा-विहीन कर दिया है।
  • चुनावों में बाहुबल और धनबल के बुरे प्रभाव ने सम्पूर्ण लोकतान्त्रिक व्यवस्था को क्षत-विक्षत कर दिया है।
  • चुनाव में भ्रष्टाचार को कम करने के लिए चुनाव प्रक्रिया में अभूतपूर्व सुधार किए गए हैं। ई.वी.एम. मशीनों का प्रयोग, संवेदनशील बूथों की वीडियोग्राफी, निष्पक्ष चुनाव पर्यवेक्षकों की नियुक्ति, चुनाव आचार-संहिता को लागू करना आदि कुछ सकारात्मक उपाय भी किए गए हैं।

राजनीति के अपराधीकरण का अर्थ:

  • राजनीति का अपराधीकरण वह प्रवृत्ति है जिसके अंतर्गत आपराधिक पृष्ठभूमि के लोग प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से राजनीति का प्रक्रिया को प्रभावित करते हैं।
  • राजनीति का में प्रवेश करने, सत्ता को प्राप्त करने व सत्ता में बने रहने के लिए राजनीतिज्ञों द्वारा समय-समय पर अपराधियों की मदद लेना राजनीतिक अपराधीकरण कहलाता है।
  • भारत में राजनीति को एक लाभप्रद व्यवसाय के रूप में मान लेने की प्रवृत्ति ही राजनीतिक अपराधीकरण को जन्म देती है।
  • दलीय राजनीति में अपराधीकरण की और अधिक सम्भावना रहती है क्योंकि इसमें सत्ता में आने का रास्ता चुनाव के माध्यम से ही खुलता है।
  • चुनावी राजनीति के कारण ही अपराधियों और राजनीतिज्ञों में आपस में सांठ-गांठ पैदा होती है। यह दोनों अपने-अपने निहित स्वार्थों से प्रेरित होकर एक-दूसरे से लाभ उठाने के मंसूबों से काम करते हैं।

राजनीति के अपराधीकरण के कारण:

राजनीति के अपराधीकरण के प्रमुख कारण हैं-

  • राष्ट्रीय चरित्र का पतन
  • निर्धनता, बेरोजगारी व अशिक्षा
  • राष्ट्रीयता की भावना का अभाव
  • पुलिस, राजनीतिज्ञों, नौकरशाहों व अपराधियों में परस्पर अनैतिक सांठ-गांठ
  • कानूनों का प्रभावशाली ढंग से लागू न करने की व्यवस्था
  • दलीय राजनीति व सत्ता प्राप्ति की अत्यधिक लालसा
  • चुनाव प्रणाली की कमियाँ
  • धनबल व राजनीति का मिश्रण
  • अपराधी तत्वों का समाज में प्रभाव आदि।

भारतीय राजनीति का वर्तमान परिदृश्य:

  • 16वीं लोकसभा के 34 प्रतिशत सदस्य आपराधिक पृष्ठभूमि वाले हैं, जिनके विरुद्ध आपराधिक मामले विचारधीन हैं। यह आँकड़े लोकतान्त्रिक सुधार संघ ने निर्वाचन आयोग में सुपुर्द शपथ पत्रों का विश्लेषण कर इकट्ठे किए हैं। .
  • राजनीति के अपराधीकरण को दो अर्थों में समझा जा सकता है। संकीर्ण अर्थ- अपराधियों का विधानसभा और भारतीय संसद में प्रत्यक्ष प्रवेश व हस्तक्षेप से है। व्यापक अर्थ- अपराधियों द्वारा प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से चुनावी राजनीति और शासन को प्रभावित करने से सम्बन्धित है।
  • राजनीतिज्ञों एवं अपराधियों के मध्य स्थापित सांठ-गांठ से ही देश में अराजकतापूर्ण स्थिति व हिंसक गतिविधियाँ प्रारम्भ होती हैं।

राजनीति के अपराधीकरण को रोकने के उपाय:

  • राजनीति के अपराधीकरण को रोकने के लिए कई उपाय किये जा सकते हैं जिसमें प्रमुख हैं-
    • राजनीतिक दलों में आंतरिक लोकतंत्र व जवाबदेही का विकास करना।
    • राजनीतिक दलों की कार्य प्रणाली व कार्य व्यवहार विषयों हेतु कानूनों का निर्माण करना।
    • त्वरित न्यायिक निर्णयों द्वारा अपराधी तत्वों को चुनाव लड़ने से रोकना
    • निर्वाचन आयोग का निष्पक्ष व पारदर्शी गठन आदि।
  • भारतीय राजनीति के अपराधीकरण की गम्भीरता से जाँच-पड़ताल व अध्ययन हेतु शासन द्वारा एम.एन. वोहरा की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई थी।
  • न्यायपालिका, पुलिस, निर्वाचन आयोग व नौकरशाही की निष्पक्षता एवं जनता की चुनावी प्रक्रिया में ईमानदार व सक्रिय भागीदारी से ही राजनीति का अपराधीकरण कम हो सकता है।
  • माफिया गिरोहों का स्थानीय नेताओं से संरक्षण प्राप्त होने से उन्होंने गैर-कानूनी रूप से लाभ प्राप्त करना प्रारम्भ कर दिया।

भ्रष्टाचार:

  • भ्रष्टाचार का शाब्दिक अर्थ है-भ्रष्ट आचरण, जो कि दो शब्दों से मिलकर बना है- भ्रष्ट + आचरण। इसका अर्थ है कि ऐसा आचरण जो किसी भी दृष्टि से अनैतिक और अनुचित हो।
  • जब कोई व्यक्ति न्याय व्यवस्था के मान्य नियमों के विरुद्ध अपने स्वार्थों की पूर्ति के लिए गलत आचरण करने लगता है तो वह व्यक्ति भ्रष्टाचारी कहलाता है।

भ्रष्टाचार को रोकने के लिए कानून:

  • भ्रष्टाचार को रोकने के लिए “भ्रष्टाचार निरोधक कानून” सर्वाधिक महत्वपूर्ण है, इस कानून के प्रभावी क्रियान्वयन का दायित्व भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को सौंपा गया है।
  • ब्यूरो के अधिकारी किसी भी कर्मचारी अथवा अधिकारी के विरुद्ध शिकायत प्राप्त होते ही त्वरित कार्यवाही कर रंगे हाथों गिरफ्तार करते हैं तथा उनके विरुद्ध कानूनी कार्यवाही कर सजा दिलाते हैं।
  • सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि किसी भी मामले में आरोपित अधिकारी को क्षेत्र में महत्वपूर्ण पदों पर पद-स्थान नहीं दिया जाएगा।
  • अन्वेषण ब्यूरो, लोकायुक्त तथा निरीक्षण एवं अंकेक्षण विभाग आदि भी प्रभावी ढंग से भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने का कार्य करते हैं।

भ्रष्टाचार के परिणाम:

  • भ्रष्टाचार के कारण योग्य एवं निष्ठावान व्यक्तियों को समुचित अवसर नहीं मिल पाता है। समाज में आर्थिक विषमता पनपती है।
  • भ्रष्टाचार के कारण काले धन में वृद्धि होने पर देश की अर्थव्यवस्था पंगु बन जाती है।
  • उच्च स्तर पर पनपने वाला भ्रष्टाचार निचले स्तर के कर्मचारियों को निकम्मा व कामचोर बना देता है।

भ्रष्टाचार रोकने के उपाय:

  • भ्रष्टाचार को रोकने के लिए आम जनता को सरकारी नियमों, प्रक्रियाओं तथा गतिविधियों को जानने का पूर्ण अधिकार मिलना चाहिए।
  • भ्रष्टाचार के दोषी व्यक्ति को त्वरित न्यायिक प्रक्रिया द्वारा कठोर दण्ड दिया जाना चाहिए।

भ्रष्टाचार पर विमुद्रीकरण का प्रभाव:

  • भ्रष्टाचार की रोकथाम व भारत के विभिन्न भागों में नकली मुद्रा को निष्प्रभावी बनाने के लिए प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए 8 नवम्बर 2016 को पाँच सौ व एक हजार रुपए के नोटों का विमुद्रीकरण किया था।
  • विमुद्रीकरण से एक ओर काले धन की समस्या पर नियंत्रण स्थापित होगा वहीं दूसरी ओर भारत में आतंकी गतिविधियों के नियन्त्रण में मदद मिलेगी क्योंकि आतंकी अधिकांशतः नकली मुद्रा की सहायता से देश के कोने-कोने में आतंकवादी गतिविधियाँ कर रहे थे।

अध्याय में दी गई महत्वपूर्ण तिथियाँ एवं संबंधित घटनाएँ:

  • 12 मार्च 1993 ई. — मुम्बई में बम विस्फोट हुआ। इस घटना में 317 निर्दोष लोगों की मृत्यु हुई। विभिन्न अरब देशों के 19 आतंकवादियों ने अमेरिकी व्यावसायिक विमानों पर कब्जा कर न्यूयार्क स्थित वर्ल्ड ट्रेड सेंटर तथा वर्जीनिया स्थित रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन पर हमला कर दिया। इस घटना में लगभग 3000 लोग मारे गए। इसे 9/11 की घटना कहा जाता है। इस घटना ने अचानक आतंकवाद को पुनः महत्वपूर्ण बना दिया।
  • 11 सितम्बर 2001 ई. — पाकिस्तान में स्कूल में घुसकर आतंकवादियों ने 132 बच्चों की हत्या की।
  • 8 नवम्बर 2016 ई. — केन्द्र सरकार ने पाँच सौ व एक हजार रुपये के नोटों का विमुद्रीकरण किया। वर्ष 2016 तक भारत सरकार ने 38 आतंकवादी संगठनों को प्रतिबन्धित किया है।

RBSE Class 12 Political Science Notes Chapter 26 प्रमुख पारिभाषिक शब्दावली

  • शक्ति — मानव पर प्रभुत्व स्थापित करने, उसे भयभीत करने, आज्ञा-पालन करवाने, उनकी स्वतन्त्रताओं में हस्तक्षेप करने तथा उनके व्यवहार को एक विशिष्ट दिशा में मोड़ने के लिए बाध्य करने की योग्यता अथवा सत्ता को शक्ति कहते हैं।
  • नक्सलवाद — नक्सलवाद नक्सलवादी’ शब्द से बना है। यह नाम पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले के सिलीगुड़ी के निकट एक गांव नक्सलवाड़ी से मिला है। नक्सलवाद या माओवाद वामपंथी अतिवाद का ही नाम है। भारत में पहली बार 1960 के दशक में वामपंथी अतिवाद ने अपना विकृत चेहरा नक्सलवाद के रूप में दिखाया, जिससे इसका नाम ‘नक्सलवाद’ पड़ा।
  • आतंकवाद — आतंकवाद का आशय राजनीतिक हिंसा से है जो जानबूझकर की जाती है। इसका निशाना निर्दोष व्यक्ति होते हैं ताकि समाज में दहशत पैदा हो सके।
  • राजनीति—जनता की समस्याओं को हल करने वाला तंत्र। प्राचीन काल में शक्ति ग्रहण करने एवं उसे बनाए रखने की तकनीक को राजनीति कहा जाता था।
  • भ्रष्टाचार भ्रष्टाचार का अर्थ है — कोई व्यक्ति या संगठन अपने निर्धारित कानूनी दायरे से बाहर जाकर अनुचित ढंग से किसी व्यक्ति या संगठन को लाभ पहुँचाए तथा बदले में धन अथवा सुविधाएँ प्राप्त कर सार्वजनिक हितों को नुकसान पहुँचाए। ,
  • भ्रष्टाचारी — जब कोई व्यक्ति न्याय व्यवस्था के मान्य नियमों के विरुद्ध जाकर अपने स्वार्थों की पूर्ति के लिए गलत आचरण करने लगता है तो वह व्यक्ति भ्रष्टाचारी कहलाता है।
  • आन्दोलन — जब एक व्यक्ति या समूह अपनी उचित माँगों की पूर्ति के लिए शांतिपूर्वक व अहिंसात्मक ढंग से सकारात्मक प्रयास करता है तो उसे आन्दोलन कहा जाता है।
  • गुरिल्ला युद्ध — थोड़े से लोगों द्वारा बड़ी सैन्य शक्ति के विरुद्ध छुपकर लड़ने की युद्ध नीति को गुरिल्ला युद्ध कहा जाता है। वर्तमान युग में आतंकवाद ने गुरिल्ला युद्ध को भी पीछे छोड़ दिया है।
  • तालिबान — एक आतंकवादी संगठन। पूर्व सोवियत संघ के विरोध में इसे संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा उत्पन्न किया गया था लेकिन शीघ्र ही यह आतंकवादी संगठन अमेरिका के ही विरुद्ध, हो गया।
  • सम्प्रभुता — यह किसी भी राष्ट्र का अभिव्यक्तित्व है। सम्प्रभुता का अर्थ यह है कि भारत अपनी आंतरिक व विदेश नीति का निर्धारण स्वयं करेगा। भारत पर किसी विदेशी सत्ता का अधिकार नहीं है तथा भारत अन्तर्राष्ट्रीय क्षेत्र में अपनी इच्छानुसार आचरण कर सकता है।
  • खालिस्तान — पंजाब में कुछ वर्षों पहले कुछ सशस्त्र विद्रोहियों ने भारत में अलग होकर खालिस्तान नामक देश बनाने की वकालत की। खालिस्तान समर्थकों का श्रीलंका के उग्रवादी संगठन लिट्टे से सम्बन्ध था।
  • शीतयुद्ध — इसका अभिप्राय ऐसी अवस्था से है जब दो अथवा दो से अधिक देशों के मध्य वातावरण उत्तेजित तथा तनावपूर्ण हो लेकिन वास्तविक रूप से कोई युद्ध न लड़ा जाए। इस प्रकार का युद्ध द्वितीय विश्व युद्ध के पश्चात् संयुक्त राज्य अमेरिका व पूर्व सोवियत संघ के मध्य लड़ा गया।
  • विदेश नीति — विदेश नीति से अभिप्राय उस नीति से है जो एक देश द्वारा अन्य देशों के प्रति अपनायी जाती है। दूसरे देशों के साथ सम्बन्ध स्थापित करने के लिए जिन नीतियों का प्रयोग किया जाता है उन नीतियों को उस देश की विदेश नीति कहते हैं।
  • आई.एस.आई.एस. — खतरनाक आतंकवादी संगठन ।
  • बहुराष्ट्रीय कम्पनी — वह कम्पनी जो एक से अधिक देशों में उत्पादन पर नियन्त्रण अथवा स्वामित्व रखती है।
  • लिट्टे — इसका पूरा नाम ‘लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम’ था। सन् 1983 के पश्चात् से श्रीलंका में सक्रिय रहा यह एक उग्र तमिल संगठन था। इसने श्रीलंका के तमिलों के लिए एक अलग देश की माँग के लिए श्रीलंका की सेना के साथ संघर्ष किया था। पंजाब में खालिस्तानियों एवं नक्सली गुटों तथा आन्ध्र प्रदेश में पीपुल्स वार ग्रुप का लिट्टे सम्बध था।
  • साम्प्रदायिकता — जब एक धार्मिक सांस्कृतिक एवं भाषाई समूह या समुदाय जानबूझकर अपने को अलग वर्ग मानकर धार्मिक सांस्कृतिक आधार पर राजनीतिक माँगें रखता है तथा अपनी माँगों को राष्ट्रीय व सामाजिक हतों में अधिक प्राथमिकता देता है तो ऐसी स्थिति साम्प्रदायिकता कहा जाता है।.
  • मीडिया — मीडिया अंग्रेजी शब्द ‘मीडियम’ से बना है जिसका अर्थ माध्यम है। विचारों और सूचनाओं के आदान-प्रदान के माध्यम को संचार माध्यम या मीडिया कहते हैं। अन्य शब्दों में सूचना और समाचार देने वाले विभिन्न स्रोतों को सामूहिक रूप से मीडिया कहा जाता है। इन स्रोतों के विभिन्न रूप समाचार-पत्र, पत्र-पत्रिकाएँ, रेडियो, टेलीफोन, मोबाइल, सिनेमा, दूरदर्शन व इण्टरनेट आदि हैं।
  • उपनिवेशवाद — यह वह विचारधारा है जिससे प्रेरित होकर कोई शक्तिशाली राष्ट्र किसी अन्य राष्ट्र पर अपना प्रभुत्व स्थापित करके उसके आर्थिक एवं प्राकृतिक संसाधनों का शोषण अपने हित में करता है। जैसे- ब्रिटिश शासन के समय भारत उपनिवेश था।
  • ई.वी.एम.— इसका पूरा नाम इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन है। वर्तमान चुनावों में इसी मशीन का प्रयोग हो रहा है। 1990 के दशक के अंत में चुनाव आयोग ने इसका इस्तेमाल शुरू किया था। सन् 2004 तक सम्पूर्ण देश में ई.वी.एम. का इस्तेमाल प्रारम्भ हो गया।
  • राजनीतिक अपराधीकरण — राजनीति में प्रवेश करने, सत्ता को प्राप्त करने एवं सत्ता में बने रहने के लिए राजनेताओं द्वारा समय-समय पर अपराधियों की सहायता लेना राजनीतिक अपराधीकरण कहलाता है।
  • मतदाता — मत (वोट) देने वाला व्यक्ति।
  • बूथ कैप्चरिंग — चुनावों के दौरान मतदान केन्द्र पर असामाजिक तत्वों द्वारा जबरदस्ती कब्जा कर लेना।
  • लोकतंत्र — शासन की वह प्रणाली जिसमें जनता स्वयं प्रत्यक्ष रूप से अपने प्रतिनिधियों द्वारा सम्पूर्ण जनता के हित की दृष्टि को ध्यान में रखकर शासन करती है। इसे प्रजातंत्र या जनतंत्र भी कहा जाता है।
  • संविधान — किसी देश के शासन को चलाने वाले नियमों व सिद्धांतों के समूह को संविधान कहते हैं।
  • निर्वाचन आयोग — देश व राज्यों में चुनाव कराने वाली संवैधानिक संस्था।
  • नोटा — इसका अर्थ है None of the Above ‘इनमें से कोई नहीं’। EVM मशीन में एक बटन इसका भी होता है। यदि किसी मतदाता को कोई उम्मीदवार पसंद नहीं है तो वह नोटा का बटन दबा सकता है।
  • आई.एस.आई. — पाकिस्तान की खुफिया एजेन्सी। इसका पूरा नाम इण्टर सर्विसेज इण्टेलीजेन्स है। यह कश्मीर में आतंकवादियों की मदद करती है।
  • नौकरशाही—कार्यकुशल, प्रशिक्षित एवं कर्त्तव्यपरायण कर्मचारियों का एक विशिष्ट संगठन । इसे स्थाई कार्यपालिका या प्रशासन भी कहते हैं।
  • न्यायपालिका — कानून के अनुसार न्याय प्रदान करने वाली संस्था। यह मौलिक अधिकारों की रक्षक भी है।
  • कालाधन — जिस धन के हिसाब-किताब का खुलासा न करके अघोषित रखा जाता है एवं उस पर कर की अदायगी नहीं की जाती है उसे काला धन कहते हैं।
  • अन्वेषण ब्यूरो — केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो की स्थापना 1967 में की गई थी। इसका मुख्य कार्य भ्रष्टाचार आदि का निवारण करना एवं उसके बारे में विवेचना करना है।
  • विमुद्रीकरण — जब काला धन बढ़ जाता है और अर्थव्यवस्था के लिए खतरा बन जाता है, तो इसका निदान करने के लिए विमुद्रीकरण की विधि अपनायी जाती है। इसके अन्तर्गत सरकार पुरानी मुद्रा को समाप्त कर देती है एवं नई मुद्रा चालू कर देती है, जिनके पास काला धन होता है वे उसके बदले में नई मुद्रा लेने का साहस नहीं जुटा पाते एवं काला धन स्वयं नष्ट हो जाता है।
  • लोकायुक्त — लोकायुक्त केन्द्र एवं राज्य स्तर पर प्रशासनिक अधिकारियों से संबंधित लोक शिकायतों का निबटारा करने वाला संगठन है। लोकायुक्त की नियुक्ति पाँच वर्ष की अवधि के लिए की जाती है।
  • यूरी त्रिफोनाव — पूर्व सोवियत संघ के विद्वान। इन्होंने बताया कि आंतकवाद का विश्व स्तर पर पतन हुआ है।
  • एम.एन. वोहरा — भारतीय राजनीति के अपराधीकरण की गम्भीरता से जाँच-पड़ताल व अध्ययन हेतु सरकार ने इनकी अध्यक्षता में एक समिति गठित की।

RBSE Class 12 Political Science Notes